दीवाली की खुशियाँ लघु कथा Happy Diwali Short Story In Hindi Deepawali
पापा, पापा हाँ बेटा बोलो रमेश अपने दस वर्षीय बेटे की आवाज सुन बोला पापा दीपावली आ गई है समय नही है हमें बाजार जाना है। हाँ चलेंगे बताओ बाजार से क्या क्या खरीदना है। पापा पटाखे, दीपक गणेश ओर लक्ष्मी माता की मूर्ति कपड़े जूते ओर रंग बिरंगी झालर वाली लड़ी। ठीक है चलेंगे पहले मेरी बात सुनो उसके बाद बाजार चलेंगे तुम जो जो कहोगे दिलवा दूँगा सोनू खुश होकर बोला ठीक है सुनाईये।
रमेश बोला मालूम है बेटा दीपावली क्यों मनाई जाती है भगवान राम जब चौदह वर्ष बनवास काट कर अयोध्या लौटे थे और अयोध्या के राजा बने थे तभी से लोगो नें घर घर दीप जलाकर मिठाईयाँ बाट कर खुशियाँ मनाई थी। तभी से लोगो दीपों का त्यौहार दीवाली मनाते है। आज के दिन ही जैन धर्म के चौबीसवे तीर्थंकर भगवान महावीर का निर्वाण मोक्ष हुआ था तभी से लोग दीप जला कर खुशियाँ जाहिर करते हुए दीपावली मनाते हैं। और भी कई पौराणिक कथा है जिसके लिये लोग दीपोत्सव खुशियों का त्यौहार मनाते है। पटाके से कितना प्रदूषण होता है उसके धुएं से तरह तरह की बीमारियों का डर रहता है पटाके की आवाज और आग से कितने मूक प्राणी पशु पंछी कीड़े मकोड़े जल मर जाते है जिंदा जल जाते है। कभी कभी पटाके से हमारे शरीर को भी नुकसान हो जाता है। हर साल अरबो रुपये की संपति जलकर राख हो जाती है कभी कभी तो बहुत से लोग जलकर मर जाते है। ख़ुशियों का त्यौहार मातम में बदल जाता है। इसलिए पटाके नहीँ छुड़ाने चाहिए। दीपक भी हमारी मिट्टी से बने कुम्हारो से ही से खरीदने चाहिए। जिससे उनके घर में भी खुशियाँ मनाई जा सके हमें स्वदेशी सामानों का हीं इस्तेमाल करना चाहिए। जिससे देश का विकाश होगा। और ध्यान रखना चाहिए की तुम्हारा कोई दोस्त या पड़ोसी गरीबी के कारण दीवाली मनाने में असमर्थ ना हो तुम्हें उसकी मदद करनी चाहिए। ये खुशियों का त्यौहार है खुशी बांटने से ज्यादा मिलती है। घर में बुजुर्गों माता पिता के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेना चाहिए छोटो से प्यार करना चाहिए आपस में गले मिल खुशियाँ बाटनी चाहिए भेद भाव का भाव नहीं होना चाहिए। अब चलो बाजार चलते है तुम्हें जो जो लेना है ले लेना। हाँ पापा हम बाजार जाएंगे परन्तु पटाके नहीँ लेना है मिट्टी के दीपक लेने है हमें जो भी लेना है स्वदेशी लेना है।
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं | Happy Diwali Wishes
चलो दीप से दीप जलाते है हम
सबको गले लगाते है हम
स्वदेशी को ही अपनाते है हम
खुश रहकर खुशियाँ बाटते है हम
निर्दोष लक्ष्य जैन
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