बाल गंगाधर तिलक महान की पावन जयंती पर कविता
पावन जयंती पर इस महान स्वतंत्रता सेनानी को कोटि कोटि नमन और हृदय तल से सादर प्रणाम/नमस्कारसीधी भाषा, सीधी बोली, पर गर्म विचार,
पूर्ण स्वराज की मांग, डरी गोरी सरकार।
स्वतंत्रता उनके लिए सबसे ऊपर होती थी,
तिलक का दिल था, राष्ट्र प्रेम का भंडार।
सीधी भाषा सीधी बोली……
सारी दुनिया से स्पष्ट कहना था उनका,
आजादी है हमारा जन्मसिद्ध अधिकार।
गुलामी की बेड़ियां, बिलकुल मंजूर नहीं,
एक पल भी नहीं थी, गुलामी स्वीकार।
सीधी भाषा सीधी बोली……
23 जुलाई 1856 को चिखली में जन्म,
पिता गंगाधर, माता पार्वती का आधार।
मुंबई में उनकी शिक्षा दीक्षा संपन्न हुई,
मिला परिवार से, अति सुन्दर संस्कार।
सीधी भाषा सीधी बोली……
गीता रहस्य नाम की, पुस्तक लिखी एक,
उनसे बड़े समझदार भी मान लेते थे हार।
स्वतंत्रता सेनानी, और समाज सुधारक थे,
उनकी शैली थी, उनके लिए बड़ा हथियार।
सीधी भाषा सीधी बोली……
उनको जयंती पर, कोटि कोटि नमन मेरा,
उनकी सोच करती है नई ऊर्जा का संचार।
हमें गर्व है, देश के ऐसे महान् सपूत पर,
मुश्किल से होता है ऐसे लाल का अवतार।
सीधी भाषा सीधी बोली……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
बाल गंगाधर तिलक पर कविता Poems On Bal Gangadhar Tilak Hindi
कविता : बाल गंगाधर तिलक
तिलक बाल गंगाधर! आपको,
शत-शत बार प्रणाम हमारा।
पराधीनता के बंधन में,
बंदी थी जब भारत माता।
आपने तन-मन-धन अर्पित कर,
देश-प्रेम से जोड़ा नाता।
स्वतंत्रता अधिकार जन्म से,
दिया यही जन-जन को नारा।
तिलक बाल गंगाधर! आपको,
शत-शत बार प्रणाम हमारा।
आजादी के घोर युद्ध में,
बने एक अविचल सेनानी।
लड़े अनय अत्याचारों से,
हार नहीं जीवन में मानी।
सुन सन्देश क्रांति का आपसे,
जाग उठा था भारत सारा।
तिलक बाल गंगाधर! आपको,
शत-शत बार प्रणाम हमारा।
आपने गीता का रहस्य भी,
बड़ी सरलता से समझाया।
मिटा अविद्या-अंधकार को,
नवल ज्ञान का दीप जलाया।
युग-युग तक सारी दुनिया में,
अमर रहेगा नाम आपका।
तिलक बाल गंगाधर! आपका,
शत-शत बार प्रणाम हमारा।
डॉ. विनोद चन्द्र पाण्डेय 'विनोद'
बाल गंगाधर तिलक का जीवन Poem On Bal Gangadhar Tilak Hindi
प्रतीक था आजादी अभियान का,जिसको मिला ‘लोकमान्य’ का उपनाम था,
तिलक उसका नाम था।
बाल-विवाह विध्वशक वो,
राष्ट्रवाद का प्रतीक पुरुष वो,
खगोल और गणित का ज्ञानी भी वो,
भविष्य दृष्टा और प्रतिभावान चितक वो।
जन्मसिद्ध अधिकार कहा जिसने स्वराज को,
जिसका उद्देश्य समाज का उत्थान था,
तिलक उसका नाम था।
वो उठा था, विधवाओ के अधिकार के लिए,
वो अडिग था, कुरीतियो के सहार के लिए,
उसके आगे आए असख्य विरोधी लेकिन,
वो लड़ा समाज से, समाज मे सुधार के लिए,
वेतज्ञ, सस्कृतज्ञानी वो गंगाधर विद्वान था,
इस भारत भूमि का अद्विक वरदान था,
लोकमान्य तिलक उनका नाम था।
बाल गंगाधर तिलक पर कविता Bal Gangadhar Tilak Poems In Hindi
जिसने वतन के लिए जीवन जिया
वतन के लिए सब कुछ किया
समाज की बुराइयो को दूर करके
वतन मे आगे बढ़ने का रास्ता हमे दिया
लोकमान्य तिलक नाम है जिनका
गीता सार जिसने समझाया
ना भूलेगे महान इस देश भक्त को
इन्होंने वतन के लिए जीवन त्याग किया
कई बार जेल की यातनाए सही
वतन के लिए उन्होंने सब कुछ किया
एकता के सदेश को हम तक पहुचाया
जिसने वतन के लिए जीवन जिया
वतन के लिए सब कुछ किया
प्रतीक था आजादी अभियान का,
जिसको मिला ‘लोकमान्य’ का उपनाम था,
तिलक उसका नाम था।
बाल-विवाह विध्वशक वो,
राष्ट्रवाद का प्रतीक पुरुष वो,
खगोल और गणित का ज्ञानी भी वो,
भविष्य दृष्टा और प्रतिभावान चितक वो।
जन्मसिद्ध अधिकार कहा जिसने स्वराज को,
जिसका उद्देश्य समाज का उत्थान था,
तिलक उसका नाम था।
वो उठा था, विधवाओ के अधिकार के लिए,
वो अडिग था, कुरीतियो के सहार के लिए,
उसके आगे आए असख्य विरोधी लेकिन,
वो लड़ा समाज से, समाज मे सुधार के लिए,
वेतज्ञ, सस्कृतज्ञानी वो गंगाधर विद्वान था,
इस भारत भूमि का अद्विक वरदान था,
लोकमान्य तिलक उनका नाम था।
बाल गंगाधर तिलक पर कविता Poems On Bal Gangadhar Tilak
बाल गंगाधर तिलक जयंती 2022 पर कविता
बाल गंगाधर तिलक जयंती पर भाषण
बाल गंगाधर तिलक पर कविता
बाल गंगाधर तिलक पर निबंध
Read More और पढ़ें:
0 टिप्पणियाँ