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शिक्षक दिवस पर कविता | शिक्षक दिवस पर शायरी Teachers Day Poem In Hindi

शिक्षक सच्चे राष्ट्र निर्माता : शिक्षक दिवस पर विशेष कविता

(कविता)
“राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर सभी शिक्षकों/शिक्षिकाओं और छात्र/छात्राओं को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाईयां।”
शिक्षक सच्चे राष्ट्र निर्माता होते हैं राष्ट्र के,
ज्ञान की घूंटी से बच्चों को जवान करते हैं।
खुद मुश्किलों का सामना करते हैं ये हंसकर,
बच्चों की हर मुश्किल को, आसान करते हैं।
अपने शिष्यों में, अपनी खुशियां ढूंढा करते,
कांटों पर चलकर, राष्ट्र का निर्माण करते हैं।
शिक्षक सच्चे राष्ट्र……………….

जो भी समस्याएं आती हैं, शिष्यों के सामने,
छोटी बड़ी हर समस्या का समाधान करते हैं।
बच्चों के मन को सींचते हैं, ज्ञान के नीर से,
वीरान बंजर को, प्यार से गुलिस्तान करते हैं।
मन के हर अंधेरे कोने में, ज्ञान के दीप जलाते,
शिष्यों के आंसू को, शिक्षक मुस्कान करते हैं।
शिक्षक सच्चे राष्ट्र………………….

पांच सितंबर देश के इतिहास का खास दिन है,
पूर्व राष्ट्रपति राधाकृष्णन का यह जन्म दिन है।
इस दिन सारा भारत शिक्षक दिवस मनाता है,
भारतवासी मिलकर, उनका सम्मान करते हैं।

भारत रत्न राधाकृष्णन भी बहुत बड़े शिक्षक थे,
उनके नाम बच्चे शिक्षकों का गुणगान करते हैं।
शिक्षक सच्चे राष्ट्र……………….

जो लोग किसी शिक्षक का अपमान करते हैं,
वे राष्ट्र निर्माण का, बहुत नुकसान करते हैं।
ये शिक्षक फिर भी नहीं डरते और घबराते हैं,
वे परिश्रम से धरती को, आसमान करते हैं।
सच्चे शिक्षकों से अहंकार दूर ही रहता सदा,
तभी ये किसी अभिशाप को वरदान करते हैं।
शिक्षक सच्चे राष्ट्र……………..
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह
जयनगर (मधुबनी) बिहार
नासिक (महाराष्ट्र)

मेरे शिक्षक मेरे गुरु मेरे भगवान— शिक्षक दिवस पर कविता | शिक्षक दिवस पर शायरी Teachers Day Poem In Hindi

भक्ति गीत : मेरे गुरु मेरे भगवान
“राष्ट्रीय शिक्षक दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं एवं बधाईयां सभी मित्रों को”
मेरे गुरु मेरे भगवान, तेरे गुरु तेरे भगवान,
मेरे गुरु तेरे भगवान, तेरे गुरु मेरे भगवान।
सबके गुरु सब पर कृपा करते इस जग में,
गुरु तो गुरु है, गुरु कृपा अनमोल वरदान।
मेरे गुरु मेरे भगवान……
सबसे पावन होता है, गुरु शिष्य का नाता,
बहुत सोच समझकर गुरु देता है विधाता।
तप और त्याग के बाद, गुरु प्रसाद मिलता,
पालनहार से भी ऊपर है, गुरु का स्थान।
मेरे गुरु मेरे भगवान……
गुरु वाणी अमृत कलश के समान होती है,
गुरु संस्कार से शिष्य की पहचान होती है।
सारी दुनिया भटक सकती अपने रास्ते से,
कभी नहीं भटकता है, सद्गुरु का ध्यान।
मेरे गुरु मेरे भगवान……
गुरु पूर्णिमा भी एक महोत्सव के समान है,
हर सच्चे शिष्य को, गुरु पर अभिमान है।
गुरु का ज्ञान हर धन से बढ़कर है जग में,
ध्यान रखे लोग, हो सदा गुरु का सम्मान।
मेरे गुरु मेरे भगवान……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

5 अक्टूबर विश्व शिक्षक दिवस World Teachers Day

शिक्षक दिवस पर गुरु के लिए कविता: गुरु ही विवेक की खान होते हैं!

भक्ति गीत : विवेक की खान
“शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर सभी आदरणीय शिक्षकों को कोटि कोटि नमन तथा आप मित्रों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाईयां”
गुरु ही विवेक की खान होते हैं,
जग में गुरु ही विवेक की खान।
जीवन उसका, सफल हो जाए,
मिल जाए जिसे, सच्चा ज्ञान।
गुरु विवेक की……
गुरु कृपा को, इस संसार ने माना,
खाली नहीं होता ज्ञान का खजाना।
विवेकहीन इंसान से आशा कैसी?
वह होता है, हर बात से अंजान।
गुरु विवेक की……
शिक्षक दिवस, बड़ा खास होता है,
हर शिष्य, गुरु के पास होता है।
दूर बैठे गुरु के दर्शन हो जाते हैं,
जैसे शिष्य करता उनका ध्यान।
गुरु विवेक की……
हर कोई अपने गुरु को याद करता,
विवेक से जीवन को आबाद करता।
गुरु से नई पहचान मिलती सबको,
गुरु होते हमारे, भगवान के समान।
गुरु विवेक की…
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

गुरु दिवस, शिक्षक दिवस पर गुरु महिमा गीत — गुरु की महिमा होती अपरंपार

भक्ति गीत : गुरु महिमा
“दुनिया में, गुरु की महिमा होती अपरंपार,
शिक्षक दिवस पर, शिक्षकों को नमस्कार।
आप सभी मित्रों को हार्दिक शुभकामनाएं,
गुरु आशीष के लिए नतमस्तक है संसार।“
गुरु महिमा अनमोल है जगत में,
साथियों, गुरु महिमा है अनमोल।
कोई न इसका है मोल जगत में,
साथियों, है कोई न इसका मोल।
गुरु महिमा……
जग में गुरु का सबसे ऊंचा स्थान
साथियों, गुरु होते अमृत की खान।
सदगुरु के जो शरण में चला जाए,
दुनिया में, बदल जाते उसके बोल।
गुरु महिमा……
दुनिया में, गुरु होते हैं ब्रह्म समान,
गुरु के आगे, सिर झुकाते भगवान।
श्रीराम और कृष्ण के भी गुरु हुए हैं,
युगों बाद भी, ज्ञान सभी अनमोल।
गुरु महिमा……
गुरु शिष्य परंपरा का, मिसाल नहीं,
शिक्षक छात्र नाता पर, सवाल नहीं।
निस्वार्थ भाव, देखने को मिलता है,
ज्ञान है तो, देवों का मन जाए डोल।
गुरु महिमा……
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,

शिक्षक सच्चे राष्ट्र निर्माता: शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को नमन Happy Teachers Day Wishes

