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‘भारत माता’ कविता का सारांश एवं भावार्थ | भारत माता’ कविता का प्रश्न उत्तर

‘भारत माता’ कविता का सारांश एवं भावार्थ | भारत माता’ कविता का प्रश्न उत्तर


आज के पोस्ट में हम प्रकृति के सुकुमार कभी श्री सुमित्रानंदन पंत जी की ख्याति प्राप्त कविता भारत माता का सारांश भारत माता का भावार्थ एवं कविता भारत माता के प्रश्नों के उत्तर प्रस्तुत करने जा रहे हैं यह कविता बिहार बोर्ड के कक्षा 10 गोधूलि भाग 2 काव्य खंड में सम्मिलित किया गया है अतः इसका अध्ययन हम सभी के लिए अति आवश्यक हो जाता है ताकि आगामी परीक्षाओं में भारत माता कविता के प्रश्नों के उत्तर देकर हम सफलता प्राप्त कर सकें।

Bharat Mata Kavita Ka Saransh Bhavarth Question Answer Objective


सुमित्रानंदन पंत द्वारा रचित 'भारत माता' कविता का सारांश

भारत माता पाठ का सारांश

सुमित्रानंदन पंत ने अपने काव्य संग्रह ग्राम्या में भारत माता ग्रामवासिनी शीर्षक कविता में भारत माता को देश की आत्मा कहा है तथा इसे गाँव में निवास करने वाली माँ के रूप में चित्रित किया है। प्रस्तुत कविता में ग्रामीण जीवन की वास्तविकता और महत्ता को रेखांकित करते हुए कवि कहते हैं कि भारत माता की आत्मा गाँव में निवास करती है। प्रस्तुत कविता में भारतीय किसानों की दशा का मार्मिक चित्रण देखने को मिलता है। कवि कहते हैं कि भारतीय किसान, खेतों में काम करते हैं। केवल किसान ही नहीं, बल्कि उनका पूरा परिवार खुले आकाश के नीचे प्रात: काल से संध्या तक खेतों और मैदानों में खेती तथा पशु चारण कार्य में लगे होते हैं। फिर भी वे बहुत ही गरीब और पिछड़े हुए हैं। धूल-भरा मैला-सा आँचल उनकी गरीबी का चिह्न है। उनका उदास चेहरा, आँसू भरी आँखें दु:ख की प्रतीक हैं।

सुकुमार कवि पंत जी का हृदय यह सोचकर द्रवित होता है कि भारत अपनी संतानों को दु:खी देखकर आँसू बहाती है। पंतजी कल्पना करते हैं कि गंगा-यमुना में पानी नहीं बल्कि भारत माता के आँसू जल प्रवाह के रूप में बह रहे हैं। भारत माता ग्रामवासिनी होने के कारण ग्रामीण जीवन से बहुत निकट है उनकी पहचान अपने ही घर में प्रवासिनी जैसी है।

सुकोमल हृदय के स्वामी कवि सुमिन्त्रानदन पंत जी भावुक होकर कहते हैं कि भारत-माता को इस बात के लिए भी दु:ख है कि महानगरों में विकास कार्य हुआ है। परंतु यहाँ की चमक-दमक और आर्थिक खुशहाली की तुलना में गाँव की बदहाली बहुत चिंता का विषय बन चुका है। गाँव की करोड़ो संतानों को नग्न तन, भूखा, अभावग्रस्त और शोषित देख कर भारत माता बहुत दु:खी और उदास है।

कवि कहते हैं कि वैसे तो भारत माता की धरती बहुत ही उपजाऊ है, प्राकृतिक सम्पदा से समृद्ध है। किन्तु भारतवासी निर्धन हैं, उनका मन कुंठित है। कवि भारत माता को दु:ख की प्रतिमा के रूप में प्रस्तुत करने के बाद, भारतवासियों से आशा करते हैं कि अहिंसा, सत्य और तप-संयम के मार्ग पर चलकर अवश्य सफल होंगें।

