Ticker

6/recent/ticker-posts

Krishna Bhajan कृष्ण भजन | कृष्ण भगवान के भजन | Krishna Bhajan Lyrics

भक्ति गीत : छठ पूजा में कृष्णा
“ॐ श्री वासुदेवाय नमः,
ॐ श्री भास्कराय नमः।”
“छठ पूजा निमंत्रण भेज रहे हम,
भूलना नहीं आना कृष्ण भगवान।
गुरुवार का दिन है बहुत अलबेला,
देना हमारी विनती पर भी ध्यान।”

“आप सभी मित्रों एवं साथियों को परम पावन छठ महापर्व की ढेर सारी अग्रिम शुभकामनाएं एवं अशेष बधाईयां।”
कृष्णा, होली दीपावली हर साल मनाते हो,
इस साल तुम छठ पूजा मनाने आ जाना!
मिथिला धाम में दिल से स्वागत है तेरा,
श्रीराम की ससुराल में मुरली बजा जाना!
कृष्णा, होली दीपावली…………

साथ में लाना अपनी राधा रानी को भी,
कमला घाट पर सुन्दर रास रचा जाना!
बहुत प्रसन्न होंगे दिनकर दानी हमारे,
अधर्म को सुदर्शन चक्र से भगा जाना!
कृष्णा, होली दीपावली………..

देख लेना, सूर्य नारायण की अराधना,
तुम भी करोगे सजे घाट की सराहना।
माखन मिश्री तो तुम, खाते रहते हो,
ठकुआ, केला से हृदय को जुड़ा जाना!
कृष्णा, होली दीपावली………….

सुनकर तेरी मुरली की अलबेली तान,
आसमान में प्रकट होंगे सूर्य भगवान।
हे योगेश्वर श्रीकृष्ण रहना विराजमान,
वंशी से एक अलख नया जगा जाना।
कृष्णा, होली दीपावली……….

तेरे आने से कान्हा मौसम बदल जाएगा,
डूबते उगते सूरज का मन बहल जाएगा।
राधा रानी और छठ महारानी साथ होंगी,
फिर से जग में, धर्म ध्वज लहरा जाना।
कृष्णा, होली दीपावली..………….

प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

कृष्ण भगवान के भजन | कृष्ण जी के भजन लिखे हुए | राधा कृष्ण के भजन

कृष्ण कन्हाई, प्रेम के स्वामी
प्रेम का दान करो हे ! दानी
मैं तेरी राधा ! तू मेरा कान्हा !
मैं तेरे प्रेम की हुई दीवानी !
कृष्ण बसे हैं ! प्रेम के मन में,
प्रेम की दुनिया कृष्ण मुरारी !
प्यास मिटी दुनिया में किसकी ?
प्रेम की प्यासी दुनिया सारी !
कृष्ण से बढ़कर कौन है प्यारा ?
सारे जग से कृष्ण हैं न्यारा !
कृष्ण का नाम जपे जग सारा !
कृष्ण के हम हैं ! कृष्ण हमारा !
प्रेमनाथ बिस्मिल
मुरादपुर, महुआ, वैशाली, बिहार

कृष्ण भक्ति गीत : कृष्णा भूल न जाना

“ॐ श्री वासुदेवाय नमः”
कृष्णा, भूल न जाना वादा,
गोपाला बदलना नहीं इरादा!
अगर तुम भूल गए हमको,
कैसे जी सकेगी तेरी राधा?
कृष्णा, भूल न……..

भक्ति गीत : कृष्णा भूल न जाना

इसी से कट जाती सारी रैन।
मैं बातें कम कहती हूं मोहन,
समझ लेना तुम उसे ज्यादा!
कृष्णा, भूल न…………

जहां जहां जाओगे मैं आऊंगी,
हर मोड़ पर साथ निभाऊंगी।
तेरे बिन, मेरा मन संकट में,
चेहरा सूखकर हो गया आधा।
कृष्णा, भूल न……….

तुम आओ और संभालो मुझको,
इस दुनिया से बचा लो मुझको।
सुनो पुकार मेरी, रस बरसाओ,
जीवन पसंद नहीं है मुझे सादा।
कृष्णा, भूल न……….

