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श्री कृष्ण-जन्माष्टमी Krishna Janmashtami Bhajan Lyrics In Hindi

श्री कृष्ण-जन्माष्टमी Krishna Janmashtami Bhajan Lyrics In Hindi

जन्माष्टमी क्यों मनाया जाता है? संपूर्ण जानकारी

"नयी और विचित्र कविता "
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" श्री कृष्ण-जन्माष्टमी "
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" चाहत का देवता "
है नट-खट कान्हा!
" यशोदा मैया का लाल!
" कृष्णा है " नन्द-लाल "!!
 " जन्माष्टमी " पर्व को " भगवान श्री कृष्ण के जन्म के रूप में मनाया जाता है!
" हिन्द " के " ब्रज,वृन्दावन, मथुरा, वग़ैरा, तमाम इलाकों को ख़ूब सजाया जाता है!
" जन्माष्टमी " पर्व, " रक्षा-बन्धन "त्यौहार के बाद, " भाद्रपद " माह के " कृष्ण-पक्ष " की " अषटमी-तिथि " को
मनाया जाता है!
श्री कृष्ण-मोहन/ कन्हैया/ मनोहर/ मुर्ली-धर/नट-खट माखनचोर/ बेहद प्यारे/ हर-दिल-अज़ीज़ भगवान, " माता-देवकी " और " पिता/ बाबा " बासुदेव " के आठवें पुत्र थे!
" मथुरा " नगरी का राजा " कंस " था!
वह बहुत " अत्याचारी " था,बल्कि " मानवता " को क़त्ल और खत़्म करने वाली " जानलेवा-बीमारी " के समान था!
" अत्याचार ", " कंस-राजा" का,
दिन-प्रतिदिन, बढता ही जा रहा था!?
तब बड़े-बड़े ॠषियों-मुनियों, देवियों-देवताओं, वग़ैरा ने भविष्य-वाणी की,और ये " आकाश-वाणी " हुई :-
" कंस-राजा " की बहन " देवकी " का " आठवाँ पुत्र " कृष्णा " ही अपने मामा" अत्याचारी-राजा-कंस " का " वध " करेगा "!!
यह सुन कर " कंस-राजा " ने अपनी बहन " देवकी " और उस के पति " वासुदेव " को " काल-कोठरी " में डलवा दिया!
उस के बाद " कंस-राजा " ने अपनी बहन " देवकी " और " वासुदेव " के, कृष्ण से पहले के सातों औलादों को क़त्ल करवा दिया!!
उस के बाद " माता-देवकी " ने "श्री कृष्णा-मोहन-कान्हा-कन्हैया " को जन्म दिया ,जब!
" भगवान विष्णु जी, ने " वासुदेव " को " आदेश " दिया , तब!
" वासुदेव! आप ,श्री कृष्णा-मोहन-कान्हा-कन्हैया" को " गोकुल " में " यशोदा-माता " और " नन्द-बाबा " के पास पहुँचा आयें!"
" वहाँ, " नन्हा-मुन्ना-कन्हैया " अपने " अत्याचारी -मामा" यानी " कंस-राजा " के शदीदतरीन ज़ुल्म-व-सितम और संगीन जुर्म से महफ़ूज़-व-सुरक्षित रहेगा!"
" वासुदेव " ने " भगवान विष्णु जी " का " आदेश " माना,और उन्होंने वैसा ही किया ,जैसा हुक्म और मश्वरा दिया गया था, भगवान विष्णु जी द्वारा!!
