बेईमान नेताओं पर शायरी | चुनाव पर शायरी जिला पंचायत | नगर पंचायत चुनाव शायरी
जनता को जैसे हो नचाये
वोटों की दुकान सजाए
मातम को अवसर बनाए
जितना हो लाश गिरे
कुर्सी मेरी मजबूत बने
चरण तले रौंदूंगा कफ़न
बेच दूंगा मैं यह वतन
मुखिया प्रधान हो सुरक्षित
सुरक्षित रहे सलाहकार
चुनावी वादे पर शायरी | वोट के लिए अपील शायरी
कितना शोक मनाऊ मैं
दर्द कितना दिखाऊँ मैं
मौतों का बाजार सजा है
चहुँ ओर लाश बिछा है
सत्ता मदारी उत्सव मनाये
बजाए डमरू डम-डम-डम
जनता को जैसे हो नचाये
नाचे जन छम-छम-छम
लाशों को और तो गिरने दे
मौत का मातम मनने दे
जितना हो लाश गिरे
कुर्सी मेरी मजबूत बने
चरण तले रौंदूंगा कफ़न
बेच दूंगा मैं यह वतन
शवों की कतार लगेगी
दुकानें मेरी खूब सजेगी
वक्त आये तो आशु बहाए
दो चार नीर भी छलकाये
कर लूँगा मैं विनती तमाम
हर्ष पर लग जाये लगाम
मातम को अवसर बनाए
Election Shayari | Voting Shayari Hindi
मुखिया प्रधान हो सुरक्षित
सुरक्षित रहे सलाहकार
जनता त्रासद जोर चिल्लाए
लेकिन भूले वह अत्याचार
जाती पति का स्वांग रचे
मजहब पर यहां वोट पड़े
होगा क्या कल राष्ट्र का
लोग टुकड़ो -टुकड़ो में बंटे
किसने सोचा किसने चाहा
बचा रहे यहां अस्पताल
अहं पैसे की थी खूब
खोजे नित निजी उपचार
अब बिलखने से क्या होगा
छूप सिसकने से क्या होगा
जागो नही तो यूं पछताओ
खुद बचो या तो मर जाओ
लेकिन किंतु परन्तु अनेक
तुम हो बस आंकड़े एक।
सोनू कुमार मिश्रा
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