प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

कृष्ण भगवान के भजन : जय श्रीकृष्ण, गोवर्धन गिरिधारी | गोवर्धन पूजा के परम पावन अवसर कृष्ण भजन

भक्ति गीत : जय जय गोवर्धन गिरिधारी
“आप सभी मित्रों एवं साथियों को गोवर्धन पूजा के परम पावन अवसर पर मेरी ओर से ढेर सारी शुभकामनाएं एवं बधाईयां।"
जय श्रीकृष्ण, गोवर्धन गिरिधारी,
तेरे चरणों में बैठी दुनिया सारी।
न राधा संग, न मीरा संग तुम,
अपने दर्शन दे दो कृष्ण मुरारी।
जय श्री कृष्ण…………
लोग मना रहे हैं गोवर्धन पूजा,
आज स्वीकार नहीं है देव दूजा।
कुछ तो सोचो मेरे मुरली वाले,
चल रही तेरी पूजा की तैयारी।
जय श्री कृष्ण…………
दुनिया ने कल मनाई है दीवाली,
तेरी कृपा बिन सब लागे खाली।
क्यों चुप है आज तेरी मुरलिया?
ज्यादा देर नहीं लगाना चक्रधारी!
जय श्री कृष्ण…………..
विनती सुन लो पालनहार हमारे,
हम सभी समर्पित भक्त तुम्हारे।
पलक बिछाए कर रहे हैं प्रतीक्षा,
एक तरफ नर दूसरी ओर नारी।
जय श्री कृष्ण…………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

कृष्ण जी के भजन | भक्ति गीत : कृष्णा आओ यमुना किनारे

भक्ति गीत : कृष्णा आओ यमुना किनारे
कृष्णा, आ जाओ यमुना किनारे,
तेरी प्यारी राधा रानी तुझे पुकारे।
वो ढूंढ रही, तुम गायन के पीछे,
उसका हर पल बीतता तेरे सहारे।
कृष्णा आ जाओ……….
जब जब सुनती वो तेरी मुरलिया,
चैन खो बैठती है, राधा वाबरिया।
गली गली केवल तेरा पता पूछती,
नहीं रह सकती राधा बिन तुम्हारे।
कृष्णा आ जाओ………….
कृष्ण कृष्ण वह बोलती है हरदम,
पनघट पे कर लो राधा से संगम।
तुमको वह मान चुकी है प्रियतम,
बात गोकुल के ग्वाले कहते सारे।
कृष्णा आ जाओ…………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
राधा कृष्ण के भजन


कृष्ण भजन भक्ति गीत : आ जाना राधे यमुना किनारे

“ॐ श्री वासुदेवाय नमः”
तोहे जब जब मेरी वंशी पुकारे,
आ जाना राधे, यमुना किनारे!
यही इस जीवन की कहानी है,
हम दोनों, एक दूजे के सहारे।
तोहे जब जब………..
राह निहारती रहती है हमारी,
कदम की शीतल छैयां प्यारी।
दूसरी तरफ पनघट कहता है,
बड़ी देर हो गई तुम्हें निहारे।
तोहे जब जब………..
संग अपने मत लाना सखिया,
अधूरी रह जाती सारी बतिया।
तुम मगन मुरली की धुन में,
मोहे लुभाए तेरे नैन कजरारे।
तोहे जब जब……….
रास रचाने को वृंदावन कहता,
बड़ा कष्ट मेरा गोकुल सहता।
छमाछम तुम पायल छमकाना,
तेरी मांग में, भर दूंगा सितारे।
तोहे जब जब…………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)


राधाकृष्ण प्रेम भक्ति गीत : राधा यमुना किनारे आ जाना

(प्रेम भक्ति गीत)
जैसे मैं शुरु कर दूं, बांसुरी बजाना,
राधा तुम यमुना किनारे आ जाना।
मैं हूं कन्हैया तेरा प्रेम पुजारी राधे,
अपनी पायलिया बजाने, आ जाना।
राधा तुम यमुना…………
मैं नंदलाल तुमसे, करता एक वादा,
पालन करूंगा सृष्टि की हर मर्यादा।
सखियां तेरी आती हैं तो, आने देना,
तुम मधुवन, रास रचाने आ जाना।
राधा तुम यमुना…………
बड़ा सूना सूना सा पनघट लगता है,
बाट जोहता ये यमुना तट लगता है।
देखा नहीं जा रहा है, हाल कदम का,
खन खन कंगना खनकाने आ जाना।
राधा तुम यमुना…………..
रुकना नहीं, चाहे तुम्हें कोई भी रोके,
झुकना नहीं, चाहे तुम्हें कोई भी टोके।
वृंदावन की आज की अंधेरी शाम में,
मेरे संग एक दीया जलाने आ जाना।
राधा तुम यमुना…………..
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