सकारात्मक सोच रखनेवाले सुहृदं पंतजी को विश्वास है कि जग जननई भारत-माता जीवन विकासिनी के रूप में हमारे लिए मार्गदर्शक बन कर आएगी। वे कहते हैं कि यह हमारा सौभाग्य है कि हम भारत माता की संतान हैं और हमें अपने देश पर गर्व है। हमें मता रूपी मातृभूमि की रक्षा और सेवा तन, मन और धन से करनी चाहिए ताकि गाँवों में निवास करने वाली भारत माता एवं उनकी सन्ततियों की समस्याओं का समाधान हो और दु:खों से उनको छुटकारा मिले।

भारत माता शीर्षक कविता का भावार्थ

सुमित्रानंदन पंत जी द्वारा रचित भारत माता शीर्षक कविता उनकी राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत कविता है। कवि पराधीनता की जंजीरों में जकड़ी भारत-माता की दुर्दशा और दुख दर्द का चित्रण करते हुए कहते हैं, कि भारत माता गाँवों में निवास करती है, जहाँ के लोग प्राकृतिक परिवेश में रहते हुए भी पराधीन होने के कारण दीन-हीन और अभावग्रस्त हैं। जिन्हें कवि द्वारा कविता के अंत में स्वतंत्र होने के कारण निर्भय होने का संदेश दिया जाता है।

भारत माता कविता का उद्देश्य

भारत माता कविता का उद्देश्य यह स्पष्ट करना है कि असली भारत तो गांवों में निवास करता है। परन्तु भारत के गांवों में बसने वाले उन ग्रामीणों की दशा अत्यन्त दयनीय है। उनके पास पहनने को पर्याप्त वस्त्र नही, खाने को भरपेट भोजन नही, वो अशिक्षित हैं, भोले-भाले हैं, पीड़ित और शोषित हैं, उनको सदैव दबाया जाता रहा है। और वहां रहने वाले भारतवासी शोषण का शिकार भी होते रहे हैं।

भारत माता कविता की व्याख्या

भारतमाता ग्रामवासिनी
खेतों में फैला है श्यामल
धूल-भरा मैला-सा आँचल
गंगा-यमुना में आँसू-जल
मिट्टी की प्रतिमा
उदासिनी।

कवि पंत जी इस कविता के माध्यम से भारतीय ग्रामीणों की दुर्दशा का चित्र प्रस्तुत करते हुए कहते हैं कि भारत की आत्मा गाँवों में निवास करती है। जहाँ खेत सदा हरे-भरे रहते हैं किंतु यहाँ के निवासी शोषण की चक्की में पिसकर मजबूर दिखाई देते हैं। गंगा-यमुना के जल उनकी व्यथा के प्रतिक हैं। सीधे-साधे किसान अपनी दयनीय दशा के कारण अपने दुर्भाग्य पर आँसु बहा रहे हैं और उदास हैं।

दैन्य जड़ित अपलक नत चितवन,
अधरों में चिर नीरव रोदन,
युग-युग के तम से विषण्ण मन
वह अपने घर मेंप्रवासिनी।

पंत जी भारत माता के उन कर्मठ सपूत किसानों की दयनीय दशा एवं दुःख पूर्ण जीवन की करूण कथा प्रस्तुत करते हुए कहते हैं कि जमींदारों एवं सूदखोर साहूकारों के शोषण ने इन्हें अति गरीब, बेबस और चेतनाशून्य बना दिया है। अपनी मजबूरी के कारण अपने ऊपर हो रहे अन्याय को सिर झुकाए अपलक देखने को मजबूर हैं। वे अपनी अंदर की पीड़ा अन्दर-ही-अन्दर सहने को मजबूर हैं। सदियों की त्रासदी ने उनके जीवन को निराश बना दिया है। वे अपने ही घरों में अपने ही अधिकारों से वंचित है।

तीस कोटि संतान नग्न तन,
अर्ध क्षुधित, शोषित, निरस्त्रजन,
मूढ़, असभ्य, अशिक्षित, निर्धन,
नत मस्तक
तरु-तल निवासिनी।

