मेरा भारत महान कविता Mera Bharat Mahan Desh Bhakti Kavita Hindi
नयी कविता/ जदीद नज्म-------------------------------
" मेरा भारत महान "
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ये है भारत चमन!, ये है भारत सजन!
ये हमारा वतन है हमारा वतन!!
इस में गांधी, जवाहर, भगतसिंघ/ सिंह भी!
थे सभी इस में फिक्र-व-अमल के धनी!
इस से फैली है एखलास की रौश्नी!
याँ के जीवन में रस,मौत में चाशनी!
दिल हमारे बने,सारी दुन्या/ दुनिया बनी!!
फैलती जाती है प्यार की चाँदनी!!
इस में अश्फाक-व-हमीद-व-आजाद थे!
इस में सुखदेव, सरदार-व-प्रसाद थे!!
इस में सुल्तान-व-हैदर-व-बहजाद थे!!
कब वे/ वो "गोरों" से मायल-ब-फर्याद थे ?!
अस्ल में, यारो!,लाल-व-जवाहर थे वो/ वे!
बह्र-ए-फिक्र-व-अमल के शनावर थे वो/ वे!!
"मेरा भारत महान " (नज्म)
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इस में मुगलों का अहद-ए-मिसाली भी था!
और अशोका का दौर-ए-जलाली भी था!!
इस में राजा अलाउद्दीन्(دیں) खिल्जी भी था!
राजा रंजीत का दौर-ए-अज़मी भी था!
हौसला-ए-रानी-लछमी बाई भी था!
जिस की सेना में कोई ईसाई भी था!!
हम भी रखते हैं चाहत के तीर-व-धनुष!
हिन्द है ये!, यहाँ खुश है हर इक मनुष्य!!
इस में राँझा का मन!, हीर का बाँकपन!
इस में " साहिर" का हुस्न-ए-सुखन,हुस्न-ए-फन!
इस में अम्रित की नहरें / नदियाँ हैं गंग-व-जमन!!
" मीर" की है गजल इस में " गालिब" का फन!!
ये हैं हिन्दोस्तानी,ये हैं भारती!!
इन से सीखें सभी, जिन्दगी के चलन!!
मैं तो कहता हूँ, भारत की हर एक शै!
रश्क-ए-लाल-ए-यमन,रश्क-ए-दुर्र-ए-अदन!!
इस के रख्शक ये पर्बत, ये विशाल बन!!
दुश्मनों के लिए हैं ये हिम्मत-शिकन!!
कितना बेहतर, हसीँ-तर है मेरा वतन!!
हर समय इस में बहते हैं गंग-व-जमन!!
गुल तो गुल,काँटे इस के महकने लगे!!
ये है मेरा चमन!,ये है मेरा वतन!!
इस में हीर-राँझा का दीवानापन!!
सोहनी-व-महीवाल का बाँकपन!!
उन से सीखें सभी, जिन्दगी के चलन!!
भारती वे / वो थे,भारत था उन का वतन!!
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इस तवील और मुन्फरिद नज्म के दीगर शेर-व-सुखन आइंदा फिर कभी पेश किए जायेंगे, इन्शा-अल्लाह!
डाक्टर रामदास प्रेमी राजकुमार जानी दिलीपकुमार कपूर, द्वारा डॉक्टर जावेद अशरफ़ कैस फैज अकबराबादी,डॉक्टर इन्सान प्रेमनगरी हाऊस, डॉक्टर खदीजा नरसिंग होम, रांची हिल साईड,इमामबाड़ा रोड, राँची-834001,झारखंड, इन्डिया!
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