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शिव शंकर जी के भजन हिंदी में लिखी हुई Shiv Shankar Ke Bhajan Lyrics Hindi

भक्ति गीत : बाबा भोलेनाथ का कमाल

“ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय”

डमरू वाले बाबा, अपने कमाल कर दिया,
अपने भक्तों को तो मालामाल कर दिया।
कोई दूसरा भगवान वर देता नहीं है ऐसे,
कष्ट हरके जीवन को खुशहाल कर दिया।
डमरू वाले बाबा………..

अधर्म आपसे डरते हैं, दूर भागते हैं पाप,
दुष्ट देखकर आपको करते हैं बाप रे बाप।
जो देख ले आपका त्रिशूल, करे नहीं भूल,
संसार से सारे जग को निहाल कर दिया।
डमरू वाले बाबा………..

आपके भक्त आपको सदा, करते हैं याद,
खोज खोज लाते, फल, फूल और प्रसाद।
एक पुकार पर आप सहाय हो जाते भोले,
असुरी शक्ति को आपने बेहाल कर दिया।
डमरू वाले बाबा………….

जब से आपने भांग धतूरा छोड़ दिया है,
सारे जग से, अपना नाता जोड़ लिया है।
आपके चरणों में समर्पित लगती दुनिया, 
डमरू बजा बजाकर, खुशहाल कर दिया।
डमरू वाले बाबा………..
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)


भक्ति गीत : जय महाकाल


ॐ नमः शिवाय 

स्वामी जय महाकाल, प्रभु जय महाकाल,
तुम ही त्रिभुवन नाथ, तुम ही दिन दयाल।
तुम ही दुनिया में लाते, फिर पास बुलाते,
हर हाल में रखते हो, त्रिलोक का ख्याल।
स्वामी जय महाकाल………….

सारे देवों में लगता प्रभु रूप तेरा निराला,
गंग जटा भाल चंद्रमा गले सर्प की माला।
शिव त्रिपुरारी, आपकी महिमा अपरंपार है,
आपका कृपा जहां, आ सकता नहीं काल।
स्वामी जय महाकाल………….

जहां बजता है डमरू और लहराता त्रिशूल,
दुःख के काटें भी बन जाते सुख के फूल।
प्रभुजी सबकी विनती सुनते, करते विचार,
आपके आगे पीछे नाचते भूत प्रेत बैताल।
स्वामी जय महाकाल………….

भांग धतूर के बदले आप खाने लगे फल,
माता भवानी गौरी की, वंदना हुई सफल।
भक्तों की आशा बिन मांगे होती है पूरी,
जिसका कोई नहीं, देवा आप बनते ढाल।
स्वामी जय महाकाल…………
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)


भक्ति गीत : हर हर शंभू

“ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय”
“आज पुरुषोत्तम मास का पहला सोमवार है,
सावन का मस्त महीना है, छाई हुई बहार है।
मंदिर मंदिर कैलाशपति की जय जयकार है,
भक्तों पर भोलेनाथ की महिमा अपरंपार है।“

हर हर शंभू, हे शिव शंकर शंभू, हर हर शंभू,
जग में कण कण में विराजमान है तू ही तू।
जहां पर तुम नहीं हो, त्रिभुवन नाथ महादेव,
वहां पर पाप ताप से, धरती जलती है धू धू।
हर हर शंभू………….

तीनों लोक में तेरी महिमा है सबसे निराली,
इसी से आती स्वामी, हर प्राणी में खुशहाली।
छोटी पूजा से, तुम प्रसन्न हो जाते हो दानी,
डम डम डम डम बजने लगता है तेरा डमरू।
हर हर शंभू………….

तुमको देखकर खींचा चला जाता सारा ध्यान,
बिना मांगे त्रिलोकीनाथ, तुम देते हो वरदान।
सावन मास में, धरती पर निवास करते तुम,
तुम कैलाशपति महादेव, महाकाल हो हू बहू।
हर हर शंभू………

जिस पर बरसता है प्रभु तेरी कृपा का पानी,
बिल्कुल बदल जाती, उस मानव की कहानी।
तेरी भक्ति में, अपार शक्ति छुपी लगती है,
बेड़ा उसका पार, लेता जो तेरे चरणों को छू।
हर हर शंभू…………..

प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)



भक्ति गीत : फागुन में भोलेनाथ
“हर हर शंभू, घर घर शंभू, कण कण शंभू,
नस नस शंभू, रग रग शंभू, है तू ही तू।”

सावन में तो आप हर साल आते हो भोले,
एक बार फागुन में भी पधारकर देखो ना।
फल फूल और कंद मूल खाते रहते ही हो,
अब फागुन का मालपुआ खाकर देखो ना।
सावन में तो आप…………

रंग रस से भरा लगता है फागुनी खजाना,
निमंत्रण पत्र भेज रहा हूं, हमें नहीं भुलाना।
आप महाकाल हो, लाना अपनी पूरी टोली,
फागुनी मौसम में डमरू बजाकर देखो ना।
सावन में तो आप………..

आपके दर्शन से जीवन सफल हो जाएगा,
हम भक्तों का रूठा भाग्य बदल जाएगा।
नंदी महाराज प्रसन्न होगा, हरियाली देख,
मधुर फागुन में नंदी को लाकर देखो ना।
सावन में तो आप…………

सुन लो महादेव इस बार भक्तों की पुकार,
आपके चरण रज से होगा सबका बेड़ा पार।
पूजन और वंदन आपका हम सदा करते हैं,
कैलाशपति, अपना दरस दिखाकर देखो ना।
सावन में तो आप………….

प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

भक्ति गीत : बसंत पंचमी में भोलेनाथ

 ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय
“या देवी सर्वभूतेषु शारदा रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।”
बसंत पंचमी की घड़ी सुहानी आ रही है,

सरस्वती रूप में मां भवानी आ रही है।
भोलेनाथ शिव शंकर तुम भी आ जाना,
कृपा करना, डमरू डम डम बजा जाना।
बसंत पंचमी की घड़ी……….

ज्योति जलेगी जग में जगमग जगमग,
जड़ता की नैया डोलेगी डगमग डगमग।
कमल आसनी मैया ज्ञान लुटाएगी यहां,
स्वामी तुम त्रिशूल अपना चमका जाना।
बसंत पंचमी की घड़ी……….

माता शारदा आ रही, ज्ञान गंगा बहाने,
हर अज्ञानी को, नव नव ज्ञान सिखाने।
तुम त्रिभुवननाथ हो स्वामी कैलाशपति,
नया नया रास्ता सभी को दिखा जाना।
बसंत पंचमी की घड़ी………

जब छुएगी मैया अपनी वीणा का तार,
सारे जग में गूंजेगा, ज्ञान का झंकार।
ज्ञान का भंडार कभी नहीं खाली होगा,
भवानी से मिलकर कैलाश लौट जाना।
बसंत पंचमी की घड़ी………..

प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

भक्ति गीत : शिव शंकर की महिमा

“ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय”

तेरी महिमा अपरंपार, हे शिव शंकर भोला,
त्रिलोक के पालनहार, हे शिव शंकर भोला,
सबको देखते और तुम सबकी सुनते देवा,
कैलाश लगा दरबार, हे शिव शंकर भोला।
तेरी महिमा अपरंपार……….

घर जिसके लगता है भूत प्रेत का मेला,
सारे देवताओं में स्वामी तुम हो अकेला।
गंग जटा और सजा तुम्हारे भाल चंद्रमा,
नैया लगा दो पार, हे शिव शंकर भोला।
तेरी महिमा अपरंपार……….

धतूरा देखकर क्यों मन नहीं तेरा डोला,
अच्छा है छोड़ दिया है भांग का गोला।
तुम अब फल, फूल से काम चलाते हो,
कब आया विचार, हे शिव शंकर भोला?
तेरी महिमा अपरंपार………..

बहुत प्रसन्न रहती इससे पार्वती माता,
तेरा ही विधान और तुम ही हो विधाता।
डमरू क्यों नहीं बजाया तुमने आज देव,
सेवा करो स्वीकार, हे शिव शंकर भोला।
तेरी महिमा अपरंपार………
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

जय शिव शंकर जय शिव ओंकारा भजन Jai Shiv Shankar Bhajan Lyrics

भक्ति गीत : शिव ओंकारा
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय
“शिव शक्ति से भरा आज का सोमवार है,
भोले को प्रणाम, भक्तों को नमस्कार है।”

जय शिव ओंकारा, ओंकारा, शिव ओंकारा
तुम्हीं हो भोले भंडारी, हम सबका सहारा।
शिव ओंकारा, ओंकारा, भोले शिव ओंकारा,
जन्म जन्म का साथ है, हमारा तुम्हारा।
जय शिव ओंकारा………..

