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विष के दांत कहानी का सारांश, उद्देश्य, समीक्षा, चरित्र चित्रण, प्रश्न उत्तर

विष के दांत कहानी का सारांश, उद्देश्य, समीक्षा, चरित्र चित्रण, प्रश्न उत्तर


सेन साहब पास एक कार थी। उन्हें अपनी कार से बहुत प्रेम था और वो अपनी कार पर बडा नाज किया करते थे। घर के किसी भी सदस्य में इतनी हिम्मत न थी कि बिना सेन साहब की इजाज़त के गाड़ी के पास जा सके । पाँचों लड़कियाँ माता-पिता का कहना मानती थी और पूरी तरह अनुशासन में रहती थी। लेकिन बुढ़ापे में जन्मे खोखा ( काशू ) पर घर का कोई नियम कानून लागू न होता था । इसलिए गाड़ी को अगर खतरा था तो इसी खोखा मतलब काशू से। सेन साहब अपने लाडले बेटे काशू को बहुत बड़ा इंजीनियर बनाना चाहते थे। वो अक्सर बड़ी शान से दोस्तों बीच अपने बेटे की काबिलियत की प्रशंसा करते नहीं थकते थे। एक दिन की बात है दोस्तों के साथ गपशप हो रही थी और काशू की प्रशंसा से उठे ही थे कि बाहर शोर सुनाई दी।

जब बाहर निकल कर देखा तो गिरधारी की पत्नी से शोफर झगड़ रहा है और उसका बेटा मदन शोफर पर झपट रहा है। शोफर ने कहा कि मदन गाडी छू रहा था और मना करने पर हंगामा करने लगा। सेन साहब ने मदन को सख्त चेतावनी दी और अपने किरानी गिरधर को बुलाकर बहुत डाँटा, अपने बेटे को संभालो। घर आकर गिरधारी ने मदन की भरपूर पिटाई की। दूसरे दिन पड़ोस वाली गली में मदन दोस्तों के साथ लट्टू खेल रहा था। काशू का मन भी लट्टू खेलने के लिए मचल रहा था। परंतु मदन ने लट्टू देने से साफ इनकार कर दिया। काशू की आदत तो पहले ही बिगड़ी थी। फिर क्या था, मदन पर हाथ चला दिया। मदन भी लड़ने के लिए तैयार हो गया और मार मार कर काशू के दाँत तोड़ दिए। देर रात मदन घर आया तो सुना कि सेन साहब ने उसके पिता को नौकरी से निकाल दिया है और आउट हाउस से भी निकल जाने का हुक्म दे दिया है। अचानक मदन के पैर लोटे से जा टकराया और लोटा लुढ़क गया। लोटे की आवाज़ सुनकर उसके माता-पिता निकल आए। मदन मार खाने को तैयार हो गया। गिरधारी उसकी ओर तेजी से बढ़ा लेकिन अचानक उसका चेहरा बदल गया। उसने मदन को गोद में उठा लिया और कहा— “ शाबाश बेटा एक मैं हूं और एक तू है जो खोखा के दो-दो दाँत तोड़ डाले। ” इस प्रकार हम देखते हैं कि कहानीकार ने ‘विष के दाँत’ उच्च वर्ग के सेन साहब की महत्त्वाकांक्षा, सफेदपोशी के भीतर लड़के-लड़कियों में विभेद भावना, नौकरी-पेशा वाले गिरधारी की हीन-भावना और उसके बीच अन्याय का प्रतिकार करनेवाली बहादुरी और साहस के प्रति प्यार और श्रद्धा को प्रस्तुत करते हुए प्यार-दुलार के परिणामों को भरपूर तरीके से दर्शाया है।

प्रश्न १.

विष के दांत कहानी का उद्देश्य क्या है?

उत्तर : प्रस्तुत कहानी विष के दांत में लेखक ने अमीरों द्वारा मर्यादा का ढोंग करते हुए गरीबों के अत्याचार और उपहास पर करारा व्यंग्य किया है । अमीरी और ग़रीबी की लड़ाई में अमीरी की खिल्ली उड़ाना ही इस कहानी में कहानीकार का मुख्य उद्देश्य है।

प्रश्न २.

