बेईमान नेताओं पर शायरी | झूठे लोग शायरी | राजनीतिक तंज शायरी
सच्चाई और ईमान पर शायरी | मतलबपरस्ती शायरी | जमीर पर शायरी
ईमान बेचता हूँ
दिल की बात छोड़ो मैं जान बेचता हूँ!
ये बात राज की है पूछो ना इसका मतलब,
क्यो थाने में जाकर चोरी का सामान बेचता हूँ!
आ बैल मुझको मार के कहावत के ही चलन,
आंतकवादी को मैं किराये के मकान बेचता हूँ!
निस्बत नहीं तो क्यो भला राम और रहीम से,
मैं तो दोनों ही अवतारों के अरमान बेचता हूँ!
नेताओं से ठेके मिलते है दंगों फसाद के,
बलवा कराना चाहो तो शैतान बेचता हूँ!
आजादी को कत्लेआम के तराजू में तौल कर,
छब्बिस जनवरी को देश का संविधान बेचता हूँ!
सौ कोशिशों के बाद भी कुछ हासिल न हो उन्हें,
दहेज के पापी लूट लो अबला ओकी जिन्दगी,
आप खाओ विदेशी कर्जों की खैराते माई-बाप,
नागपुर, महाराष्ट्र, मोबाइल,९३७३१२२०२६,
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झूठे नेता पर शायरी - भ्रष्ट नेताओं पर शायरी - सियासत पर शायरी
नेता जी अति बोल रहे थे
सुधि नहीं पोल खोल रहे थे।
अजी पार्टी का सितारा हूँ
फिर हुँकार बोल पिटारा हूँ।
जितने हैं सब जान रहे हैं।
शाही हिम्मत जिगर रहा है
विरासत नहीं असर रहा है।
परिवार पार्टी से उपर जो
हाँ। नेशनल स्तर से सुपर जो।
नेता जी चर्चे वाला हूँ
अब अपनी पर्चे वाला हूँ।
लेकर मुहर साथ चलते हैं
अव्वल हुनर लिए फिरते हैं।
पुराना चिन्ह ही मेरे हो
बस सबकुछ खाली तेरे हो।
वह कब हार मानने वाला
नये हैं सब जानने वाला।
अकेले बागी निकाल दिए
सबके सभी रे निढ़ाल हुए।
धन्यवाद।
प्रभाकर सिंह
नवगछिया, भागलपुर
बिहार
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