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दिल से आराम का एहसास मिटा देते हैं|समाज सुधार शायरी सत्ता पर शायरी-ग़ज़ल

सामाजिक मुद्दे पर शायरी | समाज सुधार शायरी

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समाजिक बुराईयों पर शायरी

समाजिक बुराईयों पर शायरी

इस तरह सब को ये धन वाले सजा देते हैं
दिल से आराम का एहसास मिटा देते हैं

मालो-जर वाले गरीबों को सजा देते हैं
दिल से एहसास-व-जज्बात मिटा देते हैं

समाज पर शायरी

इस तरह हम को ये जर वाले सजा देते हैं
कल्ब से ऐश का एहसास मिटा देते हैं

करते हैं लोग जो "उर्दू " की अहानत, यारो
हम उन्हें तल्खी भरे दोहे सुना देते हैं

हम हैं वे लोग,जो,महफिल में उजाले के लिए,
मन के दीपक भी सरे-शाम जला देते हैं

रौशनी फैले मुहब्बत की, इसी वास्ते हम
ये चरागे-दिले-एख्लास जला देते हैं

पॉजिटिव शायरी इन हिंदी

गुल,तगज्जुल की सबा,रोज खिलाती है, यार
"मीर जी", नूरे-गजल और बढा देते हैं

बे-अदब लोगो की जुल्मात मिटाने के लिए,
" राम जी ", नूरे-अदब और बढा देते हैं!!

लोगों से फैलती अफवाहे हैं,ऐ नाकिद जी!
लोग तो प्यार के शोलो को हवा देते हैं!!

बद्-दुआ करता हूँ मैं, आप के हक में, तब-तब!!
आप जब-जब मुझे जीने की दुआ देते हैं!!

हम हैं वे लोग, जो, राहों में उजाले के लिए,
प्यार के दीप सरे-शाम जला देते हैं!!

रौशनी फैले मुहब्बत की, हर इक दुनिया में!!
दिल की कन्दीले सरे-शाम जला देते हैं!!

पूछ लेते हैं अगर लोग हमारे अह्वाल!!
हम उन्हें, " मीर " के अश्आर सुना देते हैं!!

आप को चस्का लगा प्यार का,ऐ मुल्ला जी
आप भी शोला-ए-उल्फत को बढा देते हैं

आपको चस्का लगा शोले को भड़काने का
आप तो शोला-ए-उल्फत को हवा देते हैं

बद्-दुआ करते हैं हम, आप के हक में, हजरत
आप जब भी हमें जीने की दुआ देते हैं

जुल्मते-बुग्जो-कदूरत को मिटाने के लिए,
नूरे-खुर्शीद-ए-विला,"फैज" बढा देते हैं!!

"फैज" हैं, "कैस" हैं, "मजनून-ए-वफा" हैं, "अशरफ़ "
ये चरागे-दिले-मजरूह जला देते हैं!!

ढूंढिए कौन है वो!?,फूल बिछाता है जो!!
लोग तो राहों में कांटे ही बिछा देते हैं!!

Samajik Shayari

याद आते हैं, बुरे वक्त के साथी हम को!!
याद आते हैं तो हम उन को दुआ देते हैं!!

ऐ सुख़नवर शिरी जावेद अली अशरफ़ कैस!
आप तो नूरे-सुखन और बढा देते हैं!!

मीर जावेद अली अशरफ़ कैस फैज अकबराबादी,
द्वारा डॉक्टर रामचन्द्र दास प्रेमी राज चंडी गढी, डॉक्टर इनसान प्रेमनगरी हाऊस,डॉक्टर खदीजा नरसिंग होम, रांची हिल साईड, इमामबाड़ा रोड, रांची-834001

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