कैलाशपति तेरी महिमा जग में निराली है,
जहां तेरी कृपा होती, पग पग हरियाली है।
त्रिभुवन नाथ, बहुत दूर भगाओ कष्टों को,
पलटकर दुनिया में यह आवे नहीं दोबारा।
जय शिव ओंकारा…………….

कोरोना के हर रूप ने लोगों को रुलाया है,
जितना सता सकता था, उतना सताया है।
हंसता हुआ आंगन शमशान बन गया था,
अपनों ने अपनों से कर लिया था किनारा।
जय शिव ओंकारा……………..

दुनिया से मिटी नहीं है कोरोना की कहानी,
है जिंदगी के लिए यह सबसे बड़ी परेशानी।
कब आता, और कब जाता है, किसे पता?
किसी को भी बना सकता है घर में बेचारा।
जय शिव ओंकारा…………

जिस पर आपकी कृपा हो जाती है भोले,
नैया उसकी कभी नहीं खाती है हिचकोले।
वह तो असंभव को भी संभव कर देता है,
वह ऐसा हो जाता, जैसे नभ में ध्रुवतारा।
जय शिव ओंकारा…………..
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

बोल बम बोल बम बोल बम 2021 का बोल बम का गाना | बोल बम के गाना भक्ति शिव भजन

बोल बम बोल बम बोल बम
(तीसरा सोमवार : शिव भजन)
बोल बम, बोल बम, बोल बम, बोलो सारे प्यार से बोल बम,
बज रहा है सारी दुनिया में, डमरू शिव के डम डम, डम डम।
बड़ा पावन बड़ा सुहाना, शिवमय सावन का तीसरा सोमवार है,
मंदिर मंदिर, पर्वत पर्वत, सजा शिवजी का आज दरबार है।
चाहो जितना आज लूट लो भक्तों, भरा भोले का भंडार है,
कोरोना का तांडव है, पर भक्तों के मन में श्रद्धा अपार है।
भक्ति ने शक्ति दी है भक्तों को, उत्साह नहीं है कोई कम,
जब शिव की महिमा सब पर, फिर किसी को कैसा गम?
बोल बम, बोल बम, बोल बम……

बोल बम के गाना नयका

जगह जगह शिव मंदिर में, द्वार पे लटका हुआ है ताला,
गली गली में भोले, लगता कोरोना का पूरा बोलबाला।
सब शिव के, शिव सबके, जग में कहीं कोई नहीं अकेला,
जल्दी कोरोना को भगाएं, मंदिर में फिर से लगेगा मेला।
हाथ डमरू त्रिशूल, गंग जटा, भाल चंद्रमा, गले सर्प हार,
महादेव तन पर चमचम भस्म चमके, गजब का श्रृंगार।
बोल बम, बोल बम, बोल बम………

बोल बम के नारा

हे काशीनाथ कृपा करो, बाढ़ में डूबा हुआ सारा बिहार है,
बाबा पशुपतिनाथ, बैद्यनाथ, केदारनाथ, दया की दरकार है।
आपकी हवा, आपका पानी, आपकी धरती, आपका संसार है,
शमशान में धुनी रमाने वाले बाबा, और कौन तारणहार है?
अधर्म नाच रहा जग में, बचा लो आप धर्म की लाज शर्म,
दंडित करो अधर्मी को त्रिशूल से, जो करते जग में उल्टे कर्म।
बोल बम, बोल बम, बोल बम………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

शिव के डमरू डम डम बोले : शिव शंकर जी के भजन - Shiv Shankar Ke Bhajan

भजन : शिव के डमरू डम डम बोले
सोमवार का सुहाना, दिन जब आए,
शिव शंकर के डमरू, डम डम बोले।
चम चम चमके, सुंदर त्रिशूल उनके,
सारा जग बोले, शिव बम बम भोले।
सोमवार का सुहाना…
कोई लेकर आवे धतुरा चढ़ाने उनको,
कोई बनावे प्रेम पूर्वक, भांग के गोले।
झूम झूम कर, नाचे शिव कैलाशपति,
जब जब चरण पड़े, यह धरती डोले।
सोमवार का सुहाना…
ठुमक ठुमक आगे पीछे नंदी महाराज,
बड़ी बड़ी अपनी, सुंदर अंखियां खोले।
नाग बाबा शोभे, जैसे माला गले की,
बंद नयन, मुस्काए शंकर हौले हौले।
सोमवार का सुहाना…
उमापति के मंदिर में, घंटी के टन टन,
कृपा से, शिव भक्तों के भर जाए झोले,
माखन मिश्री शिव के मन को न भावे,
उनके कमंडल में, कोई भांग रस घोले।
सोमवार का सुहाना…
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,

Shiv Bhajan भजन : डमरू वाले बाबा का रूप

डमरू वाले बाबा, तेरा रूप बड़ा विकराल है,
भस्म रमा है तन पर, तू ही महाकाल है।
लहरा रहा त्रिशूल तेरा, बज रहा है डमरू,
आगे आगे भूत प्रेत, पीछे पीछे वैताल है।
डमरू वाले बाबा………
देवों के देव महादेव, तुम हो त्रिलोकीनाथ,
तुम ही बाबा विश्वनाथ, तुम ही काशीनाथ।
हाथ तेरे हर भक्त के साथ रहते हैं स्वामी,
अपने सिवा तुम्हें, सारे जग का ख्याल है।
डमरू वाले बाबा………
जब चढ़ाता कोई, भांग धतुर का प्रसाद,
खुश होकर कर देते, घर उसका आबाद।
शोभा बढ़ा रहे हैं नागराज, तेरे गले की,
गंग जटा में, अर्ध चंद्र शोभित भाल है।
डमरू वाले बाबा………
तीसरी आंख खोलो, कोरोना को भगाओ,
देश और दुनिया में, सबका बुरा हाल है।
भोले भंडारी, अपनी सुंदर दुनिया संभालो,
तुम ही देखो, किस दुष्ट की यह चाल है?
डमरू वाले बाबा………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

भजन : आखिरी सोमवार सावन का

“ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय”
“आप सभी मित्रों एवं साथियों तथा प्यारे बच्चों को सावन मास के आखिरी सोमवार के पावन अवसर पर ढेर सारी शुभकामनाएं एवं अशेष बधाईयां। भगवान भोलेनाथ अपनी कृपा बरसाते रहें।”

“सारे कांवरिया पहुंच रहे हैं शिव नगरिया,
चमकती है बिजुरिया, बरसती है बदरिया।”
जग पर रहा उपकार शिव शंकर का,
आज है आखिरी सोमवार सावन का।
भोले भंडारी के हुए भक्तों को दर्शन,
रूप खिल गया आज घर आंगन का।
जग पर रहा उपकार...

अपने धुन में शिव शंकर लगते हैं मस्त,
सारे दुष्ट दानव, शंकर से होते हैं पस्त।
पूजा पाठ करके लोगों को मिली है शांति,
सपना साकार हुआ जैसे इस जीवन का।
जग पर रहा उपकार…

हर सोमवार को लगा कांवरिया का मेला,
सावन के महीने में कोई नहीं था अकेला।
आखिरी सोमवार को शिव कृपा बरस रही,
खिला खिला तन लगता, वन उपवन का।
जग पर रहा उपकार…

शिव भक्ति से धन्य धन्य है भारत देश,
शिव शक्ति का सारे जग में गया उपदेश।
शिव भक्तों का सावन ने दिया पूरा साथ,
कोई अभाव नहीं खटकेगा अन्न धन का।
जग पर रहा उपकार…

सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर मधुबनी बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

भक्ति गीत : हे प्रभु एक विनती तुमसे भगवान के भजन हिंदी में

हे प्रभु एक विनती करूं तुमसे,
सदा सुखी रहे परिवार हमारा।
अपनी सेवा में लगा लो दाता,
बचा हुआ है जो जीवन सारा।
हे प्रभु एक...

