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धूम्रपान निषेध पर कविता नारे | तम्बाकू निषेध पर कविता स्लोगन

धूम्रपान का जीवन पर प्रभाव

(विश्व धूम्रपान निषेध दिवस 31 मई)
(कविता)

“विश्व धूम्रपान दिवस पर इस बुरी आदत से बचने की सलाह देते हुए हमारी ओर से ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएं एवं अशेष बधाइयां।“

धूम्रपान का, ऐसा प्रभाव होता है,
जीवन धुंए की तरह उड़ जाता है।
हरियाली, खुशहाली मिट जाती है,
देखते देखते चमन उजड़ जाता है।
धूम्रपान का………….

ऐसा नुकसान पहुंचा सकता है धुंआ,
खोद सकता यह कर्करोग का कुंआ।
उपचार में घर परिवार लूट जाता है,
और तिनका तिनका बिखर जाता है।
धूम्रपान का……………

लोग कहीं के नहीं रहते, दुःख सहते,
हंसी खुशी गायब, केवल आंसू बहते।
नुकसान अनेक, फायदा एक भी नहीं,
अकल्पनीय है धुंआ जो कर जाता है।
धूम्रपान का………….

धूम्रपान, अपने जीवन का शिकार है,
मौत की जीत है जिंदगी की हार है।
सिर्फ घर उजड़े हैं, आबाद नहीं हुए,
इसका आदी जीते जी मर जाता है।
धूम्रपान का……………

प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।

सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)


धुम्रपान स्वास्थ्य के लिए खतरा है
इसे न कभी कोई हाथ लगाना,
तम्बाकू स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है
जागरूकता को ले सभी से संवाद करो।

Poem On Smoking Prohibition | Poem On Tobacco Prohibition

तम्बाकू निषेध
धुम्रपान स्वास्थ्य के लिए खतरा है
इसे न कभी कोई हाथ लगाना,
इसके सेवन से होती है बीमारियाँ
नशे की लत से समाज को बचाना।

तंबाकू निषेध पर स्लोगन | तम्बाकू निषेध पर नारे

जिन्दगी भगवान का दिया तोहफा है
नशे से संक्रमित कर मत बर्बाद करो,
तम्बाकू स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है
जागरूकता को ले सभी से संवाद करो।

धूम्रपान पर स्लोगन | तंबाकू से क्या होता है?

तम्बाकू पीना या चबाना बुरी आदतें है
फिर भी क्यों लाखों लोग करते धुम्रपान,
कैंसर जैसे रोगों के जाल में फंस कर
असमय ही गंवाते अपनी कीमती जान।
धूम्रपान निषेध चित्र | धूम्रपान निषेध पोस्टर

धूम्रपान निषेध चित्र | धूम्रपान निषेध पोस्टर

खुशहाल जीवन का अजेय दुश्मन बन
निकोटिन घातक दुष्प्रभाव दिखाते है,
आज के नौजवान भी गुटखा खाकर
हाय देखो कैसे मौत को गले लगाते है।
आस-पड़ोस,घर-दफ्तर और गाँव-शहर
सब मिलकर धुम्रपान का प्रतिकार करे,
आज "विश्व तंबाकू निषेध दिवस" है आया
इस चुनौती को सब सहृदय स्वीकार करे।
रचनाकार-
नरेश कुमार "निराला"
सहायक अध्यापक
छातापुर, सुपौल (बिहार)

धुम्रपान निषेध दिवस पर शायरी

धूम्रपान निषेध

जीवन हैं अनमोल, काहे तू बीड़ी पीता
धीमा -धीमा ये जहर, जीवन है हर लेता

सोच जरा परिणाम, मानव तिल-तिल मरता
साँसों पर पड़ता भार, शांति सबकी हरता

फेफड़े खोखले होते, पान-मसाला गुटका खाता
खाँस खाँस कर दम फूले, क्यों तम्बाकू तुझको भाता

सिगरेट के छल्ले उड़ाता, कैंसर को बुलाता
पैसे की बर्बादी होती, सबका चैन उड़ता

चिलम हुक्का और तम्बाकू, कहाँ तुम्हें ले जाता
ह्रदय की गति रुक जाती, बीमार सभी को करता

गले मुँह गालों में जख्म, बहुत हमें तड़पाता
खाना पीना मुश्किल होता, जीवन दूभर होता

लाखों की जान जाती, काहे शौक फरमाता
धूम्रपान को छोड़ दे, जीना सफल हो जाता
श्याम मठपाल,उदयपुर

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