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नशा मुक्त भारत अभियान नशा मुक्ति कविता नशा मुक्ति गीत शराब

नशा मुक्ति कविता नशा मुक्ति गीत शराब के विरोध में शायरी

नशा मुक्ति पोस्टर नशा मुक्ति पर चित्र

नशा मुक्ति पोस्टर नशा मुक्ति पर चित्र

नशा मुक्ति का संदेश
शराब बड़ी खराब होती है,
फंस गई तो जिंदगी रोती है।
चमकता जरूर है शराबखाना,
भूल से भी कोई वहां मत जाना।
मौत जागती है दिन रात वहां पर,
जिंदगी बेहोश होकर वहां सोती है।
शराब बड़ी…
सरेआम नाम बदनाम होता है,
इंसान का जीवन नीलाम होता है।
गम कम नहीं होता और बढ़ता है,
पीने वाला खुद ही सूली चढ़ता है।
यमराज को आने की क्या जरूरत?
पत्थर को, शराबी मानता मोती है।
शराब बड़ी…

नशा मुक्ति कविता

अंदर धधकती रहती हमेशा ज्वाला,
सुंदर गुलाबी चेहरा हो जाता काला।
कभी मौत नहीं आती जहां चलकर,
जिंदगी खुद चली जाती वहां पीकर।
मालूम नहीं, कितना गीला कुर्ता है,
होश नहीं, कि कहां उसकी धोती है!
शराब बड़ी…
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र) जयनगर (मधुबनी) बिहार
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