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Barish Shayari सावन बारिश शायरी प्यार की बरसात शायरी Shayari On Barish

Barish Shayari सावन बारिश शायरी Shayari On Barish

विषय - बरसात / बारिश
जब आज अचानक मेघ घिरे,
घनघोर दिखे इस बारिश में।
बिजली चमकी तब बादल भी,
गरजे बरसे इस बारिश में।।
कितनी हमने तब कोशिश की,
बच ही न सके इस बारिश में।
कपड़े सुखने हम डाल दिये,
सब भींग गये इस बारिश में।।

Barish Shayari | Barish Quotes In Hindi

इस बारिश में तुम भींग रहे,
छतरी बिन ही पड़ता चलना।
तुम आज गरीब भले दिखते,
अब बंद करो सबसे डरना।।
जब भाग्य नहीं कल ये बदले,
तब जीवन में इतना करना।
जिस वक्त लगे गिरने बरखा,
उस सावन को समझो गहना।।

सावन की बारिश शायरी Barish Shayari

बिजली चमकी जब अंबर में,
नभ से तब बारिश ये बरसे।
जब भी मनमोहक दृश्य दिखा,
निकले हम भी अपने घर से।
जलमग्न हुए जब राह सभी,
हम काँप उठे पलमें डर से।।
दिन बीत गया अब शाम हुई,
घर वापस खातिर भी तरसे।।

बारिश और किसान शायरी

जब आज किसान अड़े दिखते,
हड़ताल जरूर विशाल करें।
अब वक्त हुआ सहते-सहते,
हल छोड़ किसान कमाल करें।।
बरसात हुई यह जान रहे,
फिर भी न हटें कुछ चाल करें।
यह देश खिलाफ बगावत है,
न किसान कभी यह हाल करें।।

Beutiful Barish Shayari

जिस बारिश में जल खूब भरे,
यह दृश्य मनोरम रोज छले।
जब बालक का मन चंचल हो,
तब कागज की बन नाव चले।।
बरसात न हो जब बारिश में,
हम सैर करे हर शाम ढले।
अब हाल सुना जबसे हमसे,
मन ही मन वो तब खूब जले।।
राजकुमार छापड़िया

प्यार की बरसात शायरी Barish Shayari | Pyar Ki Barsat Shayari

प्यार की बरसात
जबसे हुयी उनसे मुलाकात,
बन गयी मेरे दिल की बात,
मिल गये नयन से नयन,
होने लगी प्यार की बरसात।

Barish Shayari | बारिश शायरी | Barsaat Shayari | बरसात शायरी | Rain Shayari

प्यार की बरसात
जबसे हुयी उनसे मुलाकात,
बन गयी मेरे दिल की बात,
मिल गये नयन से नयन,
होने लगी प्यार की बरसात।
प्यार में एक दूजे के होंठ हिलने लगे,
मन,मस्तिष्क,अधर खिलने लगे,
नाच उठे मन के मोर,
दिल मुस्कुराने लगे दिन रात।
प्यार होने लगा अब जवान,
हिलोरें मारने लगे मेरे जज्बात,
एकदिन आया भी ऐसा,
हम उनके घर ले गये बारात।
अब तो होने लगे स्वागत दोनों के,
मिलने लगे मान सम्मान, सौगात,
आगे जानें क्या होगा मेरे मालिक,
कैसे होंगे हम दोनों के हालात।
अरविन्द अकेला

मैं तुम और वो प्यारा बरसात: बरसात शायरी - Barsaat Shayari

विधा - गजल

मैं तुम और वो जो प्यारा बरसात है।
तीनों मिले संग संग तो क्या बात है।

बारिशों के मौसम की हल्की फुहारें
तुम आआ भी जाओ चाँदनी रात है।

बांहों का इशारा है दिल ने पुकारा है
तू मिलो तो ये दिलकश मुलाकात है।

कहकर आयेगे हम,ये दिलासा न दो
इंतज़ारो में जख्मी हुए ये जज्बात है।

ढाढ़सों में गुजारे है सभी रात हमने
अबतक मेरे हौसले को मिले मात है।

शीघ्रता करों वरना रूठ जायेगे हम
गुजरने वाले ये मौसमों के बारात है।

पूनम यादव
वैशाली (बिहार )