अंग्रेजी शासन की क्रुरता के कारण भारत माता की तीस करोड़ संतान अर्द्धनग्न तथा आधा पेट भोजन खाकर जीवन व्यतित करने को विवश हैं। इनमें प्रतिकार और विरोध करने की क्षमता नहीं है। वे मूर्ख, असभ्य, अशिक्षित, गरीब, पेड़ के नीचे गर्मी, वर्षा तथा जाड़ा में कष्ट सहन करते हैं।

स्वर्ण शस्य पर-पद-तल लंठित,
धरती-सा सहिष्णु मन कुंठित,
क्रंदन कंपित अधर मौन स्मित,
राहु ग्रसित
शरदेन्दु हासिनी।

कवि पंत जी कहते हैं कि जिनकी पकी फसल सोने के समान दिखाई पड़ती है, पराधीनता के कारण वे शोषण के शिकार हैं। वे उनके हर अपमान, शोषण, अत्याचार आदि को सहन करते हुए धरती के समान सहनशील बने हुए हैं। अर्थात् वे अपने जुल्मों का विरोध न करके चुपचाप सहन कर लेते हैं। वे क्रुर शासन से इतने भयभीत हैं कि खुलकर रो भी नहीं सकते। देशवासियों की ऐसी दुर्दशा और विवशता देखकर कवि दुःख से भर जाता है कि जिस देश के वीरों की गाथा संसार में शरद पूर्णिमा की चाँदनी के समान चमकती थी, आपसी शत्रुता के कारण आज ग्रहण लगा अंधकारमय है।

चिंतित भृकुटि क्षितिज तिमिरांकित,
नमित नयन नभ वाष्पाच्छादित,
आनन श्री छाया-शशि उपमित,
ज्ञान-मूढ़
गीता प्रकाशिनी।

कवि पंतजी कहते हैं कि अंग्रेजों के अत्याचार और शोषण से लोग उदास, निराश और हताश हैं, अर्थात वातावरण में घोर निराशा छायी हुई है। देशवासियों की ऐसी मनोदशा पर कवि आश्चर्य प्रकट करते हुए कहते हैं कि जिसके मुख की शोभा की उपमा चन्द्रमा से दी जाती थी, या फिर जहाँ गीता जैसे प्रेरणादायक ग्रंथ की रचना हुई थी, उस देश के लोग अज्ञानता और मूर्खता के कारण गुलाम हैं।

सफल आज उसका तप संयम
पिला अहिंसा स्तन्य सुधोपम,
हरती जन-मन-भय, भव-तम-भ्रम,
जग-जननी
जीवन-विकासिनी।

कवि सफलता पर आशा प्रकट करते हुए कहते हैं कि अहिंसा जैसे महान मंत्र का संदेश देकर लेगों के मन का भय, अज्ञान एवं भ्रम का हरण कर भारत माता की स्वतंत्रता की प्राप्ति का संदेश दिया।

भारतमाता कविता का प्रश्न उत्तर

प्रश्न १.

सुमित्रानन्दन पंत का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

उत्तर : सुमिनानंदन पंत का जन्म 1900 ई. में कौसानी, अल्मोड़ा उत्तरांचल हुआ था।

प्रश्न २.
कवि की दृष्टि में आज भारतमाता का तप-संयम क्यों सफल है?
उत्तर : भारतमाता ने गाँधी जैसे पूत को जन्म दिया और अहिंसा का स्तनपान अपने पुत्रों को कराई है अतः विश्व को अंधकार से मुक्त करनेवाली, संपूर्ण संसार को अभय का वरदान देनेवाली भारत माता का तप-संयम आज सफल है।

प्रश्न ३.

भारतमाता का हास भी राहु ग्रसित क्यों दिखाई पड़ता है?

उत्तर : भारतमाता के स्वरूप में ग्राम्य शोभा की झलक है। मुखमंडल पर चन्द्रमा के समान दिव्य प्रकाश स्वरूप हँसी है, मुस्कुराहट है। लेकिन, परतंत्र होने के कारण वह हँसी फीकी पड़ गई है। ऐसा प्रतीत होता है कि चन्द्रमा को राहु ने ग्रस लिया है।

प्रश्न ४.