डर के साए में जी रही है दुनिया,
अब है भगवान एक तेरा सहारा।
सता रही सबको अपनों की चिंता,
हर भक्त फिर रहा है मारा मारा?
हे प्रभु एक…

2022 का बोल बम का गाना

कोरोना संकट ने बहुत सताया है,
फिर न कोरोना आने पावे दोबारा।
काम गया, नाम गया, दाम गया,
हर कोई आज, हो गया है बेचारा।
हे प्रभु एक…

कितनी कठिन परीक्षा ले रहे देवा,
कब आशीष हमें मिलेगा तुम्हारा?
नरक जैसा हुआ हाल परिवार का,
घर लगने लगा है, कंस का कारा।
हे प्रभु एक…
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार

जय शिव भोले बम बम भोले शिव शंकर दानी : भजन बम बम भोले शंकर

भजन : शिव शंकर दानी

सुनिए दुखड़ा हमार, हे शिव शंकर दानी,
करिए सपना साकार, हे शिव शंकर दानी।
डमरूवाले बाबा काशीनाथ, दीजिए ध्यान,
कोरोना महामारी की, बंद करें मनमानी।
हे शिव शंकर दानी…

भोलेनाथ मेरे, आज सारा संसार रो रहा है,
आपकी सुंदर सृष्टि में, ये क्या हो रहा है?
करिए अपने भक्तों के आंसू को मुस्कान,
सिर के ऊपर से भोले, बह रहा है पानी।
हे शिव शंकर दानी…

आपके सामने आपकी ऊजड़ रही है सृष्टि,
आसमान से हो रही जैसे, मौत की वृष्टि।
दानव नाच रहे हैं, और मानव कराह रहे,
दूर करिए प्रभु, सारी दुनिया की परेशानी।
हे शिव शंकर दानी…

तीसरी आंख खोलें और त्रिशूल निकालें,
आपके भक्तों की जा रही है जिंदगानी।
सारी दुनिया आज राह देख रही आपकी,
भांग धतूर के साथ खड़े, हम हिन्दुस्तानी।
हे शिव शंकर दानी…

सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

भोलेनाथ के भजन हिंदी में Shiv Shankar Ke Bhajan Lyrics Hindi

बाल गीत : हे भोलेनाथ कैलाशपति शिव शंकर
हे भगवान भोलेनाथ, कैलाशपति शिव शंकर,
हम बच्चों की विनती पर भी, कुछ ध्यान देना।
कई महीनों से हमारे स्कूल बंद हैं उमापति
ऑनलाइन पढ़ पढ़कर बोर हो गई हमारी सेना।
हे भगवान भोलेनाथ…

कोरोना कब जाएगा दुनिया से ये तो पता नहीं,
कब खुलेगा स्कूल हमारा, ये भी तो पता नहीं।
केवल तुम ही पी सकते हो जहर कोरोना का,
तुम नीलकंठ हो, तेरा ही है इससे लेना देना।
हे भगवान भोलेनाथ…

हम बच्चों की समस्या पर कुछ तो करो विचार,
वरना, हम बच्चे घर बैठे बैठे हो जाएंगे बेकार।
स्मार्ट फोन से ठीक से नहीं हो पाती है पढ़ाई,
न मन में संतुष्टि हमको और न दिल में है चैना।
हे भगवान भोलेनाथ…
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

भजन : भोलेनाथ तेरी दुनिया में Hey Bholenath Teri Duniya Mein Lyrics

भोलेनाथ तेरी दुनिया में, भक्त रहते मस्त,
कृपा तेरी निराली है, महिमा है जबरदस्त।
भांग धतूरा प्रसाद में, कर लेते हो स्वीकार,
तुम रक्षक, तेरे सारे भक्त रहते आश्वस्त।
भोलेनाथ तेरी दुनिया में……

बड़ी आसानी से तुम, सुन लेते हो पुकार,
जब दिल करता, भक्त पहुंचते हैं दरबार।
तुम देवों के देव, महादेव हो शिव शंकर,
तुमसे सारे पाप अधर्म, रहा करते पस्त।
भोलेनाथ तेरी दुनिया में……

तुम कभी किसी से, करते नहीं किनारा,
अच्छे बुरे सभी को, तुम देते हो सहारा।
गजब का लगता, प्यारा कैलाश तुम्हारा,
भूत, प्रेत और वैताल लगाते रहते गश्त।
भोलेनाथ तेरी दुनिया में……

बोल बम पर शायरी

डमरू तेरा बजता रहता है, डम डम शिवा,
त्रिशूल चमकता रहता है, चम चम शिवा।
धर्म के लिए तुमने, गरल पान किया था,
जीते देव दुनिया के, दानव हुए थे त्रस्त।
भोलेनाथ तेरी दुनिया में……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/

जयनगर (मधुबनी) बिहार

भजन : कैलाशपति तेरे डमरू से, शिव शंकर जी के भजन आरती हिंदी में

भजन : कैलाशपति तेरे डमरू से
(सोमवार विशेष रचना)
प्रभु कैलाशपति, तेरे डमरू से निकले,
कभी सीताराम, और कभी राधेश्याम।
हे उमापति महादेव, तुम ही बतलाओ,
क्या राम कृष्ण से जुड़ा है तेरा नाम?
प्रभु कैलाशपति……………..
तीनों लोक के शिव, तुम हो स्वामी,
सबसे बड़े हो भोले, तुम अन्तर्यामी।
पसंद है तुमको मुरलीधर की लीला,
राम में तुम हो या तुझ में है राम?
प्रभु कैलाशपति…………….
क्या है महादेव तेरा, नाग से नाता,
क्यों शोभती है जटा में गंगा माता?
सबसे बड़े हो तुम दानी, दुनिया में,
रामकृष्ण से तुम्हारा है कैसा काम?
प्रभु कैलाशपति…………..
बड़ा सुहाना आज ये सोमवार आया है,
फूलों से सजा हुआ स्वामी तेरा धाम।
बोल बम बोल बम लग रहा जयकारा,
आज दुनिया जप रही प्रभु तेरा नाम।
प्रभु कैलाशपति……………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

भजन : भोलेनाथ तेरी दुनिया में Shiv Shankar Ke Bhajan Lyrics Hindi


“सावन महीने का आज दूसरा सोमवार है
शिव की अर्चना में लीन, सारा संसार है”

सावन में शिव महिमा का महत्व : शिव भक्ति भजन आरती हिंदी में

भक्ति कविता
सावन में शिव बहुत जल्दी प्रसन्न होते,
खोल देते हैं, अपनी महिमा का खजाना,
हर भक्त पर महिमा की बारिश होती है,
जीवन में मौसम आ जाता बड़ा सुहाना।
सावन में शिव……
सावन में शिव शांत रहा करते हैं अक्सर,
माफ कर देते, लोगों का अपराध अंजाना।
शिव महिमा, पूजा से मिल जाती सबको,
शिव शंकर का ऐसा इतिहास रहा पुराना।
सावन में शिव……
शिव हैं बनाने वाले और मिटाने वाले भी,
सावन में वे केवल चाहते हैं कुछ बनाना।
मिटाने के बारे में वे फिर कभी सोचते हैं,
इसलिए उनकी महिमा, चाहते सभी पाना।
सावन में शिव……
शिव महिमा का, बड़ा महत्व है सावन में,
होता है कष्टों का जाना, सुखों का आना।
विशेषकर सोमवार के दिन, महादेव देते हैं,
नहीं चलता, किसी बाधा का कोई बहाना।
सावन में शिव……

Shiv Bhajan

नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

शिव भजन: शिव शंकर जटा धारी Shiv Shankar Ke Bhajan

भक्ति गीत : शिव शंकर जटा धारी
(आखिरी सोमवार की विनती)
सुनो, सुनो, एक विनती हमारी,
भगवान शिव शंकर जटा धारी।
तुम बैठे रहे कैलाश पर जाकर,
सारे जग में फैल गई महामारी।
सुनो, सुनो एक……
कोरोना से हुए हैं, भक्त परेशान,
तड़प तड़पकर वे दे रहे हैं जान।
तेरी सुंदर दुनिया लगती उदास है,
आज जग में है यह बड़ी लाचारी।
सुनो, सुनो एक……
डरा डरा सा, जीवन लगता है,
ठगा ठगा सा, मन लगता है।
सूरज के सामने छाया अंधेरा,
कोरोना लगता सब पर भारी।
सुनो, सुनो एक……
स्वामी, आज कैलाश मत जाओ
दुनिया से, कोरीना को भगाओ।
बर्बाद हो रही कोरोना के हाथों,
तुम्हारी सुंदर सृष्टि जो प्यारी।
सुनो, सुनो एक……
सावन का आखिरी सोमवार है,
कर रहे हो कैलाश की तैयारी।
हम सब पर कौन देगा ध्यान?
हमें प्रभु, कृपा चाहिए तुम्हारी।
सुनो, सुनो एक……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