" नन्हा-मुन्ना-कन्हैया " का " पालन-पोषण ", "यशोदा-माता " और " नन्द-बाबा " की " देख-रेख " में " बहुत अच्छी तरह, बल्कि " बेहतरीन " तौर-व-तरीक़ " से हुआ!!
" श्री कृष्ण-जन्माष्टमी " के दिन " मन्दिरों" को विशेष रूप से ,और ख़ास तौर पर सजाया जाता है!!
" श्री कृष्ण-जन्माष्टमी " पर पूरे दिन " व्रत " का " विधान " विधि के अनुसार अन्जाम पाता है!!
सभी " कृष्ण-भक्त ",तमाम " श्रद्धालु " तक़रीबन चोबीस/ 24 घन्टे " व्रत " रखते हैं!!
" श्री कृष्ण-जन्माष्टमी " के दिन " मन्दिरों" में " झाँकियाँ" सजायी जाती हैं!!
" कन्हैया " को " विशेष तौर पर विशेष झूला झुटलाया जाता है!!
" रास-लीला " का आयोजन भी विशेष रूप से किया जाता है!!
" श्री कृष्ण-जन्माष्टमी " के दिन, पूरे भारतवर्ष में, अनेक स्थानों पर " दही-हाँडी " प्रतियोगिता का आयोजन
भी किया जाता है!!
" दही-हाँडी -प्रतियोगिता " में सभी जगहों के " बाल-गोविन्द " भाग लेते हैं!!
" छाछ,दही,मक्खन,आदि से भरी " मट्कियाँ, रस्सियों की सहायता से आकाश-छूते/ अनुमानी पेड़ों/ दरख़्तों/ इमारतों, वग़ैरा में बाँध कर लटका दी जाती हैं!!
" सारे बाल-गोविन्द " द्वारा " मट्की/ मट्कियाँ " फोड़ने का प्रयास किया जाता है!!
" दही-हाँडी -प्रतियोगिता " में " विजेता-टीम " को " उचित-पुरस्कार " यानी " मख़्सूस-इन्आमात " दिये जाते हैं!!
" श्री कृष्ण-जन्माष्टमी " के दिन " व्रत " रखना चाहिए!
अपनी सामर्थ्य के अनुसार " फलाहार " करना चाहिए!
" भगवान श्री कृष्ण " या कोई भी भगवान जी, किसी व्यक्ति या श्रद्धालु को कभी " भूखा-प्यासा " रहने के लिए नहीँ कहते!!
इसी लिए, अपनी-अपनी श्रद्धा के अनुसार " व्रत " करना चाहिए!!
चोबीस/चौबीस घंटे या पूरे दिन " व्रत " रखने के सबब्, कुछ भी न खाने पर किसी व्यक्ति या श्रद्धालु की सेहत या स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है!!
हम-सब " श्रद्धालुओं " और " कृष्ण-भक्तों " को " भगवान श्री कृष्ण जी " के द्वारा पढाये गये पाठ,तालीमात,संदेश, इत्यादि को अपने जीवन में अपनाना चाहिए!!
" भगवान श्री कृष्ण जी " हमारे " आदर्श " हैं!
" जय श्री कृष्ण "!
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डाक्टर राम-कृष्ण दास प्रेमी राजकुमार जानी दिलीपकुमार कपूर, द्वारा, डॉक्टर इनसान प्रेमनगरी,डॉक्टर जावेद अशरफ़ कैस फैज अकबराबादी मंजिल, डॉक्टर खदीजा नरसिंग होम, रांची हिल साईड,इमामबाड़ा रोड, राँची-834001,झारखण्ड, इन्डिया

