दीपावली पर लक्ष्मी माता की आरती | Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi
भक्ति गीत : जय जय हे लक्ष्मी माता
जय जय, जग कल्याणी लक्ष्मी माता,
तुम जहां, सुख का अंबार लग जाता।
अभावग्रत जीवन जब जीना पड़ता है,
हर कोई जग में, तेरा ही गुण गाता।
जय जय जग कल्याणी………..
हर कोई पाना चाहता आशीष तुम्हारा,
तेरी कृपा से फैलता जग में उजियारा।
दीपावली में होती है, तेरी विशेष पूजा,
तेरे स्वागत में हर कोई घर सजाता।
जय जय जग कल्याणी………..
तन मन से करता है जो भी तेरी सेवा,
देर सबेर पाता है वह वरदान में मेवा।
तुम एक रंक को राजा बना देती मैया,
दीपावली शाम, हर घर से तेरा नाता।
जय जय जग कल्याणी…………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
माता लक्ष्मी के भजन | Mata Laxmi Ke Bhajan भक्ति गीत : स्वागत तेरा लक्ष्मी महारानी
“आप सभी मित्रों एवं साथियों को पावन प्रकाश पर्व दीपावली दीपोत्सव के शुभ अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाईयां।,,
घर स्वागत तेरा है, हे लक्ष्मी महारानी,
बदल देना, हर दीन भाग्य की कहानी।
इस दीपावली पर, खूब घर वार सजाया,
अंधेरी शाम को कर देना शाम सुहानी।
घर स्वागत तेरा…………
मन मंदिर में करता रहता हूं तेरी पूजा,
घर नहीं चुन लेना इस बार कोई दूजा।
श्रद्धा भक्ति से करूंगा मां तेरी प्रतीक्षा,
सुधार देना मां इस भक्त की जिंदगानी।
घर स्वागत तेरा…………
पत्थर को भी तुम बना सकती हो सोना,
क्यों है मेरे भाग्य में, सुबह शाम रोना?
कब तक लेती रहोगी मैया मेरी परीक्षा?
कभी तो करो माता मुझ पर मेहरबानी।
घर स्वागत तेरा………..
तेरे दरबार से मैया, लौट जाता हूं खाली,
दिए की रोशनी मुझको लगती है काली।
स्वीकार कर लो माता, तुम मेरी विनती,
दूर कर दो जीवन से, धन की परेशानी।
घर स्वागत तेरा…………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi | लक्ष्मी माता की आरती हिंदी में लिखी हुई
Laxmi Ji Ki Aarti in Hindi
लक्ष्मी माता के भजन | लक्ष्मी जी के भजन : आ रहीं सबकी लक्ष्मी माता
कविता/स्तुति
आ रहीं सबकी लक्ष्मी माता
आ रहीं सबकी लक्ष्मी माता
उल्लू पर सवार,
आयेगी जब माँ धरा पर,
मुस्कुरायेगा घर-परिवार
आ रहीं सबकी...।
आयेंगी जब माता लक्ष्मी,
सजेगा गाँव,शहर, घर-द्वार,
भागेगा अंधियारा जग से,
जगमगायेगा संसार
आ रहीं सबकी...।
माँ लक्ष्मी जहाँ भी जाती,
सुख- शांति वहाँ पर आती,
वह स्थान पावन हो जाता,
लगता वहाँ माँ का दरबार।
आ रहीं सबकी...।
माँ की महिमा बड़ी निराली,
माँ सबपर प्यार लुटानेवाली,
आओ चलें सब माँ की शरण में,
मिलेगा धन-वैभव,बेशुमार।
आ रहीं सबकी...।
जब-जब करें माँ लक्ष्मी की पूजा,
करें उस दिन गृह लक्ष्मी का श्रृंगार,
कभी नहीं जलायें घर की लक्ष्मी को,
नहीं करें उसपर अत्याचार।
आ रहीं सबकी...।
मन से करें माँ लक्ष्मी की अर्चना,
बहायें धरा पर भक्ति की बयार,
दिल से माँ की अराधना करने से,
मिलता उसे माँ लक्ष्मी का प्यार।
आ रहीं सबकी...।
कवि "अकेला" की माँ से यह विनती,
सबपर रहे तेरी कृपा बरकरार,
माँ, कोई नहीं रहे भूखा जग में,
नहीं रहे कोई बेरोजगार।
आ रहीं सबकी...।
अरविन्द अकेला
स्वीकार करें दीपावली की शुभकामना,
स्वीकार करें हम सबकी बधाई,
माता लक्ष्मी पधारें तेरे घर- द्वारे,
लेकर सुख, संपत्ति, मेवा,मिठाई।
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