शिक्षक सच्चे राष्ट्र निर्माता
(कविता)
“शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को नमन”
शिक्षक सच्चे राष्ट्र निर्माता होते हैं राष्ट्र के,
ज्ञान की घूंटी से बच्चों को जवान करते हैं।
खुद मुश्किलों का सामना करते हैं ये हंसकर,
बच्चों की हर मुश्किल को, आसान करते हैं।
अपने शिष्यों में, अपनी खुशियां ढूंढा करते,
कांटों पर चलकर, राष्ट्र का निर्माण करते हैं।
शिक्षक सच्चे राष्ट्र……
जो भी समस्याएं आती हैं कभी, शिष्यों के सामने,
छोटी बड़ी हर समस्या का समाधान करते हैं।
बच्चों के मन को सींचते हैं, ज्ञान के नीर से,
विरान बंजर को भी, प्यार से गुलिस्तान करते हैं।
मन के हर अंधेरे कोने में, ज्ञान के दीप जलाते,
शिष्यों के आंसू को, शिक्षक मुस्कान करते हैं।
शिक्षक सच्चे राष्ट्र…………
पांच सितंबर, देश के इतिहास का खास दिन है,
पूर्व राष्ट्रपति राधाकृष्णन जी का जन्म दिन है।
इस दिन सारा भारत शिक्षक दिवस मनाता है,
सारे भारतवासी मिलकर, उनका सम्मान करते हैं।
भारत रत्न राधाकृष्णन भी बड़े मशहूर शिक्षक थे,
उनके नाम से, बच्चे शिक्षकों का गुणगान करते हैं।
शिक्षक सच्चे राष्ट्र………
जो लोग कहीं, किसी शिक्षक का अपमान करते हैं,
वे राष्ट्र निर्माण का, बहुत बड़ा नुकसान करते हैं।
ये शिक्षक फिर भी नहीं डरते, और घबराते हैं कभी,
वे अपने परिश्रम से धरती को, आसमान करते हैं।
सच्चे शिक्षकों से, अहंकार दूर ही रहता है सदा,
तभी तो ये किसी अभिशाप को, वरदान करते हैं।
शिक्षक सच्चे राष्ट्र……
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

शिक्षक दिवस की कहानी | शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?

(कविता)
“राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पर देश के सभी शिक्षकों को कोटि कोटि नमन तथा प्रणाम एवं आप साथियों को हार्दिक शुभकामनाएं”
शिक्षक दिवस के पीछे, है उस इंसान की कहानी,
लगा दी जिसने ज्ञान दान में, अपनी पूरी जिंदगानी।
पूर्व राष्ट्रपति डॉ एस राधाकृष्णन, एक शिक्षक थे,
उनके जन्म दिन से जुड़ी है, इसकी पूरी कहानी।
शिक्षक दिवस मनाकर, देश उन्हें सम्मान देता है,
बच्चों की आंखों में आता है आशाओं का पानी।
शिक्षक दिवस के पीछे………
बच्चे अपने शिक्षकों का सम्मान करते हैं आज, आशीर्वाद लेकर पाते हैं, नए ज्ञान की निशानी। राधाकृष्णन जी, बहुत प्यार करते थे बच्चों से, 
शिक्षक शिष्य का नाता पाता, ऊंचाई आसमानी।
भारत रत्न से शोभित, इनकी हर बात निराली,
थे ये महान् शिक्षाविद् और बहुत ही बड़े ज्ञानी।
शिक्षक दिवस के पीछे……
दर्शन और राजनीति शास्त्र के बड़े धुरंधर थे वे,
उनके बाल प्रेम को चूमता है, हर हिन्दुस्तानी। आदर्श शिक्षक, राष्ट्र का नव निर्माण करते हैं,
खुद को खपाने में, कभी कोई होती नहीं परेशानी। अच्छे शिक्षक नहीं तो, ज्ञान विज्ञान, मुस्कान नहीं,
ज्ञानप्रकाश दिखा सकता बच्चों को सुबह सुहानी।
शिक्षक दिवस के पीछे………
गुरु का ही दूजा नाम शिक्षक है, हम सब जानते, मूक भी बोल सकते, अगर गुरु की हो मेहरबानी। बच्चों को पढ़ाना, कोई आसान काम नहीं होता,
बरतनी पड़ती शिक्षण में, बहुत ज्यादा सावधानी।
सिर्फ किताबी ज्ञान से, काम नहीं चल सकता,
जरूरी है ज्ञान दान में, संस्कारों की भी बागवानी।
शिक्षक दिवस के पीछे………
सभी शिक्षक शिक्षिकाओं एवं छत्र छात्राओं को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाईयां।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह

शिक्षक हैं ये मेरे : शिक्षक के लिए शायरी Shayari For Teachers In Hindi

शिक्षक हैं ये मेरे भारत भाग्य विधाता हैं।
अज्ञानता दुर करे जो यही राष्ट्र निर्माता हैं।।

अज्ञान के घोर तिमिर में ज्ञान दीप जलाते हैं।
वर्तमान के सांचे में भू का भविष्य बनाते हैं।।

अवरुद्ध न करो इन्हें मन से शिक्षा देने दो।
भरी अंजलि से ज्ञान की इनको भिक्षा देने दो।।

संस्कार आदर्शों की क्यूं झुलसी अंगनाई है।
सारे शिक्षण संस्थान पर काली परछाई है।।

मानदेय भी नहीं वक्त से देती है सरकार उन्हें।
कितना और करोगे सत्ताधीशों लाचार उन्हें।।

न जाने कैसे-कैसे धंधे उनसे करवाते हैं।
शिक्षा और शिक्षकों का भी सम्मान घटाते हैं।

चिंतन आज जरुरी है क्या पाए क्या खोए हैं।
शिक्षा के स्तर को मिलके सारेआम डूबोए हैं।।
उदय शंकर चौधरी नादान
युवा सशक्तिकरण संघ राष्ट्रीय महासचिव

शिक्षक दिवस पर कविता— शिक्षक आज तुम्हें नमन है Teachers Day Poem and Slogans In Hindi

शिक्षक
शिक्षक आज तुम्हें नमन है
आबाद आज तुमसे चमन है

अक्षर ज्ञान तुमने कराया
मानवता का पाठ पढ़ाया
संस्कारों के बीज बोये
संसार से परिचय कराया

शिक्षक आज तुम्हें नमन है
आबाद आज तुमसे चमन है

देश प्रेम की लौ जगाई
संस्कृति से पहचान कराई
जीवन का अर्थ समझाया
जीने की सबको राह बताई

शिक्षक आज तुम्हें नमन है
आबाद आज तुमसे चमन है

अस्त्र-शस्त्र का ज्ञान कराया
वेद-पुराण का मान बढ़ाया
सत्य की महिमा तुमने गाई
राष्ट्र का स्वाभिमान जगाया

शिक्षक आज तुम्हें नमन है
आबाद आज तुमसे चमन है

राम-कृष्ण तुमने बनाए
वीरता के गुण समझाए
ईश्वर के तुम सेतु बने
सफलता के गुर बताएं

शिक्षक आज तुम्हें नमन है
आबाद आज तुमसे चमन है

अंतरिक्ष में तुमने पहुँचाया
कारखानों का निर्माण कराया
बाँधों के निर्माण तुम्ही से
सड़कों का जाल बिछाया

