चुनाव शायरी हिंदी 2022 | Chunav Shayari Hindi
Election Shayari In Hindi 2022
चुनाव
चार पैर की कुर्सी पाने को
आपस में लड़ रहें
दो पैर वाले
कोई धर्म युद्ध
कोई कर्म युद्ध
भिड़ रहे आपस में
एक दूजे से लड़ने वाले।
न कोई इज़हार कर रहा
न कोई इंकार कर रहा
स्वीकार की बात ही अलग
हर उम्मीद में जीत है
कोई नींद से उठ आया
तो कोई ईद का चांद निकल आया
आज शहर का
मौसम बड़ा उदास है
चार पैर की कुर्सी नहीं
वो कुबेर का खजाना है
सात पीढ़ियां बैठ कर खा सके
इसी से तो कमाना है।
कोई अपना नहीं है
इस रण में
नोटों की जय जय कार है
कोई बिक रहा दारू में
कोई गुटके में बिकने को
तैयार है।
जनता से किया वादा किसी को याद नहीं
सिर्फ़ चार पैर की कुर्सी पाने को
आपने खपरे भी बेच दीये
वाह मेरे नेता क्या कमाल कर किया
आम लोगो के तुमने
सपने भी बेच दिए
प्रतिभा जैन
टीकमगढ़ मध्यप्रदेश
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