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दिवाली पर निबंध हिंदी में | दीपावली पर लेख Essay On Diwali In Hindi

दीपावली पर निबंध लेखन हिंदी में Essay On Deepawali In Hindi

हमारे देश भारत में दीपावली या दिवाली को हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण पर्व या त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। दिवाली का त्योहार हर साल बड़ी धूमधाम और हर्सोल्लास के साथ संपूर्ण भारत में मनाया जाता है। दीपावली या दिवाली का शाब्दिक अर्थ होता है " दीप "और " आवली " यह दो शब्दों को एक साथ मिलाकर बनाया गया है। दीपावली के ये दोनों शब्द संस्कृत भाषा से लिए गए शब्द हैं और इसका अर्थ है दीपों की श्रृंखला। दीपावली भारत के सभी नागरिकों के लिए खुशियों का त्यौहार बनकर आता है। दीपावली के शुभ अवसर पर सभी देशवासी अपने अपने घरों में भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं।
भारत के लोग दिवाली के त्यौहार को किसी दूसरे देश में रहने पर भी उतनी ही धूमधाम और हर्सोल्लास के साथ मनाते हैं जितना कि अपने देश में रहते हुए मनाते हैं। दीपावली का त्योहार दो दिनों तक चलता है। इस त्यौहार के अवसर पर स्कूल के छात्र-छात्राओं को निबंध लिखने के लिए गृहकार्य भी दिया जाता है। अधिकांशतः छात्र-छात्राओं के द्वारा दीपावली पर निबंध लेखन के लिए इंटरनेट पर सर्च किया जाता है। इस बात को प्रमुखता से ध्यान में रखते हुए आप सभी के लिए हिंदी उर्दू साहित्य संसार की वेबसाइट पर दिवाली निबंध (Diwali Essay in Hindi) प्रस्तुत किया रहा है। दिवाली पर लिखे गए इस निबंध में दीपावली से संबंधित सभी जानकारियां शामिल करने की कोशिश की गई है।
दीपों का त्यौहार दिवाली
खुशियों का संसार दिवाली
घर आँगन सब नया नया है
नया नया परिधान सभी
नए नए उपहार दिवाली
खुशियों का संसार दिवाली
हिंदी उर्दू साहित्य संसार की ओर से आप सभी को दिवाली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। शुभ दीपवाली Happy Diwali

दीपावली पर निबंध हिंदी में | Diwali Essay in Hindi

दिवाली या दीपावली हिन्दू धर्म के मानने वालों के द्वारा मनाई जाती है। यह हिन्दुओं का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह पर्व भारत के छोटे बड़े सभी हिन्दू नागरिकों के द्वारा बड़ी धूमधाम और बड़े हर्षो-उल्लास से मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष इस त्यौहार को कार्तिक मास के माह में अक्टूबर या नवंबर में मनाया जाता है। " दीपावली को " दीपों का विशेष पर्व है। इस दिन संपूर्ण भारत में विभिन्न प्रकार की कलर फुल मोमबत्तियों, लाइटों और दीयों से घर, आंगन, दरवाजे, और छतों को सजाया जाता है। दीपावली के त्योहार के कुछ दिनों पहले ही लोगों के द्वारा अपने अपने घरों की साफ़ सफाई का कार्य पूरा कर लिया जाता है। और विभिन्न प्रकार की सज़ावटे भी की जाती हैं। दूसरे धर्मों के मानने वालों के द्वारा भी इस त्यौहार को अलग-अलग रूप में मनाया जाता है। दीपावली के त्यौहार का इन्तजार बड़ी उत्सुकता के साथ सभी छोटे एवं बड़े लोगों को रहता है।

दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi

वैसे तो भारत में कई प्रकार के पर्व एवं त्यौहारों को प्रमुखता से मनाया जाता है परन्तु उन सभी प्रमुख त्योहारों में सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्यौहार दीपावली का त्यौहार है। दिवाली के पौराणिक कथाओं के अनुसार यह त्यौहार इसलिए मनाया जाता है कि इसी दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास और राक्षसों के राजा, लंकापति रावण का वध करने के उपरांत अपने जन्मभूमि अयोध्या वापस आएं थे। भगवान श्री राम के अयोध्या लौटने पर लोगो के द्वारा पुरे नगर में घी के दिए जलाये गए और खुशियां मनाई गई थी। तभी से दिवाली का त्यौहार प्रत्येक वर्ष मनाया जाने लगा। दिवाली में अलग अलग प्रकार के उपहारों को भी अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को भेंट किये जाने की परंपरा रही है। दिवाली के त्यौहार के अवसर पर कुछ अलग ही प्रकार की रौनक देश में हर तरफ दिखाई देती है। संपूर्ण भारत में इस त्यौहार को उत्साहित हो कर मनाया जाता है। हिंदू धर्म में सबसे प्रमुख त्यौहार दीपावली का त्यौहार ही है। भगवान श्री राम के 14 वर्षों के कठोर वनवास के पूर्ण होने के पश्चात अयोध्या लौटने की खुशी में दीपावली का पावन त्यौहार मनाया जाता है। दिवाली या दीपावली के पवित्र त्यौहार को मनाने के लिए सभी लोगो के द्वारा कई दिनों पहले ही तैयारियां शुरू कर दी जाती हैं। बड़े हर्षोल्लास, उत्साह और खुशियों के साथ दीपावली या दिवाली के साथ आने वाले अन्य सभी फेस्टिवल को उत्साहपूर्वक सेलिब्रेट किया जाता है।

दीपावली या दिवाली कैसे मनायी जाती है?

दीपावली के दिन घरों, दरवाजों, आंगन, छतों, घर की दीवारों, और दीवानों को विभिन्न प्रकार की लड़ियों और लाइटों से सजाने की प्राचीन धार्मिक परंपरा चली आ रही है। साथ साथ पुरे घर में दीये भी जालये जाते हैं। और घरो में तथा दरवाजे पर विभिन्न प्रकार के रंगो से रंगोली भी बनाई जाती है। इस त्यौहार पर मिठाईयों और पटाखों फुलझड़ियों का भी विशेष महत्व है। छोटे एवं बड़ों द्वारा बड़े हर्षों-उल्लास के साथ दिवाली के शुभ अवसर पर पटाखें जलाएं जाते हैं तथा स्वादिष्ट मिठाईयों का मीठा मीठा प्यारा प्यारा स्वाद भी चखा जाता है। दिवाली के पवित्र त्यौहार में बाजारों में विशेष प्रकार की मिठाइयां बनाई जाती हैं और साथ ही बाजारों में दिवाली के त्योहारों के शुभ अवसर पर बहुत भीड़ भी रहती है। सभी लोगो के द्वारा यह त्यौहार बहुत धूमधाम और हर्सोल्लास से मनाया जाता है। दिवाली के अवसर पर लोगों के द्वारा बड़ी मात्रा में बाजारों से खरीदारी भी की जाती है। इस दिन सभी लोग नए-नए कपड़ें भी पहनते हैं। दीपावली बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार है। दिवाली में सभी व्यापारी भाईयों के द्वारा दुकानों एवं बाजारों को लाइटों से खूब सजाया जाता है।

दिवाली में किसकी पूजा की जाती है ?

दिवाली के अवसर पर हिन्दू पंचांग के अनुसार सूर्यास्त होने के बाद भगवान् श्री गणेश और माता लक्ष्मी जी की पूजा-अर्चना की जाती है। यह पूजा धन की प्राप्ति और अच्छे स्वस्थ जीवन की कामना के साथ की जाती है। घर में लक्ष्मी जी के आवागमन के लिए दिवाली के दिन घरों में रंग बिरंगी रंगोली भी बनाई जाती है और लक्ष्मी जी की पूजा हेतु माता लक्ष्मी की आरती की जाती है और भगवान गणेश के भजन और आरती की विशेष व्यवस्था होती है। दिवाली का त्यौहार देश में बच्चे और बड़े सभी लोगो के लिए अतिउत्साह करने वाला त्यौहार है। दिवाली के पश्चात और उससे पूर्व कई अन्य प्रकार के त्यौहार भी भारत में मनाये जाते है।

