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नवरात्रि के भजन, नवरात्रि आरती, दुर्गा माता आरती, दुर्गा भजन

भक्ति गीत : जय मां अम्बे

“या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः”

जय मां अम्बे, जय जय जगदम्बे,
मैया तेरी महिमा अगम अपार है।
सारे संसार की तुम ही हो जननी,
माता भवानी, तू शेर पर सवार है।
जय मां अम्बे……….

फूल तोड़कर लोग चढ़ाते हैं तुमको,
श्रद्धा अपनी दिखलाते हैं तुमको।
सारी शक्ति तेरे अंदर है महादेवी,
सबसे सुंदर माता, तेरा दरबार है।
जय मां अम्बे……….

हर रूप में तुम लगती हो भोली,
असुर डरते हैं सुनकर तेरी बोली।
लाल लिवास में तुम हो महारानी,
तेरे हाथों में चमकती तलवार है।
जय मां अम्बे…………

नौ रूपों में तुम देती मैया दर्शन,
मेरा यह जीवन तुमको है अर्पण।
मृत्यु को भी तुम जीवन कर देती,
एक से बढ़कर एक चमत्कार है।
जय मां अम्बे……….
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना, स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

आश्विन माह के नवरात्रि का शुभारंभ : नवरात्रि भजन आरती एवं भक्ति गीत

आज आश्विन माह के नवरात्रि का शुभारंभ दिवस नहा खा के उपलक्ष्य में भगवान सूर्यदेव के संग आप समस्त माताओं, बहनों एवं बंधुओं को भी सहृदय सादर सहर्ष नमन है।