Krishna Bhajan | कृष्ण भजन भक्ति गीत : राधा रानी कृष्ण की कहानी

आज भी गोकुल, मथुरा और वृंदावन में,
राधा रानी, कृष्ण की कहानी हंसती है।
यमुना किनारे, पनघट प्यारे रंग रसिया,
सदियों पुरानी हर शाम सुहानी हंसती है।
राधा रानी, कृष्ण की…………..
हो जाए किस्सा वहां कितना भी पुराना,
लगता है जीवित है कन्हैया का जमाना।
याद आती तो, आग लग जाती पानी में,
प्रभु के आगे, कदम की जवानी हंसती है।
राधा रानी, कृष्ण की………….
जब इतिहास याद करता है, यमुना जल,
होने लगती है तब, शांत जल में हलचल।
जैसे होने लगती गगन से, रंगों की वर्षा,
जवानी को पाकर, चाल पुरानी हंसती है।
राधा रानी, कृष्ण की…………..
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार

कृष्ण भजन राधा कृष्ण के भजन : कहां गया माखन चोर Krishna Bhajan

प्रेम भक्ति गीत : कहां गया माखन चोर
सखी न जाने कहां गया, माखन चोर,
देवकी नंदन आज, दिल ले गया मोर।
यमुना तट से भी मैं लौटकर आ गई,
पता नहीं कहां जाकर छुपा नंदकिशोर!
सखी न जाने………….
घर में नहीं है, कहती है यशोदा काकी,
ताकते ताकते कोई जगह नहीं है बाकी।
हे कदम के पेड़, कुछ तो बताओ मुझे,
वंशी बजाते कान्हा, गया है किस ओर?
सखी न जाने……………
बिल्कुल चुप हैं ये मधुवन की कलियां,
कटने को दौड़ रही हैं गोकुल गालियां।
कैसे कुछ पूछूं मैं राधा, नंद बाबा से?
आज एक बार भी नहीं मिला चितचोर।
सखी न जाने…………….
कन्हैया क्यों मुझको लगता था अपना?
दिन रात देखती हूं मैं, उसी का सपना।
बचपन से ही मैं तो साथ साथ खेलती हूं,
हैरान हूं, कब नंदलाल से बंध गई डोर?
सखी न जाने……………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

कृष्ण भगवान का भजन : भक्ति गीत - मीरा की भी सुनो कहानी

कृष्णा, कभी मीरा की भी सुन लो कहानी,
राधा तेरी प्रेम दिवानी, मीरा दर्द दीवानी।
मंदिर मंदिर फिरती मीरा बनी है योगिन,
कौन सुनेगा इस पागल मीरा की कहानी?
कृष्णा, कभी मीरा की…………
कृष्णा सब कह रहा है यह पेड़ कदम का,
पनघट भी गवाह है हर धरम करम का।
राधा को ज्यादा मिलता है साथ तुम्हारा,
हवा से सब कह रहा है यमुना का पानी।
कृष्णा, कभी मीरा की…………..
कृष्णा, बड़ी गजब लगती है तेरी लीला,
तू तो है सारे रंगों से भी ज्यादा रंगीला।
मीरा ने क्या बिगाड़ा है इस दुनिया का?
कौन दूर करेगा मीरा रानी की परेशानी?
कृष्णा, कभी मीरा की…………..
संग राधा के, रास रचाते हो मधुवन में,
भटक भटककर गुजरी मीरा की जिंदगानी।
योगिन की भक्ति को तुम कब समझोगे?
प्रेम में प्रेम से तेरी यह कैसी है बेईमानी?
कृष्णा, कभी मीरा की…………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

