शराब वर्जित बिहार हर्षित निबंध | शराब बंदी पर निबंध लेखन हिंदी में
शराब वर्जित बिहार हर्षित अभियान बिहार में शराबबंदी के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रयास है। सरकार के इस प्रयास का सहयोग हम सभी को तत्परता से करना चाहिए जिससे कि हमारे आस पड़ोस और परिवार में खुशहाली आए और हम सब खुशियों से भरा जीवन जी सकें। हम लोगों को भरपूर प्रयास करना चाहिए कि हमारे बच्चे दारु शराब या किसी अन्य प्रकार के नशे का शिकार ना हो और वे अपने जीवन को बेहतरीन ढंग से जिएं तथा उनका भविष्य उज्जवल हो।
शराब का सेवन (शराब पीना) किसी भी दृष्टिकोण से लाभदायक नहीं हो सकता है, शराब पीना सिर्फ और सिर्फ अपने और दूसरों के घर की बर्बादी में सहायक होता है। हर किसी को शराब पीने के दुष्प्रभाव के बारे में जानना और समझना चाहिए क्योंकि शराब पीने के नुकसान को समझने के बाद ही कोई भी शराबबंदी की तरफ तत्परता से कदम बढ़ा सकता है।
शराबबंदी पर निबंध | Alcohol Ban Essay in Hindi
शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, वर्तमान समय में इस घातक पेय ने अपना प्रभाव इतना अधिक बढ़ा लिया है कि कुछ लोगों के लिए यह भोजन और यहाँ तक कि पानी से भी अधिक महत्वपूर्ण हो चुका है। सबसे बड़ी बात यह कि एक कम पढ़ा-लिखा आदमी अगर इस प्रकार की के मादक पदार्थों का आदि ( आदत रखना) है तो यह उसकी भूल हो सकती है लेकिन उन लोगों के बारे में क्या कहा जाये जो बड़ी-बड़ी शैक्षणिक डिग्रियां और उच्च शिक्षा प्राप्त कर चुके होते हैं।
ऐसे लोगों के जीवन में तो शराब उनके लिए एक समय के भोजन के सामान हो जाता है। सचमुच शराब का सेवन (शराब पीना) मादकता का अनुभव तो कराती ही है लेकिन इसके साथ ही साथ वह इंसान के व्यक्तित्व के विनाश एवं निर्धनता की वृद्धि और मृत्यु के द्वार भी खोलता है। इसीलिए शराब पीने की बूरी आदतों को समाप्त करना अतिआवश्यक हो गया है।
शराबबंदी क्यों जरूरी है : निबंध 1 (250 शब्द)
शराबबंदी इसलिए जरूरी है क्योंकि आज हम आधुनिक युग में जी रहे हैं और अगर हम इस युग के साथ साथ नहीं चलते हैं तो हम जीवन के हर क्षेत्र में पिछड़ जायेंगे। फिर चाहे वह पढ़ाई का क्षेत्र हो अथवा नौकरी का या अपनी प्रतिष्ठा और सामाजिक स्थिति का। वर्तमान में इसी समाज में लोगों के दरम्यान जिन्हें हम आधुनिक भी कहते हैं कुछ ऐसी ग़लत आदतों का प्रचलन बढ़ता जा रहा है जो बहुत तेजी से लोगों में फैलते जा रहे हैं। उन्हीं में से एक हैं शराब पीने की आदत यह नशा युवाओं पर तो अपनी पकड़ बना ही चुका है इसके अतिरिक्त बड़े-बुजर्गों के बीच भी यह विशेष रूप से पसंद किया जाने लगा है।
हमारे समाज या परिवार में कोई भी अवसर हो, चाहे उस्तव, या जन्मदिन, या शादी-विवाह, यहाँ तक कि किसी प्रकार का मिलन समारोह भी शराब के बिना अधूरा समझा जाता हैं। ख़ास बात तो ये है कि अगर आप इस में शामिल नहीं होते हैं तो आपको हीन भावना से देखा जाता है। और तो और आप उस समूह में हो कर भी एकदम अलग-थलग हो जाते हैं जो कभी कभी खुद आपको भी शर्मनाक लगने लगता है। बहुत से लोग शराब पीने को शौक के तौर पर अपने जीवन का हिस्सा बना लेते हैं जबकि कई लोग इसका सेवन करना अपनी शान और बड़प्पन समझते हैं।
शराबबंदी है अतिआवश्यक
वर्तमान समय में इंसान अपनी शराब पीने की ग़लत आदतों के कारण अपनी उम्र को लगातार घटाते जा रहा है। आप खुद इस बात पर विचार कर सकते हैं कि हमारी पहले की पीढियां लम्बे समय तक स्वास्थ्यपूर्ण जीवन जीते थे परन्तु आज हर प्रकार की सुख सुविधाओं के होते हुए भी हम शराब जैसी बुरी आदतों को अपनाकर के अपनी आयु को प्राकृतिक और अप्राकृतिक दोनों प्रकार से कम करने पर तुले हुए हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि शराब एक हानिकारक और जानलेवा पदार्थ है इसके लाभ तो कुछ नहीं है लेकिन नुकसान बहुत है। शराब से न सिर्फ व्यक्ति का शरीर बल्कि उसका पैसा, परिवार, सुख-चैन सभी का नुकसान हो सकता है। जब लोगों के इसके दुष्परिणाम दिखते हैं या वह स्वयं इसका शिकार हो जाते हैं तब अक्सर ही शराबबंदी की आवाज बुलंद होती है, जो कि बिलकुल सही है। शराबबंदी अवश्य होनी चाहिए क्योंकि यह कहीं से भी लाभदायक नहीं है।
