जोश भरनेवाली देशभक्ति कविता
नया भारत तैयार है
(कविता)
होश में आ जाओ दुश्मनों अब, नया भारत तैयार है,
मार देखो राफेल की, यह ढूंढ़ रहा कैसे शिकार है?
तुम्हें निपटाने में अब्बल हैं, प्रिय वायु वीर हमारे सारे,
जान से ज्यादा इस नए भारत को, आन से प्यार है।
तिरंगा न कभी झुका और न कभी झुकेगा,
दुनिया में,
अपना देश है, अपनी भूमि है, और अपना अधिकार है।
होश में आ जाओ दुश्मनों…………..
पुल भी बनेंगे और सड़कें भी बनेंगी, इस लद्दाख में,
प्यारा है लाद्दाख हमारा, इस पर तो जान निसार है।
बेकार नहीं है कोई पत्थर, यहां की सुंदर वादियों के,
बिना कोई गुल खिले ही , मौसम पूरा यहां गुलज़ार है।
अक्साई चीन में, आशा का नया दीप अब जल रहा है,
उसे भी अपनी गोद में , तिरंगा का बहुत इंतजार है।
होश में आ जाओ दुश्मनों……………
अब चोरी और सीनाजोरी के दिन लद गए, सीमाओं पर
शत्रुओं के इलाज को, राफेल बहुत ज्यादा बेकरार है।
चीन होशियार नहीं, लालची और धोखेबाज देश बन गया,
लेकिन वह अब भारत का, बना सबसे बड़ा गुनहगार है।
चप्पे चप्पे पर नजर, सजग भारत का हर पहरेदार है,
शत्रुओं को कुचलने में, सेना हिन्दुस्तान की शानदार है।
होश में आ जाओ दुश्मनों………….
जाग रहा है नया भारत, भाग रहे है शत्रु सारे यहां वहां,
अब शत्रुओं की खैर नहीं कोई, होना उन्हें शिकार है।
इंतजार में दुश्मनों के, मौत का नया नवेला उपहार है,
कोई नजर उठाकर देखे, खुला नरक का हर द्वार है।
दोनों बड़े शत्रु भारत के, एक दूजे का यार नया लगता,
एक ज्यादा नासमझ लगता, दूसरा तो और भी बेकार है।
होश में आ जाओ दुश्मनों……………
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
जोश भरनेवाली देशभक्ति कविता चीन और पाकिस्तान को चुनौती
चीन को चुनौती
(जोश भरनेवाली देशभक्ति गद्य काव्य)
है हिम्मत तो आगे बढ़कर दिखाओ, अब चीनी धोखेबाजों,
गलवान से भी आगे तक, हमारे तिरंगा का
हिंदुस्तान है।
ऐ जिनपिंग के चमचों, सुन लो अच्छे से कान खोलकर,
यह गलवान का इलाका सारा, तुम चीनियों का कब्रिस्तान है।
ऐ धोखेबाज चीन, भूल जा अब पूरे गलवान के इलाके को,
तेरे लिए यही गलवान की घाटी अब, मौत का सामान है।
है हिम्मत तो आगे बढ़कर...
न गलवान घाटी तेरी, न वहां की माटी ही तेरी है सुन लो,
निकाल लो अपने दिमाग से, जिस भूभाग पर तेरा ध्यान है।
पूरी गलवान नदी भी हमारी है, और पेंगोंग झील भी हमारा है,
चप्पे चप्पे पर नजर हमारी, कदम कदम पर निगेहबान है।
है हिम्मत तो आगे बढ़कर...
जोश भर देने वाली देश भक्ति शायरी चीन के खिलाफ
सन् १९६२ की चालाकी तेरी, अब काम नहीं आएगी तुमको,
आज का भारत, नया भारत, चौबीस घंटे रहता सावधान है।तेरी हर हरकत पर है निगाह हमारी, गलती मत करना कोई,
नजर उठाने से पहले सोच लेना, इंतज़ार में तेरे कब्रिस्तान है।
है हिम्मत तो आगे बढ़कर...
