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ईद शायरी : तेरा दीदार हो जाये, चाँद-रात को, और ईद के दिन

Eid Shayari : Tera Didar Ho Jaye Chand Raat Ko aur Eid Ke Din


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ईद शायरी : तेरा दीदार हो जाये, चाँद-रात को, और ईद के दिन

" नया गीत / नयी नज़्म "
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तेरा दीदार हो जाये, चाँद-रात को, और ईद के दिन!!
हमारी ईद कैसे होगी ?, जियेंगे हम कैसे अब तेरे बिन!?!

मेरी जान-ए-ग़ज़ल!, मेरी शान-ए-शायरी!, मेरी जान-ए-उलफ़त!
चली आ तू, मेरे जीवन में, हयात में मेरी, ऐ मुहब्बत!

अधूरी ज़िन्दगी है, तेरे बिना!, कटेगा नहीं ये जीवन!
मेरा अरमान पूरा कर!, मेरी ज़िन्दगी में तु आ जा, साजन!

ये सुन्दर घाटियाँ, ये झरने, पहाड़, ये खेत, ये परिन्दे!!!
मेरी जान-ए-तमन्ना!, ये ख़ैर-ख़्वाह हैं, दोस्त हैं हमारे!!

हमारे और तुम्हारे रोज़े-नमाज़ें कर ले क़ुबूल, वह रब!!
अभी कुछ नेकियाँ कर के, उस ख़ुदा से माँगें दुआएँ हम-सब!!
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रामदास प्रेमी इन्सान प्रेमनगरी, डॉक्टर जावेद अशरफ़ कैस फैज अकबराबादी मंजिल, ख़दीजा नरसिंग, राँची हिल साईड, इमामबाड़ा रोड, राँची, झारखण्ड, इन्डिया!
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