कवि भारतमाता को गीता-प्रकाशिनी मानकर भी ज्ञान मूढ़ क्यों कहता है ?

उत्तर : परतंत्र भारत की ऐसी दुर्दशा हुई कि यहाँ के लोग खुद दिशाविहीन हो गये, दासता में बंधकर अपने अस्मिता को खो दिये । आत्म-निर्भरता समाप्त हो गई। इसलिए कवि कहता है कि भारतमाता गीता- प्रकाशिनी है, फिर भी आज ज्ञान मुढ़ बनी हुई है।

प्रश्न ५.

कविता में कवि भारतवासियों का कैसा चित्र खींचता है ?

अथवा,

“भारतमाता“ शीर्षक कविता में पंत जी ने भारतीयों का कैसा चित्र खींचा है?

उत्तर : प्रस्तुत कविता में कवि ने दर्शाया है कि परतंत्र भारत की स्थिति दयनीय हो गई थी। परतंत्र भारतवासियों को नंगे वदन, भूखे रहना पड़ता था। यहाँ की तीस करोड़ जनता शोषित-पीड़ित, मूढ़, असभ्य, अशिक्षित, निर्धन एवं वृक्षों के नीचे निवास करने वाली थी।

प्रश्न ७.

भारतमाता अपने ही घर में प्रवासिनी क्यों बनी हुई है?

उत्तर : भारत को अंग्रेजों ने गुलामी की जंजीर में जकड़ रखा था। परतंत्रता की बेड़ी में जकड़ी, काल के कुचक्र में फंसी विवश, भारतमाता चुपचाप अपने पुत्रों पर किये गये अत्याचार को देख रही थी। इसलिए कवि ने परतंत्रता को दर्शाते हुए मुखरित किया है कि भारतमाता अपने ही घर में प्रवासिनी बनी है।

प्रश्न ७.

कविता के प्रथम अनुच्छेद में कवि भारतमाता का कैसा चित्र प्रस्तुत करता है?

अथवा,

भारतमाता कहाँ निवास करती है?

अथवा,

भारतमाता कविता में कवि भारतवासियों का कैसा चित्र खींचता है ?

उत्तर : कविता के प्रथम अनुच्छेद में भारतमाता को ग्रामवासिनी मानते हुए तत्कालीन भारत का यथार्थ चित्रण किया गया है कि भारतमाता का फसलरूपी श्यामल शरीर है, धूल-धूसरित मैला-सा आँचल है। गंगा-यमुना के जल अश्रुस्वरूप हैं। ग्राम्य छवि को दर्शाती हुई भारत माँ की प्रतिमा उदासीन है।

वस्‍तुनिष्‍ठ प्रश्‍नोत्तर Objective Question Answer


प्रश्‍न १.

सुमित्रानंदन पंत किस युग के कवि हैं?

(a) भारतेंदु युग
(b) द्विवेदीयुग
(c) छायावाद युग
(d) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- (c) छायावाद युग

प्रश्‍न २.

पंत को किस रचना पर ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ है ?

(a) चिदम्बरा 
(b) सत्यकाम
(c) लोकायतन
(d) स्वर्ण किरण

उत्तर-(a) चिदम्बरा

प्रश्‍न ३.

‘भारतमाता’ शीर्षक प्रगीत पंत के किस काव्य संकलन से लिया गया है?

(a) गुंजन
(b) ग्राम्या
(c) युगवाणी
(d) युगांत

उत्तर-(b) ग्राम्या

प्रश्‍न ४.

‘ग्राम्या’ काव्य-संकलन की कविताओं पर किसका प्रभाव है?

(a) यथार्थवाद का
(b) अरविंद का
(c) गाँधी का 
(d) अध्यात्मवाद का

उत्तर-(a) यथार्थवाद का

प्रश्‍न ५.

‘प्रकृति का सुकमार कवि’ किसे कहा जाता है?

(a) निराला
(b) भारतेंदु
(c) जयशंकर प्रसाद
(d) पंत

उत्तर-(d) पंत

प्रश्‍न ६.