प्रथम नमन है सूर्यदेव को,
लेकर आए नवरात्रि संदेश।

देवियों के कर लो साधना,
मिटेंगे जीवन के सारे क्लेश।।

नहा खा मन पावन कर लो,
माता को दिल में बैठाओ।

माँ का हो साधना उपासना,
माताभक्ति कृपा सदा पाओ।।

आश्विन का आया है महिना,
आश विन है बेहिचक आश।

नवरात्रि नौ देवियों की रात्रि,
जिनकी महिमा पूर्ण प्रकाश।।

हर रात्रि होती यह नव रात्रि,
नवरात्रि में नौ रात्रि नव रात्रि।

माँ आदिशक्ति नौ रूपों की,
स्वयं ही होती हैं अधिष्ठात्री।।

माँ की नौ रूपों की नवरात्रि,
नित्य नव रात्रि होती नवरात।

हर दुःख पीड़ा विघ्न बाधाएँ,
दूर होते जो होते लगाए घात।।

प्रथम दिवस पार्वती हेमावती,
सती शैलपुत्री हिमालय सुता।

मनोकामना करती शीघ्र पूरी,
देकर तन मन नवरूप बूता।।

द्वितीय दिवस ब्रह्मचारिणी,
तृतीय दिवस माँ चन्द्रघण्टा।

चतुर्थ दिवस माँ कुष्माण्डा,
पूजन करे सब सज्जन संता।।

पंचम दिवस हैं स्कन्द माता,
षष्ठम में होतीं माँ कात्यायनी।

सप्तम माँ कलरात्रि शुभंकरी,
हर रूप विराजित नारायणी।।

अष्टम रूप है माता गौरी का,
नवम माँ सिद्धिदात्री विराजें।

माँ आदिशक्ति ही दुर्गा भवानी,
हर भक्त मन को पावन साजें।।

हर देवी माँ को सादर नमन है,
भक्तों की हो मनोकामना पूरी।

भक्त करें पूजा निश्छल मन से,
किसी की इच्छा न रहे अधूरी।।

पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )
बिहार।

दुर्गा जी के भजन Navratri Bhajan Lyrics | Navratri Aarti Hindi

शुक्रवार मातृ वंदन

नवरात्रि के भजन Navratri Bhajan : जय माँ अम्बे जय माँ भवानी

जय माँ अम्बे जय माँ भवानी।
जय माँ दुर्गे जय माँ महारानी।।

महिमा अमिट न जात बखानी।
तुझे नमन है हे माँ गुणखानी।।

तेरी महिमा गाए गुणी सब ज्ञानी।
मुझे भी ज्ञान दो मैं निपट अज्ञानी।।

जय जय जय माँ दुष्ट संहारिणी।
मुझे भी तार दे माँ जगतारिणी।।

शक्ति और स्वास्थ्य दे रोगहारिणी।
रोग और दुर्गुण हर रोगविनाशिनी।।

सबका करो कल्याण माँ कल्याणी।
निर्मल सुमधुर कर दे माँ मम वाणी।।

तुम्हीं शक्ति अमीरी गरीबी और ज्ञान।
मुझे भी माँ शक्ति दे दे बनूँ जगत महान।।

दुःख पीड़ा संशय बाधा माँ हर ले।
निर्मल पवित्र शक्ति मुझे माँ भर दे।।

जग में तेरा माँ मैं भी सुत कहलाऊँ।
साहित्य जगत में मैं भी अमर हो जाऊँ।।

कर दे कृपा मुझपर जय मातु भवानी।
भर दे शक्ति माँ सर्वरूपी तू दानी।।

अरुण दिव्यांश 9504503560

दुर्गा माता आरती Maa Durga Aarti जय जय आदिशक्ति माता

आदिशक्ति वंदन
जय जय आदिशक्ति माता,
आप सृष्टि के मूल विधाता।

आपको मेरा है नमन वंदन,
आपके आगे शीश झुकाता।।

आप ही गौरी जानकी राधा,
जीवन के मिटाओ संशय बाधा।

रोग दुःख पीड़ा अब भी हरो माँ,
जीवन मार्ग में बहुत हैं व्याधा।।

हर नारी रूप में आप ही आप हो,
आप ही सुख हो और संताप हो।

नारी जगत में फैला व्यभिचार क्यूँ,
जब आप वरदायिनी और अभिशाप हो।।

जय जय माँ आदिशक्ति माता,
मुझको माँ कुछ भी नहीं आता।

करो कृपा हे जगमातु भवानी,
नमन कर मैं आपको माँ ध्याता।।

अरुण दिव्यांश 9504503560

भजन Bhajan : जय माँ चण्डी जय माँ ज्वाला

मातृ वंदन
जय माँ चण्डी जय माँ ज्वाला।
तम के मेटा मन में दीं उजाला।।

विनाश हो जे मन में अहम पाला।
बंद कारागार के खोल दीं ताला।।

श्वेत करीं जेकर मन होखे काला।
बार बार नमन माँ चण्डी ज्वाला।।

अरुण दिव्यांश 9504503560

शुभ नवरात्रि आरती भजन Navratri Aarti Bhajan in Hindi : मात भवानी जग कल्याणी

मात भवानी जग कल्याणी,
हम सब करते हैं, अगवानी।

दया करो भक्तों पर जननी,
हम करें आरती हे वरदानी।।

मां तू ही अम्बे, तू ही जगदंबे,
सबकी नैया तू पार लगाती है,

आते हैं जो तेरे दर पर खाली,
भक्तों की तू झोली भरती है।।

अंधियारे इस उपवन में माता,
मात्र बस तेरा एक सहारा है।

ज्योति जले घर-घर में तेरी,
यही बस अमर उजियारा है।।

नवदुर्गा रूप में मां का वैभव,
कितना मनभावन लगता है।

पार लगा दे हे मैया भक्तों की,
दुखियारा आस लगाकर आता हैं।।
अरुण दिव्यांश, पटना

जय माँ अम्बे जय जगदम्बे नवरात्रि भजन | नवरात्रि आरती

माँ वंदन
जय माँ अम्बे जय जगदम्बे,
सुनीं माँ अब हमर पुकार।

करीं स्वीकार माँ चरण वंदन,
ज्ञान बुद्धि रउआ दीहीं अपार।।

विनम्रता होखे मन में हमरा,
सबके विनम्र कर पाईं।

जन जन के शीतल करके,
खुद भी हम शीतल हो जाईं।।

माँ सबके कल्याण करीं।
अरुण दिव्यांश

नवरात्रि भजन Navratri Bhajan : आया नवरात्रि त्योहार

आया खुशियों का त्योहार
खुश है सारे नर नार
लेकर खुशियाँ अपरंपार
आया नवरात्रि त्योहार