शिव भजन : भगवान त्रिलोकीनाथ प्रणाम Shiv Bhajan Bhagwan Trilokinath

भजन : भगवान त्रिलोकीनाथ प्रणाम
“दिवस आज का शिव का सोमवार है,
भक्तों को कृष्णदेव का नमस्कार है।“
भगवान त्रिलोकीनाथ जिसका नाम है,
चरणों में उन्हें कोटि कोटि प्रणाम है।
बड़ी आसानी से, प्रसन्न होते हैं शिव,
सृष्टि की देखभाल, शिव का काम है।
भगवान त्रिलोकीनाथ…………
भाल चंद्र शोभित, जटा में गंगा मैया,
भवसागर से पार करते शिव ही नैया।
सुनते सबकी, बंद रखते अपनी आंखें,
शिव विराजमान, जहां उनका धाम है।
भगवान त्रिलोकीनाथ…………..
उनका डमरू बजता रहता है डम डम,
और त्रिशूल चमकता रहता चम चम।
पास त्रिभुवन नाथ के होते नंदी बाबा,
सोचते जग की, थोड़ा नहीं आराम है।
भगवान त्रिलोकीनाथ…………
उनकी जब जब तीसरी आंख खुलती है,
प्रभाव इतना कि सारी धरती डोलती है।
उनकी अराधना से हर कष्ट मिट जाता,
शिव कृपा से जीवन में सुहानी शाम है।
भगवान त्रिलोकीनाथ……………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

शिव भजन : डमरू वाले बाबा, हे त्रिलोकीनाथ, आज दिन है सोमवार

भजन : डमरू वाले बाबा
“ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय”
“हे त्रिलोकीनाथ, आज दिन है सोमवार,
विनती यही है, सुनो भक्तों की पुकार।''
डमरू वाले बाबा, है तेरा रूप बड़ा निराला,
गले में लिपटे सांप, तन पर है बघछाला।
भाल शोभे चंद्रमा तेरे, जटा लहराए गंगा,
सदा तुम रहते, अपनी धुन में मतवाला।
डमरू वाले बाबा……………
तुम ही भोलेनाथ, तुम ही महाकाल हो,
तम को हरकर तुम, बांटते हो उजाला।
गोरे तन पे भस्म लगाकर कैलाशपति,
सर्व समक्ष क्यों बनकर आते हो काला?
डमरू वाले बाबा…………..
हलाहल पीकर तेरा कंठ पड़ा है नीला,
पर्वतराज ससुर तेरा, कौन तेरा साला?
चम चम चमके त्रिशूल, तेरा महेश्वर,
फन निकाल फुफकारे, नाग की माला।
डमरू वाले बाबा……………
हेमंत ऋतु है, ठंडी हवा का कहर है,
फिर से लौट रहा कोरोना का डर है।
अंधेरा ही अंधेरा नजर आ रहा आज,
त्रिशूल चमकाओ, कर दो न उजाला!
डमरू वाले बाबा…………..
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर, मधुबनी (बिहार)/
नासिक (महाराष्ट्र)

सुपरहिट शिव भजन हिंदी : दुःख सबका सुनते शिव शंकर Shiv Bhajan Hindi

भजन : दुःख सबका सुनते शिव शंकर
(सोमवार विशेष रचना)
दुःख सबका आप सुनते हैं शिव शंकर,
इंसान जो भी, आपके दरबार आता है।
शरण आपके, मैं भी आया कैलाशपति,
देखना है, कब मुझ पर प्यार आता है?
दुःख सबका आप…………..
किसी की विनती एकबार में सुन लेते,
कोई मेरे जैसे द्वार बार बार आता है।
जिसका कोई नहीं सुनता इस जग में,
हारकर भोले, आपके दरबार आता है।
दुःख सबका आप……………..
आंखें खोलते हो, अपना डमरू बजाते हो,
चरण में दास जब ऐसा लाचार आता है।
पूरी सृष्टि पर होती, कृपा दृष्टि आपकी,
मुसीबत से जान बचाने, संसार आता है।
दुःख सबका आप ……………
आपके सिवा उसे कुछ और नहीं दिखता,
जो इस जग में सब कुछ हार आता है।
आनेवाले आते हैं, झोली भर के जाते हैं,
जानेवाले के जीवन में निखार आता है।
दुःख सबका आप……………..
मन में बड़ी प्रसन्नता होती है सबको,
जब दिवस अलबेला सोमवार आता है।
भक्तों की सर्दी से जान बचाएं प्रभुजी,
डर लगता, जब शीतल बयार आता है।
दुःख सबका आप…………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

जय भोलेनाथ शिव शंकर Bholenath Ji Ke Bhajan

भक्ति गीत : जय भोलेनाथ शिव शंकर
“हे त्रिभुवन नाथ आज दिन सोमवार है,
सारे संसार पर तेरी महिमा अपरंपार है”
जय भोलेनाथ शिव शंकर त्रिपुरारी,
प्रभु ,कभी तो विनती सुनो हमारी!
भांग धतुर, फल फूल चढ़ा रहा हूं,
सुनाऊंगा तुमको मैं, मीठी नचारी।
जय भोलेनाथ……
कोरोना को आने मत देना दोबारा,
हम भक्तों का, बने रहना सहारा।
कोरोना ने ऐसा संग्राम मचाया था,
जिंदगी लगती है, तलवार दुधारी।
जय भोलेनाथ……
बड़ा बुरा आज, तेरे भक्तों का हाल,
काम गया दाम गया, लोग कंगाल।
अपना तीसरा नेत्र खोलो कैलाशपति,
प्रतीक्षा कर रही तेरी, दुनिया सारी।
जय भोलेनाथ……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

शिव शंकर के भजन : सुनिए दुखड़ा हमार, हे शिव शंकर दानी Shiv Shankar Ke Bhajan

भजन : शिव शंकर दानी
(भक्ति रस रचना)
सुनिए दुखड़ा हमार, हे शिव शंकर दानी,
करिए सपना साकार, हे शिव शंकर दानी।
डमरूवाले बाबा काशीनाथ, दीजिए ध्यान,
कोरोना महामारी की, बंद करें मनमानी।
हे शिव शंकर दानी…………..
भोलेनाथ मेरे, आज सारा संसार रो रहा है,
आपकी सुंदर सृष्टि में, ये क्या हो रहा है?
करिए अपने भक्तों के आंसू को मुस्कान,
सिर के ऊपर से भोले, बह रहा है पानी।
हे शिव शंकर दानी………….
आपके सामने आपकी ऊजड़ रही है सृष्टि,
आसमान से हो रही जैसे, मौत की वृष्टि।
दानव नाच रहे हैं, और मानव कराह रहे,
दूर करिए प्रभु, सारी दुनिया की परेशानी।
हे शिव शंकर दानी……………
तीसरी आंख खोलें और त्रिशूल निकालें,
आपके भक्तों की जा रही है जिंदगानी।
सारी दुनिया आज राह देख रही आपकी,
भांग धतूर लेकर खड़े, हम हिन्दुस्तानी।
हे शिव शंकर दानी…………..
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

भक्ति गीत, शिव भजन Shiv Bhajan : बड़ा प्यारा शिव का परिवार लगता है

भक्ति गीत : शिव परिवार
बड़ा प्यारा, शिव का परिवार लगता है,
बड़ा ही सुंदर शिव का संसार लगता है।
मैया पार्वती संग हो, तो कहना ही क्या,
प्रेम परिवार का आदर्श श्रृंगार लगता है।
बड़ा प्यारा………..
एक तरफ कुमार कार्तिकेय विराजमान हैं,
दूसरी ओर, प्रथम पूज्य गणेश भगवान हैं।
कैलाशपति बहुत शांत दिख रहे भक्तों को,
कार्तिक मास का सुंदर सोमवार लगता है।
बड़ा प्यारा…………
भक्तों को खुशी का, कोई ठिकाना नहीं है,
देखकर चुप रहने का कोई बहाना नहीं है।
उमापति महादेव का प्रसन्न मुद्रा में होना,
सारे जग हेतु, एक बड़ा उपहार लगता है।
बड़ा प्यारा………..
जगत जननी नारायणी आशीष दे रही हैं,
दिल खोलकर अपनी महिमा लूटा रही हैं।
तीनों लोक में एक सुंदर संदेश जा रहा है,
दृश्य देखने वालों का, बेड़ा पार लगता है।
बड़ा प्यारा…………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

