दीन ए हक के रफीकों पे लाखों सलाम: सलाम लिरिक्स इन हिंदी Salam Lyrics In Hindi
सलामदीन ए ह़क़ के रफ़ीक़ों पे लाखों सलाम।
मुर्तज़ा के अ़ज़ीज़ों पे लाखों सलाम।
क़ुदसियों के अमीरों पे लाखों सलाम।
मुस्तुफ़ा के ह़बीबों पे लाखों सलाम।
हँसते - हँसते जो ह़क़ पर फ़िदा हो गए।
करबला के शहीदों पे लाखों सलाम।
ख़ाके पा जिनकी ख़ाक ए शिफ़ा बन गई।
उन ह़क़ीक़ी तबीबों पे लाखों सलाम।
जो भी शैदा ए आल ए पयम्बर हुए।
उन सभी ख़ुश नसीबों पे लाखों सलाम।
भूखे रह कर भी खाना खिलाते थे जो।
सब्र के उन शकीबों पे लाखों सलाम।
जो बयाँ शाने शब्बीर करते रहे।
हर सदी के अदीबों पे लाखों सलाम।
रास्ता ख़ुल्द तकती थी जिनका फ़राज़।
उन बहत्तर नसीबों पे लाखों सलाम।
सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़ मुरादाबाद
अज़मत ए मुस्तफ़ा पर करोड़ों सलाम Un Par Lakhon Karoron Durood O Salam
सलाम ए अ़क़ीदत
रह़मत ए किब्रिया पर करोड़ों सलाम
अ़ज़मत ए मुस्तुफ़ा पर करोड़ों सलाम
जिनके सदक़े ज़मीं को बनाया गया
जिनकी ख़ातिर फ़लक को सजाया गया
जिनको अफ़ज़ल जहाँ से बनाया गया
जिनको अर्शे बरीं पर बुलाया गया
उनकी इ़ज़्ज़ो क़िरा पर करोड़ों सलाम
अ़ज़मत ए मुस्तुफ़ा पर करोड़ों सलाम
नूर से जिनके नूरी हैं शम्स ओ क़मर
जिनकी ख़ातिर बने हैं ये सब बहरो बर
जिनकी तअ़ज़ीम करते हैं जिन्न ओ बशर
जिनकी तअ़रीफ़ करते हैं बर्ग ओ समर
उनकी मजद ओ सना पर करोड़ों सलाम
अ़ज़मत ए मुस्तुफ़ा पर करोड़ों सलाम
जिनकी ख़ुश्बू चमन के गुलों में बसी
जिन से ईमान की शम्अ़ रौशन हुई
जिनकी आमद से हर इक बुराई मिटी
जिनकी मेअ़राज में बात रब से हुई
उनकी शान ए ज़िया पर करोड़ों सलाम
अ़ज़मत ए मुस्तुफ़ा पर करोड़ों सलाम
जिनकी आमद से नाज़िल हुयीं बरकतें
जिन पे कुर्बान हैं रब की सब नेअ़मतें
फ़र्श से अ़र्श तक जिनकी हैं वुसअ़तें
जिनके सदक़े में बर आयें सब ह़सरतें
उनकी हर इक अ़ता पर करोड़ों सलाम
अ़ज़मत ए मुस्तुफ़ा पर करोड़ों सलाम
संग रेज़ों ने जिनका वज़ीफ़ा पढ़ा
जिनको रब ने बनाया शहे अम्बिया
जिनके दर के सवाली हैं शहो गदा
आ़म है जिनकी दुनिया में जूद ओ सख़ा
उनकी जूद ओ सख़ा पर करोड़ों सलाम
अज़मत ए मुस्तफ़ा पर करोड़ों सलाम
जिनके शैदा हुए हैं अ़ली मुर्तज़ा
जिनके आ़शिक़ हुए हैं उमर बासफ़ा
जिनकी तअ़रीफ़ करता है रब्बुलउ़ला
जिनकी मशहूर है जग में सब्र ओ रज़ा
उनकी सब्र ओ रज़ा पर करोड़ों सलाम
अज़मत ए मुस्तुफ़ा पर करोड़ों सलाम
जिनके नअ़रे से दुश्मन दहलते रहे
जिनसे ख़ैबर के मंज़र बदलते रहे
जिनके क़दमों से पत्थर पिघलते रहे
सिलसिले जिनसे वलियों के चलते रहे
यअ़नि शेर ए ख़ुदा पर करोड़ों सलाम
अज़मत ए मुस्तुफ़ा पर करोड़ों सलाम
जिनके शैदाई अब्बास ओ अकबर हुए
जिन पे हँस कर फ़िदा नन्हें असग़र हुए
जिन पे कुर् बाँ ह़ुसैन इब्ने ह़ैदर हुए
जो शहीदों में बाला ओ बरतर हुए
फ़ातह़े करबला पर करोड़ों सलाम
अज़मत ए मुस्तुफ़ा पर करोड़ों सलाम
जिनसे ग़ौसुलवरा को सदाक़त मिली
जिनसे ख़्वाजा पिया को करामत मिली
शाह वारिस को जिनसे विलायत मिली
जिनसे साबिर को सब्र ओ क़नाअ़त मिली
उनकी शान ए बक़ा पर करोड़ों सलाम
अ़ज़मत ए मुस्तुफ़ा पर करोड़ों सलाम
नूर से जिनके रौशन हुए दम्मदार
जिनसे होता है बेड़ा गरीबों का पार
जिनसे जा कर मिले शाहदानी के तार
जिन पे अब्दुल अज़ीज़ और केहतल निसार
सरवर ए औलिया पर करोड़ों सलाम
अज़मत ए मुस्तुफ़ा पर करोड़ों सलाम
जिनके शैदा बशीर ओ शराफ़र हुए
जिनसे सक़लैन पीर ए तरीक़त हुए
लफ़्ज़ जिनके कहे सब ह़क़ीक़त हुए
काम जिनके किए सारे सुन्नत हुए
उनकी हर इक अदा पर करोड़ों सलाम
अज़मते ए मुस्तुफ़ा पर करोड़ों सलाम
बिपता आक़ा को जब भी सुनाते हैं हम
बिगड़ी तक़दीर अपनी बनाते हैं हम
नूर ए ईमाँ से दिल जगमगाते हैं हम
उनका मीलाद अकसर मनाते हैं हम
जश्न ए ख़ैरुलवरा पर करोड़ों सलाम
अ़ज़मत ए मुस्तुफ़ा पर करोड़ों सलाम
ह़क शफ़ाअ़त का जिनको मिला वो नबी
जिन पे कुरआ़न नाज़िल हुआ वो नबी
जिन पे मिलती है हर इक दवा वो नबी
जो फ़राज अपनी सुनते सदा वो नबी
ह़ुब्बे सल्ले अ़ला पर करोड़ों सलाम
अ़ज़मत ए मुस्तुफ़ा पर करोड़ों सलाम
सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़
पीपलसाना मुरादाबाद यू.पी.
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1 टिप्पणियाँ
Are dosto nabi G pe hmesa drudo salam bhejo. Unki ke sadke ye sara kayinat aur hum sab hai. Us allah ke bahut bahut sukra hai. Hamare nabi G na hote to kuchh bhi na hota.
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