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मंजिल उतनी सुंदर होगी जितना संघर्ष कठिन होगा– मंजिल शायरी हिंदी Motivational Shayari On Manzil

मंजिल उतनी सुंदर होगी जितना संघर्ष कठिन होगा– प्रेरणादायक कविता Motivational Poem On Manzil

चलो कंटकों में हँस हँस कर,
कल फिर सुंदर दिन होगा।
मंजिल उतनी सुंदर होगी,
जितना संघर्ष कठिन होगा।

शाम न होगी रात न होगी,
सोचो दिन कैसा होगा।
शाम हुई है रात ढ़लेगी,
सुर्य उगेगा दिन होगा।

विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक शायरी

चलो कंटकों में हँस हँस कर,
कल फिर सुंदर दिन होगा।
मंजिल जितनी सुंदर होगी,
उतना संघर्ष कठिन होगा।

बुरे वक्त में क्या घबराना,
रुको नहीं चलते जाना।
इस पल को वनवास समझ,
है विश्वास सुदिन होगा।

चलो कंटकों में हँस हँस कर,
कल फिर सुंदर दिन होगा।
मंजिल उतनी सुंदर होगी,
जितना संघर्ष कठिन होगा।

Motivational Quotes For Students Success

बड़े लक्ष्य के लिए सदा,
संघर्ष बड़े करने होते।
जितनी जलती स्वर्ण आग में,
उतना ही कुंदन होगा।

चलो कंटकों में हँस हँस कर,
कल फिर सुंदर दिन होगा।
मंजिल उतनी सुंदर होगी,
जितना संघर्ष कठिन होगा।

चोट शिला का जितना सहती,
मेंहदी उतनी सजती है।
होना तो है पतझड़ पहले,
बाद बंसंती दिन होगा।

प्रेरणादायक शायरी जिंदगी

चलो कंटकों में हँस हँस कर,
कल फिर सुंदर दिन होगा।
मंजिल उतनी सुंदर होगी
जितना संघर्ष कठिन होगा।

मंजिल की परवाह करो न,
तुम मंजिल के पार चलो।
ठहर न जाना मंजिल पाकर,
लक्ष्य तेरा उऋण होगा।

चलो कंटकों में हँस हँस कर,
कल फिर सुंदर दिन होगा।
मंजिल उतनी सुंदर होगी,
जितना संघर्ष कठिन होगा।

मंज़िल शायरी Manzil Shayari

जीवन है संघर्ष अटल ये,
सुख दुख पाँव तुम्हारे हैं।
दुख में धैर्य नहीं खोना,
सारा दर्द मलिन होगा।

चलो कंटकों में हँस हँस कर,
कल फिर सुंदर दिन होगा।
मंजिल उतनी सुंदर होगी,
जितना संघर्ष कठिन होगा।

पर्वत शिखरों को लांघ चलो,
बाधाओं से टकराओ।
ऐ राही दिग्भ्रमित न होना,
ये अंधकार मलिन होगा।

Motivational Quotes For Students

उदय शंकर चौधरी नादान
अखिल विश्व युवा सशक्तिकरण संघ राष्ट्रीय महासचिव
कोलहंटा पटोरी दरभंगा
7738559421

Motivational Shayari On Manzil Image

संघर्ष पर शायरी प्रेरणादायक कविता | मोटिवेशन शायरी | Motivational Shayari

तुम सच्चे बनो कर्मयोगी
तुम सच्चे बनो कर्मयोगी,
दुख दूर करो इस भूतल का॥
अवनी पर डंका बजता है,
साहस अपार वल कौशल का।

धारा में जल,जल में लहरें,
लहरों में है उद्घोष प्रवल।
इस प्रवल घोष में छिपाहुआ,
अभ्यन्तर का आक्रोश प्रवल।
संघर्षों के पथ पर चलकर,
धारा सागर तक जाती है i
हर शिला चूर्ण हो जाती है,
जो भी उससे टकराती है॥
अन्तर में गुंजित होता है,
शाश्वत निनाद कलकल छल का।
अवनी पर डंका बजता है,
साहस अपार वल कौशल का।

संघर्षों से विकसित होते,
शुभ मूल्य और आदर्श सदा।
संघर्षों से विकसित होते,
प्रतिमान और उत्कर्ष सदा ॥

उत्कर्ष और आदर्शों से 
व्यक्तित्व व्यक्ति का बनता है।
आदर्शों की ही छाया में,
मानव व्यक्तित्व उभरता है।
आभा- मण्डल से कंपता है,
अन्तस्तल दानव के दलका।
अवनी पर डंका बजता है,
साहस अपार वल कौशल का

मानव जीवन है कर्म क्षेत्र,
तो कर्मशील बनना होगा।
प्रेरणा नदी से लेकर के,
संघर्ष सतत करना होगा।

संघर्षों के पथ पर चलकर,
मिलते जगमें साफल्य सदा।
संघर्षों के वल पर होते,जनजीवन में मांगल्य सदा।
संघर्ष वान ही पात है,
अधिकार सुयश वैभव वल का॥
अवनी पर डंका बजता है,
साहस अपार भुज कौशल का॥
स्वरचित एवम् सर्वाधिकार सुरक्षित
डॉ० विमलेश अवस्थी
कवि एवम् वरिष्ठ नागरिक