भारतमाता के संबंध में क्या सही है?

(a) शैलवासिनी
(b) नगरवासिनी
(c) ग्रामवासिनी
(d) विंध्यवासिनी

उत्तर-(c) ग्रामवासिनी

प्रश्‍न ७.

‘शरविंदुहासिनी’ कौन है?

(a) जनता
(b) प्रजा
(c) माता
(d) भारतमाता

उत्तर- (d) भारतमाता

प्रश्‍न ८.

‘गीता प्रकाशिनी’ किसके लिए प्रयुक्त है ?

(a) धरतीमाता
(b) पृथ्वीमाता
(c) सीतामाता
(d) भारतमाता

उत्तर-(d) भारतमाता

प्रश्‍न ९.

‘शरतेन्दु’ का शाब्दिक अर्थ है:

(a) शरद ऋतु की वर्षा 
(b) शरद ऋत का सूर्योदय
(c) शरद ऋतु का सूर्यास्त
(d) शरद ऋतु का चन्द्रमा

उत्तर-(d) शरद ऋतु का चन्द्रमा

प्रश्‍न १०.

‘क्रंदन’ का अर्थ है:

(a) रोना 
(b) हँसना
(c) गाना 
(d) कन्द-मूल खाना

उत्तर-(a) रोना

प्रश्‍न ११.

‘तप-संयम’ कौन-सा समास है?

(a) द्विगु
(b) तत्पुरुष
(c) कर्मधारय
(d) द्वन्द

उत्तर-(d) द्वन्द

प्रश्‍न १२.

‘पंत’ का जन्म कब हुआ था?

(a) 1900 ई. में 
(b) 1901 ई. में
(c) 1902 ई० में
(d) 1903 ई. में

उत्तर- (d) 1903 ई. में

प्रश्‍न १३.

‘पंत’ की मृत्यु कब हुई?

(a) 25 नवम्बर, 1975 को 
(b) 29 दिसम्बर, 1977 को
(c) 26 जनवरी, 1979 को
(d) 30 फरवरी, 1981 को

उत्तर-(b) 29 दिसम्बर, 1977 को

प्रश्‍न १४.

‘पंत’ का जन्म कहाँ हुआ था?

(a) पटना साहिब, पटना
(b) कौसानी, अल्मोड़ा
(c) सारण, वैशाली
(d) बुटाटी, राजस्थान

उत्तर-(b) कौसानी, अल्मोड़ा।

प्रश्‍न १५.

‘पंत’ ने महाकाव्य लिखा: Bharatmata Class 10 Hindi

(a) उच्छ्वास 
(b) बादल
(c) लोकायतन
(d) युगवाणी

उत्तर-(c) लोकायतन

प्रश्‍न १६.

‘पत’ के पिताजी का क्या नाम था?

(a) रामानंद पंत
(b) रामादत्त पंत
(c) गणेश पंत 
(d) गंगादत्त पंत

उत्तर- (d) गंगादत्त पंत

प्रश्‍न १७.

‘पंत’ के माताजी का क्या नाम था?

(a) वन्दना देवी
(b) सरस्वती देवी
(c) राधा देवी 
(d) विद्यावती देवी

उत्तर-(b) सरस्वती देवी

प्रश्‍न १८.

पंत ने 1916 में किस शीर्षक से कविता लिखी?

(a) गिरजे का घंटा 
(b) मंदिर की घंटी
(c) दरगाह को चादर
(d) इनमें कोई नहीं

उत्तर-(a) गिरजे का घंटा

प्रश्‍न १९.

‘गंगा-यमुना’ को कवि ने किसके मानक के रूप में प्रस्तुत किया है?

(a) भारतमाता के दो हाथों 
(b) भारतमाता के दो पैरों
(c) भारतमाता के दो आँखों
(d) इनमें सभी

उत्तर-(c) भारतमाता के दो आँखों

प्रश्‍न २०.

‘तरु-तल-निवासिनी’ के माध्यम से कवि ने भारत के निवासियों का कैसा चित्रण किया है?