सेन साहब, मदन, काशू और गिरधर का चरित्र चित्रण कीजिए

सेन साहब का चरित्र चित्रण

सेन साहब को अपनी आमीरी पर बहुत नाज़ है। वो जगह जगह अपनी आमीरी का गुणगान करते रहते हैं। वो प्रदर्शन प्रिय धनी व्यक्ति हैं । गरीबों का शोषण करके उन्हें प्रताड़ित करना सेन साहब अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझते हैं। अपनी झूठी प्रतिष्ठा स्थापित करने वाले बाहरी दिखावे से युक्त धनी आदमी के रूप में सेन साहब का चरित्र चित्रण हुआ है।

खोखा ( काशू ) का चरित्र चित्रण

खोखा ( काशू ) महल में रहकर अमीरी की चमक धमक और अत्यधिक लाड़-प्यार के कारण बिगड़ा हुआ बड़े बाप की औलाद के रूप में चित्रित किया गया है। वह अपने बाप की तरह अहंकारी बालक है।

मदन का चरित्र चित्रण

मदन अमीरों के ढकोसले और उनकी प्रदर्शन-प्रियता तथा गरीबों पर उनके अत्याचार और शोषण के विरुद्ध एक चेतावनी और सशक्त विद्रोह है।

गिरधर का चरित्र चित्रण

गिरधर अमीरों द्वारा गरीबों पर होने वाले अत्याचार, शोषण एवं अन्याय को चुपचाप सहनेवाला लाचार एवं मजबूर आदमी है। लेकिन इस अत्याचार और शोषण का वह दिल से समर्थन नहीं करता, बल्कि उसका प्रतिकार करने की इच्छा रखता है लेकिन वह मजबूर और डरपोक है। वैसे तो कहानी में और भी कई पात्र आये हैं। मिस सेन, खोखा, गिरधरलाल आदि लेकिन सभी पात्रों में यह मदन का ही चरित्र है जो सर्वाधिक प्रभावशाली और मजबूत है । मदन का चरित्र उसके व्यक्तित्व को उजागर करता है। मदन के चरित्र की विशेषता है निर्भीकता। वह गरीबों के दिल की चिंगारी है।

प्रश्न ३.

सेन साहब के और उनके मित्रों के बीच क्या बातचीत हुई और पत्रकार मित्र ने उन्हें किस तरह उत्तर दिया ?

उत्तर : एक दिन की बात है सेन साहब के कुछ मित्र बैठे आपस में गपशप कर रहे थे। उनमें एक साहब साधारण हैसियत के पत्रकार थे और साथ में उनका लड़का भी था, जो था तो खोखा से भी छोटा, लेकिन बड़ा समझदार और होनहार दिखाई देता था। किसी ने उसकी किसी हरकत को देखकर उसकी कुछ प्रशंसा कर दी और उसके पिता से पूछा कि बच्चा स्कूल तो जाता ही होगा ? इसके पहले कि पत्रकार महोदय कुछ बोल पाते सेन साहब ने बोलना शुरू किया— “ मैं तो खोखा को इंजीनियर बनाने जा रहा हूं...” और इसी बात को बार बार दुहराकर थकते नहीं थे। पत्रकार महोदय चुपचाप मुस्कुराते रहें। जब उनसे फिर पूछा गया कि अपने बच्चे के विषय में उनका क्या ख्याल है, तब उन्होंने कहा— “ मै चाहता हूँ कि वह जेंटलमैन जरूर बने और जो कुछ बने, उसका काम है, उसे पूरी आजादी रहेगी।” सेन साहब इस उत्तर के शिष्ट और प्रच्छन्न व्यंग्य पर ऐंठकर रह गए।

Vish Ke Dant Ka Objective Question

प्रश्न १.

विष के दांत’ शीर्षक कहानी के कहानीकार कौन हैं ?