शिक्षक आज तुम्हें नमन है
आबाद आज तुमसे चमन है

आविष्कारों के तुम जनक हो
विकास पथ के तुम फलक हो
संसार अचंभित है तुमसे
बढ़ने की तुम सी ललक हो

शिक्षक आज तुम्हें नमन है
आबाद आज तुमसे चमन है

राणा-शिवा को गढ़ा है
तुमसे ही भारत बढ़ा है
शांति दूत तुम बने हो
विश्व गुरु का मन्त्र पढ़ा है

शिक्षक आज तुम्हें नमन है
आबाद आज तुमसे चमन है

शिक्षक के बिना जीवन कैसा
बिन पौंधों के बंजर जैसा
जीवन की हरियाली तुमसे
बिन मंदिर के कंकर जैसा

शिक्षक आज तुम्हें नमन है
आबाद आज तुमसे चमन है

बाल मन को तुमने संवारा
भटके कोई है नहीं गंवारा
ऐसा मानव तुम बनाते
भव सागर से मिले किनारा

शिक्षक आज तुम्हें नमन है
आबाद आज तुमसे चमन है

अन्न भंडार भरे पड़े हैं
आधुनिक अस्पताल खड़े हैं
विस्मित किया तुमने शिक्षक
कितने तुमने तारे जड़े हैं

शिक्षक आज तुम्हें नमन है
आबाद आज तुमसे चमन है

ट्रैन-प्लेन -मेट्रो चले हैं
कितने सुन्दर बाग़ बने हैं
घर-घर में टी.वी.मोबाइल
तरह-तरह के फूल खिले हैं

शिक्षक आज तुम्हें नमन है
आबाद आज तुमसे चमन है

जीव-जगत को है समझाया
पेड़ों का भी मर्म बताया
सूरज-चाँद की गति है जानी
ब्रह्माण्ड का रहस्य सुनाया

शिक्षक आज तुम्हें नमन है
आबाद आज तुमसे चमन है

खेल-कूद का महत्व जाना
रोग निदान का गुण ये माना
ये दुनियाँ एक सपना भर है
ये रहस्य भी तुमसे जाना

शिक्षक आज तुम्हें नमन है
आबाद आज तुमसे चमन है

योग-ध्यान की अलख जगाई
स्वस्थ रहने की विधि बताई
खुश रहने का राज बताया
खान-पान की रीति समझाई

शिक्षक आज तुम्हें नमन है
आबाद आज तुमसे चमन है

परशुराम -द्रोणाचार्य तुम हो
सब शास्त्रों का विराम तुम हो
मानव धन्य हो जाता तुमसे
सफलता का परिणाम तुम हो

शिक्षक आज तुम्हें नमन है
आबाद आज तुमसे चमन है
श्याम मठपाल, उदयपुर

शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं Happy Teachers Day Wishes

गुरु से बढ़कर कोई नहीं है,
करते सबका ही उपकार।
देकर सबको ज्ञान चेतना,
करते मन के दूर विकार।
गुरु का जीवन सादा सच्चा,
लेकिन उनके उच्च विचार।
गुरु की महिमा न्यारी होती,
हो जाता सबका उद्धार।।
अर्पणा दुबे अनूपपुर

शिक्षक दिवस पर शायरी | शिक्षक दिवस पर संदेश लेखन
दोहा

गुरु ज्ञानन की खान हैं, कहता वेद पुराण।
सर झुका कर के उनको, करिए आज प्रणाम।।१।।
तम हम से अब दूर हो, माँगू मैं वरदान।
शरण तिहारे आ गए,बनके हम नादान।।२।।
हाथ जोड़ कर हम खड़े,द्वार तिहारे नाथ।
कृपा कर अपने कर को, धरो हमारे माथ।।३।।
आप से ईश्वर मिले, कहता जग संसार।
गुरु कृपा बिनु खुले नहीं, कभी मुक्ति का द्वार।।४।।
गुरु चरनन को मानता, उच्च कोटि का धाम।
बार बार वंदन करूँ, शैलेंदर है नाम।।५।।
शैलेन्द्र सरगम
कवि व गीतकार

शिक्षक दिवस पर विशेष— पवित्र ग्रंथ की तरह होता सुजान शिक्षक

जय शिक्षक
पवित्र ग्रंथ की तरह होता सुजान शिक्षक।
उदित सूर्य की तरह होता तेजवान शिक्षक।।

आकाश की तरह होता विशाल शिक्षक।
धरती की तरह होता धैर्यवान शिक्षक।
हृदय में रखता सोम भाव मां की तरह।
झरने की तरह मीठा होता मधुर शिक्षक।

देव मंत्र की तरह होता वरदान शिक्षक।
उदित सूर्य की तरह होता तेजवान शिक्षक।।

पिता जैसा प्यार निस्वार्थ मिले शिक्षक से।
मित्र जैसा सत्कार सहज मिले शिक्षक से।
अपनी जां तक लुटा देता हंसकर के शिष्य पर।
जननी जैसा प्यार ममत्व मिले शिक्षक से।

निडर वीर की तरह होता जवान शिक्षक।
उदित सूर्य की तरह होता तेजवान शिक्षक।।

लक्ष्य भेद का लक्ष्य सिखाता हमें शिक्षक।
शत्रु वक्ष पर चढ़ना सिखाता हमें शिक्षक।
जला ज्ञान का दीपक तम हृदय का मिटाता।
संघर्ष में मुस्कुराना सिखाता हमें शिक्षक।

निर्मल नीर की तरह होता गुणवान शिक्षक।
उदित सूर्य की तरह होता तेजवान शिक्षक।।

शिक्षक ही करते हैं अंधेरे में उजाले।
शिक्षक ने हर काल में कांटे भ्रम के जाले।
सर्व धर्म यही कहते शिक्षक महान बागवान।
शिक्षक के ज्ञान ने इतिहास बदल डाले।

प्रकृति की तरह होता दयावान शिक्षक।
उदित सूर्य की तरह होता तेजवान शिक्षक।।
मैं घोषणा करता हूं कि यह रचना मौलिक स्वरचित है।
भास्कर सिंह माणिक कोंच

शिक्षक जग के ब्रम्ह है, जीवन का आधार - शिक्षक दिवस पर दोहा पंचक

आप सभी को शिक्षक दिवस की अनंत शुभ कामनाये।।
दोहा पंचक
शिक्षक जग के ब्रम्ह है, जीवन का आधार।
ज्ञान ध्यान दाता विमल, शब्द शब्द साकार।

शिक्षक शुचिता पावनी, दर्पण सी तदवीर।
जैसा तेरा रूप गुण, वही रखे तस्वीर।

शिक्षक शिक्षा दान दे, करते नित उपकार।
विद्या विनय विवेक का, देते नित उपहार।।

ब्रम्हा शंकर रूप है, नारायण जग नाथ।
शिक्षक ही भू देव है, प्रेम प्रार्थना पाथ।

शिक्षक शिक्षा साधना, दिव्य दयानिधि रूप।
नित "अनंत" आराधना, साधक साध्य अनूप।।
अनिल अनंत

