चोर पुलिस शायरी हास्य व्यंग्य शायरी Funny Shayari In Hindi
भगवान तेरी दुनिया में कमाल हो गया(हास्य कविता)
विश्व हास्य दिवस : हार्दिक शुभकामनाएं
भगवान तेरी दुनिया में, कमाल हो गया,पुलिस पर भारी चोरों का सवाल हो गया।
जिसे मालामाल होना था, कंगाल हो गया,
जो कंगाल था, वो तो मालामाल हो गया।
भगवान तेरी दुनिया में……
चोर पुलिस शायरी
अक्सर चोर और जेबकतरे जाते हैं जेल,बड़े बड़े लुटेरे खेलते आंख मिचौनी खेल।
जनता तो वहीं खड़ी, नेता आसमान पर,
कुछ सालों में ही कैसे, धमाल हो गया?
भगवान तेरी दुनिया में……
कानून पर शायरी
दिन दहाड़े लोग कानून को दिखाते ठेंगा,शरीफों का जीना तब से मुहाल हो गया?
उल्टा चोर कोतवाल को डांटने लग गए,
पैजामा छुपे कच्चे का, दलाल हो गया।
भगवान तेरी दुनिया में………..
हास्य दिवस पर कविता
नाचन नहीं जाने, वो कहत आंगन टेढ़ा,लहंगा चुनरी पर सवार रूमाल हो गया।
जिसने कभी बाल भी बांका नहीं किया,
पता नहीं वो कैसे यहां हलाल हो गया!
भगवान तेरी दुनिया में……
भ्रष्टाचार पर शायरी
भ्रष्टाचारी सरेआम खूब गाल बजाते हैं,जहां चाहते, अपनी महफिल जमाते हैं।
पुलिस पड़ जाती बहुत ही असमंजस में,
खाकी के बदले सफेद कोतवाल हो गया।
भगवान तेरी दुनिया में……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
पुलिस चोर शायरी
रास्ता भूलकर मंदिर का, चला जाता है मधुशाला— हास्य व्यंग्य कविता Funny Poem In Hindi
जब मन हो जाता मतवाला
(हास्य/व्यंग्य कविता)
किसी इंसान का जब, मन हो जाता है मतवाला,
रास्ता भूलकर मंदिर का, चला जाता है मधुशाला।
राम नाम उसे, सुखदाई नहीं लगता है जीवन में,
सबसे प्यारा लगता है, हर छलकता हुआ मधु प्याला।
किसी इंसान का जब……
बेकाबू मन कुछ भी कर सकता है, इस दुनिया में,
किस्मत के खुले दरवाजे पर भी, लगा सकता ताला।
खाली मन शैतान का घर होता है, करवाता है गलतियां,
छीन लेता है हाथों से, जब कोई जपना चाहता माला।
किसी इंसान का जब………
मन की मजबूरी मन ही जाने, क्या करे कोई इंसान,
मतवाला मन गायब कर देता है, जीवन से सारा उजाला।
मन ही इंसान को मधुशाला से वापस ले आता है कभी,
पटक देता है पत्थर पर, हाला से भरा हुआ हर प्याला।
किसी इंसान का जब……
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
(हास्य/व्यंग्य कविता)
किसी इंसान का जब, मन हो जाता है मतवाला,
रास्ता भूलकर मंदिर का, चला जाता है मधुशाला।
राम नाम उसे, सुखदाई नहीं लगता है जीवन में,
सबसे प्यारा लगता है, हर छलकता हुआ मधु प्याला।
किसी इंसान का जब……
बेकाबू मन कुछ भी कर सकता है, इस दुनिया में,
किस्मत के खुले दरवाजे पर भी, लगा सकता ताला।
खाली मन शैतान का घर होता है, करवाता है गलतियां,
छीन लेता है हाथों से, जब कोई जपना चाहता माला।
किसी इंसान का जब………
मन की मजबूरी मन ही जाने, क्या करे कोई इंसान,
मतवाला मन गायब कर देता है, जीवन से सारा उजाला।
मन ही इंसान को मधुशाला से वापस ले आता है कभी,
पटक देता है पत्थर पर, हाला से भरा हुआ हर प्याला।
किसी इंसान का जब……
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
Read More और पढ़ें:
0 टिप्पणियाँ