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26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर कविता और शायरी Republic Day Shayari in Hindi गणतंत्र दिवस 2023 पर कविता

गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2023 पर कविता और शायरी Republic Day Poetry in Hindi

गणतंत्र दिवस गान
“आप सभी मित्रों एवं साथियों को गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएं एवं अशेष बधाईयां।“
सबसे मजबूत है गणतंत्र हमारा,
बहुत ऊंचा है नीले आसमान से।
दुनिया वाले भी समझ जाएंगे,
कोई देखे तो इसको ध्यान से।
सर्दी में जब सोता है दिनकर,
गणतंत्र जागता है बड़ी शान से।
सबसे सुंदर है………..
सींचा भारत ने महान् गणतंत्र को,
अपने वीर सपूतों के बलिदान से।
अपनी जान से भी है प्यारा सबको,
हर भारतीय कहता है अभिमान से।
हम सब लोगों की पहचान आज है,
अपने इस गणतंत्र की, पहचान से।
सबसे सुंदर है………….
आकाश में तिरंगा झंडा लहराता है,
बहुत सम्मान और स्वाभिमान से।
मोती बरसते हैं इस दिन धरती पर,
आसमान की अलबेली मुस्कान से।
बेहतर नहीं है कोई कोना विश्व का,
गांधी के इस महकते गुलिस्तान से।
सबसे सुंदर है…….……
गया है पैग़ाम घर घर गणतंत्र का,
हमारे विशाल, अनोखे संविधान से।
समझौता नहीं कर सकते हम कोई,
भारत के इस अतुलनीय वरदान से।
गूंज उठता है इस दिन सारा भारत,
अपने मनोहर मधुर राष्ट्र गान से।
सबसे सुंदर है……………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)


राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस पर कविता : हम भारतवासी गणतंत्र दिवस मनाएं

हम भारतवासी गणतंत्र दिवस मनाएं
(राष्ट्रीय पर्व पर कविता)
“आप सभी मित्रों एवं साथियों को महान् ऐतिहासिक पर्व गणतंत्र दिवस की ढेर सारी अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाईयां।“
हम भारतवासी फिर गणतंत्र दिवस मनाएं,
संविधान को प्रणाम करें, तिरंगा फहराएं।
विविधता में ही, हमारी एकता बसती है,
कंधा से कंधा मिलाकर, जग को दिखाएं।
हम भारतवासी फिर…………..

कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक भाव है,
सारे भारत में, प्रेम की नवीन गंगा बहाएं।
आन बान और शान को, हम कायम रखें,
सारे भेद भाव भुलाकर, कदम आगे बढ़ाएं।
हम भारतवासी फिर……………

एकता के बंधन में बांधें, हर देशवासी को,
राष्ट्रीय धारा से जोड़ें सभी को, हाथ बढ़ाएं।
सर झुकने नहीं दें, गिरिराज हिमालय का,
नफ़रत मिटाकर, प्यार से चमन सजाएं।
हम भारतवासी फिर………….

गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं हैं,
सारे गिले शिकवे आज, दिल से भगाएं।
संविधान और गणतंत्र का संदेश यही है,
प्यार से एक दूसरे को हम गले लगाएं।
हम भारतवासी फिर.………

कोई यहां खड़ा है, और कोई वहां खड़ा है,
मतभेद भुलाकर हर कोई करीब आ जाएं।
सारे मिलकर पकड़ें, राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा,
आदर, सम्मान और स्नेह से इसे लहराएं।
हम भारतवासी फिर………..

सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)


गणतंत्र दिवस का संदेश
26 जनवरी गणतंत्र दिवस की शायरी Republic Day Shayari in Hindi गणतंत्र दिवस 2022 पर कविता

