बेटी अनमोल रत्न, घर की वो शान,
हर पिता को उस पर है अभिमान।
संस्कार-संस्कृति का पावन बंधन,
हर समय रखती जो, घर का मान।।
हर पिता को उस पर है अभिमान।
संस्कार-संस्कृति का पावन बंधन,
हर समय रखती जो, घर का मान।।
बेटी और पिता की कविता - कन्यादान बेटी की विदाई पर शायरी
कविताबेटी की विदाई
बेटी अनमोल रत्न, घर की वो शान,
हर पिता को उस पर है अभिमान।
संस्कार-संस्कृति का पावन बंधन,
हर समय रखती जो, घर का मान।।
बेटी की शादी की कविता - बेटी की विदाई पर शायरी
बेटी की विदाई, सत्कर्मों का फल,फिर भी न जाने, कैसा होगा कल।
विश्वासों की गठरी सा है यह तल,
मन होता है विचलित पर तू चल।।
बेटी पर मार्मिक कविता - बेटी की शादी पर शायरी
माँ-बाप की, बेटी ने लाज बचाई,ओस बूंद सी ये, सबके मन भायी।
मनभावन बन्धन की रीत बनाई,
इसलिए करते हैं बेटी की विदाई।।
बेटी की विदाई - बहन की विदाई पर कविता
पिता के भाल का बेटी है चंदन,तभी तो हम सब करते हैं वंदन।
विदाई की इस बेला को नमन,
आओ सब करें हम अभिनंदन।।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारे Slogan On Beti Bachao Beti Padhao
आओ, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ,घर-आंगन में सब खुशियाँ लाओ।
एहसासों की इस बदली को मानों,
सत्कर्मो का पुण्य फल है जानों।।
रामबाबू शर्मा, राजस्थानी, दौसा(राज.)
बेटी अनमोल रत्न— बेटी के महत्व पर कविता
बेटियाँ
भारतीय संस्कृति की आन-बान-शान है बेटियाँ।
हर काम में निपुण,सदगुणों की खान है बेटियाँ।।
घर-आंगन की निराली खुशबू होती है बेटियाँ।
पिता के भाल पर तिलक बन रहती है बेटियाँ।।
ठुमक-ठुमक, मनभावन प्यार लुटाती बेटियाँ।
संकट कितना भी, खुशियों का सावन बेटियाँ।।
तभी सब कहते,साक्षात दुर्गा का रूप है बेटियाँ।
समयआने पर,झाँसीकी रानी बन जाती बेटियाँ।।
सुंगध किसी बगिया की,तो गगनपरी है बेटियाँ।
चाहे कम बोले पर,काल से कब डरी है बेटियाँ।।
बेटों की चाह सभी को,वंश तो चलाती हैं बेटियाँ।
इस जीवन में परमेश्वर का अंश होती है बेटियाँ।।
राजस्थानी विनती करता,बेटी अनमोल धरोहर।
पीले हाथ करने का मिले सभी को शुभ अवसर।।
रामबाबू शर्मा,राजस्थानी,दौसा(राज.)
Beti Ki Vidai Par Kavita Photo
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