गीता का उद्देश्य क्या है? | कब काम आता है गीता का ज्ञान?
भक्ति गीत : गीता का ज्ञान
जब मानव का, भटक जाता है ध्यान,
और लोग हो जाते हैं अधिक परेशान।
साथ ही तन मन में आ जाती थकान,
तब काम आता उनको गीता का ज्ञान।
तब काम आता है……
कर्म से ही धर्म की रक्षा हो सकती है,
और बढ़ सकती है अध्यात्म की शान।
जब कर्म के बदले कोई फल चाहता है,
और मन में आने लगता है अभिमान।
तब काम आता है……
कर्म करो और फल को छोड़ो प्रभु पर,
यही बात अर्जुन से कहते हैं भगवान।
जब मानव कर्म विमुख होने लगता है,
और धर्म का होने लगता है अपमान।
तब काम आता है……
क्या नहीं है हमारे पवित्र ग्रंथ गीता में?
ज्ञान के साथ विज्ञान भी है विराजमान।
जब कोई बचने लगता अपने कर्तव्य से,
और उसका सिमटने लगता है सम्मान।
तब काम आता है……
जब मानव का, भटक जाता है ध्यान,
और लोग हो जाते हैं अधिक परेशान।
साथ ही तन मन में आ जाती थकान,
तब काम आता उनको गीता का ज्ञान।
तब काम आता है……
कर्म से ही धर्म की रक्षा हो सकती है,
और बढ़ सकती है अध्यात्म की शान।
जब कर्म के बदले कोई फल चाहता है,
और मन में आने लगता है अभिमान।
तब काम आता है……
कर्म करो और फल को छोड़ो प्रभु पर,
यही बात अर्जुन से कहते हैं भगवान।
जब मानव कर्म विमुख होने लगता है,
और धर्म का होने लगता है अपमान।
तब काम आता है……
क्या नहीं है हमारे पवित्र ग्रंथ गीता में?
ज्ञान के साथ विज्ञान भी है विराजमान।
जब कोई बचने लगता अपने कर्तव्य से,
और उसका सिमटने लगता है सम्मान।
तब काम आता है……
हमें श्रीकृष्ण के पधारने का इंतजार है,
मुरलीवाले बार बार खींच रहे हैं ध्यान।
हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैयालाल की,
धर्म कर्म में जब, मच जाता घमासान।
तब काम आता है…………
आज संकटों से उबड़ा था जैसे देश हमारा,
चली गई अचानक सेना प्रमुख की जान।
सीडीएस जनरल बिपिन रावत अमर रहे,
कमजोर न हो जग में देश की पहचान।
तब काम आता है…………..
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
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