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पंचायत चुनाव व्यंग्य शायरी : आ गईल बा पंचायत चुनाव | Chunav Shayari

प्रधान पद के लिए तंज शायरी Panchayat Election Funny Shayari

पंचायत चुनाव : भोजपुरी हास्य रचना

आ गईल बा पंचायत चुनाव,
हमहुँ खडा बानी चमचा पद से।
चम्मच छाप निशान बा आपन,
मोहर लगाईं रउआ लद से।।
भारी बहुमत से विजयी बनाईं,
ना तऽ जीत जाईब हम अपने।
वोटो देवे के कोई जरूरत नईखे,
राउर काम रही बन के सपने।।
चम्मच सबके बड़ा प्यारा होला,
सब्जी चटनी अँचार कुछो चलाईं।
चम्मच से कीमती घी पड़ोसीं,
या चम्मच से अपना मुँह में खाईं।।
चमचे के बा आज पूरा जमाना,
चमचे के बा आज सभे दीवाना।
चमचे से सब काम बा सम्हरत,
चमचा बिन खाली आना जाना।।
मुखिया सरपंच अधिकारी नेता,
सबमें बाटे ई चमचा विराजित।
चमचा बिन कोई काम ना बनी,
हार के बईठब अपने होके आजिज।।
जीत के जाईब राउर काम बनाईब,
सबके मुँहे शोहरत खूब पाईब।
भले गरियाईं रउआ पीठ के पीछे,
बिन कमईले पईसा खूब कमाईब।।
निहोरा बा एक बेर फेर रउआ से,
भारी बहुमत से हमरा जीताईं।
भारी बहुमत से हमरा जीता के,
गद्दी पर गद्द से हमरा बईठाईं।।
हमरे जीत तऽ जीत बाटे राउर,
ना तऽ अपने खुदके हो जाईब।
कहियो कोई से हम ना रोकाईब,
तब शेखी खाली आपन देखाईब।।
अरुण दिव्यांश 9504503560
जा हो चमचा ! तू कहां कहां बिछैबू गमछा !

पंचायत चुनाव व्यंग्य शायरी : निनाव चाहिए या चाहिए दिनाव Chunav Shayari

पंचायत चुनाव
व्यंग्य
निनाव चाहिए या चाहिए दिनाव।
सोचकर रखें मन में आया चुनाव।।
निनाव चाहिए तकलीफ होगी खाने में।
दिनाव चाहिए तो मजा आए खुजलाने में।।
खाना है गर मिठाई या पकवान।
निनाव छाप का आप रखें ध्यान।।
जहाँ देखें जिह्वा पर निनाव छाप।
डटकर वहीं लगाएँ मुहर आप।।
मतदाता हैं आप बिलकुल स्वछंद।
मुँह को सदा आप अपना रखें बंद।।
चुनिए आप अपने मन का चहेता।
मत देकर अपना बनाएँ आप विजेता।।
जीत जाएँगे यदि आपके अपने सपोर्टर।
बनेंगे आप ही उनके निजी रिपोर्टर।।
यदि अच्छे कुशल हैं आप प्लेयर।
सोचकर रखें अपना कोई गियर।।
चाहिए यदि आपको बढिया शेयर।
बैठाएँ पहले उनको पद के चेयर।।
चाहते गर आप लेने के लिए चुस्की।
बिखेरें मुख पर अपने अर्द्ध मुस्की।।
दिनाव छाप को लें बढियाँ से पहचान।
मत देने हेतु अपना अब सोचकर करें पयान।।
चाहते हैं गर अपना दिनाव खुजलाना।
विजेता को खट्टी मीठी बातें सुनाना।।
घबड़ाना मत खुजलाने पर होगा दर्द।
रोना मत अपने आप में तुम हो मर्द।।
पद तो हैं छः केवल प्रत्याशी हैं अनेक।
चुनना इनमें केवल प्रत्याशी सज्जन नेक।।
दावेदार पद जिप मुखिया और सरपंच।
इनके पीछे बी डी सी वार्डर और है पंच।।
घूम रहे हैं प्रत्याशी एक एक सबके घर।
इतने कड़े धूप में और दिन दिन भर।।
हिचकते नहीं प्रत्याशी छूने में कोई पैर।
चाहे वह स्वजाति हो चाहे हो जाति गैर।।
कर रहे प्रत्याशी सब खूब लंबे चौड़े वादे।
समझा रहे वे अपने सुंदर सपने इरादे।।
बच्चे युवा बुजुर्ग सभी बुजुर्गों का कहना क्या।
वृद्धापेंशन सबको मिले शेष कोई रहना क्या।।
जीताएँ हमें एक बार बी पी एल में होंगे रवाना।
इंदिरा आवास सबका गरीब या अमीर घराना।।
अरुण दिव्यांश 9504503560
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