गणतंत्र दिवस पर शुभकामना संदेश : छब्बीस जनवरी लेकर आया

गणतंत्र दिवस का संदेश
छब्बीस जनवरी लेकर आया,
गणतंत्र दिवस का नया संदेश।
जग से सुंदर प्राणों से प्यारा,
है अपना सुंदर यह भारत देश।।
मुश्किल है यह मिली आजादी,
बहुतों ने ही निज प्राण गँवाए।
लाठी खाकर व फाँसी पाकर,
वतन को वे आजाद कराए।।
15 अगस्त को मिली आजादी,
26 जनवरी को अपना मंत्र।
1950 से हम आ रहे मनाते,
26 जनवरी दिवस गणतंत्र।।
मिटा गुलामी मिली आजादी,
भारत का बना नया विधान।
सब मिलाकर जब एक हुआ,
बना देश का नया संविधान।।
इस घटना को सदा रखना याद,
भारत के तुम बहादुर लाल हो।
भारत के हो तुभ विशेष रक्षक,
पर दुश्मन हेतु तुम काल हो।।
भूलना मत इस बात को भी,
तुम पर आधारित भारत देश।
भविष्य हो तुम्हीं इस भारत के,
राष्ट्र के हो तुम तो रत्न विशेष।।
स्थान है विश्व में ऊँचा इसका,
सादगी रही है इसकी पहचान।
सदा रहा है यह तो गुरु भारत,
देता आया जो विश्व को ज्ञान।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना।
अरुण दिव्यांश 9504503560


हिंदी कविता : गणतंत्र दिवस

शीर्षक: आजाद
दिनांक: 20 जन, 2023
दिवा: शुक्रवार
बहुत लंबी आजादी की कहानी,
जब भारत गुलामी में जकड़ा था।
शहीद हुईं बहुत वीर वीरांगनाएँ,
अग्नि की लपटें जोरों पकड़ा था।।
ले मशाल निकले महात्मा गाँधी,
अनेक क्रांतिकारी आ गए पीछे।
बहुतेरे आंदोलन बापू नेतृत्व में,
प्रहार हुए बहुत मीठे और तीखे।।
देख रवैया अब उन गोरों की ही,
मीठे वार से कुछ नहीं बनना था।
अलग हुए असंतुष्ट ये क्रांतिकारी,
गर्म दल बन गोरों पर तनना था।।
प्रताड़ित हुए थे बहुत ही बहादुर,
खट्टे मीठे तीखे जब वार हुए थे।
हुए शहीद बहुत वीर क्रांतिकारी,
जब गोलियों के बौछार हुए थे।।
15 अग 1947 मिली आजादी,
26 जन 1950 को हुए गणतंत्र।
सच्ची आजादी गणतंत्र ही देता,
भारत सच्चे रूप में हुआ स्वतंत्र।।
अनेक शूरों ने फाँसी पर लटका,
कुछ ने जीवन गुमनाम बिताया।
महानों में निकला वह महामानव,
आजाद भारत देख संतुष्टि पाया।।
गाँधी आंदोलन की आँधी चलाए,
सुभाष की थी सच्ची शुभ आश।
आजाद ने यह आजादी दिलायी,
तात्या टोपे टोपी पहनाए झकास।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )
बिहार।

***

गणतंत्र दिवस 

गुलामी का जीवन जिया भारत,
अष्ट शताब्दी तक होकर परतंत्र।
भारतीय नेता जब हुए जागरूक,
बेड़ी काट भारत किया स्वतंत्र।।
गुलामी से हैं स्वतंत्र तो हुए हम,
लेकिन रहा नहीं कोई भी बंधन।
देव बनें या बन जायँ हम राक्षस,
बिन पगहे का हमारा स्वछंदन।।
मानव को बंधन में ही बाँधने हेतु,
पगहे रूपी बंधन चाहिए जनतंत्र।
जन के तंत्र के रूप जनमंत्र बना,
तब भारत हुआ सच्चा गणतंत्र।।
एक एक नियम ही रचना करके,
तैयार हो गए बहुत सारे विधान।
एक एक विधान को संग्रह करके,
देश का बना ये पावन संविधान।।
जिस दिन संविधान हुआ ये लागू,
26 जन 1950 को राष्ट्र गणतंत्र।
उसी दिन मिली है पूर्ण आजादी,
उसी दिन हुए हम पूर्ण स्वतंत्र।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश 
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )
बिहार।


26 जनवरी पर शानदार शायरी 2023 | गणतंत्र दिवस पर शायरी Republic Day Shayari in Hindi 2023