शिक्षक पिता समान— शिक्षक दिवस पर दोहा Poem On Teachers

सृजन शब्द-'शिक्षक'
विधा-दोहे
कर शिक्षक का मान तूँ, होवे अक्षय ज्ञान।
यश कीर्ति वैभव फैले, जग में बने महान।।

फिर आया शिक्षक दिवस, कर लो हृदय प्रणाम।
गुरु पूजन गुरुधाम जा,छोड़ आज सब काम।।

हैं शिक्षक पिता समान,मात तुल्य शिक्षका।
यह कभी बनते वीक्षक, और बने वीक्षिका।

नित्य वात्सल्य रस भींग,देते शिक्षक ज्ञान,
ज्यों कुम्हार की मिट्टी, देख वर्तन प्रमाण।।

है बेहाल अब शिक्षा , गुणवत्ता का नाम।
कीर्ति शिक्षक की फैले, शिक्षा-मंदिर धाम।।
रणविजय यादव
जिला-अररिया, बिहार

मेरे प्रथम गुरू अपने मात पिता को समर्पित

सरसी छंद
मात-पिता तुम प्रथम गुरू हो, तुमसे पाया ज्ञान।
तुम से ही समझा जड़ चेतन, है सुख-दुख का भान।
ईर्ष्या द्वेष छू नही पाया, मन है निर्मल मान।
तेरा ही आशीष मिले तो, पल-पल बढती आन।।
आप सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं...
विभा तिवारी

शिक्षा से ही जीवन सुखी है Inspirational Message For Teachers Day In Hindi

शिक्षा से ही जीवन सुखी है
आज भी अंधविश्वासों में जीते हैं
मंगल पर पहुंच गए
रूढ़ियों की बातें करते हैं
अशिक्षा ही वह जड़
जहां कीड़े पनपते हैं
शाखाएं कितनी मजबूत होंगी?
हम और आप समझते हैं
सरल नहीं कठिन
दलदल में फंसे को निकालना है
अंधेरों में प्रकाश लाना
उज्जवल भविष्य का निर्माण करना है
सत्य की राह पर ढोंगी नहीं चलता
ये हम और आप जानते हैं
फिर क्यों इनके झांसे में आते ?
चेतना कहती है—
’शिक्षा से ही जीवन सुखी’ गुरु ही मार्ग बताता है।
(मौलिक रचना)
चेतना चितेरी, प्रयागराज
शिक्षक दिवस पर बधाई संदेश
शिक्षक दिवस का महत्व

Images Of Happy Teachers Day

शिक्षक दिवस पर कविता शायरी स्लोगन Wishes Images Of Happy Teachers Day

शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं आप सबों को

शिक्षक के प्रति एक अहसास,
शिक्षक दिवस को बनाएं खास।

गुरु बिनु ज्ञान न उपजै,
गुरु बिनु मिलै न भेव
गुरु बिनु संशय न मिटै,
जय जय गुरुदेव।

आज है 05 सितंबर का दिन आज का दिन बड़ा महान,
आज हीं जन्म लिए श्रीकृष्णन
उनके लिए गाते जय गान।

डाॅ॰सर्वपल्ली राधाकृष्णन नाम है इनका
सबों का करते थे सम्मान,
न रखे किसी से द्वेस भाव
न था उनके मन में अभिमान।

तमिलनाडु के चित्तूर जिले
गाॅ॑व इनका तिरूत्तनी था,
05 सितंबर 1888 को
तमिल ब्राह्मण परिवार में जन्म हुआ,
इनके पिता सर्वपल्ली वीरास्वामी
माता सितम्मा माॅ॑ महान
आज हीं जन्म ------------2

पहले बने आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रधान,
फिर बने आंध्र विश्वविद्यालय
के कुलपति पद से महान,
उपराष्ट्रपति से राष्ट्रपति बन गये
किये कठिन से कठिन वो काम,
देश में काम किए तन -मन से जगत में फैला इनका नाम,
ऐसा देश भक्त नहीं होगा
आज के युग का कोई इंसान,
आज हीं जन्म---------२।

17 अप्रील 1975 को भगवान आए इनके निवास,
पृथ्वी पर कर लिए ये दिन पूरे भगवान स्वर्ग ले गए इनको साथ,
अपने पीछे छोड़ गए वो
05 लड़की 01लड़का छः संतान
बच्चों ने खोये महान पिता, व्याकुल है अब उनके लिए प्राण।

लगता है अब कभी न आएंगे ऐसे वीर पिता महान,
जिसने ऊॅ॑चा किया सिर सबका शिक्षक रूप में थे वे स्वयं भगवान।

नीतू रानी करती है प्रभु से विनती
देश को देना प्रभु ऐसा हीं संतान,
आओ सब मिल सिर झुकाकर,
करें इनको शत्-शत् बार प्रणाम।
नीतू रानी "निवेदिता"
पूर्णियाॅ॑ बिहार

ऐसी शिक्षा दो शिक्षक ये, बन जाय सभ्य समाज— शिक्षक दिवस गीत

शीर्षक : (शिक्षक दिवस )
ऐसी शिक्षा दो शिक्षक ये, बन जाय सभ्य समाज।
संशय में भटका समाज ये, आवश्यकता है आज।।

हरहि शिष्य धन शोक न हरहि, यदि तुमने यह कीन्हा।
शिक्षक बन इस पूण्य धरा पर, व्यर्थ जन्म ही लीन्हा।।
अपना शुभ संकल्प निभाओ, सुन्दर सँवरे सारे काज।...............१
ऐसी शिक्षा दो शिक्षक ये, बन जाय सभ्य समाज।.......

कुम्भकार सम नूतन घट ज्यों, हिय हाथ संभारा करना।
अपनी प्रतिभा और योग्यता, तुम शिष्य हृदय में भरना।।
सात्विक और सत्भाव सुवृत्ति से, सुरभित करो समाज।.............२
ऐसी शिक्षा दो शिक्षक ये, बन जाय सभ्य समाज।.......

तुम अनीतिरत राज्य बदलते, नव साम्राज्य को गढ़ते।
करते कर्म अलौकिक जग में, तुमसे रंक राव सब पढ़ते।।
सम दृष्टि सद् भाव भरे हिय, ऐसी दीक्षा दो ऋषिराज।...............३
ऐसी शिक्षा दो शिक्षक ये, बन जाय सभ्य समाज।.......