शराब वर्जित बिहार हर्षित अभियान की सफलता के लिए आवश्यक है कि आम नागरिक हो या फिर सरकार सभी को इस दिशा में गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए और शराबबंदी के इस अभियान को सफल बनाने के लिए एक ठोस कदम उठाना चाहिए। जब हर कोई जानता है कि शराब का सेवन लाभदायक नहीं है और इससे केवल अपराध, सामाजिक समस्या और नुकसान की स्थिति ही उत्पन्न होती है तो आखिर इसे समाज में जगह ही क्यों दी जाए। निश्चित रूप से शराबबंदी को लेकर ठोस कदम उठाया जाना चाहिए वो भी राष्ट्रिय स्तर पर।
शराबबंदी क्यों जरूरी है : निबंध 1 (600 शब्द)
शराब पीना समाज में एक फैशन सा बन चुका है। शराब पीना शान और बड़प्पन और आधुनिकता की पहचान समझी जा रही है। आज के आधुनिक समाज में अगर आप शराब नहीं पीते हैं तो लोग आपको अलग ही नज़र से देखते हैं। और न जाने आपको कैसी कैसी उपाधियां दे दी जाती हैं। चाहे कोई उत्सव हो, त्यौहार हो, या अन्य कोई खुशी का माहौल शराब का सेवन तो मानों आधुनिक समाज के लिए जरूरी सा हो गया है लेकिन इसके अनेक दुष्प्रभाव भी हैं।
शराबबंदी की आवश्यकता क्यों है ?
शराब सेहत के लिए बहुत बुरी है और शराब पीना किसी भी तरह से अच्छा नहीं है। शराब का सेवन के कुछ भी लाभ नहीं है हम कह सकते है कि शराब का ज्यादा सेवन करें तो यह जानलेवा भी हो सकता है।
व्यक्ति शराब पीने की शुरुआत उसके स्वाद चखने और आनंद लेने के लिए करता है। फिर धीरे-धीरे शराब पीना एक आदत बन जाती है और ये आदत फिर लत में बदल जाती है। शराब व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से बर्बाद कर देती है। फिर शराब का नशा उस आदमी का मालिक बन जाता है और शराब पीने वाला आदमी उसका गुलाम हो जाता है। एक शराबी आसानी से नैतिकता की भावना को भूल जाता है। वह अपनी सेहत तो खराब करता ही है और अपना चरित्र भी खो देता है। वह अपनी सारी कमाई शराब पीने पर खर्च करता है। यहाँ तक कि उन्हें स्त्री के आभूषण और घर की जरूरत की चीजों को बेच देने में भी कोई संकोच नही होता है। शराब की लत उनके बच्चों को चोरी करने और भीख मांगने के लिए मजबूर कर देती है। उसका परिवार भूखा रहता है। जबकि वह शराब का आनंद लेता रहता है।
समाज के गरीब वर्ग विशेष रूप से श्रमिकों के बीच शराब पीना अधिक सामान्य है। वह अपनी मेहनत की कमाई शराब पीने में खर्च कर देते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि उनका परिवार कई तरह की समस्याओं से जूझ रहा होता है। वे आत्म-पीड़ित दुख भुगतते हैं। उनके बच्चे स्कूल की फीस नहीं दे सकते। इसलिए वे स्कूल नहीं जाते हैं। वे अशिक्षित रहते हैं। जब वे बड़े हो जाते हैं, तो वे अच्छी नौकरियां नहीं पा सकते हैं। उनका जीवन गरीबी और भुखमरी के कारण दयनीय हो जाता है। सबसे बुरी बात यह है कि मजदूर अवैध शराब इसलिए लेते हैं क्योंकि यह सस्ती है। उन्हें शायद ही पता हो कि ऐसी शराब जहर के समान है। यह घातक साबित हो सकती है। आए दिन हमेशा समाचार पत्रों में खबर आती रहती हैं कि अवैध शराब के सेवन से सैकड़ों लोग अंधे हो गए हैं और कुछ ने तो अपनी जान भी गवां दिए।
शराब सेवन के और भी बहुत से नुकसान हैं। एक शराबी आदमी अनेको रोगों का शिकार हो जाता है। ह्रदय रोग और मानसिक असन्तुलन का बढना लगातार और अधिक मात्रा में शराब पीने के परिणाम है। जहरीली शराब पीकर अनेको लोग प्रतिवर्ष मौत के शिकार हो जाते हैं। इन बातो को देखते हुए शराब पर प्रतिबन्ध की आवश्यकता है।
शराब पीने के बुरे प्रभावों का अंत नहीं है। बल्कि यह समझाने के लिए पर्याप्त है कि शराब समाज और मानव शक्ति पर कितना बुरा प्रभाव डालती है। इसलिए हमारे देश भारत में शराब पीने पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
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