(a) दीनता का
(b) धर्मात्मा का
(c) कटुता का
(d) इनमें कोई नहीं

उत्तर-(a) दीनता का

प्रश्‍न २१.

भारतमाता ने दुनिया को क्‍या दिया?

(a) सूर्य 
(b) कंचन
(c) पुष्प
(d) गीता

उत्तर-(d) गीता

प्रश्‍न २२.

भारतमाता कविता में भारत का कैसा चित्र प्रस्तुत किया गया है?

(a) आदर्श 
(b) काल्पनिक
(c) यथातथ्य
(d) इनमें से कोई नहीं

उत्तर-(c) यथातथ्य

प्रश्‍न २३.

जातीय अस्मिता की दृष्टि से इतिहास का प्रभाव कैसा है ?

(a) विच्छिन
(b) अविच्छिन
(c) a” एवं ‘b’ दोनों
(d) इनमें कोई नहीं

उत्तर-(b) अविच्छिन

प्रश्‍न २४.

कवि के अनुसार भारत माता की आँखें है।

(a) गंगा-यमुना 
(b) ताप्ती नर्मदा
(c) सतलज-सिन्धु
(d) व्यास-चिनाव

उत्तर-(a) गंगा-यमुना

प्रश्‍न २५.

तीस कोटि सन्तान …. सन ।

(a) अर्थ
(b) मूढ
(c) तरू
(d) नग्न

उत्तर-(d) नग्न

प्रश्‍न २६.

भारतमाता सारे जग की है: Bharatmata

(a) देवी
(b) माँ
(c) बहन
(d) इनमें से सभी

उत्तर-(b) माँ

प्रश्‍न २७.

‘गीता’ है:

(a) महाकाव्य
(b) अरण्यक
(c) उपनिषद्
(d) वेद

उत्तर-(c) उपनिषद्

प्रश्‍न २८.

गीता क्या उपदेश देता है:

(a) कर्म का
(b) धर्म का
(c) मोक्ष का
(d) अर्थ का

उत्तर-(a) कर्म का

प्रश्‍न २९.

भारत माता की आँखे झुकी हुई है।

(a) ईर्ष्या से 
(b) घृणा से
(c) चिन्ता से
(d) अंधकार से

उत्तर-(c) चिन्ता से

प्रश्‍न ३०.

‘ग्रामवासिनी’ कौन-सा समास है:

(a) बहुव्रीहि 
(b) अव्ययीभाव
(c) कर्मधारय
(d) द्विगु

उत्तर-(a) बहुव्रीहि

प्रश्‍न ३१.

गंगा-यमुना कौन-सा समास है।

(a)द्वंद
(b) द्वि‍गु
(c) बहुव्रीहि
(d) कर्मधारय

उत्तर-(a) द्वंद

प्रश्‍न ३२.

सैन्य जड़ित अपलक …. चितवन ।

(a) चिर
(b) मन
(c) नत
(d) युग

उत्तर-(c) नत

प्रश्‍न ३३.

किस रचना पर समित्रानंदन पंत को ‘ज्ञानपीठ’ पुरस्कार’ मिला था ?

(a) युगपथ
(b) स्वर्ण किरण
(c) युगवाणी
(d) चिदम्बरा

उत्तर-(d) चिदम्बरा

प्रश्‍न ३४.

भारतमाता कहाँ निवास करती है?

(a) शहर
(b) पहाड़
(c) गाँव
(d) नदी

उत्तर-(c) गाँव

प्रश्‍न ३५.

सुमित्रानंदन पंत के अनुसार भारतमाता किसकी मूर्ति हैं?

(a) उदास घाटी की
(b) सुख समृद्धि की
(c) उदारता की 
(d) त्याग की

उत्तर-(a) उदास घाटी की

प्रश्‍न ३६.

‘सफल आज उसका तप संयम, पिला अहिंसा स्तन्य सुधोतम’, प्रस्तुत पंक्ति किस कविता की है?

(a) स्वेदशी 
 (b) भारतमाता
(c) जनतंत्र का जन्म
(d) हिरोशिमा

उत्तर-(b) भारतमाता

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