साल की पहली बारिश मुबारक हो - बरसात का मौसम कविता

गज़ल

शबनमी रात है अब तो तुम चले आओ: मोहब्बत की बरसात शायरी

चले आओ
शबनमी रात है अब तो तुम चले आओ
दिल मे है तड़प हमारे यूं ना हमे तड़पाओ।।

याद है हमको आज भी वो महकती पहली
उस तरह फिर से तुम बांहों मे हमारी चले आओ।।

हया संग मुंह फेर के तुमनें पलकें अपनी थी झुकाई
कजरारी आंखों का जादू बिखरने फिर चले आओ।।

याद है उलझी गेसूओ हमनें तेरी सुलझाया था
उन्हीं उलझी गेसूओं संग तुम हमारी राते महकाओ।।

चले आओ, चले आओ अब तो तुम चले आओ
सुनो दिल की मेरी पुकार यूं ना अब हमे तड़पाओ।।

वीना आडवानी"तन्वी"
नागपुर, महाराष्ट्र
बरसात शायरी फोटो Barish Shayari - Shayari On Barish

मैं, तुम और बरसात की रात: बरसात शायरी हिंदी

मैं, तुम और बरसात
ये भींगी भींगी सी रात,
मैं, तुम और बरसात।
खोल स्वपनिल द्वार,
हुए झंकृत प्रेम तार,
मचले अंग अंग सजन,
नहीं है बस में बदन।
चमक रही है बिंदिया,
छमक रही है पैजनिया।
भूल इस दुनिया,
बसा ले अपनी दुनिया।
रंग ऐसा लगाओ प्रिय,
हर पल हुलसे हिय।
कर दो पूरी तमन्ना,
बना लो मुझे अपना।
वर्षों से सूखी डाली
हुई हरी, झूमेगी मतवाली।
रीतु प्रज्ञा
दरभंगा, बिहार
स्वरचित एवं अप्रकाशित
70001 56593

आया है रिमझिम सावन मनभावन : प्यार की बरसात शायरी | बारिश शायरी Barish Shayari

हिन्दी गीत – रिमझिम बरसात
विषय-रिमझिम सावन
शीर्षक-ला दो सैंया हरी-हरी चुड़ियां
आया है सावन मनभावन,
लागे रिमझिम फुहारें सुहावन।
लेकर आयी हैं संदेशा पीहर की चिड़ियां,
ला दो सैंया हरी-हरी प्यारी सी चुड़ियां।
सब ताक रही हैं राह मेरी,
कर दो बालम मांग पूरी मेरी।
चुड़ियां खनका झूलूंगी झूला,
जाउंगी मेला संग सखी मंजूला।
पहन हरी साड़ी खनखाऊंगी चुड़ियां,
झूम-झूम नाचूंगी संग सहेलियां।
देख कारी बदरिया हो जाऊं मगन,
खनकती स्वर लहरियां गावे भजन।
याद सतावे बहुत बाबुल आंगन,
खुशियां बरसाने जाने दो साजन।
लेकर आयी हैं संदेशा पीहर की चिड़ियां,
ला दो सैंया हरी-हरी प्यारी सी चुड़ियां।
रीतु प्रज्ञा
दरभंगा, बिहार
स्वरचित एवं अप्रकाशित

बरस रहे हैं कारे बदरा: बरसात का मौसम शायरी

मुक्तक
मानसून - बरसात
बरस रहे हैं कारे बदरा
गोरी का फैला है कजरा
भीगे देखो तन है उसका
महक रहा जुल्फों का गजरा।।

कारे बदरा गरजे आज
मोर भी नाचे सर पे ताज
हर ओर देखो हरियाली
गिरे है देखों कहीं पे गाज।।