होकर शेर पर सवार
माता आई हमारे द्वार
खुशियाँ मनाओ मेरे यार
करने पापों का संघार

ये है दिन बड़े शुभ कार
करेंगी सबका उपकार
करो मिलकर जय जय कार
माता करेंगी बेड़ा पार

बोलो जय माता दी यार
सबका करने आई उद्धार
आया खुशियों का त्योहार
मेरी माता भोली भाली

भर दें सबकी खाली झोली
करने भारत में खुश हाली
माता नौ रूपों में आई
यह है नौ दिवसीय त्योहार

नाचो गाओ मेरे यार
आया खुशियों का त्योहार
माता का सजा हुवा दरबार
पूजा अर्चन करलो यार

नाचो झूमो सब मिल आज
आया नवरात्रि त्योहार
सब मिल करो जय जय कार
लक्ष्य 'अब होगा बेड़ा पार
आया नवरत्रि त्योहार
निर्दोष लक्ष्य जैन

Navratri Photo नवरात्रि फोटो Maa Durga Image

Navratri Photo नवरात्रि फोटो Maa Durga Image

दुर्गा पूजा भजन आरती Durga Puja Aarti Bhajan : महा माई दरबार चली आना

ए मेरी महा माई दरबार चली आना,
देने अपने भक्तों को देने दीदार चली आना,
ए मेरी महा माई दरबार चली आना।।
आए हैं तेरे दर पे जो बन के सवाली हैं,
भरती सबकी झोली माँ लौटाती न खाली है,
मैं तो तेरे चरणों की हूँ एक पुजारन माँ,

ए मेरी महा माई दरबार चली आना,
देने अपने भक्तों को दीदार चली आना।
तेरे द्वार पे आए माँ कर जोड़ खड़े हैं यूँ,
आशाओं के दीपक को आँचल में संजोए हैं,
अब करने भक्तों पर उपकार चली आना,
ए मेरी महा माई दरबार चली आना,
देने अपने भक्तों को दीदार चली आना।।
विभा राज "वैभवी"

दुर्गा पूजा भजन आरती | दुर्गा पूजा आरती हिंदी में लिखी हुई नवरात्रि भजन

आ जाओ फिर एकबार
मैया कर रहा हूँ विनती बार बार,
धरा पर आ जाओ फिर एकबार,
चहूँओर यहाँ अत्याचार हो रहा,
मानवता कर रही चित्कार।
धरा पर आ जाओ...।
कोरोना वायरस ने यहाँ आतंक फैलाया,
जन जन को बहुत रुलाया,
मैया हमसब कर रहे तेरी करूण पुकार,
मैया ले लो फिर एक अवतार।
धरा पर आ जाओ...।
दुष्टों से भर गयी है यह धरती,
कर रहे वे खुब लूट व मार,
बहू बेटियों की इज्जत लूटी जा रही,
हो रहा नित्य हत्या, बलात्कार।
धरा पर आ जाओ...।
नेता पुलिस का गठजोड़ यहाँ चलता,
जनता की इज्जत हो रही तार-तार,
आ जाओ एकबार फिर मेरी मैया ,
कर दो दुष्टों का समूल संहार।
धरा पर आ जाओ...।
मैया तेरे बिना मेरा कोई सहारा नहीं है,
तुझ बिना जीना हमें गँवारा नहीं है,
अपनी छत्रछाया में ले मेरी मैया,
दे दो तुम माँ का प्यार।
धरा पर आ जाओ...।
जब-जब बढ़ा अत्याचार जग में,
मैया तुने लिया अवतार,
दुष्टों का दलन कर दो मेरी मैया,
कर दो धरा पर भक्ति का संचार।
धरा पर आ जाओ...।
अरविन्द अकेला