छब्बीस जनवरी
प्राणों से हमको प्यारा, ये त्यौहार हमारा
छब्बीस जनवरी है गणतंत्र दिवस हमारा
आज के दिन संविधान बना गणतंत्र हमारा
लहर लहर तिरंगा, आजादी की बात बताता
देश पे हुए शहीदों की ये सोर्य की गाथा गाता
आज के दिन तो ये घर घर में लहराता
सारा देश इसके आगे सर को झुकाता
जन गण मन राष्ट्रीय गीत सारा भारत गाता
तीन रंग से सज्जा तिरंगा सब का मन हर्षाता
लहर लहर लहराता, फहर फहर फहराया
केसरिया रंग वीरों की कुर्बानी याद दिलाता
सादा अपनी सच्चाई शांति की राह दिखाता
हरी हमारी धरती के सौंदर्य को दर्शाता
पंद्रह अगस्त है स्वतंत्र दिवस
छब्बीस जनवरी गणतंत्र दिवस बतलाता
लहर लहर लहराता तिरंगा,
आजादी की गाथा गाता
आजाद है हम आजाद वतन
ये हमको याद दिलाता
तिरंगे की शान में विश्व सारा झुक जाता
निर्दोष लक्ष्य जैन

26 जनवरी का स्टेटस | वतन से मोहब्बत शायरी Republic Day Wishes In Hindi

वतन
वतन, वतन मेरा वतन,
मेरा वतन तेरा वतन।
वतन मेरा अभिमान है
वतन मेरी पहचान है।

हिंदू, मुस्लमा की शान,
अपना पक्का है इमान।
वतन पे पल, पल कुर्बान,
दिल में बसता हिंदुस्तान।

गीता हो या कुरान,
बाइबिल या ग्रंथ महान।
सब पे हमे अभिमान,
यही तो अपनी पहचान।

नही किसी से डरते है,
कफन बांध सर रखते है।
देश के लिए जीते है,
देश के लिए मरते है।

मेरा भारत है महान,
तिरंगा जिसकी शान।
जिस पे सब है कुर्बान,
वतन, वतन मेरा वतन।
निर्दोष लक्ष्य जैन

26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर कविता 2023 Poem On Republic Day In Hindi

आजाद हिंदुस्तान की कहानी गाऊंगा
आजाद हूँ आजादी की, कहानी गाऊंगा
देश के पे मिटने वालो की, कुर्बानी गाऊंगा
शहीदों की शहादत वो, बलिदानी गाऊंगा
देश के दीवानों की, दीवानी गाऊंगा
विधवाओं की मांग की, वो लाली गाऊंगा
राखी वाले हाथों की, कलाई गाऊंगा
माताओं की कोख के, वो लाल गाऊंगा
नन्हे मुन्ने बच्चों की - मुस्कान गाऊंगा
मिट गई जो देश पर, जवानी गाऊंगा
आजाद हिंदुस्तान की, कहानी गाऊंगा॥

सन संतावन की वो, तलवार पुरानी लिखूंगा
खूब लड़ी मर्दानी झाँसी वाली रानी लिखूंगा
जालियां वाले बाग की कहानी लिखूंगा
आजाद की वो आखरी, गोली लिखूंगा
मरते मरते बंदे मातरम की वो बोली लिखूंगा
शहीदों की फांसी का वो फंदा लिखूंगा
जिसे चूम कर भगत, राजगुरु, सुखदेव बोला
मेरा रंग दे बसंती चोला, मेरा रंग दे बसंती चोला
माँ ओ के जो सूख गए आंसू लिखूंगा
आजाद हिंदुस्तान की कहानी गाऊंगा॥

तुम मुझे खून दो, आजादी म़ैं दूंगा
सुभाष की ललकार वो हुंकार लिखूंगा
जय जवान जय किसान का नारा लिखूंगा
सबसे प्यारा देश ये हमारा लिखूंगा
आजाद हूँ आजादी की कहानी लिखूंगा
देश पर कुर्बान हर जवानी लिखूंगा
हिंदु मुस्लिम सिख न ईसाई लिखूंगा
अनेकता में एकता हिंदुस्तान लिखूंगा
लक्ष्य अपनी जान हिंदुस्तान लिखूंगा
आजाद हूँ आजादी की कहानी लिखूंगा॥
स्वरचित निर्दोष लक्ष्य जैन
धनबाद झारखंड
6201698096