श्री कृष्ण भजन : कृष्ण भक्ति गीत : कृष्ण मुरारी मेरे, दर्शन दे दो एक बार

कृष्ण मुरारी मेरे, दर्शन दे दो एक बार,
हम सब हैं सेवक तेरे, तेरा यह संसार।
राधा के भी तुम हो, मीरा के भी तुम,
कृष्णा तुमसे, सारा जग करता प्यार।
कृष्ण मुरारी मेरे………….
राधा रानी खोजती तुमको मधुवन में,
मीरा बसाती है तुमको अपने मन में।
कोई नहीं ऐसा, जिसके तुम नहीं हो,
कृष्णा मेरी भी विनती करो स्वीकार।
कृष्ण मुरारी मेरे………….
तुम जहां जाते हो, होता वहां सबेरा,
तुमको देखते ही भाग जाता अंधेरा।
भक्तों पर कृपा की बारिश करते हो,
कृष्णा सुन लो, अपनी छोटी पुकार।
कृष्ण मुरारी मेरे………….
दुनिया में कुछ भी नहीं छुपा तुमसे,
तुम हो वंशीधर, जग के पालनहार।
तेरे बिन जीवन अधूरा है घनश्याम,
तुम ही लगाते हो, सबका बेड़ा पार।
कृष्ण मुरारी मेरे………….
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

कृष्ण भक्ति गीत : कन्हैया नए साल में

“आप सभी मित्रों एवं साथियों को नव वर्ष 2022 की अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएं एवं ढेर सारी बधाईयां।"
कन्हैया नई वंशी बजाना नए साल में,
जग तुम्हारा है, है चाहे जिस हाल में।
हम सब तेरे परम भक्त हैं घनश्याम,
हमें त्रिलोक दिख रहा बाल गोपाल में।
कन्हैया नई वंशी……….
नव वर्ष में एक नई विनती करता हूं,
कुछ भी मांगने से बहुत ही डरता हूं।
ओमीक्रोन को रोको, पैर पसार रहा है,
सारी शक्ति छुपी हुई है नंदलाल में।
कन्हैया नई वंशी………….
बांधकर रखो कृष्णा असुरी शक्ति को,
स्वीकार कर लो भक्तों की भक्ति को।
सुदर्शन चक्र तुम्हारा कहां सो रहा है?
लोग फंसते जा रहे, फिर से जाल में।
कन्हैया नई वंशी…………….
दो महामारी बीमारी को एक झटका,
तोड़ो फिर आकर माखन का मटका।
तट यमुना का आज खोज रहा तुम्हें,
पाप अधर्म को भेजो तुम पाताल में।
कन्हैया नई वंशी…………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

कृष्ण कन्हैया के भजन भक्ति गीत : तू मोरा कन्हैया

तू मोरा कन्हैया है, हां तू मोरा कन्हैया,
क्यों भटक जाते जब चराने जाते गैया?
मुझको क्यों तुम, वन वन दौड़ाते हो?
तुम तो जग की, पार लगाते हो नैया।
तू मोरा कन्हैया………..
मैं तो तेरी दर्द दीवानी योगिन मीरा हूं,
मेरे भाग्य में नहीं है, कदम की छैयां।
वृंदावन केवल, प्यारी राधा के लिए है,
बन जाना भव सागर में, मेरा खेवैया।
तू मोरा कन्हैया…………
तेरे मंदिर मंदिर भटकना अच्छा लगता,
एक बार दर्शन दे दो मुझे, वंशी बजैया!
मुझ योगिन को क्या लेना है संसार से?
तेरे दर्शन में सब कुछ है, नाग नथैया!
तू मोरा कन्हैया…………
तू मेरा भगवान है, मैं हूं तेरी पुजारिन,
मेरा स्वर्ग वहां है, जहां पर हैं तेरे पैयां।
जहां जहां जाओगे मैं वहां वहां आऊंगी,
पीछा नहीं छुटा सकते द्रौपदी के भैया!
तू मोरा कन्हैया………….
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)