नौ दिन नवरात्र | नौ देवियों के भजन नवरात्रि पर विशेष

नवरात्रि पर विशेष,
आप सभी को फलित हो नवरात्रि का त्योहार
मिले मां शक्ति का झोली भर भर प्यार,
दूर हो सारे कष्ट आपके, खुशियां आए द्वार,
प्रथम शैलपुत्री का दर्शन दे आपको शक्ति
द्वितीय ब्रमचारिणी की पूजा कर मिले आपको भक्ति
तृतीय रूप चित्रघंटा का कर लो वंदन बारम बार,
हो विजय हर पल यही सफलता का आधार,
चौथे रूप में कुष्मांडा विराजे,
सच्चे मन की आराधना स्वीकारे,
पंचम रूप मां का कहते स्कंद माता
कर चरण पूजा संतान सुख में वृद्धि पाता
कात्यानी छठे स्थान देती है भक्तों का ध्यान
कर लो याद इस रूप को,पा लो मां से वरदान
कालरात्रि से सप्तम रुप निखरे,मां करे मुराद पूरे,
चढ़ा के लाल पुष्प माला
पी लें मां के भक्ति का प्याला,
अष्टम रूप महागौरी करें सब मनोकामना पूरी
लगा लो उनका जयकारा,मां को लगे हर भक्त प्यारा,
सिद्धिरात्रि नवें दिन प्रार्थना सुन घर विराजे दिन प्रतिदिन
यही मंगल कामना तृप्ति की
सबको मिले खुशी हर दिन की
फलित हो नवरात्रि का त्योहार
खुशियां मिले अपरंपार
शबनम मेहरोत्रा

आश्विन नवरात्रि भजन 2021 Navratri Bhajan : हे प्रमेशवरी हे दुर्गेशवरी भक्ति दान दे दो

हिन्दी देवी गीत – भक्ति दान दे दो
हे प्रमेशवरी हे दुर्गेशवरी भक्ति दान दे दो।
काली कपालिनी दैत्य दलिनी शक्ति दान दे दो।

जगत जननी माँ अम्बे जगदम्बे तुम हो।
दुख हरनी सुख करनी माँ अम्बे तुम हो।
हे प्रकाशीनी आनंद करनी मुक्ति दान दे दो।
हे प्रमेशवरी हे दुर्गेशवरी भक्ति दान दे दो।

माँ शारदा कालिका कमला तेरा ही रूप है।
वैषणों बिंध्यवाशिनी काम रूप अद्द्भुत है।
हे माँ छिन्नमस्तिका मुझे रक्षित दान दे दो।
हे प्रमेशवरी हे दुर्गेशवरी भक्ति दान दे दो।

भय हारिणी कस्ट निवारिणी तुम ज्ञान दायिनी।
भक्त भव तारिणी जग कल्याणी सिंह वाहिनी।
चंड मुंड दामिनी मुझ संकट युक्ति दान दे दो।
हे प्रमेशवरी हे दुर्गेशवरी भक्ति दान दे दो।

कर कमल शंख चक्र कटार धर तुम आओ।
नैन विशाल काली केस कमर कर तुम आओ।
चरण धुली मस्तक भारती अर्पित दान दे दो।
हे प्रमेशवरी हे दुर्गेशवरी भक्ति दान दे दो।
श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड मोब 9955509286

नवरात्रि आरती Navratri Jagdamba Mata Bhajan Lyrics : नवराते का पर्व आ गया द्वार खोल दे जगदम्बे