शिव भजन : मेरा शिव शंकर भोला Shiv Bhajan, Mera Shiv Shankar

“नवंबर माह का आखिरी आज सोमवार है,
भक्तों को, मेरा कोटि कोटि नमस्कार है।“
मांगे फल मेवा, छोड़कर भांग का गोला,
मेरे डमरू त्रिशूल वाले, शिव शंकर भोला!
हे कैलाशपति, हे विश्वनाथ, त्रिभुवन नाथ,
दे दो अपने आशीष, खाली है मेरा झोला!
हे मेरा शिव शंकर भोला…………
नित लाता मैं तोड़कर, बेलपत्र और फूल,
तेरी पूजा अर्चना करते, कहां हुई है भूल?
सारी उम्र बीत गई मेरी, तेरी सेवा करते,
प्रभु अब तक क्यों नहीं मन तेरा डोला?
हे मेरा शिव शंकर भोला…………..
सारे जग में कहलाते हो तुम ओढ़रदानी,
क्यों नहीं पहुंची तेरे कानों में ये कहानी?
दानवों को भी तुमने बड़ा वरदान दिया है,
जिसने तेरा नाम लिया, पथ उसका खोला।
हे मेरा शिव शंकर भोला…………..
तन पर तुम धुनि रमाकर, कैलाश सजाते,
तुम त्रिशूल लहराते और कभी डमरू बजाते,
संग भूत प्रेत और नंदी बाबा नाचे तुम्हारे,
गले सर्प, भाल चंद्र, कमर बाघ का चोला।
हे मेरा शिव शंकर भोला………….
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/नासिक (महाराष्ट्र)


भक्ति गीत : भोले भंडारी भूल न जाना

“भोला बाबा का प्यारा दिन सोमवार है,
उनको प्रणाम, भक्तों को नमस्कार है।"
बाबा भोले भंडारी हमको भूल न जाना,
सुंदर मन मंदिर छोड़कर दूर न जाना।
तेरे पूजन से मन को शांति मिलती है,
तेरे दर्शन से बड़ा, कोई नहीं नजराना।
बाबा भोले भंडारी…………
तुम त्रिभुवन नाथ, तुम ही हो ओंकार,
तीनों लोक में होती तेरी जय जयकर।
तेरे डमरू की आवाज पर जग मोहित,
सत्यम शिवम सुंदरम का है जमाना।
बाबा भोले भंडारी…………
जो तुमको न पूजे, हे प्रभु कैलाशपति,
समझो उस मानव की मारी गई मति।
तेरे भाल चंद्र और जटा में गंगा मैया,
संग अपने माता पार्वती को भी लाना।
बाबा भोले भंडारी…………
तेरी यह दुनिया है, तुम हो त्रिलोकीनाथ,
अपने भक्तों की बनाते हो बिगड़ी बात।
तेरे निवास कैलाश का कोई जवाब नहीं,
एक बार हमें भी, सेवा करने ले जाना।
बाबा भोले भंडारी………….
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)


भक्ति गीत : शिव दरबार में रंग गुलाल

“ॐ नमः शिवाय”
“होली का मौसम है, दिन सोमवार है,
रंग खेलने को तैयार शिव दरबार है।“
उड़े रंग गुलाल शिव दरबार में,
चले पिचकारी शिव परिवार में।
भस्म लगाना भूल गए महादेव,
खो गए जैसे होली की बहार में।
उड़े रंग गुलाल………
झूमझूम नाच रहे नंदी महाराज,
भूत प्रेत के अपने अपने अंदाज।
कोई किसी में भेद नहीं है आज,
सारे मग्न हैं होली के त्योहार में।
उड़े रंग गुलाल……..
समझ नहीं पा रही पार्वती माता,
शिव सत्य और शिव सबके दाता।
ऐसी होली नहीं मनाता है कोई भी,
आदिकाल से इस सुंदर संसार में।
उड़े रंग गुलाल…………
कम नहीं किसी से गणेश भगवान,
कार्तिकेय जी की है अलग पहचान।
डमरू की धुन पर थिरक रहे सारे,
प्रेम छलक रहा सबके व्यवहार में।
उड़े रंग गुलाल……….
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

भक्ति गीत : खा लो मेरे शिव शंकर भोला

“ॐ नमः शिवाय”
लाया हूं पीसकर प्यार से भांग का गोला,
खा लो, खा लो हे मेरे शिव शंकर भोला!
फूल बेलपत्र चढ़ाने में मेरी उम्र बीत गई,
क्यों नहीं इस भक्त पर मन तेरा डोला?
खा लो, खा लो मेरे………

स्वामी हम हैं याचक और तुम हो दाता,
जो चरण में आता, झोली भरकर जाता।
भाल चंद्र है, जटा में लहराती गंगा माई,
तन पर भस्म, बड़ा सुंदर है तेरा चोला।
खा लो, खा लो मेरे………..

तुम त्रिभुवन नाथ हो, कब दोगे दर्शन,
तुमको अर्पण है, तेरा दिया यह जीवन।
अपने चरण से स्वामी दूर नहीं करना,
तुम सब जानते हो, किसने क्या बोला।
खा लो, खा लो मेरे………..

बिन मांगे दे देते सदा मनचाहा वरदान,
कर देते हैं आप हर संकट का समाधान।
कोई भी नहीं खाली लौटता है दरबार से,
चुपचाप भर देते प्रभु, भक्तों का झोला।
खा लो, खा लो मेरे……….

प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

भक्ति गीत : आया तेरे दरबार भोले

(सोमवार विशेष रचना)
आया हूं दरबार भोले, आया तेरे दरबार,
इस भक्त की विनती कर लो स्वीकार!
पाप और अधर्म में फंस गई है दुनिया,
मिटा दो जग से असुरों वाला व्यवहार।
आया हूं दरबार भोले………

जब तुम अपनी तीसरी आंख खोलते हो,
अपने त्रिशूल से इस जग को तौलते हो।
स्वामी बड़ी विचित्र लगती लीला तुम्हारी,
इस शरणागत का भी करा दो बेड़ा पार!
आया हूं दरबार भोले……….

डरा डरा सा रहता जैसे, भक्तों का मन,
विष के चपेट में जैसे आ गया है चंदन।
तुम तो सबके भाग्य विधाता कहलाते हो,
हमको खाली हाथ मत लौटाना इस बार!
आया हूं दरबार भोले……….

तेरे दरबार से कोई लौटता नहीं खाली,
त्रिशूल लेकर करते तुम हो रखवाली।
भाल चंद्रमा और जटा में गंगा मैया,
तेरे गले में शोभित है सांपों का हार।
आया हूं दरबार भोले……….

प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)


भक्ति गीत : महादेव की होली

“ॐ नमः शिवाय”
भूलना नहीं आप एक विनती, हे भोलेनाथ,
कैलाश को छोड़कर होली मनाने आ जाना!
फागुन महीना है, बह रही है बसंती बयार,
हम भक्तों के साथ, रंग उड़ाने आ जाना!
भूलना नहीं आप एक……….
बागों में झूले लगे हैं, कूक रही कोयलिया,
पता नहीं किस ओर बज रही है पायलिया!
माता पार्वती को भी साथ लाना जरूरी है,
अपने सेवकों पर आशीष लुटाने आ जाना!