१५ जून २०२० की तेरी धोखेबाजी माफी के लायक नहीं है,
तेरा हर सिपाही मच्छर है, भारत का हर जवान पहलवान है।
हमारी बीस शहादत की कीमत, तुझे लाखों में चुकानी होगी,
अभी तो तुमने ट्रेलर देखा, इसी से निकल रही तेरी जान है।
है हिम्मत तो आगे बढ़कर…
सारी दुनिया तुम पर थूक रही, तू तो इसके भी लायक नहीं है,
तेरा इतिहास भी बेईमान है, तेरी कौम भी बड़ी बेईमान है।
तेरा बेईमान जिनपिंग अंदर से कुछ, बाहर से कुछ और है,
धोखेबाजी तेरे खून में है, इसे जानता अब सारा जहान है।
है हिम्मत तो आगे बढ़कर…
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
देशभक्ति कविता चीन और पाकिस्तान के खिलाफ
वीरतापूर्ण देशभक्ति शायरी चाइना और पाकिस्तान पर
चतुर चीन को झुकाएंगे
(कविता)
हम जवान हैं हिंदुस्तान के, न रुकेंगे न झुकेंगे,
जो भी होगा आर पार होगा, चतुर चीन को झुकाएंगे।
हम भारत के लाल, समझ रहे चीन की हर नयी चाल,
नया भारत क्या चीज है, उसी की भाषा में समझाएंगे।
हम जवान हैं हिंदुस्तान के…
एक का बदला सौ से लेंगे, दुश्मनों को हर मोर्चे पे हराएंगे,
वह दिन अब दूर नहीं है, पूरे लद्दाख में तिरंगा फराएंगे।
१५ जून २०२० की रात और बात दोनों जिंदा रहेंगी सीने में,
हाथ हमारे आजाद अब, गोलियों के बदले गोले बरसाएंगे।
हम जवान हैं हिंदुस्तान के…
लिए बीस के बदले पचास से ज्यादा, पर दिल मांगे मोर,
अगर जरूरत पड़ी जान की, तो चौड़े सीने पे गोली खाएंगे।
छोड़ेंगे नहीं किसी कीमत पर, किसी भी चीनी शत्रु को,
रात के नजारों के साथ, जिनपिंग को दिन में तारे दिखलाएंगे।
हम जवान हैं हिंदुस्तान के…
बहुत हुई बातें चीन से, धोखेबाज ने हर बार समझौता तोड़ा,
इस बार चीन चाहे कुछ भी कर ले, जरूर सबक सिखाएंगे।
अबकी भारत ने ठान लिया, हर हाल में चीन को निपटाना है,
लेकर रहेंगे पूरा लद्दाख चीन से, अच्छे से मजा चखाएंगे।
हम जवान हैं हिंदुस्तान के…
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
जान से प्यारी स्वतंत्रता हमारी: स्वतंत्रता दिवस पर कविता शायरी Poem On Independence Day In Hindi
गाना : जान से प्यारी स्वतंत्रता हमारी
“स्वतंत्रता दिवस नए अंदाज में आ रहा है
हवा में राष्ट्रप्रेम का जैसे नशा छा रहा है”
गाना
जान से प्यारी है स्वतंत्रता हमारी,
हवा से यह हल्की, पर्वत से भारी है।
दुश्मन नहीं आंख उठा सकता अब,
इसकी सुरक्षा की है, हर तैयारी है।
जान से प्यारी……
कहीं पर सजग पुरुष की तैनाती,
कहीं पर सावधान देश की नारी है।
दिलाई है बापू ने हमें स्वतंत्रता,
हिफाज़त अब हमारी जवाबदारी है।
जान से प्यारी……
रथ पथ पर आगे आगे दौर रहा,
हमारे पीछे पीछे दुनिया सारी है।
नई है अभी गलवान की घटना,
हमने वहां पे खेली कैसी पारी है?
जान से प्यारी….
