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चैत्र नवरात्रि भजन लिरिक्स Chaitra Navratri Devi Geet Songs

चैत्र नवरात्रि भजन लिरिक्स Chaitra Navratri Devi Geet Songs 

नवरात्रि सह नववर्ष हुआ आरंभ,
नवदेवियों की यह शुभ नवरात्रि। 
वीरता विश्वास तमोगुण औ धन,
रजोगुण ज्ञान सत्व की अधिष्ठात्रि।।
शुभ नववर्ष के शुभ नवरात्रि में,
नौ दिन नौ देवियों की होती वास।
तन मन विधिवत पूजा पाठ होते,
पवित्रता ले हर जन करते उपवास।।
नवरात्रि के इस प्रथम दिवस को,
महादुर्गा के होते हैं ये तीन रूप।
प्रथम दिवस यह हिमालय पुत्री,
शैलपुत्री का होता है यह स्वरूप।।
पूर्व जन्म में जन्मी थीं यह माता,
इनके पिता हुए थे राजा प्रजापति।
नाम दा प्रचलित तब सती इनकी,
भगवान शंकर हुए थे इनके पति।।
माता पार्वती और माता हेमवती,
दोनों ही थे इन माता के ही नाम।
हेमवती के ही रूप में जिसने,
देवगर्व भंजन का की थीं काम।।
शैलपुत्री के बहुत विशाल महत्व,
और शक्तियाँ हैं असीम अनंत।
बैल है होता सुदर सवारी जिनकी,
इन माता का नहीं है कोई भी अंत।।
माता शैलपुत्री के नमन के संग साहित्य काव्य से जुड़े समस्त माताओं बहनों और बंधुओं को भी सपरिवार हृदयतल से नमन तथा शुभ नववर्ष सह नवरात्रि के प्रथम दिवस की हृदयतल से ढेर सारी शुभकामनाएँ।
अरुण दिव्यांश 9504503560
माता शैलपुत्री की जय।

चैत्र नवरात्रि प्रथम दिवस पर भजन

चैत्र नवरात्रि प्रथम दिवस पर भजन नववर्ष चैती, गुड़ी पड़वा

नवरात्रि प्रथम दिवस:
(छंद:हरिगीतिका)

नववर्ष चैती,गुड़ी पड़वा,
धन्य-धन कर जाइये।।
है आज शुभ आगमन मां का,
हृदय हैं सबके खिले।
कर जोड़,शुचि मनवृत्ति लेकर,
द्वार माता के मिले।।
हे शैल पुत्री,वृषभ वाहिनि,
शंभु सहित पधारिये।
नवरात्रि मंगल प्रथम दिवसी,
सज्ज आसन धारिये।।
तव भुवन भारत,जगत आरत,
मां तरस कुछ खाइये।
हम आज आवाहन करें तव,
मां,कृपा बरसाइये।।
है कामना,आशीष की अब,
गागरी भर जाइये।
नववर्ष चैती,गुड़ी पड़वा,
धन्य-धन कर जाइये।।
स्वरचित/मौलिक/सर्वाधिकार सुरक्षित
विनयवत् रचनाकार:-
संतोष श्रीवास्तव विद्यार्थी
मकरोंनिंयां,सागर,म.प्र.
9425474534
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