Krishna Janmashtami Bhajans - Popular Bhajans for Krishna Janmashtami

BEHTAREEN BHAJAN / BEHTAREEN NAZM-O-GHAZAL

Krishna Bhajan Lyrics Hindi

Shri Krishna Image

बेहतरीन कविता/ भजन/ ग़ज़ल/ नज्म

रही है एक जमाना से जुस्तजू-ए-कृष्ण!
बिरिन्दा-बन ले चली हम को आरजू-ए-
कृष्ण!!
कई किताबेे ( کتابیں) हैं, ऐ राम!, आबरू-ए-कृष्ण
!!
हर इक जबां ( زباں) पे है हर लम्हा गुफ्तगू-ए-
कृष्ण!!
उठीं निगाहें सभी गोपियों की, सू-ए-कृष्ण
!!
वफा, प्रेम का दर्पन है अब भी रू-ए-कृष्ण!!
उठी ज़माने की क्यों है निगाह, सू-ए-कृष्ण
?!
है आइना किसी दिल का कोई ये रू-ए-
कृष्ण?!
प्रेमियों की उठी हैं निगाहें, सू-ए-
कृष्ण!!

भगवान श्री कृष्ण पर इस विशेष कविता/ नज्म/ गजल के के कुछ और अश्आर :-

अभी भी " कान्हा " की होती है पजेराई!!
अभी भी "मीरा" के मन में है आरजू-ए-
कृष्ण!!
ये "मीरा" माँग में अफशां (افشاں) समझ के भर लेगी!!
"प्रेमी"!, ऐसी है तक़दीर-ए-खाक-ए-कू-ए-
कृष्ण!!
ये " राधा " माँग में अफशां (افشاں) समझ के भर लेगी!!
सखी!, है ऐसी ही तक़दीर-ए-खाक-ए-कू-ए-
कृष्ण!!
हम ( प्रेममिकाये/ गोपियां) अपनी माँग में अफशां (افشاں) समझ के भर लेंगी!!
सखी!, है ऐसी ही तक़दीर-ए-खाक-ए-कू-ए-
कृष्ण!!
जिसे जमाने से मिलती नहीं मता-ए-वफा (متاعِ وفا)!!
उसी को होती है हर लम्हा, जुस्तजू-ए-
कृष्ण!!
चमन में आप (शाम/श्याम) के दम से बहारे (بہاریں) हंसती हैं!!
गुलों में क्यों न रहे आज जुस्तजू-ए-
कृष्ण!!
अभी भी मुझको है हासिल स-आ-दत-ए-दीदार( سعادتِ دیدار)!!
कि/यूँ देखिये!, अभी भी हूँ मैं, रू-ब-रू-ए-
कृष्ण!!
मुखालिफत की फिजाओंं ( فضاؤں) में गो,रही है!, फिर भी!
रही ब-हाल,ब-हर-लम्हा, आबरू-ए-
कृष्ण!!
हमारे दिल पे तसल्ली का हाथ क्यों न रखे/रखें!?!
रही है एक जमाना से इक ये खू-ए-
कृष्ण!!
है इस/इन की जीस्त में अनवार-ए-पुख्तगी-ए-अमल!!
सियाह दिल नहीं रखता, सियाह मू-ए‐
कृष्ण!!
कृष्ण-दास भी हैं राम-दास राम जी ये!!
हैं आबरू-ए-मुहब्बत!, हैं रू-ब-रू-
कृष्ण!!
हमारे हजरत-ए-रामा जी गालिबी साहब!!
हैं आबरू-ए-मुहब्बत!, हैं रू-ब-रू-ए-
कृष्ण!!
प्रेम-दास भी है राम-दास लेखक ये!!
है आबरू-ए-मुहब्बत!, है रू-ब-रू-ए-
कृष्ण!!
ये रामदास या इन्सा( انساں) प्रेमनगरी जी!
हैं आबरू-ए-मुहब्बत!, हैं रू-ब-रू-ए-
कृष्ण!!
नोट :- इस तवील और मुन्फरिद भजन/नज्म/गजल के दीगर शेर-व-सुखन आइंदा फिर कभी पेश किए जायेंगे, इन्शा-अल्लाह!
डाक्टर रामदास प्रेमी दिलीपकुमार इन्सान प्रेमनगरी, द्वारा डॉक्टर जावेद अशरफ़ कैस फैज अकबराबादी, रहीम अजीमाबादी मन्जिल, खदीजा नरसिंग होम, रांची हिल साईड,इमामबाड़ा रोड राँची-844001,झारखण्ड, इन्डिया!
MOB.PH.NO.& WHATSAPP NO:- 6201728863

Krishna Bhajan in Hindi Lyrics कृष्ण जन्माष्टमी भजन हिंदी में

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