कृष्ण भगवान के भजन भजन : मेरे गोपाल सुन लो

मेरे कन्हैया मेरे देव, गोपाल सुन लो,
हे देवकीनंदन, मुरारी नंदलाल सुन लो!
सबके पालनहार, हे दीनदयाल सुन लो,
हे माखन चोर, यशुमती लाल सुन लो!
गोकुल वृंदावन के, सारे हाल सुन लो,
मीरा और राधा के भी सवाल सुन लो!
मेरे कन्हैया…………….
पाप बढ़ रहा है, स्वर्ग समान धरती पर,
हे तारणहार, कृपाल, हे धर्मपाल सुन लो!
महामारी कोरोना से बचाओ प्रभु सबको
जग का हाल मेरे नयन विशाल सुन लो।
हे पाप विनाशक, धर्म कर्म के रक्षक प्रभु,
अपने सेवकों के मन के ख्याल सुन लो!
मेरे कन्हैया……………..
बेरा पार लगा दो, खेवनहार मेरी नैया के,
हे द्रौपदी के भ्राता, लाज की ढाल सुन लो!
तेरी गीता तुमको फिर बुला रही है केशव,
हे योगेश्वर, रिपु दमन विकराल सुन लो!
तेरे जन्म दिन पे मुरलीधर, तुम्हें प्रणाम,
हे द्वारकाधीश, सुदामा का हाल सुन लो!
मेरे कन्हैया………………..
हे रास रचैया, वंशी बजैया, भूलना मत हमें,
हे नंदलाल, हमारे जी का जंजाल सुन लो।
मनमोहन, मेरे वंशीधर, हे गिरिधर गोपाल,
हे बलराम शखा, गोकुल के ग्वाल सुन लो!
हे नाग नथैया, हे सारथी धनुर्धर अर्जुन के,
कलियुग का, आज गजब कमाल सुन लो! 
मेरे कन्हैया…………………..
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)


जै श्री हरि कृष्ण भजन : सुन मेरे मनमोहना, मेरे मन के साज

*
सुन मेरे मनमोहना, मेरे मन के साज।
तुझ बिन मैं बेजान हूँ, कहती राधा आज।।
*
तू हीं मन का भाव है, तू हीं मन का भूप।
डूबी तेरी चाह में, तेरा रूप अनूप।।
*
हो मेरे मनमीत तू, हो मेरा आधार।
धन्य हुई मैं बावरी, पाकर तेरा प्यार।।
*
बजा प्रेम की बाँसुरी, झूमे सकल समाज।
बंधन टूटे बैर के, मिटे जूल्म का राज।।
*
लीला राधेश्याम की, तन मन करे अंजोर।
प्रेम मगन मन नाचता, होके भाव बिभोर।।
*
मन बैरागी हो गया, देखन को ब्रजधाम।
त्रिपुरारी सरकार की, लीला नयनभिराम।।
*
सुन बिजेन्द्र अब छोड़के, माया का जंजाल।
प्रेम भक्ति में डूब जा, होगा माला-माल।।
*
बिजेन्द्र कुमार तिवारी
बिजेन्दर बाबू

जै श्री हरि

*
हे बनवारी मैं सुनो, तुझसे करूँ गुहार।
श्री राधा के साथ में, दर्शन दो इक बार।।
*
बिजेन्द्र कुमार तिवारी
बिजेन्दर बाबू

जै श्री हरि

*
निराधार निर्बल हुआ, सेवक संत समाज।
अधम बढ़े हैं बाढ़ सी, रक्षो हे ब्रजराज।।
*
वो तो संभल सम्पन्न हैं, हम हैं साधन हीन।
उनकी गिनती बाल-सी, हम संख्या में दीन।।
*
ऐसे में प्रभु आई के, तू हीं बचाओ ताज।
कहे बिजेन्द्र सिर नाइ के, रक्षो हे ब्रजराज।।
*
बिजेन्द्र कुमार तिवारी
बिजेन्दर बाबू