उत्तर : नलिन विलोचन शर्मा

प्रश्न २.

गिरधरलाल कौन है ?

उत्तर : मदन का पिता

प्रश्न ३.

मदन ने काशू के कितने दाँत तोड़ डाले ?

उत्तर : दो

प्रश्न ४.

नलिन विलोचन शर्मा के माताजी का क्या नाम था ?

उत्तर : रत्नावती शर्मा

प्रश्न ५.

नलिन विलोचन शर्मा के कहानियों में किसके तत्व समग्रता से उभरकर आए।

उत्तर : मनोवैज्ञानिकता का

प्रश्न ६.

मोटरकार को किससे खतरा हो सकता था ?

उत्तर : खोखा से

प्रश्न ७.

खोखा-खोखी किस भाषा का शब्द है ?


उत्तर : बांग्ला का

प्रश्न ८.

“ऐसे ही लड़के आगे चलकर गुण्डे, चोर, डाकू बनते हैं।” यह पंक्ति कहानी के किस पात्र ने कही है?

उत्तर : सेन साहब

प्रश्न ९.

खोखा खोखी का अर्थ हैं।

उत्तर : बच्चा-बच्ची

प्रश्न १०.

खोखा का क्या नाम है ?

उत्तर : काशू

प्रश्न ११.

विष के दाँत कैसी कहानी है ?

उत्तर : मनोवैज्ञानिक

प्रश्न १२.

सेन साहब अपने पुत्र को बनाना चाहते थे।

उत्तर : बिजनेसमैन या इंजीनियर

प्रश्न १३.

मदन अक्सर किसके हाथों से पिटता था ?

उत्तर : पिता

प्रश्न १४.

नलिन विलोचन शर्मा के पिता का नाम क्या था ?

उत्तर : पंडित रामावतार शर्मा

प्रश्न १५.

सेन साहब ने किसे खूब फटकार लगाई ?

उत्तर : गिरधरलाल को

प्रश्न १६.

‘विष के दाँत’ कहानी किस वर्ग के अंतर्विरोधों को उजागर करती हैं?

उत्तर : मध्यम वर्ग को

प्रश्न १७.

काशू मदन के साथ किस खेल में शरीक होना चाहता था ?

उत्तर : लट्टू के खेल में

प्रश्न १८.

सेन साहब किसके व्यंग्य से ऐठकर रह गए?

उत्तर : पत्रकार महोदय के व्यंग्य से

प्रश्न १९.

मदन की उम्र क्या थी।

उत्तर : पाँच-छह साल

प्रश्न २०.

मदन किसका पुत्र था ?

उत्तर : गिरधर

प्रश्न २१.

नलिन विलोचन शर्मा पटना विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष कब बने?

उत्तर : सन् 1959 ई. में

प्रश्न २२.

नलिन विलोचन शर्मा का जन्म कब हुआ ?

उत्तर : 18 फरवरी, 1916

प्रश्न २३.

नलिन विलोचन शर्मा की मृत्यु कब हुई ?


उत्तर : 12 सितम्बर, 1961

प्रश्न २४.

नलिन विलोचन शर्मा का जन्म कहाँ हुआ ?

उत्तर : बदरघाट, पटना

प्रश्न २५.

दृष्टिकोण किनकी रचना है ?

उत्तर : नलिन विलोचन शर्मा

प्रश्न २६.

‘लड़कियाँ क्या हैं, कठपुतलियाँ है’ किसे इस बात पर गर्व है?

उत्तर : माता-पिता को

प्रश्न २७.

कौओं की जमात में शामिल होने के लिए कौन ललक गया ?

उत्तर : हंस

प्रश्न २८.

किसके अनुसार सेनों ने सिद्धांतों को भी बदल लिया था ?

उत्तर : खोखा के अनुसार

प्रश्न २९.

सेन साहब की कितनी लड़कियों थी ?

उत्तर : पाँच

प्रश्न ३०.

शोफर शब्द का अर्थ है।

उत्तर : ड्राइवर

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