भगत, शुकदेव, राजगुरु हैं याद हमें,
दिल में जिंदा आजाद की चिंगारी है।
कुछ भी कर सकते हैं इसके लिए,
हमारी स्वतंत्रता से ऐसी यारी है।
जान से प्यारी……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
जय जय भारत देश: देशभक्ति गीत | दिल को छू जाने वाली देशभक्ति शायरी
जय जय भारत देश
(देशभक्ति गीत)
जय जय भारत देश, जय जय भारत देश,
जा रहा जग में, सत्य अहिंसा का संदेश।
शांति के पुजारी हैं शुरू से हम भारतवासी,
किसी के लिए हृदय में, ईर्ष्या न कलेश।
जय जय भारत देश..…
विश्व गुरु रहा है भारत, है हमें अभिमान,
सबसे अलग जग में, रही अपनी पहचान।
बड़ी बड़ी गुलामी झेली है भारत माता ने,
अब भी जीवित है, सम्मान का अवशेष।
जय जय भारत देश……
कोरोना के टीका ने फिर बजा दिया डंका,
हमारी कुशलता पर किसी को नहीं शंका।
भारत ने सदा सभी को अपना समझा है,
कभी नहीं पहुंचाता भारत, किसी को ठेस।
जय जय भारत देश……
बड़ी बड़ी कुर्बानी देकर, गोरों को भगाया,
कड़ी मेहनत से अपने चमन को सजाया।
जियो और जीने दो का नारा है देश का,
इसी से किया, इक्कीसवीं सदी में प्रवेश।
जय जय भारत देश……
अगर सर कटता है तो, सहर्ष कटने देंगे,
किसी कीमत पर, तिरंगा नहीं झुकने देंगे।
महासागर चरण पखारता, भारत माता का,
चांदी जैसा तन है और सोने जैसे हैं केश।
जय जय भारत देश……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
देश भक्ति शायरी चीन के खिलाफ | जोश भर देने वाली देशभक्ति शायरी
बलिदानों से लाल धरा
चीन के साजिश को देखकर बेहद आक्रोशित मन से एक कविता
बलिदानों से लाल धरा, युग युग से वैभवशाली है।
रण में बन जाते नरसिंह, माँ मेरी दुर्गा काली है।
ऐ चीन कान खोलकर सुन, तुझको औकात बता देंगे।
अब और न युद्ध की बात करो, मिट्टी में तुझे मिला देंगे।
अग्नि, पृथ्वी, ब्रह्मोस संग, आकाश गगन में गूंजेगा।
छल छद्म चलेगा एक नहीं, अंबर से अग्नि फूटेगा।
है शस्त्र अधिक माना हमसे, ये शौर्य कहाँ से लाओगे।
हम कुरुक्षेत्र लड़ने वाले, ये कोप नहीं सह पाओगे।
हर सैनिक भारत माता का, शेर जिगर फौलादी है।
कोई है महाराणा प्रताप, तो कोई वीर शिवाजी है।
गर माँ का दूध पिया है तो, फिर रणभूमि में आ जाओ।
ये गीदर भभकी बंद करो, और न हमको उकसाओ।
रावण के लंका के जैसी, ऐ दुष्ट आग लगा देंगे।
हम राम कृष्ण के वंशज हैं सारा ब्रह्मांड हिला देंगे।
अरमान तुम्हारा ऐ ड्रेगन अब पूरा न हो पाएगा।
हम शिव तांडव करने वाले महाप्रलय आ जाएगा।
आतुर हैं फिर रणचंडी, अब लहू शत्रु का पीने को।
खन खंभ ठोक अड़े हैं हम अरि मुंड धरा पर बोने को।
महा समर में जिस धरती पर गीता गाये जाते हैं।
मातृभूमि की बलिवेदी में शीष चढाए जाते हैं।
बेटा जब रण में चलता है माँ रोली चंदन करती है।
कांधे पर ले अपना सुहाग तरुणी वंदन करती है।
माँ कहती अपने बेटे से तुम दुध का कर्ज चूका देना।
मैं तेरी छोटी माँ हूँ भारत माँ की लाज बचा लेना।
ओढ़ वर्फ की चादर को इतिहास नया गढृ जाता है।
याद करो अब्दुल हमीद साक्षात काल बन जाता है।
यह सत्य सनातन माटी है केशरिया ताना बाना है।
छठी का दुध पीला देंगे हमने भी यह प्रण ठाना है।
मातृभूमि की रक्षा में हँस हँस यह शीष कटाऐंगे।
एक बार की बात हीं क्या सौ जनम कर्ज चुकाऐंगे।
उदय शंकर चौधरी नादान
कोलहंटा पटोरी दरभंगा बिहार
अखिल विश्व युवा सशक्तिकरण मंच राष्ट्रीय महासचिव
7738559421
दिल को छू जाने वाली देशभक्ति शायरी हिंदी
वतन शायरी- Vatan Per Shayari
15 August 2021 के लिए देश गीत
फिर देश को सरसब्ज़ बना क्यों नही देते
तुम इस को लहू मेरा पिला क्यों नही देते
तुम इस तरह नफरत को मिटा केयों नही दते
"एक पेड़ मोहब्बत का लगा क्यों नहीं देते"
ये अपना वतन अपना वतन अपना वतन है
जाँ इस के लिए अपनी लूटा क्यों नही देते
शक जिनको हो भारत के हसीं होने पे उन को
तुम वादिए कश्मीर दिखा क्यों नही देते
जो आँख दिखाता है मेरे प्यारे वतन को
उस शख्स की हस्ती को मिटा क्यों नही देते
हैं बर्क़ व शरर देश में मौजूद हमारे
दुश्मन को ये आईना दिखा कियो नही देते
जिस शहर में ये लाल किला ताज महल है
उस शहर की गलियों में घुमा क्यों नही देते
भारत के महाराजा का अजमेर है मसकन
ये बात ज़माने को बता क्यों नहीं दते
मिलजुल के सभी साथ रहें देश में "ज़ाहिद"
ये नगमा मोहब्बत का सुना क्यों नही देते
मोहम्मद ज़ाहिद रज़ा बनारसी
9451439786
जोश भर देने वाली देशभक्ति शायरी Josh Bhar Dene Wali Desh Bhakti Shayari
मित्रों, राष्ट्रप्रेम की कुछ पंक्तियाँ....