झूमें कृष्ण मुरारी : कृष्ण भजन लिरिक्स इन हिंदी Krishna Bhajan Lyrics in Hindi

सबके उर में बंशी बजावत, झूमें कृष्ण मुरारी।।
वृंदावन की कुँज गलिन में, ढूँढे राधा प्यारी।
*
झूम झूम कर झूमा रहा है, सबको माखन चोर।
विविध रूप में राश रचावे, नटवर नन्द किशोर।।
*
सबके उर में छिपा साँवरा, मधुर मधुर मुस्काय।
प्रेम पाइके मधुर प्रेम की, बंशी दिन्ही बजाय।।
*
ढूँढत-ढूँढत व्याकुल-सी, जब थक गई राधा प्यारी।
नाचत गावत बंशी बजावत, प्रगटे कृष्ण मुरारी।।
*
कहे राधिका सुन लो मोहन, बस मुझपे छा जाओ।
मेरे उर के स्वामी हो तुम, मेरे उर आ जाओ।।
*
सारे बंधन भूल चूकी हूँ, अब तो गले लगाओ।
दुनिया के सब तोड़ के बंधन, बस मुझको अपनाओ।।
*
निर्मल मन राधा की विनती, मान गये घनश्याम।
प्रेम मूर्ति फिर एक हो गए, बन गये राधेश्याम।।
*
हम अज्ञानी बोलो भगवन, कैसे तुझे रिझायें।
तेरी माया में भटके हैं, कैसे नेह लगायें।।
*
माया में नित भरम रहा मन, चंचल अधम अधीर।
कैसे आउँ दर पे प्रियतम, काँपत मोर शरीर।।
*
हो बिजेन्द्र विह्वल नित भगवन, विनय करे सिर नाई।
अवगुण सभी बिसार के मुझको, लेहु शरण लगाई।।
*
बिजेन्द्र कुमार तिवारी
बिजेन्दर बाबू
7250299200


तेरी छवि निहारूँ निशदिन, श्री राधा के साथ।
नित माया में भटक रहा हूँ, पकड़ो मेरा हाथ।।
*
अमर प्रेम की मधुर बाँसुरी, आकर मुझे सुनाओ।
मुझ अधीर अज्ञानी नर को,अपने शरण लगाओ।।
*
तन मन धन सबकुछ है तेरा, तेरा तुझे चढ़ाऊँ।
तुम्ही बताओ गिरधारी मैं, कैसे तुझे रिझाऊँ।।
*
अधम मति है अधम गति है, चंचल अधम शरीर।
बीच भँवर में फँसा प्रभु मै, नैनन बहते नीर।।
*
हे मुरलीधर दया करो अब, मुझको पार उतारो।
जैसा हूँ प्रभु तेरा हूँ मैं, अब न तनिक बिचारो।।
*
बिजेन्द्र कुमार तिवारी
बिजेन्दर बाबू


जै श्री हरि
*
सैर करत हैं नाव में, देखो यमुना तीर।
देखत मुदित हुए सभी, मिटी सबों की पीर।।
*
बंशी बजावत श्याम हैं,थिरके राधा प्यारी।
झूम रहे आनन्द से, गोकुल के नर नारी।।
*
सभी देव देवी चले, श्री बृंदावन धाम।
बंशी की धुन से बना, सुखमय श्री व्रजधाम।।
*
नाव भले है काठ की, मंदमंद मुस्काय।
जा पर तेरी हो कृपा, भवसागर तर जाय।।
*
धन्य है माता देवकी, धन्य यशोदा मात।
धन्य धन्य जीवन हुआ, श्रीमोहन गुण गात।।
*
अपने शरण लगाय के, अब लेहु अपनाय।
लीला श्री करतार की, मोसे बरनी न जाय।।
*
डूबा है मन प्रेम में, सूझत है कछु नाहीं।
सुन बिजेन्द्र मन है रमा, श्री वृंदावन माहीं।।
*
बिजेन्द्र कुमार तिवारी
बिजेन्दर बाबू
krishna-bhajan-shri-krishna-bhagwan-ke-bhajan-radha-krishna-bhajan-aarti-lyrics-in-hindi

सूफी धुन पर कृष्ण भजन Sufi Dhun Par Krishna Bhajan


" श्याम रंग मे मैं रंगी तज दुनिया के सब रंग।
दरशन को प्यासे नयन मधुर भाव के संग।।

( अलाप )

हरि दरशन को प्यासी आज मोरी अंखिया उदासी

अंखिया उदासी ओ ~~~
 अंखिया उदासी 02

श्याम चरण रत रांची मोरी अंखिया उदासी।।
हरि दरशन 0

वृंदावन की कठिन डगरिया
धीरे-धीरे आऊं तुम्हारी नगरिया

तोहरी नगरिया रे ब्रज की डगरिया ...

