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देशभक्ति कविता हिंदी में लिखी हुई Desh Bhakti Kavita Shayari

देशभक्ति कविता हिंदी में लिखी हुई Desh Bhakti Kavita Shayari

माटी
अन्य देशों के रत्नों से सुंदर,
भारत देश की यह माटी है।
अन्य देशों के काजू किशमिस,
भारतीय भोजन चोखा बाटी है।
भारतीय माटी स्वयं ही रत्न है,
पैदा होते बहुत ही हैं रत्न यहाँ।
भारत देश के इन रत्नों से ही,
विभूषित होते सारे देश जहाँ।।
रंग विरंगे हैं यहाँ के सारे माटी,
किन्तु धरती हमारी यह एक है।
खानपान वेश भूषा भी अलग,
अनेकता में भी हम एक नेक हैं।।
जो शक्ति है अन्य देशों में निहित,
बेहतर शक्ति लिए यहाँ परिवेश है।
सभ्यता शिष्टता निहित जहाँ पर,
सुख शांति वाला ही यह देश है।।
सुंदर संस्कार माटी में ही निहित,
वह माटी है मिलता अन्यत्र कहाँ।
विश्व शांति को कायम करनेवाला,
विदेशों में वैसा कोई छत्र कहाँ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना।
अरुण दिव्यांश 9504503560
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