जय हिंद जय भारत
1
आओ भूली बिसरी कुछ यादों को दुहराते है।
राष्ट्र प्रेम के बलिदानियों का इतिहास सुनाते है।।
जो मातु पिता पत्नी बच्चे सबको पीछे छोड़ दिये
अपने जीवन के मुख्य लक्ष्य को देश-प्रेम से जोड़ दिये।।
जिस मातृभूमि पर जन्म लिया अन्न जहां का खाया है
जिस जन्मभूमि में रह करके नीर समीर अघाया है
उसको सब कुछ अर्पण करना इतना ही पढ़ पाया है
राष्ट्र काज हित कितनों ने अपना प्राण गवाया है
तन छूने वाली इस मिट्टी को हम चंदन बतलाते हैं
आओ भूली बिसरी कुछ यादों को दुहराते हैं...।।
2
आततायी चले गए पर उनके बंदों से बचना होगा
आतंकी पुलाव पकाने वाले बहुरंगों से बचना होगा
वो जाल बिछाए बैठे हैं उनके फंदों से बचना होगा
गंदी नाली के कीड़े हैं उन गंदो से बचना होगा
घाती बैठे हैं राष्ट्रघात में देखो जानो पहचानों
दुश्मन से दोस्ती करने वाले जयचंदों से बचना होगा
ऐ कलम मौन क्यो होती हो तुमको आग उगलना होगा
कलम सिपाहियों हम सब को नवक्रान्ति लिखना होगा
हम दिनकर के वंशज हैं दिनकर बनकर तपना होगा
देशद्रोहियों को अग्नि ज्वाल में एक एककर जलना होगा
कोहराम मचा दो खलकुल में जिंदा एक न बचने पायें
बचे हुए को वंदेमातरम का ऊंचा उदघोष करना होगा..
ऐसे वीर शहीदों की हम गाथा अमर सुनाते हैं
राष्ट्रप्रेम के बलिदानियों का इतिहास सुनाते हैं...।।
3
राष्ट्र प्रेम पर लिखना होगा भारत की ललकार लिखूंगा,
पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण तक सारा विस्तार लिखूंगा।
अपने देश-प्रेम में अपना मैं सारा अरमान लिखूंगा।
तन लिखूँगा मन लिखूँगा अपना सारा धन लिखूंगा
मातु भारती के चरणों मेंअर्पित यह जीवन लिखूँगा
लाल हूँ प्यारा सबसे न्यारा अपनी भारत माता का
रक्षा खातिर अपने सर पर बधा हुआ कफ़न लिखूंगा
जलियावाला बाग का भीषण नरसंहार लिखूंगा
अंग्रेजी हूकूमत का सारा अत्याचार लिखूंगा
भारत माँ की अस्मिता का जयगान लिखूंगा
फांसी वाले वीर शहीदों का गुणगान लिखूंगा।।
करके नमन शहीदों को हम पुन्य लाभ बहु पाते हैं।
राष्ट्रप्रेम के बलिदानियोंका इतिहास सुनाते हैं....।।
4
अहिल्याबाई दुर्गावती को दुर्गा का अवतार लिखूंगा
पति पुत्र को रन में भेजे वो क्षत्राणी संस्कार लिखूंगा
राणा सांगा आग लिखूंगा पन्नाधाय का त्याग लिखूँगा।
रानी पद्मावती के जौहर की गाथा आज लिखूंगा।।
हसते हँसते लड़ते लड़तेजिन वीरों ने प्राण गवाये।
उन विधवा बहनो का मुस्काता अमर सुहाग लिखूंगा।।
घास की रोटी खाकर राणा ने फिर से सैन्य सजाया।
मुट्ठीभर सेना संग प्रताप ने रण कौशल दिखलाया।।
राणा के हरपल का साथी चेतक का योगदान लिखूंगा।
स्वर्ग से सुंदर भारत भू की मिट्टी का तिलक लगाते हैं
राष्ट्रप्रेम के बलिदानियों का इतिहास सुनाते हैं.....।।
5
लाल लिखूंगा बाल लिखूंगा पाल का भी हाल लिखूंगा
अब्दुल वीर हमीद जी का रण कौशल कमाल लिखूंगा
