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बढ़ो जवानो देशभक्ति कविता | Army Shayari | Desh Bhakti Kavita

पराक्रम पर कविता | सैनिकों पर हिंदी में देशभक्ति कविता

बढ़ो जवानो देशभक्ति कविता | Army shayari | Desh bhakti kavita

देशहित पर कविता | सरल देशभक्ति कविता

ओज कविता-बढ़ो जवानो
हौसला हिन्द का अब कोई कभी हिला न पाएगा
चल पड़ा जो कारवां कोई रोक नहीं पाएगा
देखा है कई उतार चढ़ाव वतन में सदियों हमने
चढ़ते जाना है ऊंचाइयां नहीं कोई छु पाएगा
गुलामी बरबादी और शताब्दी सब सहा सब ने
स्वर्ण अक्षरो से नाम भारत अब लिखा जाएगा
जमीन आसमान समंदर हर जगह पहुँच बनी
होगी कमी कहीं उसके बारे में उसके सोचा जाएगा

देश भक्ति कविता भगतसिंह पर

हर जवान भगत सिंह आजाद जैसा जांबाज यहाँ
भीड़ जाये गर कोई हर हाल में धोखा खाएगा
देते जो गीदड़ भभकी मुंह बंद कर देंगे उनका
होगा जो देश का दुशमन नहीं कोई बचा पाएगा
बढ़ो जवानो चलो किसानो मिल देश बढ़ाओ
फिर बने सम्राट भारत और जगत गुरु कहलाएगा
श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक / गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड, मोब -995550986

जोश भर देने वाली देशभक्ति शायरी : हुंकार भरो ललकार करो, दुशमन पलटवार करो

कविता - हुंकार करो
हुंकार भरो ललकार करो।
दुशमन पर पलटवार करो।

ऐ हिन्द के जवान पीठ न दिखाना।
चढ़ जा छाती पर दुश्मन के सवार करो।
हुंकार भरो ललकार करो।

शाने - तिरंगा न जाने पाये।
कर सिंह गर्जना दुश्मन को खबरदार करो।
हुंकार भरो ललकार करो।

दिखाये आँख हिन्द को किसी की मजाल नहीं।
जंग ए मैदान में फैसला आर पार करो।
हुंकार भरो ललकार करो।

रखना याद बहा जो खून वीरों का।
खींच बैरी के गर्दन तलवार करो।
हुंकार भरो ललकार करो।

है छाती हाज़िर वतन की रक्षा में।
सिर पर बांध कफ़न सीमा पर पहरेदार करो।
हुंकार भरो ललकार करो।

15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस 2021 की हार्दिक शुभकामनाएं

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार
बोकारो झारखंड,मोब – 9955509286

जोश भर देने वाली देशभक्ति शायरी | देशभक्ति शायरी पाकिस्तान के खिलाफ | देशभक्ति की आग उगलती शायरी

ओज कविता- शिकार किया करते है।

पीठ पीछे से वार सदा सियार किया करते हैं।
हिन्द के जवान सदा हुंकार किया करते हैं।

नापाक दुशमनों तुम हमे क्या आजमाओगे।
सामने आओ हम शेर हैं शिकार किया करते हैं।

चूपके से घुस आए हमारी सीमा में तुम।
मुक्का कमर तोड़ देते, बैरी चित्कार किया करते हैं।

बढ़ाकर हाथ दोस्ती का पीठ पीछे खंजर वालो।
अहिंसा पुजारी हिन्द को होशियार किया करते हैं।

दिखा पटाखा, एटम बम की धमकी न देना तुम।
चौड़ी छाती वाले हम राफेल हथीयार लिया करते हैं।

काश्मीर हमारा था और रहेगा तिरंगा फहरेगा।
पाक गैंग महबूबा तुम्हें गद्दार कहा करते हैं।

खाते हो जिस थाली मे छेद उसी मे करते हो।
देशद्रोहियों का तम्बू हम उखाड़ दिया करते हैं।

बन रहा मंदिर भगवान का सब मिल श्रीराम कहो।
जाती धर्म की राजनित धिक्कार किया करते हैं।

