नात शरीफ हिंदी में लिखी हुई Naat Sharif In Hindi Lyrics नबी की नात शरीफ
जिंदगी अपनी यू खुशनुमा कीजिए
जिक्रे अहमद हमेशा किया कीजिए
दर्स हमको मिला ये नबी पाक से
दुश्मनों के भी हक में दुआ कीजिए
कामयाबी की कुंजी अगर चाहिए
सरवरे दीन से राब्ता कीजिए
वो सफायत करेंगे यकीनन मगर
आप पाबंदे सुन्नत रहा कीजिए
लज़्ज्ते ज़िक्र का फिर मजा आएगा
पहले दिल को बलाली बना लीजिए
हर बला सर से चलती रहेगी सदा
सानी सजदा खुशी से दिया कीजिए
नूरुद्दीन सानी
Naat Sharif Hindi in Roman English
Zindagi Apni Yun Khushnuma Kijiye
Zikre Ahmad Hamesha Kiya Kijiye
Dars Humko Mila Yah Nabi Pak Se
Dushmanon Ke Bhi Haq Mein Dua Kijiye
Kamyabi Ki Kunji Agar Chahie
Sarwar e Deen Se Rabta Kijiye
Vah Safayat Karenge Yakinan Magar
Aap Pabande Sunnat Raha Kijiye
Lazzat Zikr Ka Phir Maza Aaega
Pahle Dil Ko Balali Banaa Lijiye
Har Bala Sar Se Chalti Rahegi Sada
Sani Sajda Khushi Se Diya Kijiye
नात शरीफ लिरिक्स हिंदी में | नात शरीफ लिरिक्स इन हिंदी
नाते-पाक
हम जो सुन्नत में ढलने लगे हैं
ख़ुद अँधेरे ही जलने लगे हैं
बर ज़बाँ आते ही नामे अहमद
ग़म ख़ुशी में बदलने लगे हैं
फ़ैज़े-नअते हबीबे-ख़ुदा से
जो मसाएब थे टलने लगे हैं
नाम लेते ही मुश्किल कुशा का
गिरने वाले सँभलने लगे हैं
संगदिल गुफ़्तुगू -ए - बनी से
अपनी फ़ितरत बदलने लगे हैं
अल्ला अल्ला वो अंगुश्ते-आक़ा
जिन से चश्मे उबलने लगे है
हुक्म पा कर मेरे मुस्तफ़ा का
पेड़ पौधे भी चलने लगे हैं
देख कर ख़ुल्द में सुन्नियों को
नजदी हाथ अपने मलने लगे हैं
सिर्फ़ नामे-उमर सुन के ज़ाहिद
सारे काफ़िर दहलने लगे है
मोहम्मद ज़ाहिद रज़ा बनारसी
नात शरीफ की किताब हिंदी में | नात शरीफ हिंदी में लिखकर भेजिए
नात शरीफ़
मुझे भी चश्मे करम मेरे खुदा हो जाए
यानी दीदार मदीने का अता हो जाए
हेच फिर उसकी निगाहों में शहंशाही हो
मेरे सरकार के दर का जो गदा हो जाए
काश पा जाए मेरी बंदगी अंदाजे हंसी
हर क़ज़ा एक ही सजदे में अदा हो जाए
मुझको दरबार में अपने जो बुला लो आक़ा
मेरी मेराज ए अकीदत बखुदा हो जाए
ऐ मेरे यार ! जो तू सुन्नते सरकार पर चल
तेरा मुरझाया हुआ वक्त हरा हो जाए
इसके बाद और कोई तज़किरा होगा जाहिद
पहले महफ़ल में शहे-दीं की सना हो जाए
मोहम्मद ज़ाहिद रज़ा बनारसी
नात ए पाक नबी की नात शरीफ़
सारे जहाँ में हैं वही फ़रज़ाने या नबी।
जो हैं तुम्हारे नाम के दीवाने या नबी।
मस्ती में झूम जायेंगे मस्ताने या नबी।
कौसर के जब लुटाओगे पैमाने या नबी।
बेनूर आसमान था बेरंग यह जहां।
आ कर सजाए आप ने वीराने या नबी।
हम पर निगाह कीजिए दर पर बुलाइए।
बनने लगे असीरी के अफ़साने या नबी।
सुन्नत से दूर हो गए हम जब से आपकी।
दिल हो गए हमारे ये ज़म ख़ाने या नबी।
सब कुछ मिला है आपके सदक़े में जब हमें।
कैसे अदा हों आप के शुक्राने या नबी।
हो जाऐं तिशना खाब मुकम्मल फ़राज़ के।
इस पर खुलें जो दीद के मयख़ाने या नबी।
सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़
मुरादाबाद उत्तर प्रदेश
नात शरीफ लिरिक्स हिंदी Naat Sharif Lyrics
नआअ़त ए पाक
हर आँख का तारा है वो मह़बूबे ख़ुदा है।
उस नूरे मुजस्सम की ही हर सिम्त ज़िया है।
हर एक अदा पर शहे कोनेन की देखो।
कोनेन है क्या ख़ालिक़े कोनेन फ़िदा है।
क्योंकर न बजा लाएँ भला ह़ुक्मे नबी हम।
फ़रमाने मुहम्मद ही तो फ़रमाने ख़ुदा है।
मक़बूल दुआ़ होगी यक़ीनन वहाँ उसकी।
दरबारे नबी में जो बशर मेह़वे दुआ़ है।
तअ़ज़ीम भला क्यों न करे उनकी ज़माना।
