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नात शरीफ Naat Sharif In Hindi नात शरीफ़ हिंदी में | नाते रसूल नात पाक

नात शरीफ | नात शरीफ हिंदी लिरिक्स | नाते पाक नात ए पाक इन हिंदी रसूल ए पाक

Naat - Hindi नात - हिंदी
खूबसूरत नाते पाक | जश्ने ईद मिलादुन्नबी पर शायरी

नबी पर सलवात ओ सलाम नात शरीफ हिंदी

हिज्र में आपके जा ब लब हूं यहां
एक निगाहे करम सरवरे दो जहां

बिल् यक़ीं आप हैं रहमते दो जहां
दीजिए अपने दामन में हमको आमां

हम भी बैठे हैं आंखें बिछाए हुए
पाय बोसी की ख्वाहिश छिपाए हुए

दर पे आका मुझे अपने बुलवाईए
जां ब लब हूं अब इतना ना रुलवाईए

आपके आसतां पर पहुंच जाते हम
आप बीती सब अपनी सुना जाते हम

गरदे - रह बनके तैबा पहुंच जाते हम
खाक तैबा का सुरमा बना लेते हम

नाते पाक अच्छी-अच्छी | Nabi Nabi Naat Lyrics In Hindi

सजदा ए शुक्र है उस जा बजा लेते हैं हम
दिल की दुनिया को अपने सजा लेते हम

आजिज़ों पर करम आप फरमाइए
अपने उस उश्शाक़ के दिल को गरमाइए

या नबी आप इतना भला कीजिए
दिल से मेरे कभी ना हटा कीजिए

रुख से पर्दा जरा फिर हटा लीजिए
रोशनी सारे जग को आता कीजिए

जश्ने ईद मिलादुन्नबी | मोहम्मद शायरी हिंदी

रात ग़मनाक है दिन बना दीजिए
फिर जरा रूए रोशन दिखा दीजिए

अब्रे रहमत इधर भी झुका दीजिए
प्यास तिश्ना लबों की बुझा दीजिए

गर्चा हूं मैं गुनाहों में डूबा हुआ
और बारे गुनाहों से हूं टूटा हुआ

हमको दुनिया की दौलत नहीं चाहिए
हां शफायत फ़क़त आपकी चाहिए

है कमर एक अदना गुलाम आपका
कलमा पढ़ता है हर सुबह ओ शाम आपका

भेजता है खुदा भी सलवात आप पर
अनगिनत हो सलवात ओ सलाम आप पर

नात शरीफ हिंदी में | Naat Sharif In Hindi

अल्लाह अल्लाह क्या है मकाम आपका
अर्श पर भी हुआ है क़याम आपका
हक़ ने ऊंचा किया इतना नाम आपका
नाम लेते हैं सब सुब्ह ओ शाम आपका
है जो बख्शा निजाम ए हयात आपने
वाह! कितना हसीं है, निजाम आपका
हुक्म है आपका बाजी बुल इत्तिबा
है कलाम ए खुदा, हर कलाम आपका
है उसी को मिली दौलत ए दो जहां
जिसने देखा है हुस्न ए तमाम आपका
वास्ता दे के आदम ने मांगी दुआ
देखकर अर्श ए आज़म पे नाम आपका
मैं हूं बैठा दरूदो की डाली लिए
काश आ जाए मुझ तक पयाम आपका
अपनी खिदमत में आका बुला लीजिए
ये क़मर भी है अदना गुलाम आपका
सैयद मजाहिर आलम क़मर शम्सी

नात शरीफ़ Naat Sharif जब खुदा ने गुलशन ए इंसां को वीरां कर दिया

जब खुदा ने गुलशन ए इंसां को वीरां कर दिया
आपने उजड़े चमन को फिर बहारां कर दिया
आपने इंसानियत पर इतना एहसां कर दिया
बन चुके थे जो भी वहशी उनको इंसां कर दिया
दुश्मनों से दर गुज़र का जब कि ऐलां कर दिया
आपके अफ़ू ओ करम ने सबको हैरां कर दिया
दर्स कुछ ऐसा उख़ुवत और मोहब्बत का दिया
रहज़नों को राहगीरों का निगहबां कर दिया
रहमते आलम को दुनिया में खुदा ने भेज कर
आसियों के वास्ते बख़्शीश का सामां कर दिया
है करिश्मा ये भी तो आक़ा ही की तालीम का
कि गुदरियों को भी इक आलम का सुल्तां कर दिया
थी क़मर के मुंह में ऐसी ताबे गोयाई कहां
नात गोई ने मगर इस को दुर अफ़शां कर दिया

