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देश भक्ति कविता शायरी | देश प्रेम पर कविता इन हिंदी | सरल देशभक्ति कविता

भारत की पहली पहचान : देश प्रेम पर कविता हिंदी

भारत की पहली पहचान
(कविता)
रही है भारत की पहली पहचान,
शुरू से, गांव के मजदूर किसानl
गरीबी में गुजारा चलता रहता है,
फिर भी चेहरे पर होती मुस्कान।
रही है भारत की……….

कीचड़ में ही तो कमल खिलते हैं,
फिर भी खींच लेता सबका ध्यान।
हमारा भारत तो गांवों का देश है,
किसान नहीं तो हर गांव परेशान।
रही है भारत की…………

मजदूर, किसान की बात है निराली,
छल कपट से होते हैं ये पूरे अंजान।
माटी से प्यार निभाते रहते हैं सदा
मौसम हो जाए जितना भी बेईमान।
रही है भारत की……….

हार नहीं मानते ये किसी कीमत पर,
करते हैं हमेशा मातृभूमि का सम्मान।
सरकार इनका पूरा ध्यान रखती अब,
जल्द खोजा है समस्या का समाधान।
रही है भारत की………..

आर्थिक प्रगति हो रही बड़ी तेजी से,
कृषि क्षेत्र में सहायता करता विज्ञान।
अच्छे दिन लौट रहे अब किसानों के, 
किसान होते हैं आन, बान और शान।
रही है भारत की……….
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)


देश प्रेम पर कविता इन हिंदी | सरल देशभक्ति कविता Desh Bhakti Shayari देशप्रेम का प्याला

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देशभक्ति कविता | देशप्रेम शायरी हिंदी में

सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,द्वारा हिंदी में लिखी हुई जोश भर देने वाली देशभक्ति शायरी, दिल को छू जाने वाली देशभक्ति शायरी, देशभक्ति की आग उगलती शायरी, देशभक्ति शायरी Status, देशभक्ति शायरी, Independence Day Images With Shayari On The Indian Army, Motivational Quotes And Shayari On Republic Day, 70th Happy Republic Day Shayari Wishes Quotes SMS in Hindi
Desh Bhakti Hindi Kavita.

Desh Bhakti Kavita-हर पल रहता जो, देशभक्ति में 

Desh Bhakti Hindi Kavita-तिरंगा के आगे जपे, देशप्रेम की माला

देशप्रेम

देशप्रेम सबसे ऊपर होता है, देश वासियों,
प्यार से पीना सभी, देशप्रेम का प्याला।
उससे बड़ा कोई व्यक्ति नहीं लगता मुझे,
हर पल रहता जो, देशभक्ति में मतवाला।
देशप्रेम सबसे ऊपर...
उस देश को कोई डर नहीं, गुलामी का,
दिलों में जले जहां, देशप्रेम की ज्वाला।
सांसों में महके खुशबू सिर्फ देशप्रेम की,
तिरंगा के आगे जपे, देशप्रेम की माला।
देशप्रेम सबसे ऊपर...
देशप्रेम ही प्रेम का सबसे सुंदर रूप है,
यही फैलाता है, कोने कोने में उजाला।
यह प्रतीक है, त्याग और बलिदान का,
देशप्रेमी होता है, सबसे बड़ा दिलवाला।
देशप्रेम सबसे ऊपर…
प्रेम प्रेम सब करते, प्रेम न उपजे खेत,
देशप्रेम खोलता है, देशभक्ति का ताला।
घर परिवार से प्रेम, सब किया करते हैं,
देशप्रेम में मिटता है,कोई हिम्मतवाला।
देशप्रेम सबसे ऊपर…
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार

स्वतंत्रता सेनानियों का इतिहास History Of Indian Freedom Fighter Poem In Hindi

(कविता)
स्वतंत्रता सेनानियों को कोटि कोटि नमन,
उनका इतिहास लगता बड़ा ही गौरवशाली।
सारी जिंदगी उनकी सूनी सूनी ही रह गई,
सुख का हर सपना रह गया खाली खाली।
स्वतंत्रता सेनानियों को…...

कई तो अविवाहित ही रह गए आजीवन,
घर छोड़कर, भटकते रह गए थे वन वन।
वे भूखे प्यासे कहीं भी सो जाते थककर,
मां बाट जोहती ही रह जाती लेकर थाली।
स्वतंत्रता सेनानियों को……

कांटों व अंगारों पर भी चलना पड़ता था,
कहीं छिपना और रूप बदलना पड़ता था।
पकड़े जाने पर असह्य यातना दी जाती,
ढूंढती रहती थी उनको, बंदूक की नाली।
स्वतंत्रता सेनानियों को……

उनका घरों में रहना, हो गया था सपना,
जंगल या पर्वत ही प्यार देता था अपना।
कभी भी उनको भेज दिया जाता था जेल,
पर मंजूर नहीं होती थी, वतन को गाली।
स्वतंत्रता सेनानियों को……

सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
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