मंजिल शायरी | मंजिल पाने की शायरी | मंजिल शायरी हिंदी

मुझे अपने मंजिल के अलावा अब कुछ भी नहीं दिखता मैं दिन-दुनिया समाज के मोह से काफी दूर निकल चुका हूं मैं जानता हूं किसी भी अनोखे चीज को पाने के लिए कोई ना कोई बलिदान देना पड़ता है इसीलिए मैंने अपने सभी आसान इच्छाओं का बलिदान देकर सिर्फ और सिर्फ अपने मंजिल की चाह को ज़िंदा रखा है..!
जितेन्द्र कुमार सैनी

मंजिल शायरी Manzil Shayari Motivational

मंजिले उनको मिलती है जिनके सपनो में जान होती है,
सिर्फ पंखों से कुछ नहीं होता, हौंसलों से उड़ान होती है !!

संघर्ष और सफलता पर शायरी मंज़िल शायरी Manzil Shayari

अपना काम चलाओ भाई।
अपना मन बहलाओ भाई।।
रुखा सुखा जो भी पाओ।
उसे प्रेम से खाओ भाई।।
जरा आत्मनिर्भर हो जाओ।
हाथ नहीं फैलाओ भाई।।
कहां कटोरा कहां भीख है।
जरा होश में आओ भाई।।
संरक्षण वादी मौसम है।
लौटो घर को जाओ भाई।।
सुख ढूंढो सन्यासी बन कर।
मन को कुछ समझाओ भाई।।
वह कहता है हवा देखकर।
अब सीमा में आओ भाई।।
पर्यावरण तुम्हें खाएगा।
इसकी समझ बढ़ाओ भाई।।
थोड़ा सा पीछे हो जाओ।
फिर तुम गाना गाओ भाई।।
आगे पीछे जरा देख कर।
अगला कदम बढ़ाओ भाई।।
आज उदारीकरण बोलता।
अपनी फसल उगाओ भाई।।
मैराथन की बात न सोचो।
खुद को पास बुलाओ भाई।।
नर्क छोड़कर मन मंदिर में।
नूतन दीप जलाओ भाई।।
सारा धर्म निरर्थक समझो।
मानव धर्म चलाओ भाई।।
अपना काम चलाओ भाई।
अपना मन बहलाओ भाई।।
अन्वेषी

संघर्ष पर शायरी | Struggle Shayari In Hindi

संघर्ष
संघर्ष के दिन होते भारी।
करनी पड़ती है सारी तैयारी।।

तप-तप कर जब निखरे सोना।
समय पर जो लिखा है होना।

मन को नहीं तुम करना भारी।
उम्मीद के आगे दुनियाँ हारी।।

जीवन की नैया डगमग डोले।
मन से भज लो शिव-शंकर भोले।।
अनीता सिद्धि, हजारीबाग
संघर्ष करने वाले कभी आराम करने की योजना नहीं बनाते। वे आराम करने के बजाय ओर प्रभावी ढंग से संघर्ष करने की योजना बनाते हैं, क्योंकि वे जानते है कि समय की कोई छुट्टी नहीं होती।

संघर्ष हौसला पर शायरी | हौसला पर शायरी | हौसलों की उड़ान शायरी

कभी फूल कभी कांटे
तेरे लक्ष्य की राह की हर डगर
पर कुछ पडयंत्री फूल तो कुछ
कांटें जरुर बिछाऐंगे।।

पहचान ना पाऐगा षडयंत्री फूल कांटों को तू
ऐ मुसाफिर कभी गिर तो कभी संभल जाऐगा।।

भ्रमित होके लक्ष्ये राह से तू सुन
ना फूल चुन्ना, ना ही तू कांटें चुन्ना
तभी कामयाबी से हर मुकाम़ पाऐगा।।

ये दुनिया का काम है गिराना सुन
हौसलों पे अड़िंग रह कर ही तू सच्चे
फूलों की सुगंध सा महकाऐगा।।

खुद तो हसेगा, महकेगा तू संग दूजों
को खुशी दे नाम का अलख जगाऐगा।।
वीना आडवानी तन्वी
नागपुर, महाराष्ट्र

Struggle Shayari संघर्ष पर शायरी और कविताएं

सुन ले मन मेरे जाहिल,
कह गए है उस्ताद क़ाबिल,
बन जाओ कुछ इसके पहले,
कि कोई तुमको बनालें।

पढ़ते रहे पीर, फ़कीर, औलिया सारे;
जीने की चाहत ने अच्छे अच्छों को मारे।
बहते रहो इसमें, समझकर समंदर,
फिर देखो कैसे ये जिंदादिली, हमको है उबारे।

करो फ़ैसला, छुएं आस्मां, रौंदे जमीं,
हौसलों की तो नहीं कमी।
हालात हो तुम, 
मौसमी जहान की,
अदना सी औकात हो तुम।

समझकर अपने घरोंदे को दुनिया,
उसी में जी लो;
जो देखे हैं फानी सपने, 
जिंदगी के नशे में,
उसी को समझकर आब-ए-हयात, 
पी लो।

जी लो उससे पहले कि,
कोई जीने पर मजबूर कर दे।
Ladygibran

प्रेरणादायक शायरी फोटो

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