राजेश तिवारी "मक्खन"
झांसी उत्तर प्रदेश

शिक्षक दिवस विशेष रचना | शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

सादर आभार है उन सभी शिक्षकगणो को,
जो आज मुझको एक नामचीन लेखक व कवि बनाए।
भले ही यह एक अलग बात है कि उस समय मुझे वैसे लोग ,फूटी आंखो से भी नही सुहाए।।

फूटी आंखो से भी नही सुहाए,क्योकि बात बात में दे देते थे मुझे कूट।
भले ही हम वैसे अकेले नही थे कक्षाओं में,और भी साथ रहते थे एकजूट।।

क्या पता था उम्र के उस दौर में मुझे, कि ये मुझे कूट कूट कर एक उम्दा साहित्यकार बनाएगें।
भजन,पाठ व समाचार लेखन क्षेत्र सहित, गायन क्षेत्र में भी एक अव्वल गीतकार बनाएँगे।

बचपन से ही जो घनचक्कर समझता रहा गणित व अंग्रेजी को,खूब भाता रहा जिसे हिन्दी और भोजपुरी।
इस दरम्यान जुड़ा रहा उस संस्कृत से भी लगातार, जिसको चाहकर भी बना नही पाया जिससे दूरी।।

खूँटातोड़, पीट पीट कर और थपेड़ो के बल पर ही,एक सुडौल मिट्टी का बर्तन बनाता है जिस तरह एक कुम्हार।
वैसे ही कूट कूटकर मुझ सरीखा एक मशहूर कलमकार को जिन जिन शिक्षकगणो ने आज देश को दिया है, नमन है उन सबको बारंबार।।
नमन है उन सबको बारंबार।।
कविः आर बी सिंह, खूँटातोड़
साहित्यकार /व्यंग्यकार/पत्रकार /गीतकार/कलमकार

शिक्षक दिवस पर कविता Happy Teachers Day

शिक्षक के उद्गार
शिक्षा अब धंदा हो गई,शिक्षा का होता व्यापार
शिक्षक अब टीचर हो गया,सुनो शिक्षक के उद्गार
व्यवहार एक नौकर जैसा, जिसको मिलती है पगार
मान कहाँ मिलता शिक्षक को, करता नहीं कोई विचार

कहाँ गए वो दिन अब सारे, हर जन शीश झुकाते थे
ईश्वर सा सम्मान बड़ा था, गुरु के गुण सब गाते थे
निस्वार्थ भाव थे सबके मन में,अहम नहीं दिखाते थे
प्रेम पुष्प वो अर्पण करते, घर के द्वार सजाते थे

शिक्षा की होती नीलामी, ऊँची बोली लगाते हैं
पैसे की ये हो गई दुनियाँ,शिक्षक भी बिक जाते हैं
शिक्षा से मानव नहीं बनते, पैसों के पेड़ उगाते हैं
धन दौलत की महिमा गाते, शिक्षा को भुनाते हैं

कितना अंतर है शिक्षा में, कौन करता है विचार
कोई महलों में शिक्षा पाता,कोई झोपड़ी में लाचार
बराबरी कहाँ शिक्षा में, मचा हुवा है हाहाकार
पैसो के बल शिक्षा मिलती, कहाँ मिलेंगे अब संस्कार

एक शिक्षक घुटन में जीता, पलता नहीं है परिवार
सड़कों पर वो धक्के खाता, कोई नहीं उसका अधिकार
वेतन उसका नहीं बराबर, किसको करे अपनी पुकार
शोषण के आदी हो गए, देख रहा सारा संसार

कैसी शिक्षा दी है हमने, पैदा हो जाते गद्दार
नफरत की ये खेती करते, फैलाते हैं भ्रष्टाचार
हिंसा ही फैलाते हरदम, भूल गए सब शिष्टाचार
बेवस शिक्षक देख रहा है, कैसे रुकेगा अत्याचार
श्याम मठपाल, उदयपुर

शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं Happy Teachers Day Wishes In Hindi

शिक्षक दिवस पर विश्व के सभी शिक्षक वृंद को मेरा नमन-
शिक्षक को 'मनु' जानिये, जैसे सूप सुनार।
दुर्गुण को वो छांट दे, या दे उसको जार।
बरनवाल मनोज अंजान
शिक्षक का सम्पूर्ण देश। को अर्पण होता है ॥
शिक्षक तो सारे समाज का दर्पण होता है।।
जय शिक्षक
डॉ० विमलेश अवस्थी

शिक्षक दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं

एक बेहतरीन शिक्षक वो होता है जो अपने राष्ट्र के लिये एक बेहतरीन भविष्य की पीढ़ी उपलब्ध कराता है। केवल उचित शिक्षा से ही सामाजिक समस्याएँ, भ्रष्टाचार आदि को खत्म किया जा सकता है जो अंतत: एक राष्ट्र को वास्तविक विकास और वृद्धि की ओर ले जायेगा..!!!

गुरु की उर्जा सूर्य-सी,अम्बर-सा विस्तार— शिक्षक दिवस पर गुरु महिमा का बखान

जीवन में मानस मनन चिंतनकर अनुकरण करें आपसभी गुरुजी को शतशत प्रणाम।
गुरु की उर्जा सूर्य-सी,अम्बर-सा विस्तार
गुरु की गरिमा से बड़ा,नहीं कहीं आकार
गुरु का सद्सान्निध्य ही,जग में हैं उपहार
प्रस्तर को क्षण-क्षण गढ़े, मूरत हो तैयार।।

गुरु वशिष्ठ होते नहीं, और न होते विश्वामित्र
आपही बताओ राम का, होता प्रखर चरित्र?
गुरुवर पर श्रद्धा रखें, हृदय रखें विश्वास
निर्मल होगी बुद्धि तब, जैसे रुई- कपास।।

गुरु की करके वंदना,बदल भाग्य के लेख
बिना आँख के सूर ने, कृष्ण लिए थे देख
गुरु से गुरुता ग्रहणकर,लघुता रख भरपूर
लघुता से प्रभुता मिले, प्रभुता से प्रभु दूर।।

गुरु ब्रह्मा-गुरु विष्णु है,गुरु ही मान महेश
गुरु से अन्तर-पट खुलें, गुरु ही हैं परमेश
गुरु की कर आराधना, अहंकार को त्याग
गुरु ने बदले जगत में, कितने ही हतभाग।।

गुरु की पारस दृष्टि से , लोह बदलता रूप
स्वर्ण कांति-सी बुद्धि हो,ऐसी शक्ति अनूप
गुरु ने ही लवकुश गढ़े जो बने प्रतापीवीर
अश्व रोक कर राम का, चला दिए थे तीर।।

गुरुने साधे जगत के,साधन सभी असाध्य
गुरु-पूजन, गुरु-वंदना, गुरु ही है आराध्य
गुरु से नाता शिष्य का, श्रद्धा भाव अनन्य
शिष्य सीखकर धन्य हो गुरु भी होते धन्य।।

गुरु के अंदर ज्ञान का, कल-कल करे निनाद
जिसने अवगाहन किया,उसेमिला मधु-स्वाद
गुरु के जीवन मूल्य ही, जग में देंते है संतोष
अहम मिटा दें बुद्धि के, मिटें लोभ के ऐ दोष।।

गुरु चरणों की वंदना,देवें है आनन्द अपार
गुरु की पदरज तार दे, खुलें मुक्ति के द्वार
गुरु की दैविक दृष्टि ने, हरे जगत के क्लेश
पुण्य -कर्म-सद्कर्म से, बदल दिए परिवेश।।

