भारत के स्वतंत्रता सेनानी पर कविता शायरी Poem On Freedom Fighter Of India In Hindi
ऐसे थे हमारे स्वतंत्रता सेनानी
(कविता)बड़े निडर होते थे हमारे स्वतंत्रता सेनानी,
अंग्रेजों को बार बार याद दिलाते थे नानी।
वे अपनी जान की चिंता नहीं करते कभी,
अंग्रेजों को बात बात में पिलाते थे पानी।
बड़े निडर होते थे……
अपनी जान को हथेली पर लेकर चलते थे,
वे दीवाने सदा परवाने की तरह जलते थे।
टूटना या झुकना, मंजूर नहीं था बिल्कुल,
रोज लिखते, रोज मिटा देते अपनी कहानी।
बड़े निडर होते थे……
युद्धवीरों की तरह होते थे उनके व्यवहार,
दिल में बंदूक उनके, दिमाग में तलवार।
अग्निपथ पर चलने में ही मजा आता था,
वे जानते थे बेईमान अंग्रेजों की बेईमानी।
वे बड़े निडर होते थे………
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
स्वतंत्रता सेनानियों का स्थान: Freedom Fighters Of India भारत के स्वतंत्रता सेनानी
(शहीदों को नमन करती हुई रचना)
मित्रों संसार में सबसे ऊपर भगवान है,
फिर स्वतंत्रता सेनानियों का स्थान है।
इन्होंने कभी कुछ नहीं चाहा किसी से,
यही तो इनकी सबसे विशेष पहचान है।
मित्रों संसार में……
इन्होंने अपना सब कुछ ही लुटा दिया,
देश वास्ते सारे सपनों को मिटा दिया।
जिसने कुछ नहीं किया, सिंहासन पाया,
रोटी वास्ते तरसता इनका खानदान है।
मित्रों संसार में……
इन्होंने स्वयं को कंटक पर सुला दिया,
सदा के लिए घर संसार को भूला दिया।
जीवन छोड़ने के बाद भी, जीवित हैं ये,
दुनिया में अतुलनीय इनका बलिदान है।
मित्रों संसार में……
इनकी ऊंचाइयों को कौन नाप सकता है?
इनके जोश के आगे, आग बर्फ समान है।
भारत माता कभी कैसे भूल सकती इन्हें?
इतिहास करता इन पर, बहुत गुमान है।
मित्रों संसार में………
स्वतंत्रता दिवस पर कोटि नमन है इन्हें,
इनका बलिदान इनकी सच्ची पहचान है।
मातृभूमि गर्व करती रहेगी सदा इन पर,
ऊपर से सर झुकाता नीला आसमान है।
मित्रों संसार में……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी फोटो
Freedom Fighters Of India Image भारत के स्वतंत्रता सेनानी फोटो
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