नबी पर सलाम नात शरीफ़ हिंदी में | Nabi Par Salam Naat Sharif

सलाम उस पर जो आया है ज़मीं पर आसमां बनकर
सलाम उस पर जो आया सरवरे हर दो जहां बनकर

सलाम उस पर ख़लील अल्लाह ने जिसकी दुआ की थी
सलाम उस पर बशारत जिनकी रूह अल्लाह ने दी थी

सलाम उस पर हुआ मअबूस जो शमशुल जुहा बनकर
सलाम उस पर जो इब्राहिम की आया दुआ बन कर

सलाम उस पर फ़लक पर माह तलअत बनके जो चमका
सलाम उस पर मुक़द्दर कौम का जिस नूर से चमका

सलाम उस पर कि जिसने कलमा ए तय्यब पढ़ाया है
सलाम उस पर की जिसने हमको दोज़ख़ से बचाया है

सलाम उस पर कि जिसका कॉल है इरशाद ए रब्बानी
सलाम उस पर दो आलम में नहीं जिसका कोई सानी

सलाम उस पर जो बज़्म ए अंबिया का सदरे आला है
सलाम उस पर कि मख़लुक़ात में जो सबसे बाला है

सलाम उस पर कि है शौक ए क़मर भी मआजज़ा उसका
सलाम उस पर कि करते हैं मलायक तज़किरा उसका

सलाम उस पर कि जिसके जिस्म ए अत्हर का न था साया
सलाम उस पर कि उस जैसा कोई रहबर नहीं आया

Mere Nabi Par Lakho Salam Hindi Lyrics मेरे नबी पर लाखो सलाम हिंदी में

सलाम उस पर जो अहले नज़र में सबसे अंजर है
रूखे पुर्नूर जिसका बरतर अज़ खुर्शीद ए अनवर है

सलाम उस पर बशारत जिसने दी है हमको तौबा की
सलाम उस पर कि जिसने राह आसान कर दी उकबा की

सलाम उस पर अली जैसे वली भी उस पर कुर्बान हैं
सलाम उस पर कि जिब्रील ए अमीं भी जिस के दरबा हैं

सलाम उस पर जो हक का आखिरी फरमान लाया है
ख़लायक में कहां ऐसा कोई जीशान आया है

सलाम उस पर शमामा जिनकी आमद पर हुई अफ़शां
उरूसाने बहिष्ती देखकर जिनको हुई सादां

सलाम उस पर कि जिसने रियाज़ ए जन्नत की खबर दी है
वही जन्नत जहां पर बाग़े रूम्मानो अनब भी है

सलाम उस पर दरक्शां हो गया जिससे जहां सारा
निषात आई फ़ज़ा में और महक उठा चमन सारा

सलाम उस पर कि जिसके साथ हमजा सफ़ शिकन भी हैं
सलाम उस पर कि आशिक जिनके तारीक़ तेग़ ज़न भी हैं

सलाम ए आमना के चांद ऐ खुर्शीद ए रब्बानी !
मिली है आप के सदके में मेहरो मह को ताबानी

सलाम उस पर कि जो सालिक है खुद राहे शरीयत का
सलाम उस पर कि जो मुर्शिद है खुद रहे तरीकत का

नबी की शान में शायरी इन हिंदी | उर्दू में लिखी हुई नात हिंदी में

सलाम उस पर अंधेरे में जो साकिब बनके चमका है
सलाम उस पर लकब खालिद को जिसने सैफ बख्शा है

सलाम उस बदरे कामिल पर जो है तारों की झुरमुट में
है शोबां एक सितारा ऐसे मेह पारों की झुरमुट में