वीना आडवाणी"तन्वी"
नागपुर, महाराष्ट्र

सावन की घनघोर घटाएं: सावन की पहली बारिश शायरी

सृष्टि का उपहार
(मुक्तछंद काव्य रचना)
सावन की घनघोर घटाएं,
जबभी छा जाती है अंबर पर।
तब हवाओं के साथ चलते बादल,
वर्षा की बूंदें लाते है धरती पर।

सावन की वो रिमझिम बारिश,
पल में मौसम सुहाना कर देती है।
तब मिट्टी से उठती वो सौंधी महक,
चहू ओर दिशाओं में फैल जाती है।

हरियाली की चुनर ओढ़कर ये धरती भी,
मानों दुल्हन सी सजी दिखती है।
पक्षी चहकते है पेड़ों पेड़ों पर और,
पुरी सृष्टि में भी खुशी की लहर उठती है।

बहती नदियां लगती है प्यारी सुन्दर,
ऊंचे पहाड़ों से गिरता झरना होता है मनभावन।
वही दृश्य लुभावना कुदरत का,
मानों जीवन में नई उमंग भर देता है।

बागों में खिलते हैं रंग-बिरंगे फूल और
प्यारी सी कोमल तितलियां फूलों संग खेलती है।
कुदरत का ये अनमोल करिष्मा देखो,
कैसे प्रीत रंगों का मतलब सिखलाता है।

खुशियां बांटकर मिलती है खुशियां,
हर आंगन में आती है फूलों की बहार।
कुदरत से ही जुड़ी है सारे संसार की खुशी,
अनमोल है यहां जीवन में सृष्टि का उपहार।

प्रा.गायकवाड विलास.
मिलिंद क.महा.लातूर.
महाराष्ट्र

सावन की बरसात शायरी | बारिश पर रोमांटिक शायरी Sawan Ki Barsaat Shayari

बरसात गीत
(झम झम होती है बरसात)
कैसे काटूंगी मैंं रात?
साजन समझो दिल की बात!
झम झम होती है बरसात!

काम कोई ना मैंं कर पाऊं!
बादल गरजे तो डर जाऊं!
क्या बतलाऊं मैंं हालात?
साजन समझो दिल की बात!
झम झम होती है बरसात!

तुम तो मेरे दिल को दुखा के,
बैठे हो परदेस मे जा के!
मैंं तो सहती हूँ सदमात!
साजन समझो दिल की बात!
झम झम होती है बरसात!

नींद नहीं आँखों में आये,
याद तुम्हारी खूब सताए,
कब तक होगी मुलाकात?
साजन समझो दिल की बात!
झम झम होती है बरसात!

अपनी बात कहूँ क्या तुझको!
आज तलक न भेजा मुझको,
कोई संदेशा सौगात!
साजन समझो दिल की बात!
झम झम होती है बरसात!

दिल को मोईन वह धड़काए!
ऐसे बादल घिर के आये!
जैसे आए कोई बारात!
साजन समझो दिल की बात!
झम झम होती है बरसात!
मोईन गिरीडीहवी, पटना

साजन तेरी याद सताए बारिश में, सावन बारिश शायरी Barish Shayari

साजन गीत
साजन तेरी याद सताए बारिश में
चढ़ती जवानी खूब नहाय बारिश में
बादल गरजे बिजली चमके रात और दिन
दिल मेरा बेहद घबराए बारिश में
तुम होते तो बात जुदा थी ए दिलबर
रह रह के ये दिल ल्लचाय बारिश में
रहती हूँ मैं खोई खोई हर लम्हा
तेरे बिन कुछ भी न सुहाय बारिश में
दिल ये करे के मैं भी नहाऊँ जी भर के
जब भी कोई सखी नहाय बारिश में
देख के मंज़र छा जाती है बेचैनी
कौन मेरे दिल को बहलाय बारिश में
झूम झूम के बरसे बादल आठों पहर
बे दर्दी काफी इतराय बारिश में
सर से आँचल गिर जाए तो अल्लाह क़सम
भीगा बदन मेरा शर्माए बारिश में
आ जाओ घर लौट के अपने आज मोईन
एक बीरह की दिल को जलाए बारिश में
मोईन गिरीडीहवी पटना -4
9708111470
बारिश शायरी फोटो Barish Shayari Image