रुतबा ही शहे दीं का ज़माने में बड़ा है।
जिस दिन से हुआ हूँ मैं गदा आपके दर का।
दामन मिरा उस दिन से मुरादों से भरा है।
उनके ही मुक़द्दर को फ़राज़ औज पे देखा।
सदक़ा शहे बत्ह़ा का यहाँ जिनको मिला है।
सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़
मुरादाबाद उत्तर प्रदेश
नात शरीफ लिरिक्स इन हिंदी
नअ़त - ए - पाक
जब हुए जलवा फ़िगन मेह़बूबे दावर ख़ाक पर।
भीनी - भीनी हर सू फैली बू - ए - अतहर ख़ाक पर।
दिलनशीं लगता था कितना सारा मंज़र ख़ाक पर।
जिस घड़ी बिछता था उनका शाही बिस्तर ख़ाक पर।
रोनक़ें अ़र्श - ए - मुअ़ल्ला की ज़मीं पर आ गयीं।
रूनुमा जिस दम हुआ रब का दिलाबर ख़ाक पर।
रब्बे ह़बली उम्मती ही था ज़ुबाँ पर हर घड़ी।
आप सा आया न दूजा कोई रहबर ख़ाक पर।
भीख मिलती है सभी को आप के दरबार से।
आप सा देखा न कोई बन्दापरवर ख़ाक पर।
बेसर - ओ - सामाँ थी धरती ज़ेबो ज़ीनत के बग़ैर।
आप के सदक़े में आए लअ़लो गौहर ख़ाक पर।
आप की परतो से ले कर नूर के ज़र्रे ह़ुज़ूर।
नूर बरसाने लगे सब माहो अख़्तर ख़ाक पर।
गुम्बद - ए - ख़िज़रा के लेने के लिऐ बोसे फ़राज़।
किरनें अपनी भेजता है रोज़ ख़ावर ख़ाक पर।
सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़ पीपलसाना मुरादाबाद
नात शरीफ हिंदी में लिखी हुई | Naat Sharif Lyrics In Hindi
नाते पाक
ऐ कलम तू सबसे पहले अहमद ए मुख्तार लिख
फिर इमाम उल अंबिया के सीरत ओ किरदार लिख
हर तरफ फैला उजाला मुस्तफा की ज़ात से
ताजदार ए अंबिया को मरकज ए अनवार लिख
मजहब ए इस्लाम की खातिर हुए कुर्बान जो
जांनिसार ए कर्बला का जज्बा एसार लिख
नात लिखने की अगर ख्वाहिश है ऐ मेरे अजीज
मिदहत ए सरकार में डूबे हुए अशआर लिख
चार यार ए मुस्तफा का नाम गर पूछे कोई
बू बकर, फारुक उस्मां, हैदर ए किरदार लिख
और कुछ भी लिख न लिख ऐ कातिब ए तकदीर तू
मेरी किस्मत में रसूले पाक का दरबार लिख
शाह ए दीं फखरे दो आलम की मुकद्दस ज़ात को
ऐ बशर तू दो जहां का मालिको मुख्तार लिख
नात शरीफ हिंदी में लिखी हुई | नाते पाक नाते रसूल
क्या पूछते हैं शान और अजमत हुजूर की
दोनों जहां बने हैं बदौलत हुजूर की
चूमेगी कामयाबी कदम उसका बिल यक़ीन
अपनाई जिस किसी ने भी सीरत हुजूर की
जब नबी को सीने में महफूज कर लिया
बख़्शीश को मेरे काफी है उल्फत हुजुर की
अहले ज़मीन से वस्फ़े नबी क्या बयान हो
अर्शे बरीं पे होती है मिदहत हुजूर की
बेखौफ होके गुजरेगा पुले सीरात से
रखता है जो भी दिल में अकीदत हुजूर की
कुंजी तो मगफिरत की है दस्ते हुजूर में
करते हैं लोग फिर भी अहानत हुजूर की
मोहकम यकीन रखिए बशर उनकी जात पर
महशर में काम आएगी शफकत हुजूर की
बशर रहीमी, महुआ, वैशाली, बिहार
नात शरीफ लिरिक्स हिंदी में
ऐ सबा ! मुस्तफ़ा से जा कहना लोग सारे सलाम कहते हैं
सब्ज़ गुम्बद की उन बहारों को ग़म के मारे सलाम कहते हैं
सब्ज़ गुम्बद का आँख में मंज़र और तसव्वुर में आप का मिंबर
सामने ज़ालियां है रोज़े की, दिल हमारे सलाम कहते हैं
अल्लाह अल्लाह ! हुज़ूर के गेसू, भीनी भीनी महकती वो खुश्बू
जिन से मामूर है फ़िज़ा हरसू, वो नज़ारे सलाम कहते हैं
जाइरे-तयबा तू मदीने में प्यारे आक़ा से इतना कह देना
आप की गर्दे-राह को आक़ा, दिल हमारे सलाम कहते हैं
ज़िक्र जो आक़ा का, तज़किरा छिड़ गया मदीने का
हाजियो ! मुस्तफ़ा से कह देना, बे-सहारे सलाम कहते हैं
ग़म के बादल तमाम छटने लगे, पर्दे आँखों से सारे हटने लगे
जो तलातुम बने थे पहले से, वो किनारे सलाम कहते हैं
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