Ticker

6/recent/ticker-posts

बभनौटी के मोहड़ा के थाम्हें कोहड़ा? हास्य व्यंग्य Hasya Vyang

बभनौटी के मोहड़ा के थाम्हें कोहड़ा? हास्य व्यंग्य Hasya Vyang

जब सब सब्जी के बटवारा भा ब्रह्माजी सबके बांटि दिहेंनि
ब्राम्हण देवता पीछे से पहुंचेनि ब्रह्मा जी नंबर काटि दिहेंनि
सारी बभनौटी मिलिके तब विष्णु जी से फरियाद किहेंनि
तब विष्णुजी सारी सब्जीनि के अपने लोक में याद किहेंनि।
ई कुनूरु कटकटान परवल परपरान भिंडी टेढुआई गवा
विष्णुजी से करेला देखा बिल्कुल कड़ुआई गुस्साई गवा
बभनौटी हम ना जाबई गुस्सा में टमाटर भाई लाल भवा
भय से गोलका भाटा लमका भाटा भी भाई करिया गवा।
आलू माटी में घुसी गई, मूली भी तरे माटी में किहेसि मूड़ी
गाल चूचूकिं गा नेनूआं के, ककड़ी के भाई ई धरेसि जूड़ी
लंबी लंबी खेते में लेटिगई लौकी तोरई चिंचिंहा चिरचिंडा
भय के मारे गोल भयेनि देख सलजम चुकंदर और भिंड़ा।
पालक चौराई गलई लगेनि तितऊ मिर्चा लाल होई चिल्लाई लगा
सोवा बरूआ खेत में सोई गवा लहसुन प्याज भी भाई गंन्हाई गवा
गोभी में फूल व गांठ भवा कुछ गोभी के कुलि पात छितराई गवा
कटहल के पेट में मोटका मुसरा होई गा ऊपर से कांटा भाई छाई गवा।
भय से तब सारे सब्जी श्रीविष्णु जी से हाथ जोड़ी कहई लगेनि अकेले में
बभनन के खवाई हम देखें हई, प्रभु हम पड़ब न ई बभनौटी के झमेले में
श्रीविष्णु जी सोचेनिं इज्जत के बात बा जौं सारे बाभन ई रिसिआई गयेनि
तब लक्ष्मी जी के साथे लेई विष्णुजी राती में समझाएनि पर सारी सब्जी नहिंआई दिहेनि।
तब अपनी माया से लक्ष्मी जी विष्णु जी चुपके से एक कोहड़ा प्रगटायेनि
लाज बचाव हे बेटवा कोहड़ा, ई बाभन शिक्षा तप से जियते मरते दुनउं में खाएनि
धीरे धीरे चुपके से आवा कोहड़ा, ताल ठोकि के बभनौटी में भाई भवा खड़ा,
श्रीकांत चिंता ना कर प्रभु तनिकंऊ मन में, हम थमभई बभनन के बभनौटी में मोहड़ा
श्रीकांत दुबे बरजी गोपीगंज भदोही 9830177533
Read More और पढ़ें:

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