Barish Shayari - Shayari On Barish

Pyaar Kee Barasaat
Jabase Huyee Unase Mulaakaat,
Ban Gayee Mere Dil Kee Baat,
Mil Gaye Nayan Se Nayan,
Hone Lagee Pyaar Kee Barasaat.
Pyaar Mein Ek Dooje Ke Honth Hilane Lage,
Man,mastishk, Adhar Khilane Lage,
Naach Uthe Man Ke Mor,
Dil Muskuraane Lage Din Raat.
Pyaar Hone Laga Ab Javaan,
Hiloren Maarane Lage Mere Jazbaat,
Ek Din Aaya Bhee Aisa,
Ham Unake Ghar Le Gaye Baaraat.
Ab To Hone Lage Svaagat Donon Ke,
Milane Lage Maan Sammaan, Saugaat,
Aage Jaanen Kya Hoga Mere Maalik,
Kaise Honge Ham Donon Ke Haalaat.
Aravind Akela

नेह की करो फिर बुवाई

नेह की करो फिर बुवाई,
मानवता का हो सींचन,
खिले खुशियों के उपवन,
सब मिल रहे जगत् में.,
मनुज मनुज की आन बने,
भेद रहे न किसी कण में,
तन-मन सब एक रहे है,
अबके सावन बरसे नेह,
नेह की ही करें बुवाई,
मानवता का हो सींचन।।
विनोद कुमार जैन वाग्वर

बारिश शायरी Barish Shayari बारिश पर शायरी, स्टेटस, कोट्स, कविता इन हिन्दी | बरसात शायरी

बारिशों में देखो ये फिजा धूल गई है
धूल कर धानी चादर हरी हो गई है

बादलों ने सजाया पेशानी को है
बहते झरनों में लब की हंसी बह रही है

गमगुसारी है करती रवि से फिज़ा
लेकर ठण्डी सांसे हवा चल रही है

सारे ग़म धूल गए बारिशें जो हुईं
ता अदब ए मदावा लहर चल रही है

काबीले-दीद मुक्कदस राहीबाना सफर
जिंदगी और हंसी, और हंसी हो गई है

बारिशों में देखो ये फिजा धूल गई है
धूल कर धानी चादर हरी हो गई है
राजीव

रिमझिम बरसात आ गई : प्यार की बरसात शायरी | बारिश शायरी Barish Shayari

हिन्दी गीत – रिमझिम बरसात।

रिमझिम बरसात आ गई।
प्यारी तेरी याद आ गई।
बुँदे तन को भिंगा गई।
प्यारी तेरी याद रुला गई।

छाए नभ मे बादल काले काले।
याद मे तेरी दिल हुये छाले।
घर आँगन हवा बलखा गई।
प्यारी तेरी याद आ गई।

भिंगी हवा बहे ठंडी ठंडी।
आह निकले दिल मंदी मंदी।
झोंका फुहार अरमा जगा गई।
प्यारी तेरी याद आ गई।

तुम होते तो संग भिंग लेते।
तेरे आँचल की छाँव सर रख लेते।
भिंगा मौसम तू कहा खो गई।
प्यारी तेरी याद आ गई।

मोहाब्बत की डाली दिल का झूला बनाते।
इशक के झूले पर तुझको हम झूलाते।
तेरी बीती बाते मुझको झूला गई।
प्यारी तेरी याद आ गई।

श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड मोब -9955509286

भिंगा मौसम बारिश शायरी Sawan Barish Shayari

मुक्तक - भिंगा मौसम
बारीसों का भिंगा मौसम सुहानी शाम तू कहा है।
छूकर आती तुझे बौछारे प्रीतम हैरान तू जहां है।
बाहर वर्षा की भिंगी बहारे मन मे जगी जलन।
आओ यार एक बार याद करता श्याम तू कहा है।
श्याम कुँवर  भारती