द्वार खोल दे जगदम्बे!
नवराते का पर्व आ गया, द्वार खोल दे जगदम्बे।
दर्शन दे, मनमुग्धकरा हे, द्वार खोल दे जगदम्बे।
1.
प्रथम द्वार हिमराज सुता का, मातु शैलपुत्री नगजा का।
हस्त त्रिशूल, पुष्प कर पंकज, भक्त भ्रमर मकरंदे।
गो-घृत का हम भोग सजाये, द्वार खोल दे जगदम्बे।
'विद्यार्थी' अनवरत पुकारे, द्वार खोल दे जगदम्बे।
2.
निर्जल निराहार तपचारिणि, खोल द्वार मां, ब्रह्मचारिणी।
जस वर शिवशंकर सम पाया, तस वर दे जगदम्बे।
सिंह सवार पधारहु माता, द्वार खोल दे जगदम्बे।
विद्यार्थी, अनिमेष निहारे, द्वार खोल दे जगदम्बे।
4.
आदि स्वरूपा सृष्टि रचयिता, सूर्य निवासिनी अष्टभुजा मां।
कूषमांडा अमृत कलशा, काट मातु भवफंदे।
संतति योग प्रदायिनी माता, द्वार खोल दे जगदंबे।
विद्यार्थी अनिमेष निहारे, द्वार खोल दे जगदंबे।
5.
देव कार्तिक की हे माता, देव सैन्यबल भाग्य विधाता।
हे स्कंदमातु महारानी, संतति योगिनी अंबे।
मूढ़मती को ज्ञान राह के, द्वार खोल दे जगदंबे।
विद्यार्थी अनवरत पुकारे, द्वार खोल दे जगदंबे।
6.
मनोकामना पूर्णकरा मां, परिणय कष्ट विधान हरा मां।
सीता, राधा, रुक्मिणी पूजित, मधुरस पाय अनंदे।
हे कात्यायिनी चतुर्भुजी मां, द्वार खोल दे जगदम्बे।
विद्यार्थी अनिमेष निहारे, द्वार खोल दे जगदंबे।
7.
वलयाकार त्रिनेत्री माता, काल-सुरक्षा देती माता।
कालरात्रि मां शत्रु संहारे, खडग, खप्पर गहि अंगे।
रक्तबीज सम शत्रु विनासहु, द्वार खोल दे जगदंबे।
विद्यार्थी अनवरत पुकारे, द्वार खोल दे जगदम्बे।
8.
भोले-शिव अर्धांगिनी गाता, महांगौरी कल्याण प्रदाता।
धवल वस्त्र, वृषभा असवारी, वरद हस्त दे अंबे।
नारिकेल कन्या व्रत पुजूं, द्वार खोल दे जगदंबे।
विद्यार्थी अनिमेष निहारे, द्वार खोल दे जगदंबे।
9.
अणिमा-आदि सिद्धि अष्टांगी, सिद्धिदात्री मातु कृपांगी।
मोक्षदायिनी मां, पूजन हित, मार्ग दिशा दे अंबे।
घर घर दीप्त, जले तव आभा, द्वार खोल दे जगदंबे।
विद्यार्थी अनवरत पुकारे, द्वार खोल दे जगदंबे।
स्वरचित/पूर्णत : मौलिक/सर्वाधिकार सुरक्षित/
रचयिता:-
संतोष श्रीवास्तव "विद्यार्थी"
मकरोनियां, सागर, मध्यप्रदेश
9425474534

नवरात्रि भजन एवं आरती हिंदी में Top Navratri Bhajans Lyrics in Hindi

शारदीय नवरात्रा पर्व की आप सभी को हार्दिक, मंगलमय बधाई व शुभकामनाएं....
माँ भवानी आपके जीवन में मधुर मुस्कान के साथ अपनेपन की मिठास बिखरे।
नवरात्रि
कृपा मात भवानी की,
नवरात्रि का यह प्रसाद।
चंहु ओर खुशियाँ फैले,
यही हमारी अरदास।।

सब मिल हम मंगल गाये,
बनी रहे जय-जय कार।
भवानी के चरणों में,
अर्ज लगाओ बारम्बार।।

जन-जन की रखती लाज,
करती सबकों खुशहाल।
नवरात्रि पर धूमधाम,
हो जाते मालामाल।।

नवरात्रि अनुपम महिमा,
चमके मात स्वरूपा।
नयनाभिराम मनमोहक,
मंगलकारी नवरूपा।।

ऐसा दो अब वरदान,
सुखी रहे सारा संसार।
हाथ जोड़ यही विनती,
लीला तेरी अपरम्पार।।
रामबाबू शर्मा, राजस्थानी, दौसा (राज.)