भारत मे रहना मगर भारत की नहीं सुनना है।
संविधान विरोधियों हम सुधार किया करते हैं।

देश बिरोधी बोली वालों सुन लो ध्यान लगाये।
जीभ मे राख़ लगा हम उखाड़ लिया करते हैं।

डालकर गिद्ध निगाह खून काश्मीर बहाया था।
कर कत्लेआम पंडितो रातो रात मार भगाया था।
भेज आतंकियों को सीमा पर जवान सैकड़ो शहीद किया।
खाया मार सैकड़ो बार पर उसने न सीख लिया।
चढ़ आया कारगिल की चोटी बड़ी भूल किया।
चलाया हमने भी तोप दुशमन को धूल किया।
किया सर्जिकल स्ट्राइक सबको मटिया मेट किया।
चुकाया बदला सबका जवानो ने सब सेट किया।
मर मिट जाएँगे हम सिर हिन्द का न झुकने देंगे।
चला जो चक्र भारत का कभी न हम रुकने देंगे।
शेरे हिन्द बीर जवान सदा ललकार किया करते हैं।
हिन्द के जवान सदा हुंकार किया करते है।
जय हिन्द।
श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड मोब -9955509286

हिन्दी गीत– अपना वतन चाहिए: देश भक्ति कविता स्वतंत्रता दिवस पर

न सोहरत न दौलत मुझे अपना वतन चाहिए।
फलता फूलता और मुझे खिलता चमन चाहिए।

न हो दुश्मन कोई न हो अड़चन कोई।
मर सकूँ मै वास्ते वतन तिरंगा कफन चाहिए।

खून शहीदो सींचकर हरा किया गुलशन।
शहीद होने न दे भारत ऐसा नव रतन चाहिए।

अपनी धरती की मिट्टी माथे लगायेंगे हम।
सह सके वार दुश्मन फ़ौलादी बदन चाहिए।

न हो पतझड़ कभी और बहारे मुस्कुराए सदा।
हरी धरती मे बहती गंगा बाँकपन चाहिए ।

बढ़े भाईचारा यंहा लोग सारे मिलके रहे।
देश तेरा न मेरा सबका ऐसा मन चाहीए।

न हिन्दू मुस्लिम कोई सब बनके भाई रहे।
न हो दंगा कही देश शांति औ अमन चाहिए।

मै रहूँ न रहूँ हिन्द जिंदाबाद रहे।
शान तिरंगा रहे भारती हिन्द नमन चाहिए।

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
मोब।/व्हात्सप्प्स -9955509286

Army Shayari आर्मी शायरी | इंडियन आर्मी शायरी हिंदी | वतन से मोहब्बत शायरी | देशभक्ति शायरी

वतन की आन रखेंगे।
वतन की शान रखेंगे।।

हमें ये जान से प्यारी।
वतन की मान रखेंगे।।

सिपाही देश के हैं हम।
वतन की आन रखेंगे।।

सुरक्षित दुश्मनों से हम।
ये हिंदुस्तान रखेंगे।।

जमीं ये माँ हमारी है।
सदा हीं ध्यान रखेंगे।।

वंदेमातरम् बोलो।
यही पहचान रखेंगे।।
उदय शंकर चौधरी नादान
कोलहंटा पटोरी दरभंगा
अखिल विश्व युवा सशक्तिकरण संघ राष्ट्रीय महासचिव
7738559421

मैं हर सीने में ज्वाला लिख दूँ: देशभक्ति की आग उगलती शायरी कविता

शीर्षक - ज्वाला लिख दूँ!

मैं हर सीने में ज्वाला लिख दूँ!
सबको इतना मतवाला लिख दूँ!
जो रणभूमि को पीठ दिखाये
उसके मुहँ पर काला लिख दूँ!

सबको भगत सा लाला लिख दूँ!
दुश्मन को मौत निवाला लिख दूँ!
खिल उठे फिर भारत भारत मेरा
ये भविष्य सुनहरे वाला लिख दूँ!

अंदाज ये सिंहों वाला लिख दूँ!
हर उपदेशो पर ताला लिख दूँ!
फिर आनेवाले कल के लिए
उजाला ही उजाला लिख दूँ!
पूनम यादव
वैशाली बिहार से

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