सलाम उस पर कि नूर ए चश्म जिसकी एक उमामा हैं
हैं दुख्तर आपकी जो फातिमा वो उनकी खाला हैं

सलाम उस पर कि जिसके फैज से फूलों में नुजहत है
बहारां है जो गुलशन में कदम कि उनके बरकत है

सलाम उस पर मलायक ने खबर आने की दी जिनकी
शफक ने बहरे इस्तकबाल की रस्में हिना बंदी

सलाम उस पर फिदा जिन पर हुई सारी खुदाई है
फ़िदा कारों में भी एक राबा बशरी फिदाई है

सलाम ऐ रहमते आलम कमर पर अब करम कीजिए
दरे अकदस पे आक़ा हमको अपने अब बुला लीजिए
सैयद मजहर आलम क़मर शमशी

नात शरीफ तकरीर | नात शरीफ कव्वाली | Naat Shareef

क़ुफ़्र ने जब रोज़ ए रोशन को अंधेरा कर दिया
महर ए आलम ताब चमका और उजाला कर दिया

किश्ती ए इंसानियत थी डूबने ही के करीब
रहमते आलम ने उसका पार बेरा कर दिया

याद जिस दम जिस घड़ी भी आ गए मदनी पिया
रो के अपने आपको हमने पपीहा कर दिया

हादी ए आजम ने आमी को भी हादी कर दिया
क्या नज़र थी जिसने मुर्दों को मसीहा कर दिया

इश्क़ ए अहमद का जलाया जिसने भी दिल में दिया
हक़ ए ताला ने उसे कमरन मुनीरा कर दिया

दीन ए हक से छेड़खानी करने वाले होशियार !
देख हक ने बू लहब का क्या नतीजा कर दिया !

आले अतहारे नबी पर और नवासो को सलाम
दीन की खातिर जिन्होंने खून पसीना कर दिया

दर हकीकत ये कमर था कमतरीन ओ कम नसीब
नात गोई ने मगर उंचा नसीबा कर दिया
सैयद मजहर आलम कमर शमसी

Naat Sharif, Naat Paak, Naat Rasool In Hindi

टला अब्रे ज़लालत और मौसम खुशगवार आया
बवक्ते सुबह जब अब्रे हिदायत मुश्क बार आया

मोहम्मद मुस्तफा का नाम लब पर जितनी बार आया
फ़लक से चूमने लब को फ़रिश्ता ज़यी वकार आया

ख़लील अल्लाह जिनके लिए रब से दुआ की थी
उफ़क पर अर्ज़ ए बतहा के वो रब का शाहकार आया

मसीहा ने सुनाई थी बशारत जिनके आमद की
मुनव्वर करने दुनिया को क़मर वो नूर बार आया

सफ़ीना डूबने वाला ही था जब बहरे जुल्मत में
बचाने को इसे तब नाखुदा ए किरदगार आया

हवादिस के थपेड़ों में फंसी अपनी अगर किश्ती
दरूदों का तराना लब पे तब से इख़्तेयार आया

जहां कोई ना पहुंचा है न पहुंचेगा कयामत तक
खुदा का लाडला उस जा भी वक्त अपना गुजार आया

ग़रीबों और यतीमों ने भी ली अब सांस राहत की
गरीबों और यतीमों का इक ऐसा गम गुसार आया

लगे बजने खुशी के शादीयाने हर तरफ हर हूं
सदा आई मदीना में वो देखो ताजदार आया

मिली तौफीक जिनको हाजरी कि उनके रोजे पर
बिला शुब्हा मुकद्दर जाके वो अपना सवार आया

इधर भी चश्मे रहमत से ज़रा अब देखिए आका
कि उम्मीद ए करम ले कर है इक उम्मीदवार आया

ज़रा चश्मे करम अपनी इधर भी डालिए आका
कि चौखट पर तेरे आका कमर फिर अश्कबार आया
सैयद मजाहिर आलम क़मर शमशी
नबी की नात शरीफ Naat Sharif image


इस पोस्ट में हर दिन एक नई नात शरीफ़ शामिल की जाएगी। कल फिर एक विशेष नात शरीफ हिंदी में लिखी हुई आपकी खिदमत में पेश किया जाएगा।

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