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पर्यावरण कुदरत का वरदान : पर्यावरण पर कविता Paryavaran Kudrat Ka Vardan

पर्यावरण पर कविता | Paryavaran Kudrat Ka Vardan


सविता राज

विश्व पर्यावरण दिवस पर कविता

पर्यावरण कुदरत का वरदान
संरक्षित हो पर्यावरण
सुरक्षित रहे धरणी
कलुषित न हो तरनी,
हो वृक्षारोपण,
रहे हरियाली,
स्वच्छ हो तरनी
स्वच्छ हो धरणी,
परे हो हर व्याधि
स्वस्थ हो जन जीवन,
आओ मिल कर वृक्ष लगाएं,
स्वच्छ वायु, वारि पाएं।
प्रसून, रस्य से परिपूर्ण डालियां,
विनम्रता का देती संदेश।
रिमझिम फुहारों का मौसम,
प्रसून से परिपूर्ण उद्यान,
इठलाती तरनी,
संगीत सुनाते झरने,
गुंजन पंछियों का,
करते सौंदर्य संवर्धन
धरणी का।
पर्यावरण कुदरत का वरदान,
सरंक्षण पर्यावरण का
मां धरणी का सम्मान।

(स्वरचित)
सविता राज
मुजफ्फरपुर बिहार

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