आंधी तूफान शायरी | आंधी तूफान के मौसम पर कविता Aandhi Toofan Shayari
आँधी तूफान
तड़के चली बादल संग आँधी,
लगता जैसे बड़ा ही तूफान था।
गरज रहे थे बादल ये जोरों से,
बारिश ही दिल का अरमान था।।
हुए प्रभाकर भी शीघ्र नदारत,
रिमझिम बूँदें भी बरस रही थीं।
हर्षित पुलकित धरा ये सुहावन,
जल की बूँदों हेतु तरस रही थीं।।
चल पड़ीं जोर बारिश की बौछारें,
बह रहे अब पानी का पनारा है।
मौसम सुहावन धरा भी सुहावन,
रवि दिवस आज बहुत प्यारा है।।
इन्द्रदेव और पवनदेव को देख,
रवि लिए आज चुपके किनारा है।
रवि के दिवस पर इन्द्र का कब्जा,
इन्द्र समक्ष रवि दिवस हारा है।।
छुपे प्रभाकर आज किस वन में,
चहुँ दिशि मौसम आज प्यारा है।
कहता इन्द्र थक गए आज सूर्य,
करो विश्राम ये दिवस हमारा है।।
अरुण दिव्यांश 9504503560
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना।
तूफान
ईश्वर ने हमें यह जीवन दिया है,
जीवन हेतु सुविधाएँ भी प्रदान।
चन्द्र तारे सूर्य वायु नीले अंबर,
रहने चलने खाने को धरा महान।।
जीने रहने खाने हेतु दिया विवेक,
सुंदर जीवन हेतु कर्म व उपकार।
दया दुवा निष्ठा प्यार और आदर,
विनम्रता मधुर्वचन सब संस्कार।।
जीवन में आते हैं भयावह संकट,
इससे तुम कदापि नहीं घबड़ाना।
इससे भी भयावह संकट हैं आते,
जिनसे जीवन में होगा टकराना।।
तूफान है जीवन हेतु संदेशवाहक,
हमारे जीवन को देता यह संदेश।
कर्मपथ से तुम विचलित न होना,
दृढ़ निश्चयी रूप निज करना पेश।।
कर्म धर्म सच्चा कभी न छोड़ना,
तूफान यों ही आएँगे और जाएँगे।
दुःख में भी तुम हँसना सीखना,
दुःखरूपी बादल ये छँट जाएँगे।।
वायु जीवन हेतु होता उपयोगी,
वायु ही देता है जीवन को आयु।
तूफान संघर्ष हेतु साहस है देता,
करो संघर्ष और जियो दीर्घायु।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना।
अरुण दिव्यांश 9504503560
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