गुरु से लेकर प्रेरणा, मन में रख तूं विश्वास
अविचल श्रद्धा भक्ति ने, बदले हैं इतिहास
गुरुमें अन्तर ज्ञान का,धकधक करे प्रकाश
ज्ञान-ज्योति जाग्रत करे करे पाप का नाश।।

गुरु ही सींचे बुद्धि को,वह उत्तम करे विचार
जिससे जीवन शिष्य का, बने स्वयं उपहार
गुरु गुरुता को बाँटते,कर लघुता का ऐ नाश
गुरु की भक्ति-युक्ति ही, काट रही भवपाश।।

सीय राम मय सब जग जानी।
करहुं प्रनाम जोरि जुग पानी।।
श्रीकांत दुबे बरजी गोपीगंज भदोही 9830177533

ऐसा शिक्षक मिल जाये: शिक्षक दिवस पर कविता Poem On Teachers Day

शिक्षक दिवस
वो आम सी दिखने वाली,
एक गरीब की बेटी!
पथ कक्रींट में भटके,
आंखों में आंसू बहते!!
थैले का भारी बस्ता,
जो भविष्य तय करते!
वो आम सी दिखने वाली,
एक गरीब की बेटी!!
हालात से कभी न हारे,
पैरों में पड़़ गये छाले!
कितनी ही मुश्किल आये,
बरिश में नदियाँ नाले!!
वो आम सी दिखने वाली,
एक गरीब की बेटी!
शिक्षक में बसे परमात्मा,
शिक्षा हो जिसकी आत्मा!!
ऐसा शिक्षक मिल जाये'
जो कर्मपथ सिखलाये!
वो आम सी दिखने वाली,
एक गरीब की बेटी!!
खुद अधिकार जताती'
खुद में जीवन जी जाती!
पढी लिखी नारी बन,
दो घर को, सम्मान दिलाती!!
वो आम सी दिखने वाली,
एक गरीब की बेटी!
सर्वपल्ली राधाकृष्णन सा,
शिक्षक जब मिल जाये!!
हर नौनिहाल हो गौरवान्वित,
माँ, सरस्वती मुस्कुराये!
वो आम सी दिखने वाली,
एक गरीब की बेटी!!
श्रीमती रीमा महेंद्र ठाकुर भारतीय "
रानापुर झाबुआ मध्यप्रदेश

शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को समर्पित कविता

आप सभी को शिक्षक दिवस पर बहुत बहुत बधाई पेश है शिक्षकों को समर्पित मेरी कविता अजय सिंह अजनवी
छपरा
दिनांक-05/09/21
रोज -रविवार
शिक्षा है अनमोल जगत में
शिक्षा है अनमोल
बिना शिक्षा का नहीं कोई मोल
बिना शिक्षा मानव अधूरा लगता है
शिक्षा है अनमोल जगत में

पहली शिक्षा हम माँ से पाई
जिसका कोई नहीं है मोल
दूसरी शिक्षा गुरुजनों से
तीसरी शिक्षा हम समाज से
पाकर हम बनें इस योग्य
शिक्षा है अनमोल जगत में

बिना शिक्षा जीवन अधूरा
सा लगता है
लगता है जगत में मेरा कोई
नहीं मोल
शिक्षा है अनमोल जगत में
शिक्षा है ज़नमोल

गुरु चरणों में शीश झुकाना: शिक्षक दिवस पर विशेष कविता

विधा - चौपाई
विषय - गुरु चरणों में शीश झुकाना
विद्यार्थी विद्यालय जाना।
करो पढ़ाई ज्ञान बढ़ाना।।
नहीं चलेगा यहाँ बहाना।
गुरु चरणों में शीश नवाना।।
सदा ज्ञान के दीप जलाना।
अध्यापक का फ़र्ज बताना।।
गलती देख तुझे समझाना।
गुरु चरणों में शीश नवाना।।

शिक्षा बहुत जरूरी भाई।
घर में बढ़ती रहे कमाई।।
राह नयी दे रही दिखाई।
कदम बढ़ा छू लो ऊँचाई।।
शिक्षा पर विश्वास जताना।
तभी ज्ञान उर में भर पाना।।
सत्य सदा तुमको अपनाना।
गुरु चरणों में शीश नवाना।।

शिक्षक तम को दूर भगाता।
बालक को विद्वान बनाता।।
अपने अनुभव वह दे जाता।
ठोकर से हरहाल बचाता।।
जीवन को आदर्श बनाना।
साथ देश का मान बढ़ाना।।
मातृभूमि का कर्ज चुकाना।
गुरु चरणों में शीश नवाना।।

नवचेतन को वही सँवारे।
फूल खिले बगिया में प्यारे।।
अधरों पर मुस्कान तुम्हारे।
राज दिलों पर करना सारे।।
भेद-भाव को सदा मिटाना।
अलख प्यार की रोज जलाना।।
ले आशीष सदा बढ़ जाना।
गुरु चरणों में शीश नवाना।।

शिक्षा जागरूकता लाता।
कौशल अरु गुणवान बनाता।।
नैतिकता भी हमें सिखाता।
सिर अपना ऊँचा कर जाता।।
मिला ज्ञान सबमें बट जाना।
बढ़ता ज्ञान नहीं घट पाना।।
ज्ञान तभी जीवन में आना।
गुरु चरणों में शीश नवाना।।
राजकुमार छापड़िया

प्रकाश दिलाता है शिक्षक - शिक्षक दिवस पर प्रेरणादायक कविता

समस्त गुरुजनों को शिक्षक दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं बधाइयाँ।
जब जीवन होता शून्य कभी,
हर ओर अंधेरा होता है।
दिनचर्या चलती रहती है,
पर नही सवेरा होता है।
तब अंधकार मय जीवन को,
प्रकाश दिलाता है शिक्षक।
मानव में मानवता का,
अहसास कराता है शिक्षक।
मन मे जैसा आता है,
हम बैसा बुनते रहते हैं।
जिसकी हमको समझ नही,
हम वो भी सुनते रहते हैं।
क्या सुनकर हम क्या बोलें,
परिचय करवाता है शिक्षक।
मानव में मानवता का,
अहसास कराता है शिक्षक।
भोजन, शयन और प्रजनन,
ये जीवो में भी होते हैं।
सब सोते हैं सब खाते हैं,
और घरों में रहते हैं।
धरती पर क्या धर्म हमारा,
हमे बताता है शिक्षक।
मानव में मानवता का,
अहसास कराता है शिक्षक।
शिक्षा के बिन ये मानव तन
जड़ की भांति रहता है।
ज्ञान नही यदि सही डगर का,
जीना मुश्किल होता है।
शिक्षा और प्रशिक्षण देकर,
सरल बनाता है शिक्षक।
मानव में मानवता का,
अहसास कराता है शिक्षक।
शिक्षक भाग्यविधाता है,
उत्साहित करता पड़ने को।
उठो गिरो फिर से उठ जाओ,
प्रेरित करता बड़ने को।
असफल सदा नही होगे तुम,
यही बताता है शिक्षक।
मानव में मानवता का,
अहसास कराता है शिक्षक।
भविष्य के निर्माता का,
तुम हर पल सम्मान करो।
मिलें कहीं भी अगर राह में,
झुककर के प्रणाम करो।
सदाचार व नैतिकता की,
राह दिखाता है शिक्षक।
मानव में मानवता का,
अहसास कराता है शिक्षक।
उपेन्द्र फतेहपुरी

