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बरसो रे मेघा लिरिक्स, बारिश शायरी Barso Re Megha Lyrics In Hindi Barish Shayari

तनमन धरा का जल से, तुम आज ठण्डा कर दो।
बरसो रे मेघा बरसो, बरसो रे मेघा बरसो।
सूखी है सारी धरती सूखी हैं सारी नदियाँ।
ले आओ साथ अपने जल की हसीन परियाँ।

Barish Shayari - Shayari On Barish - सावन बारिश शायरी

बरसो रे मेघा बरसो
तनमन धरा का जल से, तुम आज ठण्डा कर दो।
बरसो रे मेघा बरसो, बरसो रे मेघा बरसो।

सूखी है सारी धरती सूखी हैं सारी नदियाँ।
ले आओ साथ अपने जल की हसीन परियाँ।
फूलों से फिर सजा दो मेरे वतन की गलियाँ।

सहरा बने चमन को, सैराब फिर से कर दो।
बरसो रे मेघा बरसो, बरसो मेघा बरसो।

बारिश शायरी २ लाइन - ब्यूटीफुल बारिश शायरी

हैरत से आसमाँ को, तकते हैं लोग सारे।
बेकल हैं तिश्नगी से, फिरते हैं मारे - मारे।
पंछी पखेरू सारे, हिम्मत सभी हैं हारे।

अरमान हम सभी के तुम आज पूरे कर दो।
बरसो रे मेघा बरसो, बरसो रे मेघा बरसो।

बारिश गजल - Shayari On Rain

धुल जाए सारी धरती खिल जाएँ सारे उपवन।
चंदन सा इस धरा का मेहके ज़रा ये तन मन।
हर सिम्त हों बहारें, बरसे धरा पे कंचन।
बरसो रे आज इतना जल थल धरा पे कर दो।

बारिश शायरी

बरसो रे मेघा बरसो, बरसो रे मेघा बरसो।
तनमन धरा का जल से तुम आज ठण्डा कर दो।
बरसो रे मेघा बरसो, बरसो रे मेघा बरसो।
सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़ पीपलसाना मुरादाबाद
Barish Shayari Photo - Shayari On Barish Image - सावन बारिश शायरी फोटो

Barish Shayari Photo - Shayari On Barish Image - सावन बारिश शायरी फोटो

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