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सिद्धिदात्री माता की आरती Maa Siddhidatri Ki Aarti मां सिद्धिदात्री के भजन

मैया सिद्धिदात्री वंदना | माँ सिद्धिदात्री आरती

मैया सिद्धिदात्री वंदना हिंदी में लिखी हुई

मैया सिद्धिदात्री वंदना
“सभी भक्त जनों को नवरात्रि एवं दशहरा महोत्सव के पावन अवसर पर मेरी ओर से ढेर सारी शुभकामनाएं एवं बधाईयां।"
पंक्तियां
“सब मिलकर गाएं, मां सिद्धिदात्री वंदना,
सच्चे मन व निष्ठा से, करें पूजा अर्चना।
जग की, सारी असुरी शक्तियां हिल जाए,
जब माता के सिंह का हो भारी गर्जना।"
भक्ति गीत
मैया सिद्धिदात्री, सुन लो एक विनती हमारी,
चरण रज दे दो, करना चाहता सेवा तुम्हारी।
तेरी सृष्टि को सता रही है, कोरोना महामारी,
मां जान बचा लो, रो रही आज दुनिया सारी।
मैया सिद्धिदात्री…………
अष्ट सिद्धि नवो निद्घि, हैं तेरे अन्दर माता,
तेरा सच्चा सेवक ही, इनको प्राप्त कर पाता।
महानवमी की रात अलग है, बात अलग माता,
चतुर्भुजी मां, तुम अकेली तीनों लोक पर भारी।
मैया सिद्धिदात्री…………
कृपा कर तुमने, शिव को अर्धनारीश्वर बनाया,
रेत की ढेर पर तुमने मैया, है कमल खिलाया।
कभी सिंह पर सवार होती, कभी कमल के ऊपर,
भक्तों को भाती है, जो भी करती है तू सवारी।
मैया सिद्धिदात्री…………
कल तुम चली जाओगी मां, फिर कब आओगी?
तेरी बिदाई से दुःखी, घर घर रो रहे नर नारी।
कितना अच्छा होता मां, यह दशमी नहीं आती?
जाती हो तो, साथ ले जाओ दुनिया से हर बीमारी!
मैया सिद्धिदात्री…………
“या देवी सर्वभूतेषु सिद्धदात्रीरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नमः।"
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

मां सिद्धिदात्री दोहे | मां सिद्धिदात्री देवी की आरती

(१)
मां का नवम् स्वरूप यह, करता सौख्य प्रदान।
पूर्ति करें हर कामना, माता सुख की खान।।
(२)
सुख-समृद्धि की दायिनी, करें संपदा वृद्धि।
सिद्धिदात्री सर्वदा, देतीं आठों सिद्धि।।
(३)
बाबा भोलेनाथ को, माता ने दी सिद्धि।
बने अर्द्धनारीश्वर, पाकर आठों सिद्धि।।
(४)
चतुर्भुजी मां को करें, बारंबार प्रणाम।
शंख, चक्र, कर में गंदा, कमल पुष्प अभिराम।
(५)
मैय्या का एकाग्रता, से जो करते ध्यान।
विजय हेतु देतीं सदा, माता श्री वरदान।।
(६)
सिद्धिदात्री शुभ करें, सुखमय हो संसार।
मां लक्ष्मी देती रहें, खुशियां अपरंपार।।
(७)
मनोकामना पूर्ण कर, देतीं सिद्धि अपार।
हवन, यज्ञ, पूजन करें, मां आई हैं द्वार।।
(८)
मातारानी भक्त से, करतीं प्रेम अपार।
करतीं अपने भक्त के, सपनों को साकार।।
(९)
देकर आठों सिद्धियां, सुख दें आठों याम।
सिद्धिदात्री को करें, कोटिक सभी प्रणाम।।
ओम प्रकाश खरे जौनपुर

माँ सिद्धिदात्री आरती वंदना | माँ सिद्धिदात्री भजन

माँ सिद्धिदात्री
जय माँ जयंती मंगला काली।
जय काली कलकत्ता वाली।।
भद्रकाली कपालिनी जी दुर्गा।
जय जय दुर्गति नाशिनी दुर्गा।।
क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा।
दिव्य दृष्टि तेरी बरसाती सुधा।।
अष्ट सिद्धि नव निधि देने वाली।
करती है कल्याण माँ शेरा वाली।।
शक्ति भक्ति समृद्धि तू लक्ष्मी उमा।
तुम जग में जग तुझ में रहा रमा।।
ऊंचे पर्वत वासिन माता जय तेरी।
जल थल नभ की माता जय तेरी।।
जग माता तेरा जगराता भक्त करें।
तेरी ही कृपा से झोली सबकी भरें।।
आदिशक्ति जगदम्ब भवानी माँ मेरी।
सुरनरऋषिमुनि जन करते जय तेरी।।
सिद्धि दात्री माता हम है शरण परे।
तेरी कृपा कृटाक्ष सुख सम्पत्ति भरे।।
राजेश तिवारी 'मक्खन'' झांसी उ प्र

