ईद मुबारक शायरी दो लाइन | बकरा ईद मुबारक शायरी | हिन्दू मुस्लिम ईद मुबारक शायरी
"जश्ने ईद मुबारक "के मौक़े पर दिली जज़्बात पेशे नज़र
चाँद खिला है आँगन आँगन
दस्ते दुआ है दामन दामन
ईद मुबारक, ईद मुबारक!
बूढ़े बड़े हों या हों बच्चे
आज के दिन लगते हैं अच्छे
ईद मुबारक, ईद मुबारक!
जाओ शेख व बरहमन घर घर
जश्न मनाओ सब मिलजूल कर
ईद मुबारक, ईद मुबारक!
ये भारत है देश हमारा
हमको है ये जाँ से प्यारा
ईद मुबारक, ईद मुबारक!
जाने कैसी हवा चली है
लोग नहीं, सुनसान गली है
ईद मुबारक, ईद मुबारक!
नूर ज़रा तो देख ले जाके
जश्ने बहाराँ आज मनाके
ईद मुबारक, ईद मुबारक!
डाॅ. नूर फ़ात्मा
मुगलसराय-चन्दौली
दस्ते दुआ है दामन दामन
ईद मुबारक, ईद मुबारक!
बूढ़े बड़े हों या हों बच्चे
आज के दिन लगते हैं अच्छे
ईद मुबारक, ईद मुबारक!
जाओ शेख व बरहमन घर घर
जश्न मनाओ सब मिलजूल कर
ईद मुबारक, ईद मुबारक!
ये भारत है देश हमारा
हमको है ये जाँ से प्यारा
ईद मुबारक, ईद मुबारक!
जाने कैसी हवा चली है
लोग नहीं, सुनसान गली है
ईद मुबारक, ईद मुबारक!
नूर ज़रा तो देख ले जाके
जश्ने बहाराँ आज मनाके
ईद मुबारक, ईद मुबारक!
डाॅ. नूर फ़ात्मा
मुगलसराय-चन्दौली
ईद मुबारक शायरी दो लाइन | चाँद पर शायरी | ईद की गजल
Eid Mubarak Shayari in Hindi | Chand Mubarak Shayari in Hindi
Eid Mubarak Message in Hindi
ईद की दुआ शायरी | ईद मुबारक संदेश
आइए सब को बाँटे दुआ ईद में
आओ मिलकर करें हम दुआ ईद में
दूर कर दे ख़ुदा ये वबा ईद में
आइए इस्तिफ़ादा करें इस से हम
रहमतों की है छाई घटा ईद में
तीस रोज़ों से रब को है राज़ी किया
दूर कैसे न होगी बला ईद में
रहमतों की है छाई घटा ईद में
तीस रोज़ों से रब को है राज़ी किया
दूर कैसे न होगी बला ईद में
सच्चे दिल से गुनहगारों तौबा करो
बख़्श देगा ख़ुदा हर ख़ता ईद में
हर तरफ़ हैं मुसिबत के मारे हुऐ
आइए सब को बाँटे दुआ ईद में
प्यारे हसनैन को प्यारे हसने को
दोश पर हैं लिऐ मुस्तफ़ा ईद में
ताजदारे-मदीना का फ़रमान है
हाथ के साथ ही दिल मिला ईद में
सब के होंटों पे "ज़ाहिद" तबस्सुम उगा
रह न जाए कोई ग़मज़दा ईद में
मोहम्मद ज़ाहिद रज़ा बनारसी
दारुल उलूम हबीबिया रिज़्विया गोपीगंज,भदोही,यू पी (भारत)
बख़्श देगा ख़ुदा हर ख़ता ईद में
हर तरफ़ हैं मुसिबत के मारे हुऐ
आइए सब को बाँटे दुआ ईद में
प्यारे हसनैन को प्यारे हसने को
दोश पर हैं लिऐ मुस्तफ़ा ईद में
ताजदारे-मदीना का फ़रमान है
हाथ के साथ ही दिल मिला ईद में
सब के होंटों पे "ज़ाहिद" तबस्सुम उगा
रह न जाए कोई ग़मज़दा ईद में
मोहम्मद ज़ाहिद रज़ा बनारसी
दारुल उलूम हबीबिया रिज़्विया गोपीगंज,भदोही,यू पी (भारत)
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