बारिश शायरी: बारिश में भीगा गुलाब हूँ मैं Barish Shayari

बारिश में भीगा गुलाब हूँ मैं,
तू नींद है तो तेरा ख्वाब हूँ मैं,
तू मेरी है दिलकश ग़ज़ल
तेरा हर उभरा अल्फाज़ हूँ मैं!
सुमित मानधना 'गौरव'

रिमझिम गिरे सावन : सावन शायरी Sawan Shayari

रिमझिम गिरे सावन
बदरिया मनभावन
रिमझिम गिरे सावन।
अगन लगी थी तन-मन
व्याकुल मन रे चंचल।
जेठ दुपहरी दुशवारी
पगली रे जिया हमारी।
आजा आजा हो साजन
रिमझिम गिरे सावन।
जीयरा में उठे हिलौर
नाचे-नाचे मटक मोर।
गाये झिंगुर ता-थैया
डोले लहरों पे नैया।
राह निहारे मन-पावन
रिमझिम गिरे सावन।
प्यासी अँखियाँ तरस रही है
मेरी निँदया तड़प रही है।
कैसे अब रे सेज सजाऊँ
चैन-चैन कब रे पाऊँ।
जगत लगाये अब रे लाछन
रिमझिम गिरे सावन।
प्रभाकर सिंह
नवगछिया, भागलपुर
बिहार

सावन की आहट चहुँ ओर : आया सावन शायरी Sawan Barish Shayari

जयकारी छंद
आया सावन
सावन की आहट चहुँ ओर
मस्त-मस्त मस्ती में मोर।
जेठ दुपहरी अब तू भाग
लू हवा संग बरसी आग।
आते सावन आती जोश
हरियाली में सब मदहोश।
झिंगुर गाते गाते चील
लबालब भरे वर्षा झील।
पगडण्डी दूर फुले आक
नदी रेतों पर फुले कास।
मछुआरे का पानी मीत
जाल समेटा बढ़ाये प्रीत।
आवाजें बहन की बुलंद
पर्व वही है रक्षाबंध।
और मनाते पर्व महान
गाते सभी जय हिन्द गान
धन्यवाद।
प्रभाकर सिंह
नवगछिया ,भागलपुर
बिहार

किसान बारिश शायरी | सावन बारिश शायरी

सावन श्रीनगर
बिजली चमके दूर गगन पर।
मेघ लाए रिमझिम फुहार।

किसान ख़ुशी से झूम रहा।
बन में गए पंछी मल्हार।

नगर में कीचड भले पड़े हो।
गाँव में मेरे खुशियों की बौछर।

मोर मोरनी को लुभा रहा है।
नृत्य दिखाकर बार -बार।

किसान बो रहा अपने खेतोँ को।
धरती कर रही श्रीनगर।

सावन का झूला शायरी | सावन बारिश शायरी

झूला
परदेश से अब तो आ जाओ सजन,
सावन आ गया।
झूला झुलाने की तिथि आ गई,
मेरे प्यारे सजन अब तो आ जाओ।
बागों में आज झूला डला,
हमें तो झूलाजा अपनी बाँहों में।
दिल प्यासा है आँखों में सपना है,
सजन आ जा सवान का मौसम है।
कलिया कलिया महक रही
दिल तेरा भी धड़क रहा
सवान की फुहार बरिश रही
बाहें मेरी तरस रही।
प्रतिभा जैन
टीकमगढ़ मध्यप्रदेश

आया रे आया रे सावन: सावन बारिश शायरी

सावन
आया रे आया रे सावन
लाया है पिया का सदेशा।
अंग अंग में बसे है पिया
रहे साथ लागे मनभावन।

ये सावन की बूदें सबको
ये बुलाये भी है तुमको
फूलों सी ये बारिश सभी को
याद दिलाये सबको सावन।