शिक्षक का होता सुंदर परिभाषा - शिक्षक दिवस पर विशेष कविता

शिक्षक दिवस के अवसर पर सादर प्रयासः
शि से शिकवा होता क्ष से क्षमा,
और क से होता है अपना कर्म।
शिकवों से दूर क्षमा के मार्ग में,
कर्मपथ होता है जिनका धर्म।।
शिक्षक का होता सुंदर परिभाषा,
पूर्ण करता समाज की अभिलाषा।
समाज में होता सादर सम्मानित,
उत्तम शिक्षा का देते हैं दिलासा।।
शिक्षक का होता शिक्षा पैगाम,
छात्रों को मिलता उच्च आयाम।
चलता रहे सदा नेकी के पथ पर,
उच्च शिखर तक न ले विराम।।
शिक्षा का भी अर्थ होता सुंदर,
शि से शिकवा क्षा से होता क्षार।
शिकवे क्षारता को दूर भगाकर,
दिल में भरते आदर और प्यार।।
शिक्षक हैं देते उत्तम ही शिक्षा,
मात पिता भी इसका रखें ध्यान।
गाली गलौज कभी न हो घर में,
पूर्ण होगा फिर सबका अरमान।।
गुरु कृपा से ही ज्ञान बढता है,
मातपिता कृपा से इंसान बनता है।
भगवदकृपा से महान बनता है,
सबके आशीष पा भगवान बनता है।।
माता पिता गुरु और ये गोविंद,
ज्ञान के मुख्य केंद्र बिन्दु हैं चार।
आशीष पा यह जीवन निखरता,
सुंदर जीवन के चारों हैं आधार।।
चादर होता है यह सुंदर शिक्षा,
बिस्तर होता है सुंदर सा संस्कार।
शिष्टाचार यह होता है तकिया,
लाता है जो जीवन में निखार।।
माता पिता गुरु और गोविंद को,
मेरा कोटि कोटि सादर है प्रणाम।
जीवन में उच्च शिखर पाने हेतु,
सबसे सुंदर ये चारो ही हैं धाम।।
शिक्षक दिवस के अवसर पर,
मेरा हार्दिक सुंदर है शुभकामना।
श्वेत उज्जवल बेदाग हो जीवन,
ईश्वर से मेरी यही है कामना।।
अरुण दिव्यांश 9504503560
डुमरी अड्डा
छपरा सारण
बिहार

शिक्षक दिवस की को ढेरों शुभकामनाएं Happy Teachers Day Wishes In Hindi

आप ज्ञान के अपार सागर हैं,
आपके हृदय में बेशुमार प्यार है।
सभी के लिए आदर्श हैं आप,
दुनिया में सबसे अनोखे हैं आप।
मानव में छुपी हुई शक्ति का,
परिचय आप कराते हैं।
जीवन में सफल होने का,
विश्वास उस में जगाते हैं।
सीधे भोले और व्यक्ति है सरल,
चेहरा सच्चा और दिल है कोमल।
अद्भुत सामर्थ्य और स्फुर्ती
है गुरुजी आप में,
असंभव को संभव करने
का साहस है आप में।
करुणा और प्रेरणा की
साक्षात मूर्ति है आप,
शिक्षक के साथ साथ
हमारे पिता भी हैं आप।
सुमित मानधना 'गौरव'
शिक्षक दिवस की सभी
को ढेरों शुभकामनाएं।।
सुमित गौरव

गुरु गुरु ही पढ़ाता गुरु ही सिखाता हमारे शिक्षक हमारे गुरु कविता

शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई...
गुरु:अद्यतन
गुरु गुरु ही पढ़ाता।
गुरु ही सिखाता।।
गलत है क्या सही है क्या?
इसका ज्ञान कराता।।
समय बदला।
गुरु का स्थान भी बदला।।
तकनीक का सहारा लेकर।
गुरु सार्वकालिक बना।।
यह कर्म के प्रति रहता सजग।
शिष्यों को भी यही बात सिखाता है।।
आज की बात अलग कुछ।
और है।।
गुरु शिष्य की रिश्तो में।
थोड़ा परिवर्तन हुआ है।।
जो बात पहले थी उसमें।
कुछ कमी नजर आ रही है।।
तकनीक ने कुछ बदल दिया है।
तो कुछ नकारात्मक परिवर्तन भी किया है।।
शिष्य अब गुरु का वह आदर नहीं कर रहा है।
जो पहले वह कर रहा था।।
यह बात गुरु और शिष्य दोनों।
को समझनी होगी।।
जो साक्षात् सीख मिलती थी।
उसकी बात कुछ अलग थी।।
पुराणों में भी वेदो में भी।
साक्षात् अध्ययन सर्वोपरि था।।
आज जो परोक्ष रूप से।
अध्ययन चल रहा है।।
उस में कहीं न कहीं कुछ।
कमी नजर आ रही है।।
बीच-बीच में साक्षात्कार।
गुरु शिष्य का होना पड़ेगा।।
तभी निरंतर ज्ञान की धारा।
प्रवाहित शिष्य तक हो पड़ेगी।।
फिर भी गुरु शिष्य के संबंध को नमन है।
शत् शत् नमन है।।
राम शरण सेठ
छटहाॅं मिर्जापुर उत्तर प्रदेश

प्रस्तूत है शिक्षक दिवस के लिए गुरु व शिक्षक पर एक रचना, शीर्षक है: गुरु सुधारक

गुरु सुधारक
गुरु मिले भगवान् मिले,
यही धर्म मर्म हैं सब जानें।
मानव मानव एक हैं,
यह आप्त वचन मानें।

गुरु ऐसा हो कि
सारी कमियों को सुधारें।
अवगुणों को बतला कर,
सत् पथ बलतावें।

थोड़ी सी जगह दे चरणों में
चक्षु खुल जाये ऐसे ज्ञान दें।
अनवरत मार्गदर्शन कर,
भवसागर तार मोक्ष दें।

छोटी-छोटी सी बात समझा
राह सही दिखलाते।
गलती करने पर,
हमें दंडित कर फटकारें।

राह अनेक हैं पर
हमारे लिए चुनी राह
सर्वोत्तम मानें।
सत्य वचन और विप्रों सा
जीवन जीना जानें।

सत्य अहिंसा परमो धर्म को
सदा अपनाएँगे।
विश्व बंधुत्व की राह पर
हम चलते जाएँगे।

मार्ग दिखा सतपथ पर
सद्गुरु चलना सिखाएँगे।
सार्थक मानव जीवन
सफल हम कर पायेगें।

छोटी-छोटी बातों को
लेकर बतलाएँ है।
जो हमें हाथ पकड़
चलना सिखलाये हैं।
धन्यवाद
पुष्पा निर्मल
बेतिया बिहार
‌‌06/09/21

