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मदीने के सपने सजाने लगे हैं : लिखी हुई नातें प्रेमनाथ बिस्मिल

नात शरीफ हिंदी में लिखी हुई डाउनलोड | Naat Sharif In Hindi

Madine ke sapne sajane lage hain-naat Sharif image naat pak photo

नात शरीफ इमेज हिंदी | हिंदी में नात

नात शरीफ़ | Naat Sharif | लिखी हुई नाते | हिंदी में नात ए पाक

मदीने के सपने सजाने लगे हैं!
ज़माने के ग़म हम भुलाने लगे हैं!

मोहम्मद की रहती है बस याद दिल में,
नबी मेरे दिल में समाने लगे हैं!

शहंशाह ए महर ओ वफ़ा हैंं वही बस,
जहाने - अलम भूल जाने लगे हैं!

शहे - अंबिया का करम जब हुआ तब,
गमों में भी हम मुस्कुराने लगे हैं!

पलट कर न जाएंं मदीने से घर को,
मदीने में सर हम झुकाने लगे!

मोहम्मद के औसाफ़ लिखने चला हूँँ!
क़लम खुद-ब-खुद थरथराने लगे हैं!

लगाया है क़ुरआन जब अपने दिल से,
मदीने के सुल्तांं बुलाने लगे हैं!

नहीं प्यास बाक़ी रही मेरे दिल की,
नबी आबे - ज़मज़म पिलाने लगे हैंं!

हमें नाज़ है, अपनी क़िस्मत पे "बिस्मिल"
गले हमको आक़ा लगाने लगे हैं!

प्रेमनाथ "बिस्मिल"
मुरादपुर, महुआ, वैशाली, बिहार

नात शरीफ़ हिंदी में | Naat Sharif In Hindi

नात शरीफ़ | Naat Sharif
अब मुझे भी मदीना दिखा दीजिए 
मेरी तक़दीर अब तो बना दीजिए

ऐ नबी आप आक़ा जहां भर के हैं
आप को कैसे पाऊं बता दीजिए

है गुनाहों में लिपटी हुई ज़िंदगी
इन गुनाहों से मुझको बचा दीजिए

आप ही से लगी हैं उम्मीदें मेरी
बात बिगड़ी है आक़ा बना दीजिए

इस जहां में है फैली बीमारी अजब
आप अहले जहां को शिफा दीजिए

एक हसरत मेरे दिल में है बस यही
सब्ज़ गुम्बद मुझे भी दिखा दीजिए

कोई आक़ा नहीं है सिवा आपके
क्यूं न बिस्मिल की किस्मत बना दीजिए
प्रेमनाथ बिस्मिल
मुरादपुर, महुआ, वैशाली, बिहार

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