शायरी देशभक्ति पर राष्ट्र भक्ति पर कविता : राष्ट्र भक्ति का जाम हम पी जाएं

राष्ट्र भक्ति का जाम हम पी जाएं
चलो गीतो भरी हम महफिल सजाएं
कुछ तुम गुनगुनाओ, कुछ हम गुणागुनाएं
चलो प्यार के गीत मिलकर हम गाएं
प्यार ही मजहब प्यार खुदा है
चलो प्यार की गंगा हम बहाएं
देश से बड़ा कोई मंदिर न मस्जिद
चलो राष्ट्र भक्ति का जाम हम पी जाएं
हम झूम जाए चलो सबको झुमाएं
चलो राष्ट्र प्रेम की हम गंगा बहाएं
न हिंदू न मुस्लिम न सिख ईसाई
न मंदिर न मस्जिद न चर्च गुरुद्वारा
देश से बढ़कर न कोई तीर्थ हमारा
चलो एकता का हम परचम फहराएं
चलो नभ में मिल तिरंगा लहराएं
हम हिंदुस्तानी सिर्फ जग को बताएं
चलो मात पिता के चरण छू आएं
कहते है मां के चरणों में जन्नत
चलो उस जन्नत को हम चूम आएं
चलो राष्ट्र भक्ति के गीत गुनगुनाएं
चलो गीतो भरी एक महफिल सजाएं
चलो लक्ष्य प्यार की गंगा बहाएं
स्वरचित, निर्दोष लक्ष्य जैन


आज दिवस है गणतंत्र का : हिंदी कविता

कविता
आज दिवस है गणतंत्र का
आज दिवस है गणतंत्र का,
मिलकर सभी जन तिरंगा फहरायें,
करें उन अमर शहीदों को याद,
जिन्होंने अपनी जान गवायें ।

रहें सभी जन मिलकर यहाँ,
देश को अखंड अक्षुण्ण बनायें,
जब भी लड़े कोई अपने वतन से,
एकजुट हो सभी मार भगायें। 

रहें तंदुरुस्त तन-मन-धन से,
भारत को सशक्त,शक्तिशाली बनायें,
कोई बाल बांका नही कर सके इसे,
सबके दिलों में राष्ट्र प्रेम जगायें।

बड़ी मुश्किल से पायी आजादी,
इसे सभी जन-गण मन से जान जायें,
नहीं कहें खूद को हिन्दु-मुस्लिम,
सबसे पहले भारतीय कहलायें ।
अरविन्द अकेला

गणतंत्र दिवस पर कविता हिंदी में : स्वतंत्र गणतंत्र हमारा

स्वतंत्र गणतंत्र हमारा
बहनों ने राखी अपनी तो माँ ने गोद लूटायी है।
तब जाकर भारत माता ने यह आजादी पायी है।।

मातृभूमि के हवनकुंड में जीवन अर्पण कर डाला।
शोणित से सींचा धरती को लाल रंग में रंग डाला।।
नहीं मुफ्त की आजादी अनमोल रत्न सब खोये हैं।
देश धर्म की रक्षा में नरमुंड धरा पर बोये हैं।।

चुरी कंगन काजल बिंदी मेंहदी सिंदूर मिटायी है।
तब जाकर भारत माता ने यह आजादी पायी है।

है स्वतंत्र गणतंत्र हमारा वीरों के बलिदानों से।
भगत राजगुरु सुखदेव शेखर जैसे दिवानों से।।
सुभाष टैगोर तिलक अश्फाक खान मस्ताना था।
हर हर महादेव बोल पहना केसरिया बाना था।।

रणचंडी लक्ष्मीबाई ने मिट्टी की लाज बचायी है।
तब जाकर भारत माता ने यह आजादी पायी है।।

जलियांवाला बाग साक्ष्य वह साक्षी हल्दीघाटी है।
साक्षी है चित्तौड़ दुर्ग रणवीरों की परिपाटी है।।
कितने धूर्त सिकंदर के मद को पोरस ने चूर किया।
सत्रह बार मुहम्मद गोरी के घमंड को चूर किया।।

कितने पद्मिनियों ने मिलके जौहर साथ रचायी है।
तब जाकर भारत माता ने यह आजादी पायी है।।

नाम शिवाजी का सुनकर नहीं मुगल सो पाता था।
राणा के डर से तो अकबर रोता था चिल्लाता था।।
गोरों से लड़कर छीना इन बस्ती के अधिकारों को।
बाल वृद्ध ने हवा दिया था आजादी के नारों को।।

अस्सी साल के कुंवर सिंह गोरो को धूल चटायी है।
तव जाकर भारत माता ने यह आजादी पायी है।।
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उदय शंकर चौधरी नादान
कोलहंटा पटोरी दरभंगा बिहार
9934775009
21/1/22
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