पृथ्वी दिवस पर संदेश | विश्व पर्यावरण दिवस | Earth Day Environment Day
विश्व पृथ्वी दिवस कविता हिंदी में
विश्व पृथ्वी दिवस पर, प्रणाम है धरती मैया को,
हम सबको करना चाहिए, पृथ्वी माता का सम्मान।
पृथ्वी पर ही पर्यावरण है, सुंदर सी प्रकृति रानी भी है,
जिसका कोई इंसान, नहीं चुका सकता है एहसान।
विश्व पृथ्वी दिवस पर....
जब तक प्रसन्न धरती रानी, बन सकती नई कहानी,
धरती माता पर निर्भर है, हर प्राणी की जिंदगानी।
आवश्यक है रुके वनों की कटाई, लगे नए नए वृक्ष,
हरियाली से सुसज्जित रहे, बाग, बगीचे और उद्यान।
विश्व पृथ्वी दिवस पर....
हम सबको करना चाहिए, पृथ्वी माता का सम्मान।
पृथ्वी पर ही पर्यावरण है, सुंदर सी प्रकृति रानी भी है,
जिसका कोई इंसान, नहीं चुका सकता है एहसान।
विश्व पृथ्वी दिवस पर....
जब तक प्रसन्न धरती रानी, बन सकती नई कहानी,
धरती माता पर निर्भर है, हर प्राणी की जिंदगानी।
आवश्यक है रुके वनों की कटाई, लगे नए नए वृक्ष,
हरियाली से सुसज्जित रहे, बाग, बगीचे और उद्यान।
विश्व पृथ्वी दिवस पर....
विश्व पर्यावरण दिवस फोटो | Earth Day Environment Day Photo
पर्यावरण दिवस पर कविता | Poem on environment
पृथ्वी के अत्यधिक दोहन के कारण, प्रलय आते रहते,
बाढ़ आती, भूकंप आता, नए नए मकान भी ढहते।
एक महामारी जाती नहीं, दूजी आने को रहती तैयार,
पृथ्वी के गुस्से को, नहीं झेल पाता है कोई भी विज्ञान।
विश्व पृथ्वी दिवस पर…
कोरोना फैलने में भी, धरती की नाराजगी जाहिर है,
समाधान खोजते खोजते, आज हर देश है परेशान।
इंसान अपने स्वार्थ और सुख के लिए, सब करता है,
आनेवाले संकट पर, कभी कोई देता ही नहीं ध्यान।
विश्व पृथ्वी दिवस पर…
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार
बाढ़ आती, भूकंप आता, नए नए मकान भी ढहते।
एक महामारी जाती नहीं, दूजी आने को रहती तैयार,
पृथ्वी के गुस्से को, नहीं झेल पाता है कोई भी विज्ञान।
विश्व पृथ्वी दिवस पर…
कोरोना फैलने में भी, धरती की नाराजगी जाहिर है,
समाधान खोजते खोजते, आज हर देश है परेशान।
इंसान अपने स्वार्थ और सुख के लिए, सब करता है,
आनेवाले संकट पर, कभी कोई देता ही नहीं ध्यान।
विश्व पृथ्वी दिवस पर…
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार
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