Naat Hindi Mein हिंदी में लिखी हुई नाते
नाते पाक Naat Sharif
आपकी रब ने बनाई ज़ात सबसे मुख़्तलिफ़।
प्यारे आक़ा आपकी हर बात सबसे मुख़्तलिफ़।
प्यारे आक़ा आपकी हर बात सबसे मुख़्तलिफ़।
दिन भी सबसे मुख़्तलिफ़ है रात सबसे मुख़्तलिफ़।
तेरी गलियों की मदीने बात सबसे मुख़्तलिफ़।"
जान देने से नहीं डरते ख़ुदा के नाम पर।
आपके दीवानों के जज़्बात सबसे मुख़्तलिफ़।
नात शरीफ हिंदी में Naat Pak Lyrics
सर को सजदे मे झुकाऊँ तो ये लगता है मुझे।
बन्दगी के हैं ये ही लम्ह़ात सबसे मुख़्तलिफ़।
बन्दगी के हैं ये ही लम्ह़ात सबसे मुख़्तलिफ़।
होज़े कौसर के भी मालिक हक़ शफाअ़त का भी है।
आपने पाए कई दर्जात सब से मुख़्तलिफ़।
सर झुकाते हैं शहंशाह आपके दरबार में।
आपके दरबार की हर बात सबसे मुख़्तलिफ़।
ये किताबुल्लाह भी है और कलामुल्लाह भी।
इस लिए क़ुरआं की हैं आयात सबसे मुख़्तलिफ़।
सारे नबियों पर फ़ज़ीलत दी ख़ुदा ए पाक ने।
सारे नबियों मे तुम्हारी ज़ात सबसे मुख़्तलिफ़।
मेरे आक़ा की शब ए मैराज में जो अर्श पर।
हक़तआ़ला से हुई वो बात सबसे मुख़्तलिफ़।
हर घड़ी अल्लाहु अकबर की सदायें हैं वहाँ।
हैं मदीने के मियाँ दिन रात सबसे मुख़्तलिफ़।
दर्स देती है हमें अब भी ये अर्ज़े करबला।
राहे हक़ मे जो मिटे वो ज़ात सबसे मुख़्तलिफ़।
अपने बेगाने सभी की झोलियाँ भरतीं वहां।
बट रही है उस जगह ख़ैरात सबसे मुख़्तलिफ़।
प्यारे आक़ा का यही फरमान है ए मोमिनों।
यादे रब मे जो कटे वो रात सबसे मुख़्तलिफ़।
जान देकर राहे हक़ मे हज़रते शब्बीर भी।
दीन ए हक़ की कर गए ख़िदमात सबसे मुख़्तलिफ़।
आपके दर पर मेरा बिगड़ा मुक़द्दर बन गया।
आपके दर से मिली सौग़ात सबसे मुख़्तलिफ़।
देखो नज़रों को उठाकर तुम भी अपनी सरफराज़।
रहमतों की है वहाँ बरसात सबसे मुख़्तलिफ़।
कोई माने या न माने है यक़ी मुझको फराज़।
लिक्खी हैं अहमद रज़ा ने ना़त सबसे मुख़्तलिफ़।
सरफराज़ हुसैन फराज़ पीपलसाना मुरादाबाद यू.पी.
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