मतलब की यह दुनियाँ,
मतलब का घर परिवार,
ऊपर ऊपर मीठी बोली,
दिल में छुरी-कटार।
मतलब का घर परिवार,
ऊपर ऊपर मीठी बोली,
दिल में छुरी-कटार।
मतलब की दुनिया शायरी - झूठे लोग शायरी - विश्वास पर धोखा शायरी
कवितामतलब की यह दुनियाँ
छल, कपट, प्रपंच से,
भरा हुआ यह संसार,
यहाँ नहीं भरत सा भाई,
नहीं कृष्ण सा यार।
मतलब के रिश्ते शायरी
मतलब की यह दुनियाँ,मतलब का घर परिवार,
ऊपर ऊपर मीठी बोली,
दिल में छुरी-कटार।
स्वार्थी लोग शायरी - स्वार्थी लोग स्टेटस
यहाँ घर घर में मतभेद है,सब के दिलों में अलग छेद है,
ऊपर से दिखता सब ठीक है,
अंदर अंदर जुबानी प्रहार।
Matlabi Duniya Shayari
यहाँ जात-पात, धर्म प्रबल है,हर काम में दबंग सफल हैं,
भाईचारा बेबस, लाचार,
कोने में सिसक रहा है प्यार।
झूठे लोग शायरी
आपस का प्यार गौण है,सच्चाई असहाय, मौन है,
झुठ का बोलबाला यहाँ पर,
सत्य, इमानदारी की हो रही हार,
कैसे होगा बेरा पार?
अरविन्द अकेला
अरविन्द अकेला
खुदगर्ज शायरी हिंदी, स्वार्थी लोग शायरी, खुदगर्ज एवं बेवफा शायरी
खुदगर्ज बने जो लोग यहां, उन लोगों को समझाए कौन?
छोटी-छोटी बात पे रुठे, कितना किसे मनाए कौन?
मनमानी का चलन यहां पर,एक दूजे से जलन यहां पर
भरत सा भाई नहीं राम का, नहीं पिता का श्रवण यहां पर
आंगन में जो उठी दीवारें, उनको फिर गिरवाए कौन?
छोटी-छोटी बात पे रुठे, कितना किसे मनाए कौन?
अहम की गांठ पड़ी रिश्तों में, उलझ के टूट रही किस्तों में
आपस में जो होड़ लगी है, जीत आई किसके हिस्से में
मतलबी रिश्ते शायरी
उलझ रहे जो अकड़ के रिश्ते, उन रिश्तों को सुलझाए कौन?
छोटी-छोटी बात पे रुठे, कितना किसे मनाए कौन?
रीत प्रीत की हुई पुरानी, लेनदेन का नया जमाना
घर घर के दरवाजे बंद है,खत्म हुआ अब आना जाना।
जिद में ही सब तने हुए हैं, पहले किसे झुकाए कौन?
छोटी-छोटी बात पे रुठे, कितना किसे मनाए कौन?
स्मृति ए कुमार
खुदगर्ज और मतलबी लोग शायरी हिंदी - मतलब के रिश्ते शायरी इन हिंदी
Matlabi Duniya Shayari Photo - Matlabi Log Shayari Image
मतलबी दोस्ती शायरी - Matlabi Dost Status in Hindi
ग़ज़ल
मतलबी कहाँ सुनते किसी की बात को।
वो तो दिन बना देंगे भले ही रात को।।
अंदाज़ क्या निराला बात क्या लचीली।
न्यमत बना देंगें हलकी सौगात को।।
पंगा ना लेना कभी ऐसे लोगों से।
अफ़साना बना दे जो सादी मुलाक़ात को।।
किसी के घर का कर देते खाना ख़राब।
कब समझे भला किसी के जज्बात को।।
मतलब के रिश्ते शायरी
उलट पूलट कर दी कईयों की जिन्दगीं।
शैतान ही समझ पाता इन के घात को।।
इन्सान तूफ़ान से लड़ने की करें हिम्मत।
बस डरता है इन से मिलाने में हाथ को।।
साँप पे भरोसा कर ऐसे पे ना कर।
जल्दी बता देते ये अपनी जात को।।
'शहज़ाद' खुदा ने बनाया मख़लुख़ात सब।
ख़ुद बने मतलब परस्त देख़ हालात को।।
मजीदबेग मुगल 'शहज़ाद'
हिगणघाट जि, वर्धा, महाराष्ट्र
8329309229
मतलब का याराना यही है उनका फ़साना मतलब के दोस्त शायरी मतलबी दोस्ती शायरी
गीत – क्या दिल लगाना।
मतलब का याराना यही है उनका फ़साना।
उनका ये दस्तूर पूराना उनके झांसे मे न आना।
मैंने दिल दिया समझा अपना है वो।
बदले में दर्द ए दिल लिया सोचा होता है ये।
पल मे भूल जाना गैर से दिल लगाना।
मतलब का याराना यही है उनका फ़साना।
करते है हँस के बाते देते दगा की सौगाते।
कहते तुम पास आते पास गैर को बुलाते।
कभी इधर कभी उधर उनका आना जाना।
मतलब का याराना यही है उनका फ़साना।
उनके इश्क मे हम इस कदर खो गए।
होश न रहा खुद का बस उनके हो गए।
दगा देके किया मुझको उसने बेगाना।
मतलब का याराना यही है उनका फ़साना।
न हमारे हुए मुंह मोड़ा हमसे हम पराए हुए।
जब जरूरत पड़ी पास आकर मेरे सहारे हुए।
इनसे क्या दिल लगाना क्या जान लूटाना।
मतलब का याराना यही है उनका फ़साना।
श्याम कुँवर भारती (राजभर )
गीतकार /कवि /लेखक /समाजसेवी
बोकारो झारखंड -मोब 9955509286
प्रेम का बाजार शायरी | मतलब की शायरी
बाज़ार
प्रेम नाम का, पैसे का जोर है
नकली हैं चेहरे, ये नया दौर है
रिश्ते कहाँ अब, सब बाज़ार है
सिसकियाँ बची, वो लाचार है
हवस है ऊँची, क्या नाम है
सब ही बिकाऊ, यही काम है
दिखे मिलावट, बस वार है
झूठ ही बिकता, ये बाजार है
कोई ख़रीदे, कोई बेचता है
सपने अधूरे, कोई देखता है
गुण गौण हैं, बस मार है
वादे बहुत हैं, ये बाजार है
कोई अमीर, कोई कंगाल है
टेढ़ी खीर है, कोई जंजाल है
जोखिम यहाँ, तेज धार है
किसका भरोसा, ये बाजार है
बड़ी दुकाने हैं, ऊँचे मॉल हैं
कई हसरते हैं, कितने जाल है
लालच में फंसा, जार जार है
लुट गया सब, ये बाज़ार है
सुन्दर कलेवर, नकली माल है
दाम हैं ऊँचे, बहुत बुरा हाल है
तेजी या मंदी, ये समाचार है
नफा या नुकसान, ये बाजार है
श्याम मठपाल, उदयपुर
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