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मजदूर दिवस पर शायरी | मजदूर दिवस पर कविता | Majdoor Diwas Par Shayari

मजदूर पर शायरी | Mazdoor Shayari In Hindi | मजदूर पर कविता

मजदूर
मजदूर हैं मजबूर ना समझना
मजदूर हैं मजबूर ना समझना
बहुत सताया बहुत रुलाया
घर से बे घर कराया
कोरोना का कहर तो कुछ ना था
कहर तो वो था दौलत वालो
जो तुमने ........ ढाया
रोटी को तरसाया भूखे सुलाया
बच्चों को दूध को तरसाया
तिनका तिनका कर बनाया था
आशियाना वो भी ढह वाया
देश में ही परदेसी बनाया ॥

गाँव की और हमें पैदल ही दौड़ाया
तुम्हारी बेवफाई से हमें गाँव याद आया
तुम्हारे इन शहरों से अच्छा गाँव
हम भटके हुओं को सीने से लगाया
गाँव की माटी नें फिर से पुकारा
जब जागो मेरे यार तभी सबेरा ॥

हम हीं बदलेंगे फिर तकदीर भारत की
हम हीं बनाएंगे नई तस्वीर भारत की
चाहे जीतने सितम ढा लो हम पर
हम हीं लिखेंगे नई तहरीर भारत की ॥

एक बार फिर स्पष्ट होगया ये " लक्ष्य "
गाँव में हीं बसती है आत्मा भारत की ॥
जय हिंद जय हिंदी
जय मजदूर
जय किसान
जय जय जय हिंदुस्तान
निर्दोष लक्ष्य जैन
धनबाद

श्रमिक तेरी गूंजे जय जयकार-भारतीय मजदूर दिवस शायरी

Majdoor diwas par shayari | National labour day in india-Labour Day 2021

विश्व श्रम दिवस |अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस

श्रमिक तेरी गूंजे जय जयकार
श्रमिक तेरी गूंजे दुनिया में जय जयकर,
तुमसे तो, बेईमान मौसम भी माने हार।
तेरे भरीसे ही कोई बड़ा आदमी कहलाता,
तू रुक जाए तो, रुक जाए विशाल संसार।
श्रमिक तेरी गूंजे…

1 मई को कौनसा दिवस मनाया जाता है

हर व्यक्ति को चाहिए, सदा तेरा सहारा,
तुम ही ले जाते हो, डूबती नैया किनारा।
खेती किसानी से, कारखाने तक होता है
सुबह शाम, दिन रात तेरा बहुत इंतजार।
श्रमिक तेरी गूंजे…
तेरी हालत पर, लोग आंसू तो बहाते हैं,
मन में कुछ और, कुछ और दिखाते हैं।
ये श्रमिक, तुम तो सबकी सुन लेते हो,
दुनिया में कब कौन सुनता तेरी पुकार?
श्रमिक तेरी गूंजे…
श्रमिक दिवस पर, लोग बहुत बोलते हैं,
अमीरों के संग, मैं भी करता नमस्कार।
क्या इससे संभव है, तेरी दशा में सुधार?
लड़ते आगे बढ़ते रहो, शायद आए बहार!
श्रमिक तेरी गूंजे…
वादे करके, किसने क्या किया तेरे लिए?
बार बार हुआ है तू, साजिश का शिकार।
तुम लोगों का जीवन, आसान करते हो,
लेकिन तेरे लिए कौन होता कब तैयार?
श्रमिक तेरी गूंजे…

श्रमिक इस संसार के लिए वरदान | Majdur Divas Shayari

श्रमिक इस संसार के लिए वरदान
श्रमिक इस संसार के लिए बड़ा वरदान है,
श्रम में छुपा, हर समस्या का समाधान है।
सोए हुए सिंह के मुंह में, मृग नहीं जाता,
यह तो इस पावन प्रकृति का प्रावधान है।
श्रमिक इस संसार……
काम कोई, छोटा हो या बड़ा इस जग में,
हर काम में श्रमिकों का कुछ योगदान है।
सारे उपक्रम चलते, श्रमिकों के ही भरोसे,
श्रमिकों के अश्क में, जग की मुस्कान है।
श्रमिक इस संसार……
श्रमिक बदल सकता है श्रम की परिभाषा,
श्रमिक जग की, आन बान और शान है।
श्रमिक नहीं तो, दुनिया ही थम जाएगी,
श्रमिकों के दम पर ही जग गतिमान है।
श्रमिक इस संसार……
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार

Majdoor Diwas Par Shayari |Shayari in Roman English

Shramik teree goonje jay jayakaar
Shramik teree goonje duniya mein jay jayakar,
Tumase to, beeemaan mausam bhee maane haar.
Tere bhareese hee koee bada aadamee kahalaata,
Too ruk jae to, ruk jae vishaal sansaar.
shramik teree goonje…
Har vyakti ko chaahie, sada tera sahaara,
Tum hee le jaate ho, doobatee naiya kinaara.
khetee kisaanee se, kaarakhaane tak hota hai
Subah shaam, din raat tera bahut intajaar.
Shramik teree goonje…
Teree haalat par, log aansoo to bahaate hain,
Man mein kuchh aur, kuchh aur dikhaate hain.
Ye shramik, tum to sabakee sun lete ho,
Duniya mein kab kaun sunata teree pukaar?
Shramik teree goonje…
Shramik divas par, log bahut bolate hain,
Ameeron ke sang, main bhee karata namaskaar.
Kya isase sambhav hai, teree dasha mein sudhaar?
Ladate aage badhate raho, shaayad aae bahaar!
Shramik teree goonje…
Vaade karake, kisane kya kiya tere lie?
Baar baar hua hai too, saajish ka shikaar.
Tum logon ka jeevan, aasaan karate ho,
Lekin tere lie kaun hota kab taiyaar?
Shramik teree goonje…
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर मधुबनी बिहार

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