Diwali दिवाली में मनाये जाने वाले त्यौहार

दिवाली के एक दिन पूर्व पवित्र धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है। धनतेरस के दिन अपनी मनपसंद वस्तुओं को खरीदने की परंपरा है। यह मनपसंद वस्तु कोई भी हो सकती है जैसे सोने चांदी के जेवर और गहने, रसोई घर में काम आने वाले बर्तन और समान, टेलीविजन फ्रिज लैपटॉप स्मार्टफोन गाड़ी मोटर दुपहिया तिपहिया चार पहिया वाली गाड़ी वगैरह की खरीदारी की जाती है। अर्थात जिसके पास जैसा सामर्थ्य होता है, वह वैसी ही महंगी महंगी खरीदारी करता है। विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश और धन की देवी मां लक्ष्मी जी की पूजा को धनतेरस के दिन विशेष रूप से किया जाता है। माँ लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के उद्देश्य से लोगों के द्वारा माता लक्ष्मी की आरती और भजन भी गाये जाते हैं। इसके अगले दिन छोटी दिवाली होती है। इस दिवाली में भगवान् श्री कृष्ण जी की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि श्री कृष्ण जी के द्वारा इसी दिन राक्षसों के राजा नारकसुर को मार दिया गया था। छोटी दिवाली के पश्चात दिवाली का सेलेब्रेशन शुरू हो जाता है। उसके पश्चात अगले दिन को गोवर्धन पूजा भी मनाया जाता है। इसमें भी श्री कृष्ण जी की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन दरवाजे में लोगो के द्वारा गोबर की पूजा की जाती है। दिवाली के पांचवां दिन बाद भाई दूज या यम द्वितीया के रूप में मनाया जाता है। भाई दूज के पवित्र त्यौहार को भाई एवं बहन के द्वारा मनाया जाता है। सभी बहनो के द्वारा इस दिन को भाई की पूजा के साथ-साथ भाई को नारियल भी दिया जाता है। तथा भाई की लम्बी आयु के लिए भगवान् से प्रार्थना भी करती हैं।

दिवाली फेस्टिवल को किस तरह सेलेब्रेट करें

दिवाली का अर्थ है ‘दीप’ और ‘प्रकाश’ इसलिए सभी को चाहिए कि दिवाली के त्यौहार के दिन शांति और सदभावना बनाए रखें और सावधानीपूर्वक दीपावली मनाये। पटाखों के जलाने से धुंआ के कारण प्रदूषण की समस्या अत्यधिक बढ़ जाती है और यह बड़ी गंभीर समस्या भी है। इस दिवाली को मिलकर सभी यह संकल्प लें की अपनी प्रकृति के लिए कुछ उपहार भेंट करें तथा यह उपहार आप पटाखों का उपयोग न करके भी दे सकते हैं। पटाखों की तेज़, भयानक आवाजों को सुनकर बहुत से बेजुबान जानवर भी डर जाते हैं और घर के बुजुर्ग लोग भी पटाखों की ध्वनि से बहुत परेशान हो जाते हैं। इसकी आवाज से ध्वनि प्रदूषण की अधिक उत्पत्ति होती है।
अपने देश के छोटे-छोटे व्यापारियों और कुम्हारों को आर्थिक रुप से मजबूत बनाकर देश की अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने में हम उनकी सहायता करने के लिए इलेक्ट्रिक लाइटों का प्रयोग बंद करके अधिक से अधिक दीयों का प्रयोग कर सकते हैं इस तरह से दिवाली को पारंपरिक रूप से मनाई जा सकती है। दिवाली खुशियों का त्यौहार है। अपने मनोरंजन और आनंद के लिए कभी भी किसी बेजुबान जानवरों तथा प्रकृति को नुक्सान नहीं पहुंचाना चाहिए। सभी लोगों का यह कर्तव्य भी है की लोगों को दिवाली किस प्रकार से मनानी चाहिए उसके लिए जागरूक करें।
निबंध संख्या २ Essay 2

दिवाली या दिपावली पर निबंध 200-300 शब्दों में शॉर्ट निबंध | Short Essay On Deepawali 200-300 Words