जहां बसत श्याम सुखराशी मोरी अंखिया उदासी
।। हरि दरशन 0

अब सब छोड़ी मोह और माया
नश्वर जगत भुलाय बिसराया

भुलाय बिसराया रे छोड़ी मोह माया ...

हमहूं भई बृजवासी मोरी अंखिया उदासी।।
हरि दरशन 0

अपने रंग मे अब रंग ले साँवरिया
नाम भजत सब बीती उमरिया

तोपे साँवरिया मैं भई बावरिया ...

मोहे राखो चरण रत दासी मोरी अंखिया उदासी
।। हरि दरशन 0

आर्यन' की कलम चलत मुस्कावे
अपने कृष्ण पे बलि - बलि जावें

बलि - बलि जावें हृदय हरषावें ...

अब नाहिं रहूं उपासी मोरी अंखिया उदासी।।
हरि दरशन 0


 आर्यपुत्र आर्यन जी महाराज
( भागवत कथावाचक व लेखक )
सूफी धुन पर कृष्ण भजन Sufi Dhun Par Krishna Bhajan

विनय गीत : रास रसिक राधा रमण, हे प्रभु माखनचोर
( आर्यपुत्र आर्यन जी के भजन )
दोहा -
रास रसिक राधा रमण, हे प्रभु माखनचोर।
भाव भिखारी साँवरे, यदुवर नन्द किशोर।।

गीत -

विनती सुनो हमारी चले आना बिहारी।। 02

वृंदावन की दूर डगरिया
कैसे आऊं मैं तेरी नगरिया

आश दरश की भारी चले आना बिहारी।। विनती0

यमुना जी को शीतल पानी
जहां नहावें राधा रानी

जिनकी छटा नियारी चले आना बिहारी।। विनती 0

नाम तुम्हार सकल भाव नाशन
ज्ञान भक्ति विग्यान प्रकासन

भक्तन के हितकारी चले आना बिहारी।। विनती 0

काटो पाप ताप हे स्वामी
दीन - दयाला अन्तर्यामी

रहूं चरणन बलिहारी चले आना बिहारी।। विनती 0


आर्यपुत्र आर्यन जी महाराज
( भागवत रसिक व लेखक )

शाश्वत प्रेम की निर्मल धरा बहती रहे।
सारी प्रेम की निर्मल धारा चखती रहे।।
शबरी के बेरों का वह अनन्त प्रेम था।
सदा शबरी जैसी ईश्वर की भक्ति रहे।।


कृष्ण सुदामा भजन Krishna Sudama Bhajan Lyrics Hindi

कृष्ण सुदामा
आओ रे आओ रे मेरा यार सुदामा आया है _२
 ढ़ोल नगाड़ा सभी बजाओ मिलकर गीत गाओ।।
अच्छे अच्छे पकवान मिलकर सभी बनाओ रे।
आओ रे आओ रे मेरा यार सुदामा आया है _२

_________________________________
 चारों दिशाएं पुष्पों से मिलकर सभी सजाओ
जल भर लोटा मेरे सुदामा के लिए लाओ रे
आओ रे आओ रे मेरा यार सुदामा आया है _२
_________________________________
 इतिहास बना दूगी कृष्ण सुदामा की मित्रता
प्रार्थना यही करेंगे आये ना कभी शत्रुता रे
आओ रे आओ रे मेरा यार सुदामा आया है _२
__________________________________

निश्छल मित्रता देखने को नहीं मिलेगा ऐसे
भेद - भाव के बिना निभाये मित्रता ऐसे रे
आओ रे आओ रे मेरा यार सुदामा आया है _२_
_________________________________
अर्पणा दुबे अनूपपुर मध्यप्रदेश

कान्हा
चलों सभी सखियाँ, आज कान्हा बुलाते है
धूम माचाओ सब, आज कान्हा बुलाते है।

जब से सुनी बंसी, मन में मच गई हलचल
राधारानी साथ, कान्हा के द्वार चल।

आएगा वहां मजा, फूलों कि बरसा होगी
रास रचाएंगे तब, जब सखियाँ साथ होगी।

आओ पूरी करे, सभी अपने मन की बात
ऐसा फुर्सत न मिले, और न मिले ऐसी रात।।

अर्पणा दुबे अनूपपुर मध्यप्रदेश
Read More और पढ़ें:

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