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खूबसूरत नाते पाक | नात शरीफ | Naat Sharif Lyrics in Hindi

बारह रबी उल अव्वल की नात शरीफ हिंदी में लिखी हुई | 12 Rabi Ul Awal Naat Lyrics

मकान चीज़ है क्या कुल जहान रोशन कर
दूरूद पाक से हर आस्तान रोशन कर

सवांरनी है अगर तुझको आखिरत अपनी
तो पहले जिस्त का ये उन फुआन रोशन कर

जहालतों को मिटाने के वास्ते जग से
चरागे दीन से हर इक मकान रोशन कर

जला के इश्क़े शहे दीं की दिल में इक बाती
मजार क्या है तू हर इक सायबान रोशन कर

जमाने भर को मिले दर्स दीन का जिससे,
नबी के दीन का वो दीपदान रोशन कर

अगर तू आशिके यासीन है हकीकत में
सलाम ओ नात से सारा ज़मान रोशन कर

जो आरजू है तुझे फिर हसीं सहर की फराज
तो फिर से जग में बिलाली अजान रोशन कर
सरफ़राज हुसैन फ़राज़

नाते रसूल पाक Naate Rasool Pak Hindi Mein

नाते रसूल पाक Naate Rasool Pak Hindi Mein

बारह रबी उल अव्वल की बेहतरीन नात शरीफ़ अब हिंदी में | Miladunnabi Naat Sharif

बज़्म है सरकार की सरकार की ही बात हो।
उतना ही बस बोलिए जितनी के मालूमात हो।

बाद रब्बे दो जहाँ के आप ही अफ़ज़ल हैं जब।
आप से बर्तर जहाँ में कौन सी फिर ज़ात हो।

बस यही है आर्जू इस क़ल्बे मुज़तर की मिरे।
आप की मिदहत ज़ुबाँ पर या नबी दिन रात हो।

बारगाह - ए - मुस्तुफ़ा में पेश करते हैं दुरूद।
रह़मतों की घर हमारे क्यों न फिर बरसात हो।

बस इसी उम्मीद में आक़ा हैं हम बैठे हुए।
आप की नज़र- ए- करम हो तो हमारी नअ़त हो।

मालो ज़र हो ये हमारा या के इ़ल्म ओ फ़न हुज़ूर।
आप की बख़्शिश है बेशक कोई भीसौग़ात हो।

नअ़रा -ए-तकबीर कह कर रन में जो उतरे फ़राज़।
उस ग़ुलाम ए मुस्तफ़ा की किस लिए फिर मात हो।
सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़
पीपलसाना मुरादाबाद
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