भूलना नहीं आप एक………
कहीं मोर का नाच, कहीं पापीहे की तान,
चम्पा चमेली कर रही है सबका सम्मान।
मस्ती में जब खोई हुई लगती है दुनिया,
ऊपर से भोलेनाथ डमरू बजाने आ जाना!
भूलना नहीं आप एक…………
तीनों लोक के स्वामी तुम हो कैलाशपति,
देना हम भक्तों को तुम फिर से सुमति!
हमारे हाथ में रंगों से भरी पिचकारियां हैं,
भस्म लगे तन को रंग डलवाने आ जाना!
भूलना नहीं आप एक……….
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर मधुबनी बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)


भजन : भोलेनाथ तेरी दुनिया में

ॐ नमः शिवाय
“बह रहा बसंती बयार है, दिन सोमवार है,
सबके लिए खुला भोलेनाथ का दरबार है।“
भोलेनाथ तेरी दुनिया में, भक्त रहते मस्त,
कृपा तेरी निराली है, महिमा है जबरदस्त।
कंद मूल प्रसाद में, कर लेते तुम स्वीकार,
तुम रक्षक, तेरे सारे भक्त रहते आश्वस्त।
भोलेनाथ तेरी दुनिया में……….
बड़ी आसानी से तुम, सुन लेते हो पुकार,
जब दिल करता, भक्त पहुंचते हैं दरबार।
तुम देवों के देव, महादेव हो शिव शंकर,
तुमसे सारे पाप अधर्म, रहा करते पस्त।
भोलेनाथ तेरी दुनिया में……….
तुम कभी किसी से, करते नहीं किनारा,
अच्छे बुरे सभी को, तुम देते हो सहारा।
गजब का लगता, प्यारा कैलाश तुम्हारा,
भूत, प्रेत और वैताल लगाते रहते गश्त।
भोलेनाथ तेरी दुनिया में………..
डमरू तेरा बजता रहता है, डम डम शिवा,
त्रिशूल चमकता रहता है, चम चम शिवा।
धर्म के लिए तुमने, गरल पान किया था,
जीते देव दुनिया के, दानव हुए थे त्रस्त।
भोलेनाथ तेरी दुनिया में………….
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

शिव भजन – जय शिव शंकर Shiv Bhajan Jai Shiv Shankar Lyrics

जय शिव शंकर जय महाभयंकर।
खोलो नेत्र तुम अब तीसरी।
देखो दुनिया की हालत है बिगड़ी।
हे दुख भंजन हे अलख निरंजन।
भय भगाओ जो बैठा सबके अंदर।
जय शिव शंकर जय महाभयंकर।

डम डम डमरू बजाओ काल कोरोना भगाओ।
चम चम त्रिशूल चमकाओ भगतो काल बचाओ।
हे औघढ़नाथ हे भूतनाथ भोले।
तुम हो भगतो के बाबा मस्त कलंदर।
जय शिव शंकर जय महाभयंकर।

कर नंदी सवारी दौड़ो दैत्य कोरोना ना छोड़ो।
बहुत मचाया हाहाकार मुंह उसका तुम मोड़ो।
हे जटाधारी हे त्रिपुरारी बम बम।
डालो नाग फास भेजो उसको तुम समंदर।
जय शिव शंकर जय महाभयंकर।

दुनिया के स्वामी तुम हो अंतर्यामी तुम।
गौरापति त्रिलोकपति बड़े हो ज्ञानी तुम।
हे विश्वनाथ हे बैद्दनाथ महादानी।
है रूप तेरा भयंकर दिल है सबसे सुंदर।
जय शिव शंकर जय महाभयंकर।

तुम ना तारोगे बिपदा कौन भला टारेगा।
बचाकर प्राण भगतो कौन भला उबारेगा।
जय चन्द्र्भाल जय महाकाल शिवशंभू।
त्राहिमाम महादेव महारुद्र बसो दिल मंदर।
जय शिव शंकर जय महाभयंकर।
श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक / गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड, मोब -995550986

शिव भजन- करुणा के अवतार


करुणा के अवतार शिव शोभे भुजंग हार शिव।
दुखियों के करतार शिव भक्तों के सरकार शिव।

शिव शमशान वासी हैं कैलाश पति कासी वासी है।
देते है मोक्ष भ्रमण करते जीव योनी लाख पचासी है।
सांचा है दरबार शिव दुस्टो का करते संहार।
करुणा के अवतार शिव शोभा भुजंग हार शिव।

जन्म मरण से है परे शिव सबका कष्ट हरे।
आदी अनादि शिव गुरु खुले त्रिनेत्र संहार करे।
शिव सरकार शिव निराकार नभ गूंजे ओंकार शिव।
करुणा के अवतार शिव शोभे भुजंग हार शिव।

जब जुड़े शक्ति संग शिव शव से शक्ति बन जाते हैं।
शक्ति शिव की शिव शक्ति की भाव भक्ति कर जाते हैं।
ओम गूंजे शिव संसार शिव ओम नमः शिवाय शिव।
करुणा के अवतार शिव शोभे भुजंग हार शिव।

शिव प्रलयंकारी जटाधारी शिव भस्म धारी है।
दुनिया से परित्यक्त भूत बैताल शिव भक्त शिव विस्मय कारी है।
करे शिव काल कपाल प्रहार शिव श्रृष्टि रचनाकार शिव।
करुणा के अवतार शिव शोभे भुजंग हार शिव।

श्याम कुंवर भारती
बोकारो झारखंड।

शिव शंकर जी फोटो - Shiv Shankar Ke Bhajan Lyrics Image

भोले बाबा के भजन लिरिक्स Bhole Baba Ke Bhajan Lyrics Hindi

मिश्री बादाम और भांग धतूरा,
तुझको रिझाने का दिल करता है।
भोले भांग खिलाने को दिल करता है।।

श्रद्धा की गछिया का निर्मल पतवा,
आज खिलाने को दिल करता है।
भोले भांग खिलाने को दिल करता है।।

भोले तूने दिया जो सुंदर ये काया,
उसी से बना यह सारा है,
मेरा कुछ नहीं है भोले,
जो कुछ है तुम्हारा है।।

तेरे दिए हुए नमः शिवाय से ही,
तुझ को रिझाने को दिल करता है,
भोले भांग खिलाने को दिल करता है।।

एक ही घूंटा हो चाहे चख लो,
हम भक्तों के हाथों से,
जीवन अपना सफल होगा भोले,
दया भरी इस हृदय से,

रूठे अगर भोले इसी जन्म में,
तुझको मनाने को दिल करता है।
भोले भांग खिलाने को दिल करता है।।
इस श्रद्धा भांग को जब तेरा मुख अपनाएगा,
उस भाग से अपना भाग्य रहेगा।
सब अमृत बन जाएगा
उस भांग के गोले से काया भी अपनी
सुंदर बनाने को दिल करता है।
भोले भांग खिलाने को दिल करता है।
कलमकार : वीणा देवी
नाथनगर भागलपुर बिहार

जय शिव शम्भू जय त्रिपुरारी बम बम भोले शंकर भजन

भोले बाबा कृपा तुम्हारी।
छल के काले बीज न बोना।
आत्मा पर कुछ बोझ न ढोना।।
मुरलीधर हे भाग्य विधाता।
एक यही वर माँगे दाता।।
सत्य राह ही सदा दिखाना।
मेरी आत्मा में बस जाना।
राजकुमार छापड़िया
मुंबई, महाराष्ट्र

ओ मेरे भोले भंडारी ओ मेरे जटा धारी शिव शंकर जी के भजन हिंदी

भोले बाबा
ओ मेरे भोले भंडारी
ओ मेरे जटा धारी

सबके कण कण में तेरा वास
पूरी दुनिया के लिए तू खास

जब युग संकट में पड़ जाए
तू विक्राल रूप में आए

तेरा है शौक निराला
तू है विष के प्याला।।
अर्पणा दुबे अनूपपुर मध्यप्रदेश

भोले बाबा की गीत Bhole Baba Ke Bhajan

झूम झूम मस्ती में सब है चले
व्याह रचाने अब शिव जी चले

न घोड़ा न पालकी नाचते चले
बैल पे सवार भक्त भी मचले

पुष्पों की माला गौरा के हाथ
सज के खड़ी सखियों के साथ

माथे पे चँदा गले में माला
सुंदर मुखड़ा दिल भोलाभाला

मस्ती में झूमते नाचते गाते
सबके दिल को भोले है भाते

कर में डमरू त्रिशूल धारण
ॐ नमो का करते उच्चारण

तन में बाघम्बर गले मे नाग
बम बम गाते एक ही राग
अर्पणा दुबे अनूपपुर मध्यप्रदेश

जय बाबा भोलेनाथ, शिव शंकर जी के भजन हिंदी

जय बाबा भोलेनाथ,
जय बाबा शंभूनाथ।
नाथों के नाथ हो,
अनाथों के हो साथ।।
जय बाबा भोलेदानी,
सहृदय तुझे है प्रणाम।
जीवन में दे दो मुझको,
नित्य शुभ आयाम।।
अरुण दिव्यांश
9504503560