शिक्षक दिवस पर हाइकु Haiku On Teachers Day

हाइकू
विषय गुरु

गुरुदेव हैं,
जगभाल मुकुट,
बांटते ज्ञान।

जीवन ज्योत,
जगाते हर पल,
खुलते नैना।

मिटा अंधेरा,
खुले नैन कपाट,
हुआ उजाला।


हाथ पकड़,
है पथ दिखलाते,
मंजिल मिली।

दीप ज्ञान का,
है जबसे जलाया,
जीवन बना।

सब नातो में,
साथ गुरुदेव का,
सच्चा मीत है।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश

सद्ज्ञान हमें दो शिक्षक जी! शिक्षक दिवस पर आधारित हिंदी कविता

सद्ज्ञान हमें दो शिक्षक जी
सद्ज्ञान हमें दो शिक्षक जी, विश्वास हमें दो शिक्षक जी।
हो दूर अँधेरा जिससे, दिनमान हमें दो शिक्षक जी।।
हर हृदय प्यार से भरकर, संस्कारित कर ले जीवन।
हम ज्ञान यज्ञ से जुड़कर, महका लें जीवन-उपवन।।
जो काम न आए युग के,वह व्यर्थ विधार्थी है।
हमको अपनी दुनिया, शुभ-श्रेष्ठ बनानी है।।
हम साधन शक्ति लगाकर, संगठन बनाएँगे।
श्रम, सेवा से भरकर, देवत्व हम जगाएँगे।।
हम ज्ञान साधना करके, साहित्य पढ़ाएँगे।
चिंतन-चरित्र में फैली, गंदगी को हटाएँगे।।
हम करें साधना मिलकर, संगठन शक्ति अपनाएँ।
हम ज्ञान मशाले लेकर, घर-घर में दीप जलाएँगे।।
विधार्थी आलोकित हों,सब जन-पथ आलोकित हो जाएँगे।
हम सब विधार्थी लोकहित,अपनी प्रतिभा लगाएँगे।।
प्यार गुरू का मिला और अनुदान भी,हम विधार्थी हँसे मुसूकराएँगे।
पूजा थाल सजा चहुंओर, हम विधार्थी आज शिक्षक दिवस मनाएँगे।।
डॉक्टर रश्मि शुक्ला
प्रयागराज उत्तर प्रदेश

करूँ शिक्षक को नमन करे जो अज्ञान का समन– शिक्षक पर कविता

शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई आपको
कविता – शिक्षक को नमन।
करूँ शिक्षक को नमन करे जो अज्ञान का समन।
सत्य बिन गुरु ज्ञान न होता करो गुरु सदा स्मरण।
बाल अवस्था प्रथम गुरु होती जननी है हमारी।
गोद बैठा बोलना सिखाये पूज्य जननी है सारी।
दूसरे गुरु पिता हमारे चलाये पकड़ हाथ हमारे।
सत सत नमन पिता गुरु सम तुम हे नाथ हमारे।
दान धर्म ज्ञान अध्यात्म पथ दर्शन देते धर्म गुरु।
मोक्ष मोह माया काया ज्ञान कराया परम गुरु।करे राष्ट्र निर्माण शिक्षक गढ़ मूर्ति शिस्य सयाना।
सीमा सुरक्षा शिक्षा स्वास्थ्य विज्ञान राह दिखाना।
वंदन चरण कमल गुरु तुम अज्ञान हरो अब मेरे।
महिमा न्यारी तुम्हारी करूँ क्या बखान बहू तेरे।
तुम न होते शिस्य न सीखते बनते सब अज्ञानी।
रहते सब मूढ़ सर्वत्र बनता न तुझ बिन बिज्ञानी।
इश तुम्ही महेश ब्रम्हा विष्णु सर्वत्र ब्याप्त तुम्ही।
अज्ञान अंधकार अंहकार करते सब समाप्त तुम्ही।
करूँ न क्यों जय जय कार गुरु अब मैं तुम्हारी।
हरते हर की अज्ञानता गढ़ते ज्ञान सदा तुम हमारी।
श्याम कुँवर भारती (राजभर )
गीतकार /कवि /लेखक /समाजसेवी
बोकारो झारखंड 9955509286

शिक्षक दिवस आज सभी मनाते हैं शिक्षक दिवस पर कविता

शिक्षक दिवस आज सभी मनाते हैं।
३६४ दिन बाकी कहाँ? लुप्त हो जाते हैं।
आयें गुरुकुल परंपरा पुन: चलाते हैं।
हर प्रातः गुरु नमन् कर अध्याय बढ़ाते हैं।
मातृ-पितृ ऋण भी चिंता भी कुछ करते हैं।
माता को प्रथम शिक्षक सभी कहा करते हैं।
पिता की अँगुली पकड़ हम चलते हैं।
भाई बहन भी पते की बात करते हैं।
दादा दादी नाना नानी से भी हम सुनते हैं।
आजीवन हम कुछ न कुछ पढ़ते रहते हैं।
मेधायुक्त हो नैतिकवादी भी हम बनते हैं।
शिक्षक दिवस आज सभी मनाते हैं।
३६४ दिन बाकी कहाँ? लुप्त हो जाते हैं।
आयें गुरुकुल परंपरा पुन: चलाते हैं।
डॉ. कवि कुमार निर्मल

शिक्षक दिन है दे रहे गुरुओं को सम्मान शिक्षक दिवस पर कविता

शिक्षक दिन है दे रहे गुरुओं को सम्मान।
जिसने कुछ भी ज्ञान दी वही पुनीत महान।।
वही पुनीत महान सदा जयगान करें हम।
मातू पिता गुरु का नित पुजा ध्यान करें हम।।
पुजा ध्यान करें हम करें न कोई दिखावा।
मुख में गुरु का नाम है करे रोज छलावा।।
नादान

हैपी टीचर्स डे शिक्षक दिवस पर हास्य-व्यंग्य कविता

हैपी टीचर्स डे
फूल सज रहल बा केट कट रहल बा।
माल शाल माला गीफ्ट बँट रहल बा।

केक पर के मक्खन बा मुंह में लपेटल-
शर्म लाज के ओहार हट रहल बा।

हाय हेलो गाना वाह रे जबाना-
फ्रेंडली कनेक्शन खूबि पट रहल बा।

मैम गुरुआइन, आजु सर भइले गुरुवर-
शिष्य गुरु नाता अब निझट रहल बा।

फीस में इजाफा हर जगह मुनाफा-
मोट दाम लेके रसीद कट रहल बा।

जमीर बेच होता तालीम के तिजारत-
दाम बढ़ रहल बा मान घट रहल बा।

मान मरजादा के पर्व आजु सादा-
बात रहे सीधा ऊ पलट रहल बा।
अमरेन्द्र
आरा भोजपुर बिहार

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