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नशा मुक्ति पर शायरी | नशा मुक्ति पर नारे | धूम्रपान निषेध दिवस स्लोगन

नशा मुक्ति अभियान पर कविता | Nasha Mukti Abhiyan Par Kavita

विषयः नशा, व्यसन, धूम्रपान, नशामुक्ति, नशा एक अपराध।
जीवन का बड़ा अभिशाप नशा,
नशे का जीवन नशे में ही फँसा।

नशा तो है एक विषधर अजगर,
जिसने पहचान नशेड़ी को डँसा।।

गुटखा बीड़ी सिगरेट व तम्बाकू,
दारू शराब बहु अरि दुर्व्यसन है।

फेफड़ा किडनी साथ है छोड़ता,
साथ छोड़ता शीघ्र ही श्वसन है।।

इसीलिए जीवन हेतु ही बना है,
जीवन में यह धूम्रपान है निषेध।

जीवन को है कष्टदायी बनाता,
वेदना से तन को देता यह वेध।।

नशाखोड़ी या तो यह नासमझी,
या जीवन की समझदारी आधी।

निज जीवन संग अपराध करके,
निज जीवन के निज अपराधी।।

जीवन को यदि जीना है सुरक्षित,
सुरक्षित जीवन का एक विकल्प।

स्वस्थ दीर्घायु हो हमार जीवन,
मद्यपान निषेध हमारा संकल्प।।

जिसने किया शराब से इन्कार,
प्रथमतः गया गृहकलह तकरार।

घर में सुधरे सुंदर आहार विहार,
बढ़ी कमाई सुखी घर परिवार।।

स्वस्थ जीवन ही सुख का है सार,
स्वस्थ जीवन हेतु एक ही सूक्ति।

जीवन सहर्ष स्वस्थ सुखमय बीते,
अपना ले जीवन में नशामुक्ति।।

स्वस्थ जीवन हेतु स्वस्थ हो नारा,
स्वस्थ जीवन है अधिकार हमारा।

हम से ही सब होते हैं सुवासित,
गृह मंडल प्रांत यह वतन हमारा।।

अरुण दिव्यांश 9504503560
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना।


नशा मुक्ति पर कविता Nasha Mukti Poem in Hindi

विषय: नशा
जाने कैसी नशा पाला है तूने,
निज जीवन बन गया है धुआँ।
नित्य दिन आते हैं ऐसे दुर्दिन,
निज जीवन हेतु खोदते कुआँ।।
समाज में भी प्रदूषण फैलाते,
घृणा भाव में करते सब छी छी।
सबके मन में हो नफरत घोलते,
दुर्गंध फैलाते तुम दारू पी पी।।
जीने की नशा मिटाए हो मन से,
नशे की नशा तेरे अन्दर बसा है।
जीवन की नशा तो त्यागा तुमने,
नशे की नशा ही तुम्हें डँसा है।।
त्यागो मन से तुम नशे की नशा,
जीवन में जीने की नशा पाल ले।
छोड़ दे तू नशेड़ियों की ये संगत,
मत जीवन हेतु कोई काल ले।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )
बिहार।

नशा मुक्ति अभियान पर कविता | Nasha Mukti Abhiyan Par Kavita

नशा मुक्ति अभियान गोल्डेन बुक में प्रकाशनार्थ चयनित मेरी रचना सुधिजनों को समर्पित -

नशा चाय का भारतवर्ष में है चार सतकों पुराना।
अफीम चिलम हटी तो इसका घर घर में देखा आना।
गुढ़ पानी, लस्सी या सिकंजी मुश्किल से अब पाना।
फिरंगियों ने आ बेड टी का खोटा चस्का यहाँ लगाया।
चाय बगान पहाड़ियों पर सीड़ी नुमा पसरा नजर आया।
सोम रस और दारू की बात सदियों से चली है आई।
पाउच से जान जाये पर टैक्स की कैसे हो भरपाई।
सिगरेट महंगी हुई तो खैनी बीड़ी सस्ती सबने पाई।
'अति सर्वत्र वर्जयेत' ऋचा में यह गुरुओं ने सुनाई।
औषधीय गुणवत्ता हर पादप द्रव्यों में लिखा है भाई।

चाय की लत बुरी पर, शीतकाल में अमृत सम साईं।
चाय में 'थियोब्रोमाइड' और 'थियोफाइलीन तत्व हैं।
फेफड़े हृदय की नलिकाएं धमनियां फैलाने में सक्षम है।
यह अतिरिक्त हवा और रक्त संचालित कर लाभप्रद है।
चाय के 'नैनोपार्टिकल्स' फुफ्फुस कर्कटाबुर्द में सिद्ध दवा है।
कोशिकावर्धन रोक 80% कैंसर सेल्स को नष्ट नैनो करता है।
थकान एवं तनाव इसका कैफिन निकोटिन कम करता हैं।
रात्रिसेवा में स्फुर्तिदायक परन्तु इसकी आदत तो खोटी है।
नहीं मिले समय पर तो, बैचेनी चाय से हीं समित होती है।
बगैर दूध कतिपय औषधीय, दूग्ध प्रतिक्रिया से टैनिक एसिड कुप्रभावकारी है।