दीपावली या दिवाली एक महत्वपूर्ण भारतीय त्यौहार है। यह मुख्य रूप से हिन्दू समुदाय के लोगों द्वारा मनाया जाता है। यह हर वर्ष बड़े हर्ष-उल्लास के साथ सभी छोटे बड़े द्वारा मनाया जाता है। दीपवाली या दिवाली को खुशियों का त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। दिवाली के दौरान पांच दिनों तक लगातार अलग-अलग प्रकार के फेस्टिवल मनाये जाते है। पांच दिनों तक चलने वाला दिवाली का उत्सव सबसे बड़ा पर्व है। दशहरा समाप्त होते ही दिवाली की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। दिवाली के त्यौहार को अमावस्या की रात्रि को मनाया जाता है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन श्री राम भगवान 14 वर्ष के वनवास के पश्चात अपने घर अयोध्या लौटे थे। उसी ख़ुशी में अयोध्यवासियों के द्वारा खुशी खुशी घी के दीये जलाये गए थे। तभी से इस दिन को दिवाली के त्यौहार के रूप में मनाया जाने लगा।
दिवाली दीपों और खुशियों का त्यौहार है। यही कारण है कि यह सभी के मन को आलोकित करता है। इस त्यौहार के आने से सभी घरों में विशेष चहल-पहल और रौनक दिखाई पड़ती है। दीपावली के दिन रात में माता श्री लक्ष्मी की पूजा की जाती है और प्रार्थना की जाती है की वे सदैव हमारे परिवार के ऊपर अपनी कृपा बनाये रखें। दिवाली में अलग अलग प्रकार की मिठाइयां और स्वादिस्ट व्यंजन भी बनाये जाते हैं। खील-बताशे का प्रसाद दिवाली में विशेष महत्व वाला है। इसे त्यौहार में भगवान पर चढ़ाया जाता है। फुलझड़ी, पटाखों को दिवाली में हर्षोल्लास के साथ फोड़ा जाता है। असंख्य दियों का रंग-बिरंगा प्रकाश मन को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। बाजारों दुकानों, घरों और चौराहों की सजावट आकर्षक होती है। इस त्यौहार में अमीर-गरीब के भेदभाव को भूलाकर सभी मिल जुलकर त्यौहार मनाते हैं। दीपावली की शुभकामनाएं सभी पड़ोसियों को एक-दूसरे को गले लगाकर दी जाती है। अतिथियों का स्वागत विभिन्न प्रकार की मिठाइयां और व्यंजनों से किया जाता है। दीपावली उपहारों और भेंट और खुशियों का विशेष त्यौहार है। इस त्यौहार के द्वारा नया जीवन जीने के लिए उत्साह और उमंग का संदेश मिलता है।

दिपावली पर 10 लाइनें | दीपावली पर निबंध हिंदी में 10 लाइन

दीपावली बुराई पर अच्छाई के विजय का त्योहार है।
दिवाली पर मन के भीतर की बुराईयों को दूर करके अच्छाईयों से भरने का विशेष अवसर मिलता है।
दिवाली भारत का प्रमुख एवं विशेष त्यौहार भी है।
दिवाली का उत्सव भारत की संस्कृति तथा परम्पराओं को भी दर्शाता है।
दिवाली को प्रकाश एवं खुशहाली का त्यौहार के रूप में भी मनाया जाता है। इसमें मिट्टी के दीये जलाये जाते हैं।
दीपावली श्री राम के 14 वर्ष के बाद पुनः अयोध्या लौटने की ख़ुशी में मनाई जाती है।
दिवाली का त्यौहार प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास में मनाया जाता है।
दीवाली के दिन माता श्री लक्ष्मी तथा श्री गणेश जी की पूजा की इस उद्देश्य से की जाती है कि घर में ऋद्धि- सिद्धिं बनी रहे।
दीपावली में सभी लोग अपने घरों की साफ-सफाई और रंगाई-पुताई करते हैं तथा तरह तरह की रंग बिरंगी लाइटों से सजाते हैं।
दीपावली के दिन पटाखे, और फुलझडियां जलाकर उत्सव मनाया जाता है।
दीवाली के अवसर पर सभी लोग अपने आस पड़ोस तथा अपने रिश्तेदारों को मिठाइयां बांटते हैं।

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