सिद्धिदात्री माता फोटो Maa Siddhidatri Aarti Photo

सिद्धिदात्री माता फोटो Maa Siddhidatri Aarti Photo

सिद्धिदात्री बीज मंत्र | सिद्धिदात्री श्लोक | सिद्धिदात्री मंत्र साधना

“या देवी सर्वभूतेषु सिद्धदात्रीरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै,  नमस्तस्यै,  नमस्तस्यै नमो नमः’’


नवरात्रि का आज अंतिम तिथि, पर मां सिद्धिदात्री की उपासना

नवरात्रि का आज अंतिम तिथि,
माता का आज हवन पूजा।
माँग लें हम माता से वरदान,
बंधुत्व में बँध जाएँ एक दूजा।।
नवम् रूप हैं माँ सिद्धिदात्री,
नवरात्रि का यह अंतिम नव रात्रि।
रक्तवस्त्र और कमल है आसन,
शान्ति सिद्धि में करतीं शासन।।
माता के चरणों में ही नित्य,
मेरा नित्य कोटिशः प्रणाम।।
माता का ही नाम लेकर,
साहित्य को दें उच्च आयाम।।
आज ही के दिन हुए अवतरित,
चारों भाई पुरुषोत्तम श्रीराम।।
हमारे जीवन के बने आदर्श,
उनके चरणों में मेरा प्रणाम।।
अरुण दिवांशु

नवरात्रि अष्टम् दिवस नवमी तिथि सिद्धिदातृ माँ को नमन

नवरात्रि की आज अंतिम तिथि,
माता का है आज हवन पूजा।
माँग लें हम माता से वरदान,
बंधुत्व में बँधें हम एक दूजा।।
नवम् रूप में हैं माँ सिद्धिदातृ,
सिद्धियाँ करती हैं माता प्रदान।
नवरात्रि का अंतिम नव रात्रि,
माता बढ़ाएँ हम सब का ज्ञान।।
यश कीर्ति धन बल विद्या का माँ,
हम सबको दो पवित्र वरदान।
कर सकें दीन दुखियों की सेवा,
पूर्ण करें हम माँ तेरा अरमान।।
रोग दुःख भय द्वेष बाधा संशय,
जीवन से हमारे अब दूर करो।
दया धर्म क्षमा शांति साधना,
जीवन में प्रदान माँ भरपूर करो।।
भूल चूक त्रुटि गलती हुइ हमसे,
हमको माँ तुम अब क्षमा करो।
हम सब हैं तेरे बालक नादान,
अरमान पुरी हमारी अम्मा करो।।
अरुण दिव्यांश 9504503560

महानवमी और श्री राम नवमी की आप सभी को, बहुत-बहुत बधाई शुभकामनाएं

चल द्वार आओ माँ सिद्धिदात्री आरती वंदना देवी दुर्गा

चल द्वार आओ माँ
इस पापमई दुनिया में पाप बहुत है भारी।
कैसे जियूँ हे माँ दुनिया बनी अत्याचारी। ।
कभी मेरे आँचल को खींचे, कभी खींचे है साड़ी।
कभी मुझें छुरा मारे हैं, कभी मारे कटारी। ।
किसकी तरफ में आस लगाऊँ बन बैठे बलात्कारी।
घर में रहूँ तो सताई जाऊँ, बाहर कोरोना भारी।।
अब तो माता त्रिशूल उठाओ हे माँ खप्पर धारी।
पापों का सर्वनाश कराओ जय माँ दुर्गा काली। ।
तुम तो हो दया की देवी, हम पर दया दिखाओ।
कन्या पूजन का समय हुआ माँ चलकर द्वारा आओ।। 
हलवा पूरी का मेरी माता आकर भोग लगाओ।
चूड़ाचूड़ी मेहंदी हाथों में, सिंदूरी मांग सजाओ।।
गिरी "स्नेहा" चरणों में माँ आकर कंठ लगाओ। 
सबका भला हो जाए  यह पापी कोरोना मार गिराओ।।
रेखा शर्मा "स्नेहा" मुजफ्फरपुर बिहार
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