श्लेष्मा और श्नायुओं के लिये और अम्लता वृद्धिकारक है।
रेड टी से कब्ज, हर्बल टी मोटापा घटता, बेहतर विकल्प है।
मुख्य आहार का स्तर चाय के खर्च से गिरा, अपौष्टिक आहार खाते हैं।
चाय श्रमिक कर्मियों हेतु स्फुर्ति दायक, आधुनिक पेशकश है।
संयमित सेवन चालीस पार ठीक पर 'सात्विक' पेय नहीं है।।

नशामुक्ति अभियान बिहार का, पी एच सी श्रिंखला में मय पदाधिकारी खड़ा था।
डिकेक्टर सें जाँच सैकड़ों को अंदर किया पर नहीं थमा था।।

राजस्व पर बोझ अब १२०₹ में पेट्रोल अब भरवाओ।
नकली शराब पी कर मरों को सदर अस्पताल पहुँच शायद बच पाओ।
डबल टूल टैक्स दे राजपथ पर पटना दिल्ली सचिवालय सदेह जाओ।।

डॉ. कवि कुमार निर्मल✍️
DrKavi Kumar Nirmal
एम. बी. बी. एस. (1978) (फैमिली फिजिसियन)
अवकासप्राप्त वरीय चिकित्सा पदाधिकारी
बिहार सरकार
Past VP Bihar Medicos

नशा मुक्ति पर स्टेटस | नशा मुक्ति पर श्लोक | नशा मुक्ति Quotes

धूम्रपान निषेध दिवस
नशा नाश का है, जड़ मेरे भाई,
नशा नाश का है, जड़ मेरे भाई।
दिन-रात इसकी, करो अब बुराई
नशा नाश का है, जड़ मेरे भाई।

धुम्रपान निषेध दिवस पर कविता | धूम्रपान पर स्लोगन

इससे तुम्हारा भला कुछ न होगा,
देता है सबको हरदम ये धोखा।
होगी नशा से तेरी जग हंसाई,
नशा नाश का है, जड़ मेरे भाई।

नशे की कविता

नशा पान जो हैं दुनियां में करते,
रह जाते पीछे, आगे न बढ़ते।
जीवन से होती है, जल्दी विदाई,
नशा नाश का है, जड़ मेरे भाई।

Poetry On Drug Addiction Slogans On Slogan Hindi

आये जो जग में तो, जीवन बना लो,
नशा ना करोगे, कसम आज खा लो।
दिल से करेंगे सब, तेरी फिर बड़ाई,
नशा नाश का है, जड़ मेरे भाई।

नशा मुक्ति पर चित्र | धूम्रपान निषेध पोस्टर


नशा मुक्ति पर चित्र | धूम्रपान निषेध पोस्टर

इससे है होती, कलह और चिंता,
घर टूट जाते, मिलती न भिक्षा।
आदत से इसकी, बढ़े बेहयाई
नशा नाश का है, जड़ मेरे भाई।
---प्रीतम कुमार झा
महुआ, वैशाली, बिहार।
मोबाइल-9525564374

नशा मुक्ति अभियान पर शायरी

विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर माँ शारदे के श्रीचरणों में प्रणाम करता हुआ आप सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूँ, स्वागत करता हूँ! इस अवसर पर एक छोटा सा जागरूकता संदेश

नशा मुक्ति के दोहे | नशा मुक्ति Quotes

नशा नाश की जड़ है
विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर,
जनमानस को समझाता हूँ।
नशा नाश की जड़ है भैया,
अवगुण इसके बतलाता हूँ।।

नशा करे नाश पर पोस्टर

दोस्त मित्र चुटकी भर देते,
फिर हम ही आदी बन जाते।
धीरे-धीरे परवान चढ़े,
नहीं मिले, कुछ भी कर आते।।

नशा मुक्ति पर स्टेटस

पावन पवित्र शरीर हमारा,
गाल गलाये गुटखा खाकर।
दाँतों की मनभावन शोभा,
हर कोई बतलाये आकर।।

नशा मुक्ति पर कविताएं

बीड़ी,सिगरेट जान लेवा,
धुआं उडाते है सम्मान से।
कितना भी समझालो उनकों,
डरते नहीं है अपमान से।।

नशा मुक्ति डायलॉग

खाँस-खाँस कर शोर मचाते,
घर वाले होते परेशान।
दुष्परिणाम की जब बात करो,
बन जाते है वो ज्ञानवान।।

नशा पर शायरी

छोटे-बड़े युवा किशोर सब,
मिलकर जब जर्दा मसलते है।
बार-बार, थप-थप से अपनी,
बहुत बड़ी शान समझते है।।

नशा मुक्ति पर स्लोगन इन हिंदी

समय रहते नहीं सुधरे तो,
कोरोना से जुड़ जाओगे।
कई बिमारियों से एक साथ,
फिर कैसे तुम बच पाओगे।।

तम्बाकू निषेध शायरी

पान मसाला गुटका खाकर,
इतराते रहते इधर-उधर।
कर जोड़ नम्र निवेदन मेरा,
लत छोड़ नशे की,अब सुधर।।

रामबाबू शर्मा,राजस्थानी,दौसा(राज.)

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