देख भी सावन का नज़ारा
बनते हैं सबका सहारा
आस्तीनों को भी भिगाये
ये फूलो सा रिमझिम सावन।।
अर्पणा दुबे अनूपपुर मध्यप्रदेश

सावन के झूले पर शायरी | सावन बारिश झूला कविता

कविता
सावन का झूला पर एक
सब सखियाँ मिल झूला झूले-
पेंग लगावें बड़ी बड़ी।
सोलह श्रृंगार कर देखो
छोरियां आईं खड़ी-खड़ी।

लगी है सावन की फुआंर झडी झड़ी
बिजली चमके बदरा बरसे घड़ी-घड़ी
राह देखें साजन की प्यारी
बातें सोचे खाट पर पड़ी-पड़ी

इन नयनों को कौन समझावे
बात न माने हिवड़े की
सुहागिन पूजा करतीं
देख तलैया में छैंयाँ नीम की

सावन आया सखी री
बाट पिया की जोह रही खड़ी-खड़ी।
पुष्पा निर्मल
बेतिया बिहार

सावन शायरी

मेरे मन की सुन।
सावन आया सुन।

तेरी बात सब है निराली।
साजन बिन घर खाली।

छाई है होठों पर लाली।
काजल की बात निराली।

रूठ मुझसे इधर तुम आया है।
अकेला छोड़ हिया जलाया है।

चल तुझे दिल में बसा लूँ।
दुनिया को भी समझा दूँ।

मेरा पहला प्यार यहाँ छुपा है।
सपनों का सौदागर आया है।

रात वह चुपके से आता है।
दिल चुरा कर ले जाता है।

मन करता साज श्रिंगार हटा दूँ।
कोप भवन का कपाट खटका दूँ।

तरुण मन यौवन देख विचलित है।
सपनों का राजा जाने कहाँ छुपा है।
==========≠========
साजन आयेंगे सावन में।
बात करूं अपने आप में।

लोग कहें हो गई बावली,
सुन के शरमा जाती बात।
प्यारा सावन आया सजना,
लेके आना लहंगा मेंहदी साथ।

चुडियाँ लाना हरे काँच की,
पैजनिया भी संग लाना।
कुछ लाना या मत लाना,
साँझ धलने के पहले आना।।
पुष्पा निर्मल
बेतिया बिहार

बरखा सुहानी आयी, बारिश पर मनहरण घनाक्षरी

मनहरण घनाक्षरी
बरखा सुहानी आयी, नई सी कहानी लायी।
सुन प्रेम की ये बानी, जरा पास आइये।।

तेरे मेरे मिलें नैन, बोलो मत कुछ बैन।
खोये मेरा सुख चैन, कोई समझाइये।।

मन में अगन लगी, प्रीत की है रीत जगी।
प्रेम रस में हो पगी, राज बतलाइये।।

युवा उर की कहानी, लज्जा बिन कहाँ पानी।
ये है लड़की दिवानी, डगर दिखाइये।।
रचनाकार नित्यानन्द
पाण्डेय 'मधुर'
देवरिया उत्तरप्रदेश

बारिश से कयामत तक— बारिश शायरी Barish Shayari In Hindi

बारिश के मौसम में बरसात का नजारा देखें,
मुफलिसी के टूटे खपड़े से गिरते पानी का फव्वारा देखें।

मेहंगाई के आकड़े इंच दर इंच बढ़ते जाते हैं,
पेट्रोल के दामों का रोज खुलता पिटारा देखें।

एक दिन झोपड़ी के शहर में आसुओं का सैलाब आता है,
बाद में उन्हीं शबनम में बहती लाशों का शिकारा देखें।

यूं तो बरखारानी तीन महीनों तक गुल खिलाती है,
साल भर के दीनों के जख्मों का, दर्दो का भंडारा देखें।

हालिया मौसम की ऐसी फिजाओं से गर आपका पेट भर गया, राजेश,
आने वाली सरदी में मुनिया के चीखते भूखे पेट का इशारा देखें।
राजेश लखेरा,जबलपुर

सावन बारिश शायरी Sawan Shayari

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