मेहनत करनेवाले की कभी हार नहीं होती जीवन में हर सफलता का राज है मेहनत
मेहनत करनेवाले
कविता)
मेहनत करनेवाले की कभी हार नहीं होती,
उसकी मानसिकता कभी बीमार नहीं होती।
जीवन में हर सफलता का राज है मेहनत,
मेहनत बिना, जीवन नैया पार नहीं होती।
मेहनत करनेवाले की……
जो लोग लिखते हैं मेहनत की नई कहानी,
नए रूप में आती, उसकी हर बात पुरानी।
हमेशा बुलंद रहता है, मेहनत का ही झंडा,
मेहनत के आगे, अटूट दीवार नहीं होती।
मेहनत करनेवाले की……
गाता है जो जीवन में, मेहनत के ही गीत,
एक दिन होती है, दुनिया में उसकी जीत।
जीवन की हर परेशानी दूर करती मेहनत,
आलस के आगे मेहनत लाचार नहीं होती।
मेहनत करनेवाले की……
देर सबेर निश्चित है मेहनत का बोलबाला,
इसी के साथ आता है, जीवन में उजाला।
विफलता का हर ताला, खुलता मेहनत से,
दूजे की पीठ पर मेहनत सवार नहीं होती।
मेहनत करनेवाले की……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
कविता)
मेहनत करनेवाले की कभी हार नहीं होती,
उसकी मानसिकता कभी बीमार नहीं होती।
जीवन में हर सफलता का राज है मेहनत,
मेहनत बिना, जीवन नैया पार नहीं होती।
मेहनत करनेवाले की……
जो लोग लिखते हैं मेहनत की नई कहानी,
नए रूप में आती, उसकी हर बात पुरानी।
हमेशा बुलंद रहता है, मेहनत का ही झंडा,
मेहनत के आगे, अटूट दीवार नहीं होती।
मेहनत करनेवाले की……
गाता है जो जीवन में, मेहनत के ही गीत,
एक दिन होती है, दुनिया में उसकी जीत।
जीवन की हर परेशानी दूर करती मेहनत,
आलस के आगे मेहनत लाचार नहीं होती।
मेहनत करनेवाले की……
देर सबेर निश्चित है मेहनत का बोलबाला,
इसी के साथ आता है, जीवन में उजाला।
विफलता का हर ताला, खुलता मेहनत से,
दूजे की पीठ पर मेहनत सवार नहीं होती।
मेहनत करनेवाले की……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
सफलता पर शायरी | सफलता पर कविता: असफलता की हार
कर स्वयं पर भरोसा,
स्वयं का उपकार हो जाए
गले लगालो जीत को,
असफलता की हार हो जाए
स्वपन देख आँखे खोल,
स्वपन साकार हो जाए
तंज कसे जो लोग तुमपर,
तेरे घर कशीदा पढ़ कर जाए
कर कठिन परिश्रम ईतना,
हाँथो में भले छाले पड़ जाए
कांटे बिछे हैं राह में तेरे,
वो भी फूल बन जाए
चलता रह जीवन पथ पर,
जबतक ना संवर जाए
आकार लेता वही जो,
भट्ठी में तप कर पिघल जाए
पड़ा रहे सोना खान में,
सोना ना कहलाए
सहन करता भट्ठी के तपन को,
तब सोना कहलाए
मोती शीप रहे अनेक संग,
माला ना कहलाए
पिरोय जब धागे से,
तब मोती माला कहलाए
मना राह कठिन है, तो क्या ?
पथिक रुक जाए
जो बाधा दूर करे स्वयं से,
सफलता उसे गले लगाए
कर स्वयं पर भरोसा,
स्वयं का उपकार हो जाए
गले लगालो जीत को,
असफलता की हार हो जाए
वरुण
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