सोमवार शिव वंदना इन हिंदी Shiva Vandana In Hindi

शिव वंदन
हरि के मानेवाला हर,
हरिहर के बा दू गो रूप।
शिव भाव में जीव सेवा,
उनके हृदय होला अनूप।।
प्रणाम बा उनहूँ के हमर,
जेकरा हृदय बसिले आप।
आप के दर्शन में हरि मिले,
दूर करीं प्रभु मन के संताप।।
अरुण दिव्यांश 9504503560

शिव वंदना श्लोक सोमवार Shiva Vandana In Hindi

शिव वंदन
जय बाबा शंभू भोलेशंकर,
क्रोध त्याग सम्हारीं गाज।
भू लोक में मचल त्राहि त्राहि,
सुन लीं अब भक्तन के आवाज।।
भय मुक्त करीं अब जीवन के,
छुपल बा रउए में सारा राज।
दे दीं जीवन दान जीवन के,
रख लीं प्रभु अब हमर लाज।।
अरुण दिव्यांश 9504503560

जय शिवशंभू भोले भंडारी, सोमवार भोला वंदन Bholenath Ke Bhajan

जय शिवशंभू भोले भंडारी,
आ धरा बचा लीं जम्बू द्वीप।
दहशतगर्द के दहशत मिटा दीं,
जगा दीं सबके जीवन दीप।।
बहुत पीड़ित धरा पर जन जन,
सबके तनमन के हरीं पीड़।
रउआ दया के विराट सागर,
जीवन से दूर करिं उत्पीड़।।
9504503560 अरुण दिव्यांश

देवों के देव देवाधिदेव महादेव: सोमवार भोला वंदन Bhola Vandana

जय हो जगतपति जगतस्रष्टा,
देवों के देव देवाधिदेव महादेव।
साँप बिच्छू भूत प्रेत संशय बाधा,
तुमको रहते निशि दिन ही सेव।।
तुम्हीं हो आदि तुम्हीं हो अंत,
भक्तजन करते साधना उपासना।
तेरा अभिनंदन तुझको है वंदन,
निश दिन करें तेरा ही साधना।।
अरुण दिव्यांश, 9504503560

सोमवार शिव वंदन Shiva Vandana Lyrics

शशि ललाट सुशोभित जिनके,
जटा में बहती पावन पवित्र गंगा।
भोलेकृपा से गंगा महिमामयी,
नाम लेते हम होते पवित्र चंगा।।
शशि निशा में करे उजियाला,
देता शीतलता अमन चमन है।
दोनो धारण कर होते विभूषित,
भोलेशंकर तुझे नित्य नमन है।।
अरुण दिव्यांश
9504503560

सोमवार शिव वंदन Shiva Vandana Lyrics In Hindi

बम बम भोले हर हर महादेव,
जय शिवशंभू जय जटाधारी।
नाश करो मम विघ्न बाधा,
नित्य नमन तुम्हें त्रिपुरारि।।
भक्तों के रक्षक भक्त वत्सल,
गौरीपति भी कहलाते हो।
जब विपदा पड़ी भक्तों पर,
शीघ्र दौड़ तुम आ जाते हो।।
दयामयी हो दया करो अब,
जीवन के तुम आधार बनो।
निकल पड़ा हूँ जिस दुनिया में,
मेरे जीवन रूप साकार बनो।।
अरुण दिव्यांश, 9504503560

पारसनाथ बद्रीनाथ सोमनाथ हो, शिव वंदना सोमवार महेश वंदन

सोमवार महेश वंदन
हे चंद्रचूड जगत के स्वामी,
तुम हो भोले किंतु दूरगामी।
देवों के देव तुम हो कहलाते,
तुम्हे है प्रणाम हे अंतर्यामी।।
तुम तो हो प्रभु एक केवल,
किन्तु बहुतेरे हैं तेरे नाम।
जिसने मन से तुम्हें पुकारा,
पूर्ण हुआ उसका सब काम।।
नाथों के नाथ अनाथों के नाथ हो,
अमीरों और गरीबों के साथ हो।
पारसनाथ बद्रीनाथ सोमनाथ हो,
सबके नाथ हाथ और तुम माथ हो।।
अरुण दिव्यांश 9504503560

हे चंद्रमौलि वासुकीनाथ अजगैवीनाथ : शिव भजन Shiv Bhajan

सोमवार शिव वंदन
हे चंद्रमौलि वासुकीनाथ अजगैवीनाथ,
तुमको है निश दिन मेरा प्रणाम।
पशुपतिनाथ लोकनाथ धर्मनाथ,
सब हैं सुंदर देवनाथ तेरे नाम।।
मन के मतंग हो शीश लिए चन्द्र हो,
और अर्द्धंग हो पीते तुम भंग हो।
गले लिए भुजंग जटा लिए गंग हो,
भूत प्रेत बिच्छू सर्प सब लिए संग हो।।
हे औघरदानी अब करो मेहरबानी,
शील गुण सद्भाव मुझे प्रदान करो।
यश कीर्ति कृति शक्ति देकर मुझको,
मानवता का गुण अरु ज्ञान भरो।।
अरुण दिव्यांश 9504503560

औघड़ दानी भगवाम शिव की कृति का बखान: शिव भजन आरती हिंदी में

जिसने पूजा या न पूजा उसपर भी अहसान किया।
सृष्टि से अबतक भोले ने मानव का कल्याण किया।

त्राहिमाम थे अखिल जगत के प्राणी विष की ज्वाला से,
तब बढ़ कर शिव शम्भू ने निज हांथो विष का पान किया

स्वर्ण महल लंका का शिव ने दे डाला विश्रवा को,
विश्वकर्मा ने जिसे उमा और शिव के लिए निर्माण किया।

विष्णु हाथ से कई खण्ड में कट कर भी शिव शम्भू ने,
खुशी खुशी श्री विष्णु जी को चक्र सुदर्शन दान किया।

वाना सुर की भक्ति में,डूब के भोले शंकर ने,
श्री कृष्ण संग त्रिशूल लेकर युद्ध भी घमासान किया।
शबनम मेहरोत्रा
Triloki Nath Ke Bhajan in Hindi शिव शंकर के भजन

हे मेरे त्रिलोकी - त्रिलोकीनाथ के भजन Triloki Nath Ke Bhajan in Hindi

त्रिलोकी
हे मेरे त्रिलोकी तुम तो हाल सब का जानते,
सारे प्राणी के दिलों की धड़कने पहचानते।

तुम हो प्रकृति के रचेता,हाल सब का जानते,
जब जरूरत जैसी पड़ती, वैसी चादर तानते।

इसीलिए तो वेद,शास्त्र सब तुमको ही तो मानते,
हे मेरे त्रिलोकी तुम तो हाल सबका जानते।

करे बुराई हम जो छुप कर,उस पर तेरी दृष्टि
ऐसे ही नही चलाते तुम हो, सारी सृष्टि।

जग भलाई को यूं ही न विष का प्याला छानते,
हे मेरे त्रिलोकी तुमने तो हाल सबका जानते।

देके त्रिलोकी"शबनम"को एक ये सुंदर उपहार
न कभी वापस तुम लेना, ये गले का मेरा हार

वरना जान तेरे दर दूँगी ज़िद हमारी जानते,,
हे मेरे त्रिलोकी तुम तो हाल सब का जानते।
शबनम मेहरोत्रा

शंकर भगवान पर चौपाई | शिव जी के भजन चौपाई में

हे भोला,
विधा चौपाई
हे भोला हरहू दुख मोरा।
करती रहती तुझे निहोरा।।
प्रभु 'मीनू' का बनो सहारा।
कष्ट हरो हे देव, हमारा।।

जय -जय हे प्रभु अंतर्यामी।
सबके मन-मंदिर के स्वामी।।
आदिदेव जय भोलेशंकर।
शंभु उमापति जन अभयंकर।।

रक्षा कर प्रभु सारे जन की।
आस सुनो शिव सबके मन की।।
भोला ही है एक सहारा।
यह मन है अब जाके हारा।।

डिमक डिमक कर डमरू बाजे।
गणपति संग सभी गण नाचे।।
देख भगवती मृदु मुस्काई।
हरष बरस वर्षा ऋतु आई।।
मीनू मीना सिन्हा
श्रावण पूर्णिमा पर बाबा के चित्र बनाने की अपनी अल्पज्ञता 
एवं स्वरचित चौपाई द्वारा बाबा बर्फानी की पूजा-अराधना
जय जय हो बाबा बर्फानी फोटो Jay Baba Barfani Teri Jai Baba Barfani Image