तात्या टोपे वीर सावरकरखुदीराम की अमर कहानी
मंगल पांडे उधमसिंह कीजज्बातों का ज्वाल लिखूँगा
सुखदेव भगतसिंह राजगुरु के दिलों का अरमान लिखूंगा
नेताजी सुभाष बोस का दिल्ली चलो फरमान लिखूंगा
कम्पनी बाग इलाहाबाद में गोरों ने की गोली बौछार
गोली एक बची गन में तब खुद हीं अपने सिर में मार
उस क्रांतिवीर को बार बार करता हूँ मैं नमस्कार
दुश्मन की गोली से जिसको था मरना मानो धिक्कार।।
उस चंद्रशेखर आज़ाद का स्वाभिमान लिखूंगा।।
पृथ्वीराज चौहान जिन्होंने सत्रह बार हराया।
कृतघ्न मुहम्मद गोरी को हर बार क्षमा दे आया।।
राजपूत चौहान का जग जाहिर क्षमादान लिखूंगा।
वंदेमातरम से अभिसिंचित प्यारा हिंदुस्तान लिखूंगा।।
कलम और वानीके जरिये सबको शीश झुकाते हैं।
आओ भूली बिसरी कुछ यादों को दुहराते हैं........।
राष्ट्र प्रेम के बलिदानियों का इतिहास सुनाते हैं.....।।
#एडवो_अनिल_शर्मा
मुंबई
9773888000
पाक तेरी कट गई नाक— पाकिस्तान के खिलाफ देशभक्ति शायरी
पाक तेरी कट गई नाक
पाक तेरी कट गई नाक।
मिट चूका विश्व में तेरा धाक।।
पाक तेरी कट गई नाक।
तुमने बहुत आतंक मचाया।
दुनिया में था दहशत फैलाया।।
देश विदेश में कोहराम मचाया।
विश्व में था बहुत धौंस जमाया।।
सदा रहा तेरा इरादा नापाक।
पाक तेरी कट गई अब नाक।।
आतंकियों से तुम डरते हो,
आतंकियों हेतु तुम मरते हो।
तू भी कहीं फाँसी न चढ़ जाओ,
डरकर इशारे पर नृत्य करते हो।।
हुआ हश्र वही जो पाता है काक।
पाक तेरी अब कट गई नाक।।
आतंकियों के तलवे चाट रहे हो,
नफरत सबको तुम बाँट रहे हो।
सफाई अपनी तुम छाँट रहे हो,
जैसे निज को ही तुम डाँट रहे हो।।
खाक छानते छानते हुआ तू भी खाक।
पाक तेरी कट गई अब नाक।।
अरुण दिव्यांश, 9504503560
पाकिस्तान हो या चाइना चीन विरोधी देशभक्ति कविता
मिटा कर रख देंगे चीन तुम्हें
हम भारत के वीर जवान
देश पर अपने मिटते हैं
देश की खातिर जीते हैं
देश की खातिर मरते हैं
देश धर्म से ऊपर हम
किसी को नही समझते हैं
देश ही मेरा राम हैं
देश ही घनश्याम हैं
देश पे जिसने नजर डाली
उसका तो काम तमाम है
Poem Against China and Pakistan Hindi
पाकिस्तान हो या चाइना
चींटी सा ही समझते हैं
दुबक कर रहना अपने घर मे
चाइना तुम्हैं समझाते हैं
हम हिंद के शेर हैं शेर
तुम्हैं गीदड़ ही समझते हैं
तेरी गीदड़ भभकी से
हम नही पीछे हटते हैं
हम भारत के वीर जवान
कफन बाँध के सर पे रहते हैं
कल्पना "स्वप्निल" का हैं कहना
तुम होश मे बौनों रह लेना
भारत भू पर गलती से भी
नजर ना तुम डाल देना
चीन तुम्हैं हम मिटा देंगे
इस बात को जरा समझ लेना
निर्दोष लक्ष्य जैन
खबरदार चाईना सुन चाईना हमारी बात चीन के खिलाफ देशभक्ति कविता
सुन चाईना हमारी बात
जरा ध्यान से सुनलेना
हम भारत के वीर जवान
जरा तुम समझ लेना
अब जागा हिंदुस्तान
पंगा मत ले लेना
भारत के वीर जवान