नवरात्रि भजन Navratri Bhajan Lyrics In Hindi

ढोल-नगाड़े और बजते मंजीरे,
अर्ज कर रहे, शंख बजा रहे सारे।
आशीष रख सब पर शेरो वाली,
भक्तों के कर दे अब न्यारे वारे।।
रामबाबू शर्मा, राजस्थानी,दौसा(राज.)

नवरात्रि पर विशेष श्री विन्ध्येश्वरी स्तोत्रम् | Vindhyeshwari Stotram

निशुम्भ शुम्भ गर्जनी,
प्रचण्ड मुण्ड खण्डिनी।
बनेरणे प्रकाशिनी,
भजामि विन्ध्यवासिनी॥
त्रिशूल मुण्ड धारिणी,
धरा विघात हारिणी।
गृहे-गृहे निवासिनी,
भजामि विन्ध्यवासिनी॥
दरिद्र दुःख हारिणी,
सदा विभूति कारिणी।
वियोग शोक हारिणी,
भजामि विन्ध्यवासिनी॥
लसत्सुलोल लोचनं,
लतासनं वरप्रदं।
कपाल-शूल धारिणी,
भजामि विन्ध्यवासिनी॥
कराब्जदानदाधरां,
शिवाशिवां प्रदायिनी।
वरा-वराननां शुभां,
भजामि विन्ध्यवासिनी॥
कपीन्द्न जामिनीप्रदां,
त्रिधा स्वरूप धारिणी।
जले-थले निवासिनी,
भजामि विन्ध्यवासिनी॥
विशिष्ट शिष्ट कारिणी,
विशाल रूप धारिणी।
महोदरे विलासिनी,
भजामि विन्ध्यवासिनी॥
पुंरदरादि सेवितां,
पुरादिवंशखण्डितम्‌।
विशुद्ध बुद्धिकारिणीं,
भजामि विन्ध्यवासिनीं॥

Navratri Photo नवरात्रि फोटो Maa Durga Image
Shubh Navratri Wishes in Hindi

घर आओ माता रानी
या देवी सर्वभूतेषु
शक्ति रूपेण संस्थिता
नमस्तस्ये नमस्तस्ये
नमो नमः।

माँ दुर्गा स्टेटस इन हिंदी | Shubh Navratri in Hindi

मां घर आज कितना
सुशोभित लागे
आपके आने से सब और
रौनक लागे।
गायन बाजन नृत्य हो रहे
आज सभी प्रसन्न हो रहे मां
दीया आपने खुश हूं मैं इनमें
खुश हूं मैं
शेर सवारी दुर्गा रानी
सारी खुशियां लेकर आए मां।
मैं मूरख, मां का तेज देख
मेरी आंखें हैं चौधिआई,
तुझे ही निहारु मैं हे माता रानी।
यूही खडी निहारु में माता तुझको,
सब कुछ मैं भूली
माता तुझे देखकर।
घर आंगन सजाए मां
तेरी राहों में फूल बिछाए मां
सब और हैं बंदनवार लगाएं
चंगे तरह-तरह के वंदनवार
से सजाए खुद के घर को
मेरे पांव गए हैं रुक
माता तुझे देख कर।
तेरे लिए माता
सुंदर वस्त्र बनाएं सुंदर,
चांद तारों से मा उस को सजाया
हीरे जवाहरात के मुकुट सजाएं
आपके लिए मा रतनजड़ित सिंहासन
बनवाएं
आप विराजो मां।
नौ रूपों में मां
आज घर पर आई,
विनती करूं मा
सर्व दुख रहो मां।
मैं तुझसे शिकायत नहीं करूंगी
जिस परिस्थिति में तूने रखा है
मैं खुश हूं इनमें।
इस संसार में दुष्ट पापियों
ने अत्याचार मचा रखा है
शुंभ निशुंभ की तरह अपनी
अष्ट भुजाओं से उनका भी
वध कर दो ना
यह नारी शक्तियां
आपकी बेटियों को
बहुत दुख पहुंचाते हैं
इनको तुम समझा दो
या तो इन दुष्टों का अंत करो
तुझे शत-शत बार नमन।
धन्यवाद
अंशु तिवारी पटना
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