जय जय हो बाबा बर्फानी Jay Baba Barfani Teri Jai Baba Barfani

चौपाई

जय जय हो बाबा बर्फानी
कृपा करो हे औघड़दानी
तेरी महिमा सब जग गाए
जन मन में हो तुम्हीं समाए

अमरनाथ की करते यात्रा
ऊंँ नमः शिवाय जपते मात्रा
संताप सभी के मिट जाते
दया सदा शिव की हैं पाते

मृत्युंजय को सुनने माता
जगत मोह से टूटे नाता
नींद विवश हो गई भवानी
कौन सुने अब अमर कहानी

बैठा एक कबूतर जोड़ा
करें गुटर गूँ थोड़ा-थोड़ा
शिव सोचे सती हुंकारी
विधि लेखा कब जाए टारी

नीललोहित निकट जो जाते
कपोत दर्शन भी हैं पाते
शुक शिशु की भी कथा पुरानी
दुनिया रहती आनी जानी

जय जय हो बाबा बर्फानी भजन आरती

अंबिकानाथ महेश्वर जय हो
भोलेनाथ शिवशंभू जय हो
जय जय हो बाबा बर्फानी
कृपा करो हे औघड़दानी

अराधना पूजा यह मेरी
शरणागत है मीनू चेरी
हे महादेव स्वीकार करो
अवगुण मेरे मत चित्त धरो

मीनू मीना सिन्हा
राँची, झारखंड

शिव शंकर की चौपाई

जय-जय हे अघ नासनु देवा।
सुर नर मुनि हौं करते सेवा।।

माथे अर्धचंद्र हौं सोहै।
जाको छवि मन कूँ अति मोहै।।

जटा मध्य गंगा लहराये।
तन पै चिता-भस्म हौ लाये।।

काननु कुंडलु गलु म गरलु हौ।
बाघम्बरि भलु कटि म बँधलु हौ।।

डम डम डम डमरू स्वर मोहतु।
एक हाथु त्रिसूल अति सोहतु।।

बाबा नंदी करै सवारी।
भोले शंकर हौं त्रिपुरारी।।

हिमसुता हौं बिराजी बायें।
बाल रूप गणपति हौं दायें।।

आसुतोसु हे अउघढ़दानी।
बाबा हमरौ सुनौ कहानी।।

महिमा तुम्हरी अपरम्पारा। 
जानतु नाहीं मूढ़ गँवारा।।

घट घट मा तुम्हरो हौ बाबा। 
मोंपरि दया करौ कैलासा।।

दुस्ट कालु मोहिं आयि सतावतु।
याही ते प्रभु चैनु न आबतु।।

परिजनु कुटुंबु साथ न कोई।
संकटु आनि दूरि हुयि जोई।।

एकु आसु तुम्हरौ हौ स्वामी।
आयि हरौ दुख अंतर्जामी।।

पूजौ बिधि किञ्चौ ना जानी।
छमहुँ जानि हमुका नादानी।।

जय जय जय हे सिउ ओंकारा।
अहै पुकारतु भक्त तुम्हारा।।

हुण्डली

विघ्नु हरनु मंगलु करु, पापु नसावनु हारि।
बेलपत्रु अर्पितु करौं, पूजा करौ स्वीकारि।
पूजा करौ स्वीकार, हे प्रभू दीनु दयाला।
छमहुँ नाथु अब चूकि, आयि हौं देखु सिवाला।
मधुरस करै पुकारि, आनि संकटु त उबारौ।
जय हो भोलेनाथु, ह दुखिया खड़ौ दुआरौ।।

ॐ हर-हर महादेव !
सुप्रभातम् !
ज्ञानेंद्र पांडे

मुक्तक - शिव शंकर कल्याणकारी उमापति त्रिपुरारी

अव्यक्त अविनाशी शिव शंकर कल्याणकारी
सत्य सुंदर निराकार विश्वाधार शिव विनाशकारी
आदि अनादी कासी वासी चन्द्र भाल नैन विशाल
ग्रीवा कराल काल महाकाल उमापति त्रिपुरारी
श्याम कुंवर भारती

जय बाबा शंभू भोलेशंकर: सोमवार शिव वंदन Shiv Bhajan Lyrics

शंकर ने जब विषपान कर, जला रहा विषकंठ।
दुग्ध पान से शांति कर, सजते शिव सोत्कंठ।।
सजते शिव सोत्कंठ, शहद दधि घी गंगाजल।
केसर चंदन भांग, रसा गन्ना भी निर्मल ।।
चढ़ा कमल प्रिय वस्तु, खुशी फिर उन्हें भयंकर।
मनवांछित वरदान, दिए हैं भोले शंकर।।
श्रीमती सरोज साव कमल रायगढ़

शिव विवाह श्रृंगार भजन Shiv Vivah Geet Shringar Bhajan

शिव विवाह श्रृंगार
शिव जी ने जब विवाह किया
क्या अद्भुत शिव ने श्रृंगार किया
भस्म से जिस्म को सरोबार किया
नाग को ही गले का हार किया।।

वाह शिव जी ने विवाह पे क्या श्रृंगार किया।।2।।

डमरू, ढ़ोल, नगाड़ो संग शिव भक्तों
ने बाराती बन बारात का उध्दार किया।।
गुलाल, , फूल़ो के स्थान पे उड़ाके भस्म 
बारात का यूं मिल सबने सत्कार किया।।

वाह शिव जी ने विवाह पे क्या श्रृंगार किया।।2।।

पहुंचे जब बारात संग कन्यापक्ष ने
आरती उतार हाथ जोड़ स्वागत किया।।
देख पार्वती का रूप श्रृंगार शिव जी तारीफ
कर पार्वती के रूपों को नमस्कार किया।।

वाह शिव जी ने विवाह पे क्या श्रृंगार किया।।2।।

वर माला के स्थान पे नागों का उपहार दिया
डर के मारे पार्वती के खोए चित ये कैसा
शिवजी आपने पार्वती से भेंट कर इज्हार किया।

वाह शिव जी ने विवाह पे क्या श्रृंगार किया।।2।।

नन्दी, आदि गणराजों ने मिल खुशी
से वरमाला का सच इंतजाम किया
हुआ यूं हमारे शिव भोले का विवाह
पार्वती ने साथ निभा सच प्यार दिया।।

वाह शिव जी ने विवाह पे क्या श्रृंगार किया।।2।।
वीना आडवानी
नागपुर, महाराष्ट्र

शिव शंकर का रुप निराला। शिव शंकर जी पर कविता

गले में नाग काला
लिपटाए चले आते हैं।
जटा जूट गंगा की धारा।
चाँद सा मुखडा़
नयन विशाला।
पीते हैं ये विष का प्याला।
भाँग धतूरा का भोग लगाया।
डम डम डमरूहाँथ लिये हैं।
भजते राम नाम की माला।
गले में सर्फो की है माला।
मृग छाला बांगम्बर पहने।
नंदी पर होकर मतवाला।
गौरी गनेश संग आये महादेव।
जग मैं इनका है बोलबाला।
शीश नवांऊ चरणों में तेरे।
विनती सुन लो शंकर मेरे।।
आशा श्रीवास्तव, भोपाल

काशीनाथ भोलेनाथ, भूतनाथ गौरीनाथ शिव शंकर जी के भजन

काशीनाथ भोलेनाथ, भूतनाथ गौरीनाथ।
तुम्हे नित भजता हूँ, आशीर्वाद दीजिये।।

काल गाल है सम्भाल, रूप धर विकराल।
आन बसो भुज दण्ड, शत्रु नास कीजिये।।

नन्द भाल महा काल, रूप देख है विशाल।
गले तंग है भुजंग, आप देख लीजिये।।

क्षीण गया द्वंद्व युद्ध, मति हीन है अशुद्ध।
रण बीज पधारिये, अब तो पसीजिये।।
रचनाकार नित्यानन्द
पाण्डेय 'मधुर'
देवरिया उत्तरप्रदेश

मरहटा छन्द - हे औढरदानी, पशुपति ज्ञानी विनती है नटराज

मरहटा छन्द
हे औढरदानी, पशुपति ज्ञानी,
सफल करो सब काज।
अब आन पधारो, तम को मारो,
विनती है नटराज।
दर-दर मैं भटकूँ, सब को खटकूँ,
राखो मेरी लाज।
परहित सब करिए, प्रभु को भजिए,
सुखमय सकल समाज।
रचनाकार नित्यानन्द
पाण्डेय 'मधुर'
देवरिया उत्तरप्रदेश
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