हर पल देश पर है कुर्बान
मारने मिटने को तईयार
हम है सुभाष की ललकार
शिवाजी की हम तलवार
हर पल देश पर है कुर्बान
तुम ये समझ लेना
एक इंच भूमि पर भी
नजर ना डाल देना
सीमा मे मारेंगे घुस कर
ये बात समझ लेना
नही डरते हम किसी से
अणु परमाणु बमों से
नही डरते हम किसी
हवाई बेड़े से
हर तरह से सक्षम है
तेरी हस्ती मिटा देगें
हम शेर है शेर बिल्ली
तुझे कच्चा चबा लेंगे
सीमा रेखा के बाहर
तेरी दाल ना गलने देगें
हम चाईना तेरा
बहिष्कार कर देगें
तुझे बर्बाद कर देगें
हम हिंद के सिपाही
मरने से नही डरते
घर मे घुस कर मारेगे
ये बात समझ लेना
" लक्ष्य" शाने तिरंगा हे
हमारी जान तिरंगा हे
हम जान तो दे देगें
पर तिरंगा ना झुकने देगें
निर्दोष लक्ष्य जैन
धनबाद
सुन ले शहंशाह ए चाईना गर्दा गर्दा उड़ा देंगे तेरा चीन पर शायरी
सुन ले शहंशाह ए चाईनाबात को हमारी सुन लेना
हम शांति अमन चैन के राही
इस बात को जरा समझ लेना
हम हिन्दुस्तानी शेर हैं
इस को भी ध्यान मे रख लेना
हम क्या कह रहें जिनपिंग
जरा ध्यान से तुम सुन लेना
तुम हमारे इस अमन चैन को
कमजोरी ना समझ लेना
एक इंच भू पर भी नजर डाली तो
गर्दा गर्दा उड़ा देंगे तेरा
क्या होगा ये सोच लेना
हम नही किसी से डरते हैं
ना ही किसी से झुकते हैं
सुन बौने बिल्ली आँख वाले
56 इंच का कलेजा रखते हैं
हम देश की रक्षा के लिये
कफन जेब मे लिये फिरते हैं
मिटा देंगे तेरी हस्ती को
मिटा देगे तेरी बस्ती को
नही डरते अणु परमाणु से
नही डरते मिसाइल बेड़ो से
हम अंगारों पर चलते हैं
हम मौत से खेलते रहते हैं
सुन ले शहंशाह ए चाईना
हम शेर का जिगर रखते हैं
दुनियाँ हमे जानती है
हम अमन चैन के राही हैं
हम अपनी पर आ जाए
तो कुछ भी हम कर सकते हैं
तेरी तो औकात क्या
दुनियाँ भी बदल सकते हैं
" लक्ष्य" अपना अमन चैन है
इस बात को तुम समझ लेना
हम गीदड़ से ज्यादा
तूझको नही समझते हैं
निर्दोष लक्ष्य जैन
धनबाद
6201698096
जोश भर देने वाली देशभक्ति शायरी - मरना है तो मरो वतन के वास्ते
मरना है तो मरो वतन के वास्ते
क्यों मर रहे हो तुम धन के वास्ते,
मरना है तो मरो, वतन के वास्ते।
क्यों मर रहे हो तुम कुर्सी के वास्ते
मरना हो तो मरो, वतन के वास्ते॥
करना है तो करो वतन के वास्ते,
क्यों लड़ रहे हो तुम, धन के वास्ते।
दो गज कपड़ा काफी कफन के वास्ते
मरना है तो मरो वतन के वास्ते ॥
अहिंसा का देश है, ऋषियों का देश है,
महावीर ओर गौतम का संदेश है।
कृष्ण करहा रहे आज राधा सिसक रही,
क्या फिर भी आज तुमको शर्म ना आ रही।
बहती थी नदियाँ दूध की जग में विख्यात है।
आज तरस रहे है बच्चे, दूध के वास्ते।
करना है तो करो कुछ वतन के वास्ते
क्यों मर रहे हो तुम धन के वास्ते
दो गज कपड़ा ही काफी है कफन के वास्ते॥
स्वरचित
निर्दोष लक्ष्य जैन धनबाद
6201698096
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